हिमाचल की कला-शैली का मुद्दा संसद में उठा:कंगना बोलीं- विलुप्त हो रहा लोक संगीत, काष्ठ-कुनी कला और भेड़-यॉक के ऊन से बने वस्त्र

हिमाचल की कला-शैली का मुद्दा संसद में उठा:कंगना बोलीं- विलुप्त हो रहा लोक संगीत, काष्ठ-कुनी कला और भेड़-यॉक के ऊन से बने वस्त्र

मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को लोकसभा में हिमाचल की कला का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी कला शैलियां हैं जो आज विलुप्त होती जा रही हैं। कंगना रनौत ने कहा कि हिमाचल में घर बनाने की काठ-कुणी शैली, भेड़ और याक के ऊन से बने कपड़े और लोक संगीत भी विलुप्त होते जा रहे हैं। इनके संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कंगना ने सदन में यह सवाल उठाया। कंगना रनौत ने कहा कि भेड़ और याक के ऊन से बने जैकेट, टोपी, शॉल, स्वेटर विदेशों में बहुत कीमती हैं। लेकिन हमारे देश में यह विलुप्त होते जा रहे हैं। इसी तरह जनजातीय क्षेत्रों लाहौल स्पीति, किन्नौर और भरमौर के लोक संगीत के साथ-साथ स्थानीय वेशभूषा भी अपनी पहचान खो रही है। जानें क्या है काठ-कुणी तकनीक कंगना रनौत ने सदन में पहाड़ों पर घर बनाने की पारंपरिक काठ-कुणी तकनीक का मुद्दा भी उठाया। इस शैली में सीमेंट और लोहे के बिना घर बनाए जाते हैं। हिमाचल में ऐसे घर पत्थर और लकड़ी से बनाए जाते हैं। इसमें लकड़ी का बहुत इस्तेमाल होता है। इसलिए ऐसे घर बहुत खूबसूरत लगते हैं। कंगना ने लोकसभा में उठाया पहला सवाल कंगना रनौत गुरुवार को पहली बार लोकसभा में बोल रही थीं और उन्होंने लोकसभा में पहला सवाल उठाया। कंगना ने मंडी सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हराया है। मंडी सीट से सांसद कंगना रनौत ने गुरुवार को लोकसभा में हिमाचल की कला का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी कला शैलियां हैं जो आज विलुप्त होती जा रही हैं। कंगना रनौत ने कहा कि हिमाचल में घर बनाने की काठ-कुणी शैली, भेड़ और याक के ऊन से बने कपड़े और लोक संगीत भी विलुप्त होते जा रहे हैं। इनके संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कंगना ने सदन में यह सवाल उठाया। कंगना रनौत ने कहा कि भेड़ और याक के ऊन से बने जैकेट, टोपी, शॉल, स्वेटर विदेशों में बहुत कीमती हैं। लेकिन हमारे देश में यह विलुप्त होते जा रहे हैं। इसी तरह जनजातीय क्षेत्रों लाहौल स्पीति, किन्नौर और भरमौर के लोक संगीत के साथ-साथ स्थानीय वेशभूषा भी अपनी पहचान खो रही है। जानें क्या है काठ-कुणी तकनीक कंगना रनौत ने सदन में पहाड़ों पर घर बनाने की पारंपरिक काठ-कुणी तकनीक का मुद्दा भी उठाया। इस शैली में सीमेंट और लोहे के बिना घर बनाए जाते हैं। हिमाचल में ऐसे घर पत्थर और लकड़ी से बनाए जाते हैं। इसमें लकड़ी का बहुत इस्तेमाल होता है। इसलिए ऐसे घर बहुत खूबसूरत लगते हैं। कंगना ने लोकसभा में उठाया पहला सवाल कंगना रनौत गुरुवार को पहली बार लोकसभा में बोल रही थीं और उन्होंने लोकसभा में पहला सवाल उठाया। कंगना ने मंडी सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को हराया है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर