लखनऊ: तदर्थ शिक्षकों का INDIA गठबंधन को सपोर्ट का ऐलान:कहा-उपचुनाव में करेंगे भाजपा का विरोध, सेवाएं समाप्त करने और मानदेय मिलने से नाराज हैं

लखनऊ: तदर्थ शिक्षकों का INDIA गठबंधन को सपोर्ट का ऐलान:कहा-उपचुनाव में करेंगे भाजपा का विरोध, सेवाएं समाप्त करने और मानदेय मिलने से नाराज हैं

शुक्रवार को लखनऊ में तदर्थ शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आंदोलन कर रहे तदर्थ शिक्षक भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए जैसे ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए भाजपा कार्यालय की तरफ बढ़े। इस बीच पुलिस ने मौके पर ही सभी को रोक लिया। इसके बाद भाजपा की टोपी पहने तदर्थ शिक्षकों ने गमछा और टोपी उतार दिया। बाद में पुलिस एक प्रतिनिधिमंडल को भाजपा कार्यालय ले जाने को तैयार हुए। पुलिस प्रशासन तदर्थ शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को भाजपा कार्यालय लेकर गए। उपचुनाव में भाजपा के विरोध का किया ऐलान प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षकों का भारतीय जनता पार्टी से मोह भंग हो चुका हैं। यदि सरकार बहुत ही जल्दी हम लोगों के बारे में कोई निर्णय नहीं लेती हैं। तो प्रदेश के 2254 तदर्थ शिक्षक बहुत ही जल्द समाजवादी पार्टी अथवा कांग्रेस की सदस्यता को लेते हुए 2027 में INDI गठबंधन की सरकार बनाएंगे। तदर्थ शिक्षकों के संगठन मंत्री प्रभात त्रिपाठी ने बताया कि 25 से 30 साल तक वेतन पाने वाले तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करके उन्हें मामूली मानदेय दिया जा रहा हैं। जबकि पहले की सरकारों ने संविदा कर्मियों को नियमित करते हुए संपूर्ण उपलब्धियां को देने का कार्य किया हैं। 17 हजार शिक्षकों के पद हैं खाली प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक ही झटके में 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। प्रदेश में 17 हजार पद पहले से ही खाली हैं और 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई। इस बीच मार्च में लगभग 6 हजार शिक्षक रिटायर भी हो रहे हैं। ऐसे में उन स्कूलों में कैसे पढ़ाई होगी? इसका जवाब शासन में बैठे अधिकारियों और सरकार के पास भी नहीं हैं। कोई तदर्थ शिक्षक नही करेगा जॉइन प्रभात त्रिपाठी ने कहा कि तदर्थ शिक्षक जिनकी सेवाएं शासनादेश से समाप्त हुई हैं, उन सभी तदर्थ शिक्षकों से अपील है कि कोई भी तदर्थ शिक्षक इस मानदेय पर नियुक्ति नही लेगा। सरकार तदर्थ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति मानदेय पर देकर पढ़वाना चाह रही है जो कि कतई स्वीकार नही। शुक्रवार को लखनऊ में तदर्थ शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आंदोलन कर रहे तदर्थ शिक्षक भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए जैसे ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय से पैदल मार्च करते हुए भाजपा कार्यालय की तरफ बढ़े। इस बीच पुलिस ने मौके पर ही सभी को रोक लिया। इसके बाद भाजपा की टोपी पहने तदर्थ शिक्षकों ने गमछा और टोपी उतार दिया। बाद में पुलिस एक प्रतिनिधिमंडल को भाजपा कार्यालय ले जाने को तैयार हुए। पुलिस प्रशासन तदर्थ शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को भाजपा कार्यालय लेकर गए। उपचुनाव में भाजपा के विरोध का किया ऐलान प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने बताया कि प्रदेश के सभी तदर्थ शिक्षकों का भारतीय जनता पार्टी से मोह भंग हो चुका हैं। यदि सरकार बहुत ही जल्दी हम लोगों के बारे में कोई निर्णय नहीं लेती हैं। तो प्रदेश के 2254 तदर्थ शिक्षक बहुत ही जल्द समाजवादी पार्टी अथवा कांग्रेस की सदस्यता को लेते हुए 2027 में INDI गठबंधन की सरकार बनाएंगे। तदर्थ शिक्षकों के संगठन मंत्री प्रभात त्रिपाठी ने बताया कि 25 से 30 साल तक वेतन पाने वाले तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करके उन्हें मामूली मानदेय दिया जा रहा हैं। जबकि पहले की सरकारों ने संविदा कर्मियों को नियमित करते हुए संपूर्ण उपलब्धियां को देने का कार्य किया हैं। 17 हजार शिक्षकों के पद हैं खाली प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक ही झटके में 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। प्रदेश में 17 हजार पद पहले से ही खाली हैं और 2254 तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई। इस बीच मार्च में लगभग 6 हजार शिक्षक रिटायर भी हो रहे हैं। ऐसे में उन स्कूलों में कैसे पढ़ाई होगी? इसका जवाब शासन में बैठे अधिकारियों और सरकार के पास भी नहीं हैं। कोई तदर्थ शिक्षक नही करेगा जॉइन प्रभात त्रिपाठी ने कहा कि तदर्थ शिक्षक जिनकी सेवाएं शासनादेश से समाप्त हुई हैं, उन सभी तदर्थ शिक्षकों से अपील है कि कोई भी तदर्थ शिक्षक इस मानदेय पर नियुक्ति नही लेगा। सरकार तदर्थ शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति मानदेय पर देकर पढ़वाना चाह रही है जो कि कतई स्वीकार नही।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर