झांसी में घर से बिछड़ी 100 साल की ‘दादी मां’ को एक वीडियो ने परिजनों से मिला दिया। दरअसल, वह गुस्सा होकर घर से अकेली ही हरिद्वार चली गई थी। वहां गंगा नदी में नहाते वक्त वह बह गई। तब गोताखोरों ने उनको बचा लिया। जान बची तो वे घर लौटना चाहती थी, लेकिन रास्ता भटक गई और लगभग 700 किलोमीटर दूर राजस्थान पहुंच गई। रतिबाई बताती हैं कि “जब राजस्थान पहुंची तो न तो भाषा समझ आ रही थी और न ही दिमाग काम कर रहा था। घर से सिर्फ 250 रुपए लेकर गई थी। वो भी खत्म हो चुके थे। ऐसे में भूखी बनी रही। फिर एक सज्जन व्यक्ति मिले। उन्होंने मदद की। मेरा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उनकी बदौलत ही मैं घर आ पाई। पहले गंगा में डूबते-डूबते बची। फिर रास्ता भटकी, मगर मेरे भोलेनाथ ने मुझे कुछ नहीं होने दिया। अब मैं अकेली कहीं नहीं जाऊंगी।” जंजीर से हाथ छूटा तो नदी में बह गई 100 साल की रतिबाई कोतवाली थाना क्षेत्र के सराय मोहल्ले में रहती थी। वे बताती हैं कि “मैं घरवालों से गुस्सा थी। इसलिए अकेले हरिद्वार जाना चाहती थी। गुरुवार को मैंने एक थैला में दो साड़ी रखी और 250 रुपए लिए। मैं मंदिर जाने की बात कहकर निकली और ट्रेन में बैठकर हरिद्वार पहुंच गई। पहले दिन मैं गंगा नदी में स्थान किया और मंदिर में दर्शन किए। अगले दिन दोबारा नदी में स्नान करने गई तो जंजीर से हाथ छूट गया और मैं नदी में बह गई। तब वहां गोताखोरों ने मुझे बचा लिया। मेरा थैला और सामान सब बह गया। मैं बहुत डर गई थी। घर आने के लिए मैं स्टेशन पहुंची। मैंने दिल्ली जाने वाली ट्रेन पूछी और लोगों के बताने पर एक ट्रेन में बैठ गई। बाद में पता चला कि वो ट्रेन दिल्ली नहीं जाती है। तब तक मैं राजस्थान पहुंच गई थी। मेरे पास खाने को पैसे नहीं थे। मैंने किसी का कुछ नहीं खाया।” लोहारू स्टेशन पर मिले सज्जन व्यक्ति रतिबाई बताती हैं कि लोहारू स्टेशन से मैं दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गई। मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मुझे रोता-बिलखता देख नोएडा के अनुज गुप्ता आए। मुझे कुछ याद नहीं आ रहा था। सिर्फ इतना पता था कि मैं झांसी की रहने वाली हूं। मैंने इतना ही अनुज गुप्ता को बताया। वे मुझे दिल्ली स्टेशन ले गए। वहां एक वीडियो बनाई। इसके बाद मेरी कर्नाटक एक्सप्रेस में टिकट बुक कराई। मुझे एसी-2 कोच में बैठाया और टीटीई को बोल दिया। सोमवार अलसुबह 2 बजे ट्रेन झांसी पहुंची तो स्टेशन पर मेरा बेटा और अन्य परिवार के लोग मिल गए। मैं उनको देखकर रोने लगी। पहले ऐसा लग रहा था कि मैं अब घर नहीं लौट पाऊंगी। लेकिन मेरे भोलेनाथ ने मुझे घर पहुंचाया। अब मैं अकेले नहीं जाऊंगी। वीडियो से फैमश हुई दादी अनुज रतिबाई को अपने साथ दिल्ली ले गए। स्टेशन पर 1.01 मिनट का एक वीडियो बनाया। इसमें अनुज कह रहे हैं “21 जुलाई को सालासर धाम से लौट रहा था। लोहारू स्टेशन पर एक दादी मिली। जो अपना घर भूल चुकी हैं। उनको सिर्फ यह पता है कि वे झांसी की रहने वाली हैं। उनको दिल्ली लाए और कर्नाटक एक्सप्रेस में बैठा रहे हैं। ये रात 2 बजे झांसी पहुंचेगी। ज्यादा से ज्यादा वीडियो फैलाए, ताकि झांसी तक वीडियो पहुंच जाए और परिजन उनको ले जाएं।” वीडियो को रेलवे को भी ट्वीट कर दिया। इस पर रेलवे एक्टिव हो गया। रेलवे की ओर से झांसी में सोशल मीडिया ग्रुपों और संस्था को वीडियो भेजा। तब वीडियो वायरल होते हुए परिजनों तक पहुंचा और वे स्टेशन पर रतिबाई को लेने पहुंच गए। वीडियो के बाद वे फैमश हो गई और उनसे मिलने काफी लोग पहुंच रहे हैं। 50 साल पहले पति की हो चुकी है मौत रतिबाई के पति का नाम ढड़कोले साहू था। उनकी लगभग 50 साल पहले मौत हो चुकी है। रतिबाई के दो बेटे रमेश और महेश है। महेश का परिवार हंसारी में रहता है। जबकि रमेश का परिवार सराय मोहल्ले में रहता है। रतिबाई रमेश के साथ ही रहती हैं। रमेश का कहना है कि मां रतिबाई लगभग 100 साल की हो चुकी है। शुरूआत से ही वह धार्मिक प्रवृति की है। अब भी वे रोजाना मंदिर जाती हैं। वह पहले भी इस तरह से अकेली हरिद्वार जा चुकी है। दो साल पहले भी बिना बताए हरिद्वार चली गई थी। तब थाने में शिकायत भी दर्ज करा दी थी। लेकिन कुछ दिन बाद वह घर लौट आई थी। वे अब चिड़चिड़े स्वभाव की हो गई हैं। झांसी में घर से बिछड़ी 100 साल की ‘दादी मां’ को एक वीडियो ने परिजनों से मिला दिया। दरअसल, वह गुस्सा होकर घर से अकेली ही हरिद्वार चली गई थी। वहां गंगा नदी में नहाते वक्त वह बह गई। तब गोताखोरों ने उनको बचा लिया। जान बची तो वे घर लौटना चाहती थी, लेकिन रास्ता भटक गई और लगभग 700 किलोमीटर दूर राजस्थान पहुंच गई। रतिबाई बताती हैं कि “जब राजस्थान पहुंची तो न तो भाषा समझ आ रही थी और न ही दिमाग काम कर रहा था। घर से सिर्फ 250 रुपए लेकर गई थी। वो भी खत्म हो चुके थे। ऐसे में भूखी बनी रही। फिर एक सज्जन व्यक्ति मिले। उन्होंने मदद की। मेरा वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। उनकी बदौलत ही मैं घर आ पाई। पहले गंगा में डूबते-डूबते बची। फिर रास्ता भटकी, मगर मेरे भोलेनाथ ने मुझे कुछ नहीं होने दिया। अब मैं अकेली कहीं नहीं जाऊंगी।” जंजीर से हाथ छूटा तो नदी में बह गई 100 साल की रतिबाई कोतवाली थाना क्षेत्र के सराय मोहल्ले में रहती थी। वे बताती हैं कि “मैं घरवालों से गुस्सा थी। इसलिए अकेले हरिद्वार जाना चाहती थी। गुरुवार को मैंने एक थैला में दो साड़ी रखी और 250 रुपए लिए। मैं मंदिर जाने की बात कहकर निकली और ट्रेन में बैठकर हरिद्वार पहुंच गई। पहले दिन मैं गंगा नदी में स्थान किया और मंदिर में दर्शन किए। अगले दिन दोबारा नदी में स्नान करने गई तो जंजीर से हाथ छूट गया और मैं नदी में बह गई। तब वहां गोताखोरों ने मुझे बचा लिया। मेरा थैला और सामान सब बह गया। मैं बहुत डर गई थी। घर आने के लिए मैं स्टेशन पहुंची। मैंने दिल्ली जाने वाली ट्रेन पूछी और लोगों के बताने पर एक ट्रेन में बैठ गई। बाद में पता चला कि वो ट्रेन दिल्ली नहीं जाती है। तब तक मैं राजस्थान पहुंच गई थी। मेरे पास खाने को पैसे नहीं थे। मैंने किसी का कुछ नहीं खाया।” लोहारू स्टेशन पर मिले सज्जन व्यक्ति रतिबाई बताती हैं कि लोहारू स्टेशन से मैं दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठ गई। मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मुझे रोता-बिलखता देख नोएडा के अनुज गुप्ता आए। मुझे कुछ याद नहीं आ रहा था। सिर्फ इतना पता था कि मैं झांसी की रहने वाली हूं। मैंने इतना ही अनुज गुप्ता को बताया। वे मुझे दिल्ली स्टेशन ले गए। वहां एक वीडियो बनाई। इसके बाद मेरी कर्नाटक एक्सप्रेस में टिकट बुक कराई। मुझे एसी-2 कोच में बैठाया और टीटीई को बोल दिया। सोमवार अलसुबह 2 बजे ट्रेन झांसी पहुंची तो स्टेशन पर मेरा बेटा और अन्य परिवार के लोग मिल गए। मैं उनको देखकर रोने लगी। पहले ऐसा लग रहा था कि मैं अब घर नहीं लौट पाऊंगी। लेकिन मेरे भोलेनाथ ने मुझे घर पहुंचाया। अब मैं अकेले नहीं जाऊंगी। वीडियो से फैमश हुई दादी अनुज रतिबाई को अपने साथ दिल्ली ले गए। स्टेशन पर 1.01 मिनट का एक वीडियो बनाया। इसमें अनुज कह रहे हैं “21 जुलाई को सालासर धाम से लौट रहा था। लोहारू स्टेशन पर एक दादी मिली। जो अपना घर भूल चुकी हैं। उनको सिर्फ यह पता है कि वे झांसी की रहने वाली हैं। उनको दिल्ली लाए और कर्नाटक एक्सप्रेस में बैठा रहे हैं। ये रात 2 बजे झांसी पहुंचेगी। ज्यादा से ज्यादा वीडियो फैलाए, ताकि झांसी तक वीडियो पहुंच जाए और परिजन उनको ले जाएं।” वीडियो को रेलवे को भी ट्वीट कर दिया। इस पर रेलवे एक्टिव हो गया। रेलवे की ओर से झांसी में सोशल मीडिया ग्रुपों और संस्था को वीडियो भेजा। तब वीडियो वायरल होते हुए परिजनों तक पहुंचा और वे स्टेशन पर रतिबाई को लेने पहुंच गए। वीडियो के बाद वे फैमश हो गई और उनसे मिलने काफी लोग पहुंच रहे हैं। 