मेरे पिता का 80 वर्ष की आयु में देहांत हुआ है। मैं, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र को बनवाने के लिये भटक रहा हूं। अस्पताल का डेथ सर्टिफिकेट, घाट की पर्ची व अन्य प्रपत्र हैं। अब यहां कह रहे हैं कि नए पोर्टल में आपके पिता के पिता का आधार कार्ड मांग रहा है। अब यह कहां से लाएं। यह शिकायत नगर निगम के जन्म-मृत्यु कार्यालय में आने वाले हर 5वें पीड़ित की है। कर्मचारी भी नई व्यवस्था से परेशान
18 जून से लागू नए नियमों के बाद पिछले एक सप्ताह से यहां एक भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन सके हैं। नये पोर्टल की असुविधा से आम लोगों के साथ जन्म-मृत्यु कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी भी परेशान हो उठे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जन्म प्रमाण पत्र तो किसी तरह बन भी रहे हैं, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र का काम पूरी तरह ठप है। सभी डॉक्यूमेंट करने होंगे अपलोड
सरकार की ओर से 18 जून से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमों में बदलाव किये गये हैं। इसके लिये नई वेबसाइट डीसी.सीआरएस.ओआरजी.जीओवी.इन भी लांच की गई। जन्म-मृत्यु कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के अनुसार इसके बाद से प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया कठिन हो गई है। जितने भी कागज हैं उन्हें पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य हैं अगर एक कागज भी मिस है तो सर्टिफिकेट नहीं बनेगा। इन नियमों से लोग परेशान हो गए हैं
नगर निगम में तैनात डाटा ऑपरेटर के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिये पोर्टल पर मरने वाले के मां-पिता का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांग रहा है। इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। अब कम उम्र के मृत लोगों के पिता का आधार मिल भी जाए, यदि किसी की 80 वर्ष उम्र है तो उसके परिजन उसके पिता का आधार या अन्य आईडी कहां से लाएंगे। ऐसे लगभग 100 से अधिक मामले लंबित हैं, जिसमें मृतक का आधार कार्ड, उनकी माता पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, घाट की रसीद, यदि घर में मृत्यु हुई तो चिकित्सक के लेटरपैड पर मौत की पुष्टि, फॉर्म-4 (क) व अन्य प्रपत्र हैं, लेकिन मृतक के मां-पिता का आधार कार्ड, आईडी न होने की वजह से मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा हैं। यह भी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिये जरूरी
यदि मृतक का आधार कार्ड नहीं बना है तो आवेदक को हलफनामा देना अनिवार्य है। घर में यदि एक वर्ष पहले मृत्यु हुई है तो जांच के दौरान मृत्यु की पुष्टि के लिये पड़ोसी का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, फोटो, ई-मेल, आईडी और हलफनामा अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना पोर्टल पर कार्य ही नहीं हो रहा है। पेनाल्टी के 100 रुपए चुकाने होंगे
नगर निगम में प्रमाण पत्र बनवाने व अन्य सुविधाओं के लिए लोगों को शुल्क भी देना होगा। नए पोर्टल के अनुसार 21 दिन के बाद 30 दिन तक जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों को 2 रुपए देने होंगे। यदि 31 दिन व एक साल से पहले आवेदन करते हैं तो उसके लिए 5 रुपए और एक वर्ष के बाद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर 10 रुपए देना अनिवार्य होगा। यदि किसी को प्रमाण पत्र खो गया है और उसे खोजना है तो उसके लिए 2 रुपए देने होंगे। जबकि प्रमाण पत्र की डुप्लीकेट कॉपी के लिए 5 रुपए, अनुपलब्धता प्रमाणपत्र के लिये 5 रुपए और पेनाल्टी के लिए 100 रुपए जमा करने होंगे। सीएमओ के अनुसार यह पैसा लोगों को ट्रेजरी में जमा कराना होगा जो एक बड़ी समस्या है। नगर निगम से मिलने वाला फॉर्म के लिए 5 रुपए अलग से देने होंगे। मेरे पिता का 80 वर्ष की आयु में देहांत हुआ है। मैं, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र को बनवाने के लिये भटक रहा हूं। अस्पताल का डेथ सर्टिफिकेट, घाट की पर्ची व अन्य प्रपत्र हैं। अब यहां कह रहे हैं कि नए पोर्टल में आपके पिता के पिता का आधार कार्ड मांग रहा है। अब यह कहां से लाएं। यह शिकायत नगर निगम के जन्म-मृत्यु कार्यालय में आने वाले हर 5वें पीड़ित की है। कर्मचारी भी नई व्यवस्था से परेशान
18 जून से लागू नए नियमों के बाद पिछले एक सप्ताह से यहां एक भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन सके हैं। नये पोर्टल की असुविधा से आम लोगों के साथ जन्म-मृत्यु कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी भी परेशान हो उठे हैं। अधिकारियों के मुताबिक जन्म प्रमाण पत्र तो किसी तरह बन भी रहे हैं, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र का काम पूरी तरह ठप है। सभी डॉक्यूमेंट करने होंगे अपलोड
सरकार की ओर से 18 जून से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नियमों में बदलाव किये गये हैं। इसके लिये नई वेबसाइट डीसी.सीआरएस.ओआरजी.जीओवी.इन भी लांच की गई। जन्म-मृत्यु कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के अनुसार इसके बाद से प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया कठिन हो गई है। जितने भी कागज हैं उन्हें पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य हैं अगर एक कागज भी मिस है तो सर्टिफिकेट नहीं बनेगा। इन नियमों से लोग परेशान हो गए हैं
नगर निगम में तैनात डाटा ऑपरेटर के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिये पोर्टल पर मरने वाले के मां-पिता का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांग रहा है। इसके बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। अब कम उम्र के मृत लोगों के पिता का आधार मिल भी जाए, यदि किसी की 80 वर्ष उम्र है तो उसके परिजन उसके पिता का आधार या अन्य आईडी कहां से लाएंगे। ऐसे लगभग 100 से अधिक मामले लंबित हैं, जिसमें मृतक का आधार कार्ड, उनकी माता पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, घाट की रसीद, यदि घर में मृत्यु हुई तो चिकित्सक के लेटरपैड पर मौत की पुष्टि, फॉर्म-4 (क) व अन्य प्रपत्र हैं, लेकिन मृतक के मां-पिता का आधार कार्ड, आईडी न होने की वजह से मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा हैं। यह भी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिये जरूरी
यदि मृतक का आधार कार्ड नहीं बना है तो आवेदक को हलफनामा देना अनिवार्य है। घर में यदि एक वर्ष पहले मृत्यु हुई है तो जांच के दौरान मृत्यु की पुष्टि के लिये पड़ोसी का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, फोटो, ई-मेल, आईडी और हलफनामा अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना पोर्टल पर कार्य ही नहीं हो रहा है। पेनाल्टी के 100 रुपए चुकाने होंगे
नगर निगम में प्रमाण पत्र बनवाने व अन्य सुविधाओं के लिए लोगों को शुल्क भी देना होगा। नए पोर्टल के अनुसार 21 दिन के बाद 30 दिन तक जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदकों को 2 रुपए देने होंगे। यदि 31 दिन व एक साल से पहले आवेदन करते हैं तो उसके लिए 5 रुपए और एक वर्ष के बाद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर 10 रुपए देना अनिवार्य होगा। यदि किसी को प्रमाण पत्र खो गया है और उसे खोजना है तो उसके लिए 2 रुपए देने होंगे। जबकि प्रमाण पत्र की डुप्लीकेट कॉपी के लिए 5 रुपए, अनुपलब्धता प्रमाणपत्र के लिये 5 रुपए और पेनाल्टी के लिए 100 रुपए जमा करने होंगे। सीएमओ के अनुसार यह पैसा लोगों को ट्रेजरी में जमा कराना होगा जो एक बड़ी समस्या है। नगर निगम से मिलने वाला फॉर्म के लिए 5 रुपए अलग से देने होंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर