हरियाणा में करनाल के चन्द्राव गांव में राजेश (28) की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस जांच में अब तक सामने आया है कि राजेश की मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई थी। उसकी हत्या नहीं की गई और न ही उसके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान थे। पुलिस द्वारा गुरुवार को ही शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया था। बता दें कि मृतक राजेश की पत्नी रेखा सहित अन्य परिजनों ने आरोप लगाया था कि बुधवार देर रात को उसके दोस्तों ने राजेश की हत्या कर खाली प्लाट में उसके शव फेंका था। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी। अब तक जांच में ये आया सामने इंद्री थाना के SHO श्री भगवान ने कहा कि परिवार द्वारा राजेश की हत्या का आरोप उसके दोस्तों पर लगाए थे। लेकिन अबतक जांच में सामने आया कि राजेश की हत्या नहीं हुई थी। उसकी मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई है। बुधवार को वह अपने दो दोस्तों के साथ यूपी तरफ गया था। जहां पर उसने अपने दोस्तों के साथ नशा किया। बाद मे उसके दोस्त उसको गांव में छोड़कर गए। जहां पर उसकी मौत हुई है। बाकी खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। हरियाणा में करनाल के चन्द्राव गांव में राजेश (28) की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस जांच में अब तक सामने आया है कि राजेश की मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई थी। उसकी हत्या नहीं की गई और न ही उसके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान थे। पुलिस द्वारा गुरुवार को ही शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया था। बता दें कि मृतक राजेश की पत्नी रेखा सहित अन्य परिजनों ने आरोप लगाया था कि बुधवार देर रात को उसके दोस्तों ने राजेश की हत्या कर खाली प्लाट में उसके शव फेंका था। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी। अब तक जांच में ये आया सामने इंद्री थाना के SHO श्री भगवान ने कहा कि परिवार द्वारा राजेश की हत्या का आरोप उसके दोस्तों पर लगाए थे। लेकिन अबतक जांच में सामने आया कि राजेश की हत्या नहीं हुई थी। उसकी मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई है। बुधवार को वह अपने दो दोस्तों के साथ यूपी तरफ गया था। जहां पर उसने अपने दोस्तों के साथ नशा किया। बाद मे उसके दोस्त उसको गांव में छोड़कर गए। जहां पर उसकी मौत हुई है। बाकी खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में ट्रांसजेंडर के साथ रेप:नशे में धुत सहकर्मी ने घर में घुसकर की वारदात, 1 लाख रुपए भी ले गया आरोपी हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में रहने वाली ट्रांसजेंडर के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। शराब के नशे में धुत सहकर्मी कमरे में घुस गया। इसके बाद उसने ट्रांसजेंडर के साथ शारीरिक संबंध बनाए। वारदात के बाद वह एक लाख रुपये लेकर फरार हो गया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 379 और 377 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद आरोपी गांव भाग गया चांदनीबाग थाने में दी शिकायत में रविता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के पटना की रहने वाली है। फिलहाल वह पानीपत के उग्रा खेड़ी गांव में रहती है। वह ट्रांसजेंडर समुदाय से ताल्लुक रखती है। वह घर-घर जाकर नाच-गाकर और भीख मांगकर अपना गुजारा करती है। उसके साथ रवि नाम का लड़का भी काम करता था। वह करीब 20 दिन पहले नशे की हालत में उसके घर आया था। यहां उसने उसके साथ जबरदस्ती की। इसके बाद मौका मिलते ही उसने उससे एक लाख रुपये छीन लिए। वह अपने स्तर पर उसे तलाशती रही, लेकिन वह नहीं मिला। अब उसे पता चला है कि रवि अपने गांव भाग गया है।
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा
दीपेंद्र हुड्डा की जनसभा में शहीद का अपमान:हिसार में प्रतिमा पर कांग्रेस के पोस्टर लगाए; भड़के परिजनों-ग्रामीणों ने उम्मीदवार को घेरा हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में आज सांसद दीपेंद्र हुड्डा के कार्यक्रम से पहले ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। उनका आरोप था कि इस जनसभा में शहीद का अपमान किया गया है। ग्रामीणों ने सभा करवाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को घेर लिया। उन्होंने नारेबाजी कर घोड़ेला खूब खरी-खरी सुनाई। घोड़ेला ने गांव सरसौद में दीपेंद्र की जनसभा रखवाई थी। स्टेडियम में रखी थी जनसभा
इस जनसभा का स्थान गांव के स्टेडियम को बनाया गया। जहां शहीद की प्रतिमा लगी थी, मगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्टेडियम में लगी शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए। जब इस बारे में शहीद के परिजनों को पता चला तो वह भड़क गए। इसी दौरान जब कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला जनसभा स्थल पर पहुंचे तो शहीद के परिजनों और ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। शहीद की मां बोली- पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे
शहीद की मां ने रामनिवास घोड़ेला से कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया। तुम उसका सम्मान करने के बजाय उसकी प्रतिमा पर पोस्टर लगाकर अपमान कर रहे हो। इसके बाद बाकी ग्रामीण भी शहीद की मां के साथ विरोध में उतर आए। बाद में दीपेंद्र हुड्डा के आने से पहले शहीद की प्रतिमा से पोस्टर हटा लिए गए ताकि कार्यक्रम में किसी तरह का बवाल ना हो जाए। शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत : पूर्व सरपंच
गांव के पूर्व सरपंच दिलबाग भयाणा ने बताया कि 12 बजे दीपेंद्र हुड्डा का गांव में कार्यक्रम था। मगर कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला के समर्थकों और कांग्रेस वर्करों ने शहीद अजीत सिंह की प्रतिमा पर पोस्टर लगा दिए जिससे शहीद का अपमान हुआ है। शहीद की मां को जब इसका पता चला तो उसने घोड़ेला से सवाल-जवाब किए। ग्रामीणों ने घोड़ेला को घेर लिया कि ऐसा नहीं होना चाहिए। सबको शहीदों का मान सम्मान करना चाहिए। 2020 में शहीद हुए थे अजीत सिंह
सरसौद गांव के अजीत सिंह भारतीय सेना में थे और 2020 को वह शहीद हो गए थे। उनका जब पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था तो पूरा गांव एकत्रित हुआ था। शहीद के परिवार में उनके पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। बेटा विदेश में है और बेटी पढ़ाई कर रही है। उनके परिवार में अजीत सिंह के पिता दलेल सिंह हैं। इनके अलावा 2 भाई हैं। जिनमें एक बीएसएफ में हैं और दूसरे भाई खेती करते हैं। सरंपच किताब सिंह बोले- जो हुआ गलत हुआ
वहीं इस मामले में सरपंच किताब सिंह का कहना है कि शहीद की प्रतिमा पर पोस्टर लगाना गलत है। शहीद की प्रतिमा उस जगह बनी है, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ था। ऐसे में परिवार की भावनाएं प्रतिमाएं और स्थान दोनों से जुड़ी हुई है। जब अजीत सिंह शहीद हुए तो पंचायत ने ही 6 महीने बाद प्रतिमा लगवाई थी।
हरियाणा में पूर्व BJP विधायक ने अफसरों को लुटेरा बताया:कहा- जो भी आता है, अब्दाली की तरह लूटकर जाता है; राव इंद्रजीत के विरोधी
हरियाणा में पूर्व BJP विधायक ने अफसरों को लुटेरा बताया:कहा- जो भी आता है, अब्दाली की तरह लूटकर जाता है; राव इंद्रजीत के विरोधी हरियाणा के गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट से विधायक रहे राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम की बदहाली के लिए यहां के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा। राव नरबीर ने गुरुग्राम के अफसरों की तुलना अहमद शाह अब्दाली से की। नरबीर ने अफसरों को लुटेरा बताया और कहा कि जो यहां आता है, लूट कर ले जाता है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अफसर किसी की सुन नहीं रहे, और उनकी खिंचाई करने वाला कोई नहीं है। राव नरबीर ने 2014 से 2019 के बीच उनके कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि जब उनके हाथ कमान थी, तब सभी काम पूरे होते थे। अधिकारी बात मानते थे और सबकी सुनते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें 40 साल का राजनीति का अनुभव है। अफसरों से काम कैसे करवाया जाता है, वह अच्छी तरह जानते हैं। राव नरबीर अफसरों के लिए यह बोले
गुरुग्राम में हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राव नरबीर ने कहा, “जैसे हम हिस्ट्री में पढ़ते थे कि अब्दाली आता था लुटेरे आते थे, हिंदुस्तान को लूटकर चले जाते थे। उसी तरह गुरुग्राम का हाल हुआ। जो आया, लूटकर लेकर चला गया। लेकिन, आप दिल पर हाथ रखो कि 2014 से 2019 तक लूट थी क्या? भाई सरकार वही, मुख्यमंत्री वही, पार्टी वही और गुरुग्राम बदहाल, सोचो क्यों? सिर्फ नरबीर सिंह नहीं था इसलिए। हरियाणा में अफसर 2 आदमियों की मानते हैं, जो मेरा 40 साल का राजनीतिक तजुर्बा है। 30% तो मानेंगे जो उन्हें लेकर आया है, और 70% उसकी मानेंगे जो उन्हें बदलवा सके। मेरे लिए सोचते थे कि यह बदलवा सकता है, इसलिए 100% काम होते थे। आज कोई न लगवाने वाला है न बदलवाने वाला। इसलिए 1% भी नहीं मानता अधिकारी।’ कौन हैं राव नरबीर
राव नरबीर खट्टर सरकार में PWD मिनिस्टर रहे हैं। 2014 में गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से वह भाजपा के विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1987 में जटूसाना (हरियाणा) और 1996 में सोहना (हरियाणा) से विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। इससे पहले उन्होंने 1987 में राज्य गृहमंत्री और 1996 में हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति व सहकारिता मंत्री का पद संभाला था। वह 26 वर्ष की आयु में राज्य गृह मंत्रालय का पद संभालने वाले देश के सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि बने। 1996 में उनके पास खेल और मुद्रण एवं स्टेशनरी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी था। उन्होंने 2009 में गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहे। राव इंद्रजीत के विरोधियों में गिनती
राव नरबीर सिंह की गिनती सांसद राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों में होती है। वह राव को अपना राजनीतिक धुर विरोधी मानते हैं। 2019 में बादशाहपुर सीट से टिकट कटने का कारण वह राव इंद्रजीत को मानते हैं। हरियाणा में आगामी 3 महीने में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वह अपने पिछले हिसाब-किताब चुकता करने का मन बनाकर दोबारा फील्ड में उतरे हैं और आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। गुरुग्राम की बदहाली का कारण वह मौजूदा सांसद को मानते हैं। हालांकि, वह प्रत्यक्ष रूप से राव इंद्रजीत का नाम लेने से हमेशा बचते रहे हैं। राव नरबीर का भाजपा ने काट दिया था
2014 में नरबीर सिंह ने राकेश दौलताबाद को लगभग 18 हजार मतों से मात दी थी, और खट्टर की पहली सरकार में मंत्री बने थे। 2019 में भाजपा ने नरबीर सिंह का टिकट काट दिया। इससे नाराज नरबीर चुनाव में निष्क्रिय रहे। भाजपा ने नरबीर का टिकट काटकर मनीष यादव को दिया, लेकिन वह निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद से 10 हजार वोटों से हार गए।