उत्तर प्रदेश में योगी और केशव की ठाना ठनी की चर्चा लखनऊ से दिल्ली तक है । लेकिन अब इस सरकार और संगठन के वर्चस्व की लड़ाई में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ ही बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार में पिछड़ों के नेता मानने वाले मंत्री अब केशव प्रसाद मौर्य के दरबार में जाते और उनसे मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। सीएम की मंडलीय समीक्षा में ना बैठकर केशव से मिले राजभर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अलग-अलग मंडलों की हर की समीक्षा करते और जनप्रतिनिधियों से कारण को पूछते नजर आ रहे हैं।जिसको लेकर बीते सोमवार को आजमगढ़ में बैठक बुलाई गई । जिसमे सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए लेकिन सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर नहीं पहुंचे।लेकिन उन्होंने लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात कर एक नई सियासी चर्चा को जन्म दें दिया है। केशव के आवास पर देर शाम ओपी ओपी राजभर मुलाकात करने पहुंचे। इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।जिसका फोटो वायरल भी हुआ लेकिन उनकी केशव से किस मुद्दे पर बात हुई, यह किसी से शेयर नहीं किया। राजभर की केशव से मुलाकात को भाजपा के भीतर चल रही खिंचतान के तहत हो रही लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। संजय निषाद ने भी किया था केशव से मुलाकात बता दें की केशव प्रसाद मौर्य की कुछ दिन पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद से भी मुलाकात की थी। संजय निषाद ने मौर्य के साथ मुलाकात करने के बाद सरकार और संगठन पर दिए गए उनके बयान का समर्थन भी किया था। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी इन गतिविधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस शक्ति प्रदर्शन का नतीजा निकट भविष्य में सामने आ सकता है। उत्तर प्रदेश में योगी और केशव की ठाना ठनी की चर्चा लखनऊ से दिल्ली तक है । लेकिन अब इस सरकार और संगठन के वर्चस्व की लड़ाई में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ ही बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार में पिछड़ों के नेता मानने वाले मंत्री अब केशव प्रसाद मौर्य के दरबार में जाते और उनसे मुलाकात करते नजर आ रहे हैं। सीएम की मंडलीय समीक्षा में ना बैठकर केशव से मिले राजभर लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अलग-अलग मंडलों की हर की समीक्षा करते और जनप्रतिनिधियों से कारण को पूछते नजर आ रहे हैं।जिसको लेकर बीते सोमवार को आजमगढ़ में बैठक बुलाई गई । जिसमे सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए लेकिन सुभासपा अध्यक्ष और पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर नहीं पहुंचे।लेकिन उन्होंने लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से मुलाकात कर एक नई सियासी चर्चा को जन्म दें दिया है। केशव के आवास पर देर शाम ओपी ओपी राजभर मुलाकात करने पहुंचे। इन दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।जिसका फोटो वायरल भी हुआ लेकिन उनकी केशव से किस मुद्दे पर बात हुई, यह किसी से शेयर नहीं किया। राजभर की केशव से मुलाकात को भाजपा के भीतर चल रही खिंचतान के तहत हो रही लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। संजय निषाद ने भी किया था केशव से मुलाकात बता दें की केशव प्रसाद मौर्य की कुछ दिन पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद से भी मुलाकात की थी। संजय निषाद ने मौर्य के साथ मुलाकात करने के बाद सरकार और संगठन पर दिए गए उनके बयान का समर्थन भी किया था। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी इन गतिविधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस शक्ति प्रदर्शन का नतीजा निकट भविष्य में सामने आ सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में फूट? अजित पवार बोले- ‘…अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में फूट? अजित पवार बोले- ‘…अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में फूट के आसार नजर आ रहे हैं. इन खबरों को और बल तब मिल जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित महायुति के घटक दल स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, पिंपरी चिंचवाड़ शहर में एनसीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अकेले चुनाव लड़ने से कार्यकर्ताओं को मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि हालांकि हम लोकसभा और राज्य विधानसभा में सहयोगी हैं, लेकिन महायुति के सदस्य स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Pune | Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar says, “Even though we contested Lok Sabha and Vidhan Sabha together as Mahayuti…Every party will contest local Body Elections as per their strengths…Therefore party workers in Mahanagar Palika, Nagar Palika, Zilla Parishad and… <a href=”https://t.co/UGcdihDkE6″>pic.twitter.com/UGcdihDkE6</a></p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1815070399501152765?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 21, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
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<p style=”text-align: justify;”>स्थानीय निकायों में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत और जिला परिषद शामिल हैं. स्थानीय निकाय के चुनाव के लिए कार्यक्रम को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव जब भी होंगे, समाज के सभी वर्गों से ‘नए और पुराने चेहरे’ मैदान में उतारे जाएंगे. उन्होंने शनिवार को पुणे जिला योजना एवं विकास समिति (डीपीडीसी) की बैठक में शरद पवार को बोलने से रोकने की बात से इनकार किया. बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया था कि अजित पवार ने बैठक में उनके पिता द्वारा विकास निधि के वितरण के बारे में सवाल पूछे जाने पर आपत्ति जताई थी.</p>
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करनाल के इंद्री में सुरेंद्र ने बिगाड़े भाजपा के समीकरण:कर्णदेव कंबोज और सुरेंद्र उड़ाना की बगावत से कमजोर नजर आ रहे कश्यप हरियाणा में इंद्री विधानसभा में इनेलो-बीएसपी के सांझा उम्मीदवार सुरेंद्र उड़ाना की एंट्री से त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिखाई दे रहा है। इंद्री सीट पर सुरेंद्र उड़ाना समीकरण बिगाड़ने का काम करते नजर आ रहे है। भाजपा से रामकुमार कश्यप, कांग्रेस से राकेश कंबोज और इनेलो-बीएसपी से सुरेंद्र उड़ाना चुनावी मैदान में है। सुरेंद्र उड़ाना, बीजेपी में प्रदेश युवा मीडिया कॉर्डिनेटर रहे है और बीजेपी में टिकट के प्रबल दावेदार रहे। पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज पर भी टिकट मांग रहे थे। बीजेपी ने रामकुमार कश्यप को टिकट थमाया। कर्णदेव कंबोज कांग्रेस में शामिल हो गए और सुरेंद्र उड़ाना इनेलो-बीएसपी से टिकट लेकर आ गए। SC व ओबीसी सहित जाट वोटर पर हो रही पकड़ मजबूत राजनीतिक विशेषज्ञ DAV कॉलेज के प्राचार्य RP सैनी की मांने तो सुरेंद्र उड़ाना का अच्छा वोट बैंक है और बसपा में आने के बाद SC वोर्टर में भी अच्छी पकड़ बन गई है। वहीं मौजूदा समय में इनेलो बसपा का गठबंधन है तो जाट समुदाय में भी मजबूत पकड़ बनाए हुए है। वहीं दूसरी और कर्णदेव कंबोज के कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी यहां पर थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। इसके अतिरिक्त एंटी इंकंबेंसी भी लोगों के बीच है। सैनी की माने तो रामकुमार कश्यप, विधायक रहते हुए भी अपने समाज के लिए कुछ खास नहीं कर पाए। जिसके चलते कश्यप समाज भी यह कहते आया था कि रामकुमार कश्यप ने समाज के लिए कुछ नहीं किया, वह नाराजगी भी लोगों के बीच नजर आ रही है। कांग्रेस के राकेश कंबोज भी मैदान में अच्छी स्थिति में बताए जा रहे है और सुरेंद्र उड़ाना भी बढ़िया पोजिशन पर है। ऐसे में जनता 5 अक्तूबर को किसकी झोली में वोट डालती है वह 8 अक्तूबर को पता चलेगा। 10 साल से बीजेपी, उससे पहले थी इनेलो और कांग्रेस इंद्री के राजनीतिक इतिहास पर नजर डाली जाए तो यहां पर 4 बार कांग्रेस का विधायक बना है। 1967 में प्रसन्नी देवी लगातार तीन बार विधायक बनी थी। 1977 में जनता पार्टी के देश राज विधायक बने। 1982 और 1987 में लोकदल से लछमन को विधायक की कमान सौंपी। 1991 में जानकी देवी हरियाणा विकास पार्टी की विधायक बनी। ये दूसरी विधायक थी। 1996 और 2000 में आजाद उम्मीदवार भीम सैन को जनता ने विधायक की कमान दी। 2005 में कांग्रेस की टिकट पर राकेश कंबोज चुनाव लड़े और विधायक बने। 2009 में इनेलो के अशोक कश्यप विधायक बने। 2014 में कर्णदेव कंबोज और 2019 में रामकुमार कश्यप विधायक बने। राकेश कंबोज और रामकुमार कश्यप एक बार फिर मैदान में है और सुरेंद्र उड़ाना दोनों प्रत्याशियों को टक्कर देते नजर आ रहे है।
धारूहेड़ा पहुंचे सीएम के पूर्व ओएसडी अभिमन्यु:ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, योजनाओं की दी जानकारी; भंडारे में ग्रहण किया प्रसाद
धारूहेड़ा पहुंचे सीएम के पूर्व ओएसडी अभिमन्यु:ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, योजनाओं की दी जानकारी; भंडारे में ग्रहण किया प्रसाद रेवाड़ी जिले के धारुहेड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पूर्व ओएसडी अभिमन्यु सिंह ने डुंगरवास गांव का दौरा किया। यहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। साथ ही बाबा रूपा दास मंदिर में आयोजित कार्यक्रम मे शिरकत की और भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। अभिमन्यु ने ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न वर्ग के लिए घोषित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने फूल मालाओं से अभिमन्यु का स्वागत किया गया। मौके पर ये रहे मौजूद इस मौके पर बाबा रूपा दास मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष सजन फौजी, जतिन यादव, जुगल किशोर, चंद्रजीत यादव, जीके दीक्षित, मनोज ठेकेदार, अमरदीप यादव, संदीप यादव, हरि प्रसाद, बाबू चंद्रप्रकाश, प्रदीप पंच, सत्य प्रकाश, दिनेश कुमार, सतपाल यादव मसानी, राजीव सरपंच खिजूरी, सोनू भगत पंच समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।