पेपर लीक कांड के बाद बेदीराम के साथ दिखे ​​​​​​​राजभर:गाजीपुर में दोनों नेता साथ घूमे; 3 दिन पहले कहा था सपा का आदमी है

पेपर लीक कांड के बाद बेदीराम के साथ दिखे ​​​​​​​राजभर:गाजीपुर में दोनों नेता साथ घूमे; 3 दिन पहले कहा था सपा का आदमी है

गाजीपुर में आज कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर विधायक बेदीराम के साथ नजर आए। दोनों ने साथ में क्षेत्र का दौरा भी किया। 3 दिन पहले ही सुभासपा प्रमुख राजभर ने बेदीराम काे सपा का आदमी कहा था। योगी से दूरी और केशव मौर्य से नजदीकी को लेकर राजभर ने कहा- मैं तो सबसे मिलता हूं। योगीजी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मिला हूं। मेरी दूसरी मीटिंग थी, इसलिए कैबिनेट बैठक में नहीं जा सका। लोग इसका कुछ और ही मतलब निकालने लगे। राजभर आज जखनिया विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। वह हंसराजपुर स्थित विधायक बेदीराम के घर भी गए। बेदीराम और अन्य कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने मीडिया से भी बात की। अब राजभर के बयान की 5 बड़ी बातें 1- विधायक हमारे और सपा का झंडा लेकर घूमते हैं
पेपर लीक प्रकरण में विधायक बेदीराम के शामिल होने के सवाल पर राजभर ने कहा- कुछ पत्रकार साथी भ्रामक और गलत खबर चला देते हैं। किसी ने चला दिया कि बेदीराम गिरफ्तार, लेकिन वह तो किसी बारात में रसमलाई काट रहे थे। फिर एक खबर चली कि ओम प्रकाश राजभर के विधायक को NEET मामले में गिरफ्तार किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। उसमें बेदीराम का नाम ही नहीं है। जो भी मामले सामने आए, वे सपा सरकार के वक्त के हैं। मैं तो बेदीराम को जानता भी नहीं था। सपा ने 8 महीने मुझे टहलाने के बाद कहा कि बेदीराम जी प्रत्याशी होंगे, सिंबल आपका होगा। आप चले जाइए जफराबाद, अजगरा, सलेमपुर। वहां विधायक हमारे सिंबल के हैं और सपा का झंडा लेकर घूमते हैं। 2- जिला पंचायत अध्यक्षों की मीटिंग ले रहा था, इसलिए कैबिनेट मीटिंग में नहीं गया
22 जुलाई को केशव मौर्य से हुई मुलाकात पर राजभर ने कहा- कल मैंने उत्तर प्रदेश के 75 जिले के जिला पंचायत अध्यक्षों को बुलाया था, क्योंकि मैं पंचायती-राज मंत्री हूं। हॉल बुक हो गया था और सबको सूचना पहुंच गई थी। सीएम की मीटिंग की सूचना मुझे बाद में मिली, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री जी को मैसेज भेज दिया। उन्होंने ही कहा था कि आप उस मीटिंग को देख लीजिए, मैं यहां देख लेता हूं। रही बात केशव मौर्य से मिलने की, तो मैं कई मंत्रियों से मुलाकात करता रहता हूं। उसी दिन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मिला था, लेकिन लोग न जाने क्या-क्या सवाल बनाने लगे? 3- नेमप्लेट लगाने वाला फैसला मुलायम सिंह का था
दुकानों से नेमप्लेट हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजभर ने कहा – यह योगी जी का फैसला नहीं था, मुलायम सिंह जी का फैसला था। यह व्यवस्था मुलायम सिंह के कार्यकाल में बनाई गई थी। उसे योगी जी ने लागू की है। इसी पर तो मुझे हंसी आती है कि आज सपा, कांग्रेस के साथ मिलकर अपने पिता का विरोध कर रही है। योगी जी के हटाए जाने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा- इस तरह की चर्चा मैं 6 साल से सुन रहा हूं। ऐसा कहीं कुछ नहीं है। मुझे अखिलेश जी के अति उत्साही बयान पर आश्चर्य हुआ, जब उन्होंने लोकसभा में अयोध्या के सांसद को भगवान राम की उपाधि दे दी। उन्हें अयोध्या नरेश कह दिया। वह सांसद हो सकते हैं, अयोध्या के राजा नहीं। 4- विपक्ष हमेशा बजट का विरोध करता है
