जालंधर| जम्मू-कश्मीर के कारगिल द्रास क्षेत्र में साल 1999 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध की 25वीं बरसी पर देशभर में शहीद जवानों को याद किया गया। इस मौके पर शुक्रवार को शहर की कश्यप नौजवान धार्मिक सभा द्वारा वर्कशॉप चौक स्थित जल विलास पैलेस में आयोजित किए गए कार्यक्रम में डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह मौजूद हुए। उन्होंने वीर सैनिकों की प्रतिमाओं पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर शहीदों के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। संस्था के अध्यक्ष पवन कुमार भोंढी ने कहा कि ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख भर लो पानी’, ‘संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं’, ‘मेरे देश की धरती, सोना उगले’ जैसे गीत की यह पंक्तियां हमें कारगिल विजय दिवस की याद दिलाती हैं। जालंधर| जम्मू-कश्मीर के कारगिल द्रास क्षेत्र में साल 1999 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध की 25वीं बरसी पर देशभर में शहीद जवानों को याद किया गया। इस मौके पर शुक्रवार को शहर की कश्यप नौजवान धार्मिक सभा द्वारा वर्कशॉप चौक स्थित जल विलास पैलेस में आयोजित किए गए कार्यक्रम में डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल मनमोहन सिंह मौजूद हुए। उन्होंने वीर सैनिकों की प्रतिमाओं पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर शहीदों के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। संस्था के अध्यक्ष पवन कुमार भोंढी ने कहा कि ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख भर लो पानी’, ‘संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं’, ‘मेरे देश की धरती, सोना उगले’ जैसे गीत की यह पंक्तियां हमें कारगिल विजय दिवस की याद दिलाती हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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SIT के सामने आज बिक्रम मजीठिया की पेशी:पहुंचेंगे या नहीं, संशय बरकरार; सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर दो बार कर चुके इनकार
SIT के सामने आज बिक्रम मजीठिया की पेशी:पहुंचेंगे या नहीं, संशय बरकरार; सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर दो बार कर चुके इनकार पटियाला में जांच कमेटी (एसआईटी) के समक्ष आज मंगलवार अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया के पेश होने पर संशय बना हुआ है। 20 जुलाई को भी मजीठिया को जांच के लिए बुलाया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देते हुए बिक्रम मजीठिया ने SIT के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। मजीठिया की ओर से पटियाला में एसआईटी को भेजे गए जवाब में कहा गया है कि 23 जुलाई को नियमित जमानत को लेकर उनकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी करनी है और इसके लिए वह नई दिल्ली में हैं। जिसके चलते उनकी तारीख 23 जुलाई के बाद रखी जाए। जिसके बाद एसआईटी ने फिर 30 जुलाई के लिए दोबारा समन भेजा। एसआईटी पर भी सवाल उठा चुके बिक्रम मजीठिया वहीं, दो सप्ताह पहले मानहानी केस की सुनवाई के दौरान अमृतसर में कोर्ट में पहुंचने के बाद मजीठिया ने एसआईटी पर ही सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि एसआईटी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हाथों की कठपुतली है। गृह मंत्रालय भगवंत मान के पास है और पुलिस अधिकारियों के तबादले की जिम्मेदारी भी भगवंत मान के पास है। उनकी जांच डीजीपी स्तर से शुरू हुई और अब जांच इंस्पेक्टर स्तर तक पहुंच गई है। समन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी पिछले महीने SIT ने बिक्रम सिंह मजीठिया को नोटिस जारी किया था, तब उन्होंने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि उन्हें बार-बार समन भेजकर परेशान किया जा रहा है। हालांकि, हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। कोर्ट ने 8 जुलाई तक एसआईटी को उनसे पूछताछ करने से रोक दिया था। लेकिन जब, 8 जुलाई को दोबारा सुनवाई हुई तो SIT ने जारी समन वापस ले लिया। इसके बाद उन्हें 18 जुलाई के लिए दोबारा सम्मन जारी किया गया, लेकिन उस दिन भी उन्होंने अमृतसर में कोर्ट की तारीख की बात कह कर जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज हुआ था मामला पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह मामला 3 साल पहले कांग्रेस सरकार के दौरान 20 दिसंबर 2021 को दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 5 महीने जेल में रहने के बाद मजीठिया को 10 अगस्त 2022 को जमानत मिल गई। मजीठिया ने आरोप लगाया है कि जिस मामले में वह जेल में रहे हैं, उसमें अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। वहीं, मामले में उनसे कोई रिकवरी भी नहीं हुई है।
मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग
मंदिर हमले में कनाडा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष:भारतीय मूल के वकील ने दी याचिका, बोले-कोर्ट जांच करवाए; खालिस्तानी प्रदर्शन पर प्रतिबंध की मांग कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में किए गए उपद्रव के मामले हिंदू पक्ष ने कनाडा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय मूल के वकील विनीत जिंदल ये याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि हमने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रिचर्ड वैगनर के समक्ष अपील दायर की है। बीते दिन वकील विनीत जिंदल ने कनाडा के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की। जिसमें 3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों और अन्य व्यक्तियों की कार्रवाई की जांच का अनुरोध किया गया। याचिका में अपराधियों को जवाबदेह ठहराने और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की गई है। विनीत जिंदल ने कहा- कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है। साथ ही मांग की है कि कोर्ट द्वारा खालिस्तानियों के इस प्रदर्शन पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए। कनाडा में पहले भी मंदिरों पर हो चुके हमले कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में उच्चायोग ने हिंदू सभा मंदिर के बाहर कॉन्सुलर कैंप लगाया था। यह कैंप भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगा था। इसमें जीवन प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे खालिस्तानी वहां पहुंचे और उन्होंने लोगों पर हमला कर दिया। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है। PM मोदी ने उक्त हमले का किया था विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकती। पीएम मोदी ने लिखा था कि मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे डिप्लोमेट्स को डराने के कायरतापूर्ण प्रयास भी उतने ही निंदनीय हैं। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी। कनाडाई पीएम ने भी घटना की निंदा की थी इस बारे में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी निंदा की थी। जिसमें उन्होंने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। भारत का आरोप- वोट बैंक के लिए भारत विरोधी राजनीति कर रहे PM ट्रूडो भारत और कनाडा के बीच संबंधों में एक साल से भी ज्यादा समय से गिरावट देखी गई है। इसकी शुरुआत जून 2020 में खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई। पिछले साल सितंबर में PM ट्रूडो ने संसद में आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसी का हाथ है। इसके बाद ट्रूडो ने पिछले महीने 13 अक्टूबर निज्जर हत्याकांड में भारतीय राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत ने संजय वर्मा समेत अपने 6 राजनयिकों को वापस बुला लिया। भारत का कहना है कि कनाडा सरकार के आरोप बेबुनियाद हैं। कनाडा ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया है। वे बिना तथ्य के दावे कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार राजनीतिक लाभ उठाने के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि PM ट्रूडो की भारत से दुश्मनी लंबे समय से जारी है। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो खुले तौर पर चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं।
चंडीगढ़ में सीटीयू बस और महिंद्रा पिकअप की टक्कर:हादसे के बाद पलटी गाड़ी, शटरिंग और सामान बिखरा, पोल से टकराई बस
चंडीगढ़ में सीटीयू बस और महिंद्रा पिकअप की टक्कर:हादसे के बाद पलटी गाड़ी, शटरिंग और सामान बिखरा, पोल से टकराई बस चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर सेक्टर-51 में सीटीयू बस और महिंद्रा पिकअप के बीच जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसा इतना खरतरनाक था कि शटरिंग से भरी पिकअप सड़क पर पलट गई। सामान सड़क पर बिखर गया। गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि बस सड़क किनारे डिवाइडर पर चढ़ गई। जानी नुकसान से बचाव रहा है। हालांकि पिकअप चालक समेत दो लोग घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हालांकि अभी तक कोई केस आदि दर्ज नहीं हुआ है। बारिश के दौरान सुबह हुआ हादसा जानकारी के मुताबिक यह हादसा सुबह उस समय हुआ। जब इलाके में बारिश हो रही थी। इस दौरान सीटीयू की ऐसी बस और महिंद्रा पिकअप में टक्कर हो गई। महिंद्रा पिकअप काफी तेज थी। हादसे के बाद महिंद्रा पिकअप पलट गई। उसमें रखी शटरिंग व अन्य सामान बिखर गया। दूसरी तरफ बस चालक ने बड़ी मुश्किल से बचाव किया। साथ ही बस को रोका। बस डिवाइडर पर चढ़कर रुकी। हालांकि इस दौरान बस पोल से टकरा गई। पोल गिर गया। बस के अगले हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। यह बस चंडीगढ़ से एयरपोर्ट के बीच में चलती है। हादसे के समय की तस्वीरें कैमरे में कैद है घटना जैसे यह हादसा हुआ है, उससे तो यह साफ है दोनों वाहनों में एक तेज गति में रहा होगा। हालांकि चंडीगढ़ में सारे वाहनों के लिए स्पीड लिमिट तय है। साथ ही कैमरे में भी लगे हुए है। पुलिस का कहना है कि इस संबंधी कोई शिकायत नहीं आई है।