50 साल पहले पति की हो चुकी है मौत रतिबाई के पति का नाम ढड़कोले साहू था। उनकी लगभग 50 साल पहले मौत हो चुकी है। रतिबाई के दो बेटे रमेश और महेश है। महेश का परिवार हंसारी में रहता है। जबकि रमेश का परिवार सराय मोहल्ले में रहता है। रतिबाई रमेश के साथ ही रहती हैं। रमेश का कहना है कि मां रतिबाई लगभग 100 साल की हो चुकी है। शुरूआत से ही वह धार्मिक प्रवृति की है। अब भी वे रोजाना मंदिर जाती हैं। वह पहले भी इस तरह से अकेली हरिद्वार जा चुकी है। दो साल पहले भी बिना बताए हरिद्वार चली गई थी। तब थाने में शिकायत भी दर्ज करा दी थी। लेकिन कुछ दिन बाद वह घर लौट आई थी। वे अब चिड़चिड़े स्वभाव की हो गई हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
UP Budget 2024: यूपी में आज पेश होगा अनुपूरक बजट, 20 हजार करोड़ के करीब होने का अनुमान
UP Budget 2024: यूपी में आज पेश होगा अनुपूरक बजट, 20 हजार करोड़ के करीब होने का अनुमान <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Budget 2024:</strong> उत्तर प्रदेश विधानसभा का सोमवार से मानसून सत्र चल रहा है. मानसून सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ की सरकार अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है. 2024-25 को यह पहला अनुपूरक बजट होगा. इस अनुपूरक बजट का आकार करीब 20000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है और ये पूरा खर्च विकास के मद्देनजर होना है. इस बजट में विकास के मद्देनजर अलग-अलग सेक्टर के लिए बजट आवंटित होने वाले हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> सरकार में वित्त मंत्री सुरेश करना मंगलवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश करेंगे. इस बजट में मुख्यताः प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों को लेकर विशेष राशि दी जाएगी. महाकुंभ में पहुंचने वाले लोगों की सुविधा और सहूलियतों के साथ ही विकास को लेकर एक बड़ी धनराशि इस बजट में आवंटित होने वाली है. इसके साथ ही पर्यटन से लेकर संस्कृति विभाग के लिए भी कुछ योजनाएं में इस बजट में धनराशि आवंटित होने की उम्मीद है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghazipur-mp-afzal-ansari-reaction-on-cancellation-of-sentence-by-allahabad-high-court-ann-2748983″>हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अफजाल अंसारी बोले- ‘समाज विरोधियों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया'</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इनके लिए होगा आवंटन</strong><br />इसके अलावा धार्मिक स्थल और पयर्टन स्थलों के विकास के लिए भी इस बजट में धनराशि आवंटित होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बजट में बिजली व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने को लेकर के भी अनुपूरक बजट में कुछ धनराशि आवंटित होने की उम्मीद है. वहीं परिवहन को लेकर नई बसों के खेप को शामिल करने के लिए भी इस बजट में धनराशि आवंटित हो सकती है. गौरतलब है कि 2024- 25 का मुख्य बजट सरकार ने पेश किया था