भास्कर न्यूज | जालंधर पठानकोट बायपास चौक के पास ट्रांसपोर्ट नगर में निगम का सीवरेज डिस्पोजल सिस्टम फेल हो गया है। यहां फैक्ट्रियों व घरों वाले इलाके हरगोबिंद नगर में हालात बेकाबू हैं। पहले बुधवार को यहां लोगों ने बंद सीवरेज की समस्या बताई थी। अब वीरवार को यहां कारखानों में बड़ी संख्या में श्रमिक नहीं पहुंचे। सीवरेज के गंदे पानी से भरी सड़क पर दुकानों के शटर गिरे मिले। यहां की इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान मनीष कवात्रा ने कहा कि वीरवार सुबह से ही हालात खराब हैं। इंडस्ट्रीयल पॉकेट के सभी रोड्स पर 2-2 फीट पानी बह रहा है। जो मजदूर काम पर आए थे, वह वापस लौट गए। दूसरी तरफ पीने का पानी का बड़ा संकट है। पानी गंदा आ रहा है। कंपलेंट सेल से कोई साफ जवाब नहीं मिल रहा है। अब लोग इकट्ठा होकर निगम कमिशनर गौतम जैन के पास जाएंगे। आज कारखानों में कामकाज के ऐसे हालात रहे हैं जैसे कोरोना के कारण लॉकडाउन में थे। सीवरेज ब्लॉकेज के कारण हरगोबिंद नगर में फैक्ट्रियों में छुट्टी रही। श्रमिक नहीं आए। दुकानों के शटर गिरे रहे। गंदे पानी के कारण गुजरने वाले भी नहीं थे। सीवरेज का पानी पेयजल में भी मिश्रित होने लगा । गंदा पानी दिखाता रेजीडेंट। भास्कर न्यूज | जालंधर पठानकोट बायपास चौक के पास ट्रांसपोर्ट नगर में निगम का सीवरेज डिस्पोजल सिस्टम फेल हो गया है। यहां फैक्ट्रियों व घरों वाले इलाके हरगोबिंद नगर में हालात बेकाबू हैं। पहले बुधवार को यहां लोगों ने बंद सीवरेज की समस्या बताई थी। अब वीरवार को यहां कारखानों में बड़ी संख्या में श्रमिक नहीं पहुंचे। सीवरेज के गंदे पानी से भरी सड़क पर दुकानों के शटर गिरे मिले। यहां की इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रधान मनीष कवात्रा ने कहा कि वीरवार सुबह से ही हालात खराब हैं। इंडस्ट्रीयल पॉकेट के सभी रोड्स पर 2-2 फीट पानी बह रहा है। जो मजदूर काम पर आए थे, वह वापस लौट गए। दूसरी तरफ पीने का पानी का बड़ा संकट है। पानी गंदा आ रहा है। कंपलेंट सेल से कोई साफ जवाब नहीं मिल रहा है। अब लोग इकट्ठा होकर निगम कमिशनर गौतम जैन के पास जाएंगे। आज कारखानों में कामकाज के ऐसे हालात रहे हैं जैसे कोरोना के कारण लॉकडाउन में थे। सीवरेज ब्लॉकेज के कारण हरगोबिंद नगर में फैक्ट्रियों में छुट्टी रही। श्रमिक नहीं आए। दुकानों के शटर गिरे रहे। गंदे पानी के कारण गुजरने वाले भी नहीं थे। सीवरेज का पानी पेयजल में भी मिश्रित होने लगा । गंदा पानी दिखाता रेजीडेंट। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कनाडा में गिरफ्तार पंजाब के आतंकी की कहानी:परिवार ने पढ़ने के लिए विदेश भेजा, भारत लौट गैंगस्टर को मारा, 70 से ज्यादा मामलों में वांटेड खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कनाडा के हॉल्टन में हुई शूटिंग के मामले में उसकी गिरफ्तारी की चर्चा है। हालांकि, इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। अर्श डल्ला आखिरकार है कौन, जिसने भारत सरकार और पंजाब सरकार का सिर दर्द बढ़ाया हुआ है? कैसे गैंगस्टर बना? कैसे विदेश भागा और परिवार क्या करता है? गिरफ्तारी की चर्चा के बाद ये सभी सवाल लोगों के दिमाग में उठ रहे हैं। मोटी-मोटी जानकारी है कि डल्ला ने एक बदमाश की हत्या कर उसकी ID से मोगा से करोड़ों की उगाही की। फिर विदेश में रह रही एक राजस्थानी लड़की के साथ पेपर मैरिज कर विदेश भाग गया और वहां जाकर खालिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया। देश में 70 से ज्यादा केसों में वांटेड 28 साल का अर्श डल्ला शुरू से क्रिमिनल नहीं था, लेकिन आज भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल्स में डल्ला का भी नाम आता है। सुरक्षा एजेंसियों ने उसके घर सहित अन्य प्रॉपर्टियां अटैच की हुई हैं। सिलसिलेवार जानिए, अर्श डल्ला कैसे बना भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी… खेती करते थे डल्ला के पिता
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है। आतंकी अर्शदीप डल्ला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें – कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला हिरासत में:हरदीप सिंह निज्जर का करीबी, पिछले महीने शूटआउट के बाद पुलिस ने पकड़ा था खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला को कनाडा में हिरासत में लिया गया है। अर्शदीप, हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है। दरअसल 28 अक्टूबर को कनाडा के मिल्टन शहर में एक शूटआउट हुआ था। 29 अक्टूबर को वहां की स्थानीय पुलिस ने बयान जारी करते हुए बताया था कि उन्होंने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस ने आरोपियों की पहचान उजागर नहीं की थी पूरी खबर पढ़ें
जालंधर में नगर निगम कर्मचारी की हत्या:उधार के पैसे मांगे तो धारदार हथियार से काटा, अस्पताल में मौत; साथी गंभीर
जालंधर में नगर निगम कर्मचारी की हत्या:उधार के पैसे मांगे तो धारदार हथियार से काटा, अस्पताल में मौत; साथी गंभीर पंजाब के जालंधर में बूटा पिंड के पास देर रात पैसों के लेन-देन को लेकर नगर निगम कर्मचारी की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने धारदार हथियारों और ईंट-पत्थरों का इस्तेमाल किया। घटनास्थल पर दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की जालंधर सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना बूटा पिंड के जल्लोवाल आबादी इलाके में हुई। मृतक दीपक कुमार (32) गाजी गुल्ला कॉलोनी का रहने वाला था और जालंधर नगर निगम में दर्जा चार कर्मचारी था। दीपक और गग्गू की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। उनका सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। 1.50 लाख रुपए का था लेन-देन मृतक के भाई अजय कुमार ने बताया कि दीपक का जल्लोवाल आबादी में रहने वाले कुछ युवकों से पैसों का लेन-देन चल रहा था। आरोपी युवकों ने दीपक से 1.50 लाख रुपए लिए थे। दीपक काफी समय से उक्त आरोपियों से अपने पैसे मांग रहा था। लेकिन वे टालमटोल कर रहे थे। पैसे देने के लिए मोहल्ले में बुलाया मंगलवार को दीपक ने थोड़ी सख्ती के साथ उक्त आरोपियों से अपने पैसे मांगे थे। जिस पर उक्त आरोपियों ने उसे पैसे देने के बहाने जल्लोवाल आबादी में बुलाया। जब वह जल्लोवाल आबादी के पास पहुंचा तो वहां करीब 15 से 20 युवक इंतजार कर रहे थे। सभी तेजधार हथियारों और ईंट-पत्थरों से लैस थे। दीपक के पहुंचते ही आरोपियों ने तेजधार हथियारों और ईंट-पत्थरों से हमला करना शुरू कर दिया। घायल दीपक ने मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी। तुरंत अजय वहां पहुंचा तो उस पर भी हमला करने का प्रयास किया गया। लेकिन किसी तरह उसने अपने भाई को वहां से निकाल लिया। इलाज के दौरान दीपक की मौत जिसके बाद दीपक और उसके साथी को तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल जालंधर ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद देर रात दीपक को मृत घोषित कर दिया गया और उसके साथी का इलाज शुरू कर दिया गया। हत्या के बाद भार्गव कैंप थाने की पुलिस जांच के लिए मौके पर पहुंची। वहीं, देर रात पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। आरोपियों की तलाश में पुलिस पार्टियां छापेमारी कर रही हैं।