बजट को लेकर राजभर ने कहा- यह अनवरत प्रक्रिया है। विपक्ष आज जिस बात को कह रहा है, जब वह सत्ता में रहता है उल्टी बात करता। कहता कि यह किसानों, शिक्षा, महिलाओं और युवाओं के लिए बजट है। जब सत्ता से बाहर रहता है, तब वह विरोध करता है। यह बजट अच्छा है। सरकार अध्ययन करके, विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करके बजट पेश करती है। बजट में टैक्स को लेकर दिए गए नए निर्णय पर को हम लोग केवल विरोध की दृष्टि से न देखें। विपक्ष का काम ही विरोध करना है। हम विपक्ष में थे, तो यही करते थे। 5- हम केशव की चिट्‌ठी को लेकर सरकार से बात करेंगे
संविदा और आउटसोर्सिंग में आरक्षण को लेकर वायरल हो रही केशव प्रसाद मौर्य की चिट्ठी पर राजभर ने कहा- संविदा और आउटसोर्सिंग की व्यवस्था बसपा लाई थी। उसमें व्यवस्था हुई कि साढ़े 22% अनुसूचित जाति का और 27% पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा। इसे सपा की सरकार ने रोका था। हमारी सरकार आरक्षण की पक्षधर है। इसके लिए हम सीएम योगी से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे। पेपर लीक के आरोपी बेदीराम के बारे में जानिए रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया
बेदी राम रेलवे में TTE थे। 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आया। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया था। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की 2006 की समूह ‘ग’ की भर्ती परीक्षा, 2008 में लोको पायलट की परीक्षा, 2009 में भोपाल और जयपुर में रेलवे की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक कराने में बेदी राम को गिरफ्तार भी किया गया था। पहली बार साल 2000 में सामने आया था बेदी राम का नाम
विधायक का पहली बार पेपर लीक में नाम साल 2000 में सामने आया था। 2009 में उन्हें गिरफ्तार किया गया। फिर छत्तीसगढ़ CPMT परीक्षा (2012) के मामले में जेल गए। इस परीक्षा का पेपर लीक कराने में CBI ने गिरफ्तार कर उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा दिया था। मई, 2014 में मध्य प्रदेश में आयुर्वेद मेडिकल परीक्षा होनी थी। इसका पेपर लीक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इसके बाद अभ्यर्थियों ने बेदी राम का नाम लिया था। 2013 में मध्य प्रदेश PCS में दो पेपर लीक हुए। इसके चलते 30 जुलाई को होने वाला इंटरव्यू रोक दिया गया था। साल, 2006 से अब तक बेदी राम के 56 सहयोगियों के नाम पुलिस चार्जशीट में सामने आ चुके हैं। गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं बेदी राम
बेदी राम गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं। वह मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। लेकिन, सुभासपा ने उन्हें जखनियां विधानसभा सीट से टिकट दिया और जीतकर विधायक बन गए। बेदी राम को सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का करीबी माना जाता है। ये खबर भी पढ़ें ओपी राजभर बोले- बेदीराम मेरा नहीं, सपा का आदमी; विधायक का पेपर लीक में नाम आने के बाद पल्ला झाड़ा सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने पेपर लीक मामले में फंसे अपनी पार्टी के विधायक बेदीराम से पल्ला झाड़ लिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा-बेदीराम सपा का आदमी है। सपा ने विधानसभा चुनाव में अधिकतर आदमी मेरे सिंबल से लड़वाए थे। पेपर लीक मामले में बेदीराम को पेश होने का नोटिस मिलने से जुड़े सवाल पर राजभर ने कहा- बेदीराम के मामले में कोर्ट अपना काम कर रही है। बेदीराम कोर्ट जा रहे थे या नहीं मुझे जानकारी नहीं है। पूरी खबर पढ़ें गाजीपुर में आज कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर विधायक बेदीराम के साथ नजर आए। दोनों ने साथ में क्षेत्र का दौरा भी किया। 3 दिन पहले ही सुभासपा प्रमुख राजभर ने बेदीराम काे सपा का आदमी कहा था। योगी से दूरी और केशव मौर्य से नजदीकी को लेकर राजभर ने कहा- मैं तो सबसे मिलता हूं। योगीजी और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मिला हूं। मेरी दूसरी मीटिंग थी, इसलिए कैबिनेट बैठक में नहीं जा सका। लोग इसका कुछ और ही मतलब निकालने लगे। राजभर आज जखनिया विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। वह हंसराजपुर स्थित विधायक बेदीराम के घर भी गए। बेदीराम और अन्य कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने मीडिया से भी बात की। अब राजभर के बयान की 5 बड़ी बातें 1- विधायक हमारे और सपा का झंडा लेकर घूमते हैं
पेपर लीक प्रकरण में विधायक बेदीराम के शामिल होने के सवाल पर राजभर ने कहा- कुछ पत्रकार साथी भ्रामक और गलत खबर चला देते हैं। किसी ने चला दिया कि बेदीराम गिरफ्तार, लेकिन वह तो किसी बारात में रसमलाई काट रहे थे। फिर एक खबर चली कि ओम प्रकाश राजभर के विधायक को NEET मामले में गिरफ्तार किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। उसमें बेदीराम का नाम ही नहीं है। जो भी मामले सामने आए, वे सपा सरकार के वक्त के हैं। मैं तो बेदीराम को जानता भी नहीं था। सपा ने 8 महीने मुझे टहलाने के बाद कहा कि बेदीराम जी प्रत्याशी होंगे, सिंबल आपका होगा। आप चले जाइए जफराबाद, अजगरा, सलेमपुर। वहां विधायक हमारे सिंबल के हैं और सपा का झंडा लेकर घूमते हैं। 2- जिला पंचायत अध्यक्षों की मीटिंग ले रहा था, इसलिए कैबिनेट मीटिंग में नहीं गया
22 जुलाई को केशव मौर्य से हुई मुलाकात पर राजभर ने कहा- कल मैंने उत्तर प्रदेश के 75 जिले के जिला पंचायत अध्यक्षों को बुलाया था, क्योंकि मैं पंचायती-राज मंत्री हूं। हॉल बुक हो गया था और सबको सूचना पहुंच गई थी। सीएम की मीटिंग की सूचना मुझे बाद में मिली, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री जी को मैसेज भेज दिया। उन्होंने ही कहा था कि आप उस मीटिंग को देख लीजिए, मैं यहां देख लेता हूं। रही बात केशव मौर्य से मिलने की, तो मैं कई मंत्रियों से मुलाकात करता रहता हूं। उसी दिन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मिला था, लेकिन लोग न जाने क्या-क्या सवाल बनाने लगे? 3- नेमप्लेट लगाने वाला फैसला मुलायम सिंह का था
दुकानों से नेमप्लेट हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजभर ने कहा – यह योगी जी का फैसला नहीं था, मुलायम सिंह जी का फैसला था। यह व्यवस्था मुलायम सिंह के कार्यकाल में बनाई गई थी। उसे योगी जी ने लागू की है। इसी पर तो मुझे हंसी आती है कि आज सपा, कांग्रेस के साथ मिलकर अपने पिता का विरोध कर रही है। योगी जी के हटाए जाने की चर्चाओं पर उन्होंने कहा- इस तरह की चर्चा मैं 6 साल से सुन रहा हूं। ऐसा कहीं कुछ नहीं है। मुझे अखिलेश जी के अति उत्साही बयान पर आश्चर्य हुआ, जब उन्होंने लोकसभा में अयोध्या के सांसद को भगवान राम की उपाधि दे दी। उन्हें अयोध्या नरेश कह दिया। वह सांसद हो सकते हैं, अयोध्या के राजा नहीं। 4- विपक्ष हमेशा बजट का विरोध करता है
बजट को लेकर राजभर ने कहा- यह अनवरत प्रक्रिया है। विपक्ष आज जिस बात को कह रहा है, जब वह सत्ता में रहता है उल्टी बात करता। कहता कि यह किसानों, शिक्षा, महिलाओं और युवाओं के लिए बजट है। जब सत्ता से बाहर रहता है, तब वह विरोध करता है। यह बजट अच्छा है। सरकार अध्ययन करके, विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करके बजट पेश करती है। बजट में टैक्स को लेकर दिए गए नए निर्णय पर को हम लोग केवल विरोध की दृष्टि से न देखें। विपक्ष का काम ही विरोध करना है। हम विपक्ष में थे, तो यही करते थे। 5- हम केशव की चिट्‌ठी को लेकर सरकार से बात करेंगे
संविदा और आउटसोर्सिंग में आरक्षण को लेकर वायरल हो रही केशव प्रसाद मौर्य की चिट्ठी पर राजभर ने कहा- संविदा और आउटसोर्सिंग की व्यवस्था बसपा लाई थी। उसमें व्यवस्था हुई कि साढ़े 22% अनुसूचित जाति का और 27% पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा। इसे सपा की सरकार ने रोका था। हमारी सरकार आरक्षण की पक्षधर है। इसके लिए हम सीएम योगी से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे। पेपर लीक के आरोपी बेदीराम के बारे में जानिए रेलवे में नौकरी की, वहीं का पेपर लीक कराया
बेदी राम रेलवे में TTE थे। 10 साल पहले रेलवे की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में उनका सामने आया। इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया था। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की 2006 की समूह ‘ग’ की भर्ती परीक्षा, 2008 में लोको पायलट की परीक्षा, 2009 में भोपाल और जयपुर में रेलवे की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक कराने में बेदी राम को गिरफ्तार भी किया गया था। पहली बार साल 2000 में सामने आया था बेदी राम का नाम
विधायक का पहली बार पेपर लीक में नाम साल 2000 में सामने आया था। 2009 में उन्हें गिरफ्तार किया गया। फिर छत्तीसगढ़ CPMT परीक्षा (2012) के मामले में जेल गए। इस परीक्षा का पेपर लीक कराने में CBI ने गिरफ्तार कर उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजा दिया था। मई, 2014 में मध्य प्रदेश में आयुर्वेद मेडिकल परीक्षा होनी थी। इसका पेपर लीक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इसके बाद अभ्यर्थियों ने बेदी राम का नाम लिया था। 2013 में मध्य प्रदेश PCS में दो पेपर लीक हुए। इसके चलते 30 जुलाई को होने वाला इंटरव्यू रोक दिया गया था। साल, 2006 से अब तक बेदी राम के 56 सहयोगियों के नाम पुलिस चार्जशीट में सामने आ चुके हैं। गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं बेदी राम
बेदी राम गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक हैं। वह मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। लेकिन, सुभासपा ने उन्हें जखनियां विधानसभा सीट से टिकट दिया और जीतकर विधायक बन गए। बेदी राम को सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का करीबी माना जाता है। ये खबर भी पढ़ें ओपी राजभर बोले- बेदीराम मेरा नहीं, सपा का आदमी; विधायक का पेपर लीक में नाम आने के बाद पल्ला झाड़ा सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने पेपर लीक मामले में फंसे अपनी पार्टी के विधायक बेदीराम से पल्ला झाड़ लिया है। गुरुवार को उन्होंने कहा-बेदीराम सपा का आदमी है। सपा ने विधानसभा चुनाव में अधिकतर आदमी मेरे सिंबल से लड़वाए थे। पेपर लीक मामले में बेदीराम को पेश होने का नोटिस मिलने से जुड़े सवाल पर राजभर ने कहा- बेदीराम के मामले में कोर्ट अपना काम कर रही है। बेदीराम कोर्ट जा रहे थे या नहीं मुझे जानकारी नहीं है। पूरी खबर पढ़ें   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर