हरियाणा के फरीदाबाद जिले में न्यू टाउन फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर माल गाड़ी की चपेट में आने से स्टेशन अधीक्षक की मौत हो गई। मृतक की पहचान संजय राघव(53) के रूप में हुई है। सूचना मिलने पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। राघव मूलरूप से यूपी के खुर्जा, बुलंदशहर के रहने वाले थे। यहां कई सालों से एनआईटी पांच स्थित के ब्लॉक में परिवार के साथ रहते थे। न्यूटाउन फरीदाबाद स्टेशन पर करीब दो-ढाई साल से स्टेशन अधीक्षक के पद पर तैनात थे। पैर फिसल ने से हुआ हादसा जीआरपी थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि स्टेशन अधीक्षक संजय राघव गुरुवार दोपहर करीब दो बजे स्टेशन के पास यार्ड वाली लाइन पर एक मालगाड़ी की शंटिंग करा रहे थे। बारिश होने के कारण वह लाइन के किनारे पड़े पत्थरों के पास खडे़ थे। तभी अचानक पैर फिसल गया और वह मालगाड़ी की चपेट में आ गए। जिससे उनका धड़ शरीर से अलग हो गया। राघव के घर में है पत्नी और तीन बच्चे घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। फरीदाबाद के स्टेशन अधीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि राघव मार्च 1992 में वह रेल सेवा में थे। पहली पोस्टिंग आगरा में हुई थी। इसके बाद कई सालों से दिल्ली डिवीजन के विभिन्न स्टेशनों पर तैनात रहे। काफी मिलनसार होने के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों में लोकप्रिय थे। राघव हमेशा काम को प्राथमिकता देते थे। वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चे छोड़ गए। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में न्यू टाउन फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर माल गाड़ी की चपेट में आने से स्टेशन अधीक्षक की मौत हो गई। मृतक की पहचान संजय राघव(53) के रूप में हुई है। सूचना मिलने पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। राघव मूलरूप से यूपी के खुर्जा, बुलंदशहर के रहने वाले थे। यहां कई सालों से एनआईटी पांच स्थित के ब्लॉक में परिवार के साथ रहते थे। न्यूटाउन फरीदाबाद स्टेशन पर करीब दो-ढाई साल से स्टेशन अधीक्षक के पद पर तैनात थे। पैर फिसल ने से हुआ हादसा जीआरपी थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि स्टेशन अधीक्षक संजय राघव गुरुवार दोपहर करीब दो बजे स्टेशन के पास यार्ड वाली लाइन पर एक मालगाड़ी की शंटिंग करा रहे थे। बारिश होने के कारण वह लाइन के किनारे पड़े पत्थरों के पास खडे़ थे। तभी अचानक पैर फिसल गया और वह मालगाड़ी की चपेट में आ गए। जिससे उनका धड़ शरीर से अलग हो गया। राघव के घर में है पत्नी और तीन बच्चे घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। फरीदाबाद के स्टेशन अधीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि राघव मार्च 1992 में वह रेल सेवा में थे। पहली पोस्टिंग आगरा में हुई थी। इसके बाद कई सालों से दिल्ली डिवीजन के विभिन्न स्टेशनों पर तैनात रहे। काफी मिलनसार होने के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों में लोकप्रिय थे। राघव हमेशा काम को प्राथमिकता देते थे। वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चे छोड़ गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में थार ने बाइक को टक्कर मारी:महिला की मौत, व्यक्ति घायल; कंपनी में काम पर जा रहे थे दोनों
फरीदाबाद में थार ने बाइक को टक्कर मारी:महिला की मौत, व्यक्ति घायल; कंपनी में काम पर जा रहे थे दोनों हरियाणा के फरीदाबाद में मंगलवार को तेज रफ्तार थार ने बाइक सवार महिला और पुरुष को टक्कर मार दी। हादसे में महिला की मौत हो गई, जबकि व्यक्ति की हालत गंभीर है। फिलहाल महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में रखवा दिया गया है। दिगंबर प्रताप ने बताया कि पल्सर बाइक पर भतीजा सुमित अपने साथ काम करने वाली सारन गांव निवासी ममता देवी (45) को लेकर बड़खल पाली रोड स्थित वरलर वेयर इंजीनियरिंग कंपनी में काम पर ले जा रहा था। जैसे ही उनकी बाइक सैनिक कॉलोनी DAV स्कूल के पास पहुंची तभी एक अनियंत्रित और तेज रफ्तार थार गाड़ी में उनकी बाइक में टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही सुमित और ममता सड़क पर जा गिरे। थार के ड्राइवर को पुलिस ने पकड़ा प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर मारने के बाद थार से 3 युवक बाहर उतरे। उन्होंने महिला और व्यक्ति को संभालने की बजाए कार के नुकसान को देखते रहे। ममता के सिर से काफी खून बह रहा था, जबकि सुमित का हाथ टूट चुका था। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और थार सवारों को हिरासत में ले लिया। सुमित और ममता को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने ममता को मृत घोषित कर दिया, जबकि सुमित को भर्ती कर लिया। सैनिक कॉलोनी चौकी के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र ने बताया कि फिलहाल इस मामले में थार को कब्जे में लेकर थार चालक को हिरासत में ले लिया गया है। मृतक महिला के परिजनों की शिकायत का इंतजार किया जा रहा है। शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हरियाणा में केंद्रीय मंत्री ने अपनी ही पार्टी को घेरा:राव इंद्रजीत बोले-हमें 10 साल बाद मिली अहमियत; अब संगठित होकर लानी हैं चौधर, CM पद पर ठोक चुके दावा
हरियाणा में केंद्रीय मंत्री ने अपनी ही पार्टी को घेरा:राव इंद्रजीत बोले-हमें 10 साल बाद मिली अहमियत; अब संगठित होकर लानी हैं चौधर, CM पद पर ठोक चुके दावा हरियाणा में गुरुग्राम से मौजूदा सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को अपनी ही पार्टी BJP को घेरने का किया। राव इंद्रजीत सिंह बोले-मेरे पास सारे हरियाणा से रिपोर्ट आ रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में पूरे दक्षिणी हरियाणा में भिवानी से लेकर फरीदाबाद तक 14-15 सीटें हमले मिली है। पहले कभी इतनी सीटें बीजेपी को नहीं मिली थी। हमारी एक ताकत बनती आ रही है। शायद बीजेपी ने पहले हमें इतना महत्व नहीं दिया लेकिन 10 साल के बाद आज हमें महत्व मिला है। गांव में एक कहावत हैं कि 12 साल में तो कूड़ी का भी नंबर आ जाता है। दस साल तक हमने बीजेपी की सरकार बनाई। हम कूड़ी से भी गए-गुजरे (बुरे) तो नहीं है। मतलब अब हो सकता है कि हमारा ही नंबर आ जाए। राव इंद्रजीत सिंह रेवाड़ी के बावल विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बावल सीट पर कई दावेदार थे लेकिन जो सर्वे में सबसे ऊपर था पार्टी ने उसे टिकट दे दी। डा. बनवारी लाल ने बावल में काम किया है। लेकिन एंटी इनकंबेंसी भी एक कारण रही। अब पार्टी के फैसले के अनुरूप कैंडिडेट को जिताना हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि जिस हलके में 2019 में मुझे 70 हजार से ज्यादा की लीड मिली। इस बार मात्र 22 हजार रह गई। कुछ ना कुछ तो गड़बड़ हुई है। उन्होंने कहा कि ये गड़बड़ इस बार नहीं होनी चाहिए। सीएम पद भी ठोक चुके दावा बता दें कि 9 सितंबर को रेवाड़ी में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव का नामांकन भरवाने के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने सीएम पद पर दावा ठोका था। उनका कहना था ”यहां की जनता चाहती है कि मैं सीएम बनूं। अगर यहां की जनता ने भाजपा का साथ न दिया होता तो मनोहर लाल खट्टर 2 बार हरियाणा के सीएम न बनते।” राव इंद्रजीत सिंह ने खुद संभाली प्रचार की कमान दरअसल, रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों पर दबदबा है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिलों की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल हैं। राव इंद्रजीत सिंह के कहने पर इस बार बीजेपी ने उनकी बेटी आरती राव को अटेली, अनिल डहीना को कोसली, डॉ. कृष्ण कुमार को बावल, ओमप्रकाश यादव को नारनौल, बिमला चौधरी को पटौदी से टिकट दी है। जबकि राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के चलते भाजपा के पुराने नेता रेवाड़ी में लक्ष्मण सिंह यादव और गुरुग्राम में मुकेश शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। कमजोर हो रही रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों तक राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की इस पूरे इलाके में मजबूत पकड़ रही है। लेकिन अब रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती आ रही है। इसकी एक झलक चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद इस बार लड़खड़ाते हुए लोकसभा चुनाव जीते। जबकि 2019 के चुनाव में रेवाड़ी सीट पर पूरा दम लगाने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थक सुनील मुसेपुर को वहीं जिता पाए थे।
करनाल में भाजपा की असंध सीट पर फंसा पेंच:कांग्रेस को करनाल, घरौंडा और इंद्री पर फैसला लेना बाकी
करनाल में भाजपा की असंध सीट पर फंसा पेंच:कांग्रेस को करनाल, घरौंडा और इंद्री पर फैसला लेना बाकी हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर मंथन जारी है। भाजपा ने जहां करनाल, घरौंडा और इंद्री सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, वहीं असंध सीट पर प्रत्याशी की घोषणा अभी बाकी है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने सिर्फ असंध और नीलोखेड़ी सीटों पर अपने उम्मीदवार तय किए हैं, जबकि करनाल, घरौंडा और इंद्री सीटों पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। बता दें कि भाजपा ने अपने पहले लिस्ट में करनाल से जगमोहन आनंद, इंद्री से रामकुमार कश्यप, और घरौंडा से हरविंद्र कल्याण को उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बावजूद असंध सीट पर अब तक किसी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है। पार्टी के आंतरिक सूत्रों के अनुसार, असंध सीट पर टिकट के लिए कई उम्मीदवारों के बीच प्रतिस्पर्धा होने के कारण यह सीट डिले हो रही है। कांग्रेस के लिए करनाल, घरौंडा और इंद्री सीटें बन रहीं चुनौती कांग्रेस ने अब तक असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर को टिकट दिया है, लेकिन करनाल, घरौंडा और इंद्री सीटों पर अभी तक पेंच फंसा हुआ है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर टिकट को लेकर कई प्रमुख दावेदारों के बीच खींचतान है, जिससे बगावत की आशंका भी बनी हुई है। करनाल सीट: सुमिता सिंह, मनोज वाधवा और अशोक खुराना में कांटे की टक्कर करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सामने टिकट को लेकर बड़ा संकट है। प्रमुख दावेदारों में पूर्व विधायक सुमिता सिंह, पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वाधवा और अशोक खुराना का नाम शामिल है। मनोज वाधवा भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए हैं, जबकि सुमिता सिंह पार्टी में लंबे समय से जुड़ी हुई हैं। टिकट के बंटवारे के बाद संभावित बगावत पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। इंद्री सीट पर राकेश कंबोज और कर्णदेव कंबोज को माना जा रहा उम्मीदवार इंद्री सीट पर कांग्रेस के दावेदार राकेश कंबोज और कर्णदेव कंबोज के नाम चर्चा में हैं। क्योंकि कल होने वाली कार्यकर्ताओं की मीटिंग के बाद कर्णदेव कांबोज कांग्रेस में शामिल हो सकते है। दो दिन पहले दिल्ली में उनकी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सासंद दीपेंद्र हुड्डा से भी मीटिंग की है। सूत्रों के मुताबिक, यदि कर्णदेव कंबोज को टिकट मिलता है और राकेश कंबोज बगावत करते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पार्टी किसी भी तरह की बगावत से बचने की कोशिश कर रही है। घरौंडा सीट पर ये प्रबल दावेदार घरौंडा सीट पर कांग्रेस में टिकट को लेकर वीरेंद्र राठौर, नरेंद्र सांगवान व भूपेंद्र लाठर के बीच जोरदार मुकाबला है। सांगवान ने इनेलो के टिकट पर पहली बार जीत दर्ज की थी, जबकि राठौर को कांग्रेस ने तीन बार टिकट दिया, लेकिन वे जीतने में नाकाम रहे। वहीं चर्चा ये भी है कि अगर भूपेंद्र लाठर को पार्टी टिकट नहीं देती तो वह भी आजाद चुनाव लड़ सकते है। ऐसें में घरौंडा सीट पर कांग्रेस की मुश्किले बढ़ सकती है। आम आदमी पार्टी ने असंध और घरौंडा से घोषित किए उम्मीदवार आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में करनाल जिले की असंध और घरौंडा विधानसभा सीटों से अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। पार्टी ने घरौंडा से जयपाल शर्मा और असंध से अमनदीप सिंह जुंडला को मैदान में उतारा है। वहीं जजपा गठबंधन ने नीलोखेड़ी कर्म सिंह को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस और भाजपा की लिस्ट में हो रही देरी से बढ़ रही चर्चा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की लिस्ट जारी होने में हो रही देरी से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर गर्म हो गया है। जहां भाजपा को असंध सीट पर उम्मीदवार की घोषणा करनी है, वहीं कांग्रेस को करनाल, घरौंडा और इंद्री सीटों पर उम्मीदवार तय करने हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां किस तरह से अपने-अपने पत्ते खोलती हैं।