तो बजट करीब 7.36 लाख करोड रुपए का था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>फरवरी में पेश किए गए बजट में सरकार ने महिलाओं, युवाओं और किसानों से लेकर अलग-अलग वर्गों के लिए एक बड़ी धनराशि आवंटित की थी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है. पहले दिन विधानसभा में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठे थे. सपा के कई विधायकों ने अपने क्षेत्र के अस्पतालों को लेकर सवाल किए थे. हालांकि उन सवालों का जवाब स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने दिया था. इसके अलावा कुछ और मुद्दों पर विधानसभा में हंगामा हुआ था.</p>
पुलिस के मुखबिर संदीप शर्मा को मिली बेल
पुलिस के मुखबिर संदीप शर्मा को मिली बेल भास्कर न्यूज | जालंधर सांसद अमृतपाल सिंह के बड़े भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी और उसके साथी लवप्रीत सिंह से 4 ग्राम आइस बरामदगी के केस में नामजद किए गए पुलिस मुखबिर संदीप शर्मा वासी वीनस वैली एक्सटेंशन को एडिशनल सेशन जज की कोर्ट से मंगलवार को बेल मिल गई। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया है और न ही बताया कि वह आइस कहां से लेता था। इसलिए बेल न न दी जाए। दूसरी ओर बचाव पक्ष के एडवोकेट विनय शर्मा ने कहा कि उनके क्लांइट को झूठे के केस में फंसाया गया है। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है। इसलिए उसे बेल दी जाए। बचाव पक्ष की दलील से सहमत होते हुए संदीप को बेल दे दी गई। बता दें कि 11 जुलाई की शाम फिल्लौर में सड़क किनारे खड़ी क्रेटा कार से हैप्पी और लवप्रीत को गिरफ्तार कर उनसे 4 ग्राम आइस, दो लाइटर, 3 मोबाइल फोन और दो जले हुए 20-20 रुपए के नोट मिले थे। दोनों कार में आइस का नशा करते थे। दोनों के डोप टेस्ट कराए गए तो पॉजिटिव आए। पुलिस ने आइस बेचने वाले आरोपी संदीप अरोड़ा वासी ईटा नगर (लुधियाना) और अरोड़ा के फोटोग्राफर दोस्त मनीष कुमार मरवाहा वासी न्यू आत्म नगर (लुधियाना) को गिरफ्तार लिया था। हैप्पी व लवप्रीत को बेल मिल चुकी है। जांच में यह बात आई थी कि हैप्पी ने पहली आइस की डीलिंग लवली से की थी। लवली का असली नाम संदीप शर्मा है और वह पुलिस का मुखबिर है। पुलिस ने संदीप को केस में नामजद कर लिया था। हैप्पी और उसके साथी लवप्रीत पहले ही बेल हो चुकी है।
पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग का एक्शन:फिल्लौर में शिक्षक द्वारा बच्चों को पीटने का मामला, पुलिस से 30 तक मांगी रिपोर्ट
पंजाब राज्य बाल अधिकार आयोग का एक्शन:फिल्लौर में शिक्षक द्वारा बच्चों को पीटने का मामला, पुलिस से 30 तक मांगी रिपोर्ट पंजाब के फिल्लौर स्थित गांव लसाड़ा के प्राइमरी स्कूल में एक अध्यापक द्वारा बच्चों को होमवर्क न करने पर बेरहमी से पीटने के मामले पर पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने खुद संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में एसएसपी जालंधर (ग्रामीण) को पत्र लिखकर नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है। पुलिस से इस संबंधी 30 जुलाई तक एक्शन रिपोर्ट मांगी है। 8 से 10 साल के बच्चे मारे थे पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने बताया कि मीडिया में इस बारे में खबरें आई हैं। गांव लसाड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिवारिक सदस्यों ने आरोप लगाया है कि होमवर्क पूरा न करने पर वहां के अध्यापक ने बच्चों को थप्पड़ मारे और डंडों से पीटा। इस घटना में 8 साल और 10 साल के बच्चे शामिल है। जिसके बाद रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।