पिता ने अपहरण किया, मां बेटे को ढूढ़ने कोलकता पहुंची:शिक्षा मंत्रालय का अफसर बना किडनैपर, लड़कियों के साथ अफेयर से टूटा था परिवार

पिता ने अपहरण किया, मां बेटे को ढूढ़ने कोलकता पहुंची:शिक्षा मंत्रालय का अफसर बना किडनैपर, लड़कियों के साथ अफेयर से टूटा था परिवार

लखनऊ की रहने वाली शगुफ्ता के आठ साल के बेटे का अपहरण उसके पति ने ही कर लिया। बेटा स्कूल में था, पिता वहां से उसे उठा ले गया। शगुफ्ता बेटे को खोजने कोलकाता पहुंच गईं। उनका कहना है कि पति (सज्जाद) बेटे के साथ कुछ भी कर सकता है। सज्जाद दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय में ऑफिसर है। शगुफ्ता की शादी 2013 में हुई थी। वो पति के साथ दिल्ली में रहती थी। शादी के दो साल बाद पता चला कि पति का कई लड़कियों के साथ अफेयर है। इसी दौरान माहिम (शगुफ्ता का बेटा) पैदा हुआ। पति की अफेयर की वजह से शगुफ्ता और सज्जाद के बीच अक्सर विवाद होता था। शगुफ्ता कहती हैं कि कोरोना के समय मेरी एक सहेली घर आई। सज्जाद का उस लड़की के साथ भी अफेयर शुरू हो गया। पति को सहेली के साथ एक होटल में पकड़ लिया। बाद में पति तलाक का दबाब बनाने लगा। 2023 में तलाक का नोटिस भेजा। इसके बाद वह लखनऊ आई और मायके में रहने लगी। किडनैप बेटे को कोलकता में तलाश रही मां मेरा बेटा तीन दिन बाद मेरी आंखों के सामने था, लेकिन दबिश को लेकर कोलकाता के नियम-कानून पालन कराने में इतनी देर हो गई कि अपहरण करने वाले उसका पिता उसको लेकर भाग निकला। यह दर्द है लखनऊ की उस मां का, जिसके कक्षा तीन में पढ़ने वाले बेटे माहिम (8) का 16 जुलाई को लखनऊ में स्कूल के अंदर से उसके पिता ने अपहरण कर लिया था। यह पूरी घटना स्कूल के CCTV में कैद भी हुई थी। पुलिस ने पारिवारिक मामला कहा तो मां ने कहा कि इस तरह बच्चे को कोर्ट के आदेश के बाद उठा ले जाना कानूनन जुर्म। जिसके बाद मां की अधिकारियों से गुहार और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दे ने तूल पकड़ लिया और पुलिस भी सक्रिय हो गई। मां ने पुलिस के साथ कोलकाता (पति के पैतृक घर) जाकर 18 जुलाई की रात दबिश दी थी, लेकिन दूसरे प्रदेश का मामला होने के चलते परमिशन में देरी हो गई। जिसका फायदा उठाकर आरोपी बच्चे को लेकर फरार हो गया। माहिम की मां शगुफ्ता बेटे की याद में दिन रात रोया करती है। कभी उसकी बनाई रील देखती है तो कभी उसकी कापी-किताब के पन्ने पलटती रहती है। बेटे के अपहरण के पीछे की कहानी को लेकर जब हमने सगुफ्ता से बात की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए… 13 जुलाई को स्कूल से उठा ले गया पिता, स्कूल बेखबर लखनऊ के गोसाईगंज बाजार निवासी शगुफ्ता परवीन का बेटा माहिम घर के पास ही स्थित लाला गणेश प्रसाद वर्मा बालिका इंटर कॉलेज में कक्षा तीन में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ता है। उसको 16 जुलाई (मंगलवार) को स्कूल की छुट्टी के वक्त उसका पिता सज्जाद हसन मसूद हिंदी मीडियम परिसर की तरफ से लेकर भाग निकला। बच्चे के किडनैपिंग की पूरी घटना स्कूल के CCTV में कैद हुई। स्कूल प्रशासन और वहां तैनात गार्ड को इसमें कुछ अलग दिखा ही नहीं, जबकि बच्चा पिता की गोद में लगातार रो रहा था और किसी ने टोका तक नहीं। पुलिस ने कोलकाता में दी दबिश शगुफ्ता ने बताया कि बेटे के अपहरण के बाद रिश्तेदारों और परिचितों से जानकारी हुई कि पति सज्जाद बेटे का अपहरण कर अपने पैतृक घर पश्चिम बंगाल चला गया है। जिसके बाद भाई सराफुद्दीन और पुलिस टीम के साथ 18 जुलाई को ही पुलिस टीम के साथ उसके पश्चिम बंगाल के थाना भदेश्वर स्थित घर पहुंच गए। जहां मैंने अपने बेटे को घर में खेलते हुए देखा। बच्चे को पीछे के रास्ते से भगा दिया
साथ गई पुलिस टीम और घर के सामने स्थित चौकी पुलिस से बच्चे को बरामद करने की दुहाई दी, लेकिन एसपी कार्यालय से दबिश की परमिशन न मिलने के चलते तुरंत कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा यूपी पुलिस आने की खबर दूसरे पक्ष को लग गई और उन्होंने बच्चे को पीछे के रास्ते से भगा दिया। इसकी आसपास के लोगों ने भी दबी जबान से पुष्टि की। वहीं, दूसरी तरफ जब दिल्ली स्थित उसके ऑफिस से संपर्क किया तो उन्होंने उसके लंबी छुट्टी पर जाने की बात कही। बेटे के साथ आरोपी पिता ने जारी किया वीडियो
पुलिस की दबिश के बाद पिता ने बेटे के साथ एक वीडियो जारी किया है। जिसमें बेटा कहता दिख रहा है कि ‘पापा स्कूल मिलने आइए और मुझे साथ ले चलिए’। वहीं पिता का आरोप है कि शगुफ्ता के परिवार वाले बेटा देने की एवज में एक करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। वीडियो में पिता का कहना है कि मेरा बेटा मेरे साथ खुश है। मैं जान की बाजी लगाकर उसे अपने साथ लाया हूं। पहले कोर्ट से उसके सात साल का होने की वजह से कस्टडी नहीं मिली थी, लेकिन अब वो आठ साल का हो गया। वहीं अपने पति की तरफ से जारी किए गए वीडियो को लेकर बच्चे की मां शगुफ्ता ने कहा कि वह (बच्चे का पिता) बेटे के आठ साल उम्र पूरी होने का इंतजार कर था, इससे साफ है कि उसका एक साल से बेटे को उठाने का प्लान चल रहा था। दूसरी तरफ मेरे बेटा जैसा बोल रहा है, उससे साफ है कि वो पिता के साथ खुश नहीं है, उससे जबरन दबाव डालकर बुलवाया जा रहा है। मेरा बेटा जब भी प्रेशर में होता है तो उसकी आंखे जल्दी-जल्दी बंद होने लगती हैं। वीडियो में भी दिख रहा है कि बात करते समय उसकी आंखें बार-बार बंद हो रही हैं। साथ ही यदि बेटा उनके साथ रहना चाहता है पुलिस के सामने क्यों नहीं आते। बेटे को लेकर फरार क्यों हैं। वहीं वीडियो भी सीधे न भेजकर रिश्तेदारों को भेज रहा है। शिक्षा मंत्रालय दिल्ली में तैनात है आरोपी पिता
शगुफ्ता बताती हैं कि मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर ग्वालपारा अदाषी सोसाइटी निवासी पति सज्जाद हसन मसूद दिल्ली में शिक्षा मंत्रायल में सेक्शन ऑफिसर है। वह अपने पद और रसूख का फायदा उठाकर बेटे का अपहरण कर ले गया, जबकि कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उनको दी थी। वह उनको परेशान करने के लिए बच्चे के साथ कुछ भी कर सकता है। उसने इसी के चलते बेटे की किडनैपिंग की लंबे समय रहते प्लानिंग की। उसके घर से स्कूल तक के रास्तों पर नजर रखी। उसके बाद किडनैपिंग से पहले ऑफिस से लंबी छुट्टी लेकर लापता हो गया। मेरी सहेली से अफेयर, उसके लिए परिवार टूटा
शगुफ्ता का कहना है कि उनको शुरू से ही पति ने धोखा दिया। उनकी 2013 में मामा के बेटे सज्जाद हसन मसूद से निकाह हुआ था। सज्जाद की नौकरी दिल्ली में होने के चलते उसके साथ ही रहते थे। निकाह के कुछ ही दिन बाद उनके और लड़कियों से दोस्ती की बात पता चली, लेकिन इसी बीच माहिम के होने से उसकी खुशी के कारण चुप हो गई। बेटे को छोड़कर मायके जाने का दबाव बनाना
कोरोना काल में घर पर मेरी एक सहेली का आना-जाना शुरू हुआ तो पति से नाजायज संबंध बन गए। एक दिन उनके होटल की बुकिंग में उसके नाम से देखकर विरोध किया। जिसके बाद उसने मुझे बेटे को छोड़कर मायके जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। आए दिन घर में मारपीट करने लगा। करीब दो साल तक उसके टॉर्चर से परेशान होकर बेटे को लेकर जून 2023 को मायके आ गई। मायके आते ही भेजा तलाक का नोटिस
शगुफ्ता ने बताया कि पति ने टॉर्चर करने के लिए उसकी सहेली को हर जगह साथ ले जाता और विरोध पर पीटता। मायके आने के कुछ ही दिन बाद (अगस्त 2023) को तलाक का नोटिस भेज दिया। साथ ही बेटे को भेजने को लेकर दबाव बनाने लगा। उसकी इन्हीं हरकतों से तंग आकर महिला थाने में उसके खिलाफ सितंबर 2023 में मुकदमा दर्ज करा दिया। उसके बाद से उसने बेटे को हर हाल में हासिल करने की धमकी दी। आखिरकार वह कामयाब हो गया। यह कह कर शगुफ्ता फूट-फूट कर रोने लगी। उनके पिता ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया। लखनऊ की रहने वाली शगुफ्ता के आठ साल के बेटे का अपहरण उसके पति ने ही कर लिया। बेटा स्कूल में था, पिता वहां से उसे उठा ले गया। शगुफ्ता बेटे को खोजने कोलकाता पहुंच गईं। उनका कहना है कि पति (सज्जाद) बेटे के साथ कुछ भी कर सकता है। सज्जाद दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय में ऑफिसर है। शगुफ्ता की शादी 2013 में हुई थी। वो पति के साथ दिल्ली में रहती थी। शादी के दो साल बाद पता चला कि पति का कई लड़कियों के साथ अफेयर है। इसी दौरान माहिम (शगुफ्ता का बेटा) पैदा हुआ। पति की अफेयर की वजह से शगुफ्ता और सज्जाद के बीच अक्सर विवाद होता था। शगुफ्ता कहती हैं कि कोरोना के समय मेरी एक सहेली घर आई। सज्जाद का उस लड़की के साथ भी अफेयर शुरू हो गया। पति को सहेली के साथ एक होटल में पकड़ लिया। बाद में पति तलाक का दबाब बनाने लगा। 2023 में तलाक का नोटिस भेजा। इसके बाद वह लखनऊ आई और मायके में रहने लगी। किडनैप बेटे को कोलकता में तलाश रही मां मेरा बेटा तीन दिन बाद मेरी आंखों के सामने था, लेकिन दबिश को लेकर कोलकाता के नियम-कानून पालन कराने में इतनी देर हो गई कि अपहरण करने वाले उसका पिता उसको लेकर भाग निकला। यह दर्द है लखनऊ की उस मां का, जिसके कक्षा तीन में पढ़ने वाले बेटे माहिम (8) का 16 जुलाई को लखनऊ में स्कूल के अंदर से उसके पिता ने अपहरण कर लिया था। यह पूरी घटना स्कूल के CCTV में कैद भी हुई थी। पुलिस ने पारिवारिक मामला कहा तो मां ने कहा कि इस तरह बच्चे को कोर्ट के आदेश के बाद उठा ले जाना कानूनन जुर्म। जिसके बाद मां की अधिकारियों से गुहार और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दे ने तूल पकड़ लिया और पुलिस भी सक्रिय हो गई। मां ने पुलिस के साथ कोलकाता (पति के पैतृक घर) जाकर 18 जुलाई की रात दबिश दी थी, लेकिन दूसरे प्रदेश का मामला होने के चलते परमिशन में देरी हो गई। जिसका फायदा उठाकर आरोपी बच्चे को लेकर फरार हो गया। माहिम की मां शगुफ्ता बेटे की याद में दिन रात रोया करती है। कभी उसकी बनाई रील देखती है तो कभी उसकी कापी-किताब के पन्ने पलटती रहती है। बेटे के अपहरण के पीछे की कहानी को लेकर जब हमने सगुफ्ता से बात की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए… 13 जुलाई को स्कूल से उठा ले गया पिता, स्कूल बेखबर लखनऊ के गोसाईगंज बाजार निवासी शगुफ्ता परवीन का बेटा माहिम घर के पास ही स्थित लाला गणेश प्रसाद वर्मा बालिका इंटर कॉलेज में कक्षा तीन में अंग्रेजी मीडियम में पढ़ता है। उसको 16 जुलाई (मंगलवार) को स्कूल की छुट्टी के वक्त उसका पिता सज्जाद हसन मसूद हिंदी मीडियम परिसर की तरफ से लेकर भाग निकला। बच्चे के किडनैपिंग की पूरी घटना स्कूल के CCTV में कैद हुई। स्कूल प्रशासन और वहां तैनात गार्ड को इसमें कुछ अलग दिखा ही नहीं, जबकि बच्चा पिता की गोद में लगातार रो रहा था और किसी ने टोका तक नहीं। पुलिस ने कोलकाता में दी दबिश शगुफ्ता ने बताया कि बेटे के अपहरण के बाद रिश्तेदारों और परिचितों से जानकारी हुई कि पति सज्जाद बेटे का अपहरण कर अपने पैतृक घर पश्चिम बंगाल चला गया है। जिसके बाद भाई सराफुद्दीन और पुलिस टीम के साथ 18 जुलाई को ही पुलिस टीम के साथ उसके पश्चिम बंगाल के थाना भदेश्वर स्थित घर पहुंच गए। जहां मैंने अपने बेटे को घर में खेलते हुए देखा। बच्चे को पीछे के रास्ते से भगा दिया
साथ गई पुलिस टीम और घर के सामने स्थित चौकी पुलिस से बच्चे को बरामद करने की दुहाई दी, लेकिन एसपी कार्यालय से दबिश की परमिशन न मिलने के चलते तुरंत कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा यूपी पुलिस आने की खबर दूसरे पक्ष को लग गई और उन्होंने बच्चे को पीछे के रास्ते से भगा दिया। इसकी आसपास के लोगों ने भी दबी जबान से पुष्टि की। वहीं, दूसरी तरफ जब दिल्ली स्थित उसके ऑफिस से संपर्क किया तो उन्होंने उसके लंबी छुट्टी पर जाने की बात कही। बेटे के साथ आरोपी पिता ने जारी किया वीडियो
पुलिस की दबिश के बाद पिता ने बेटे के साथ एक वीडियो जारी किया है। जिसमें बेटा कहता दिख रहा है कि ‘पापा स्कूल मिलने आइए और मुझे साथ ले चलिए’। वहीं पिता का आरोप है कि शगुफ्ता के परिवार वाले बेटा देने की एवज में एक करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। वीडियो में पिता का कहना है कि मेरा बेटा मेरे साथ खुश है। मैं जान की बाजी लगाकर उसे अपने साथ लाया हूं। पहले कोर्ट से उसके सात साल का होने की वजह से कस्टडी नहीं मिली थी, लेकिन अब वो आठ साल का हो गया। वहीं अपने पति की तरफ से जारी किए गए वीडियो को लेकर बच्चे की मां शगुफ्ता ने कहा कि वह (बच्चे का पिता) बेटे के आठ साल उम्र पूरी होने का इंतजार कर था, इससे साफ है कि उसका एक साल से बेटे को उठाने का प्लान चल रहा था। दूसरी तरफ मेरे बेटा जैसा बोल रहा है, उससे साफ है कि वो पिता के साथ खुश नहीं है, उससे जबरन दबाव डालकर बुलवाया जा रहा है। मेरा बेटा जब भी प्रेशर में होता है तो उसकी आंखे जल्दी-जल्दी बंद होने लगती हैं। वीडियो में भी दिख रहा है कि बात करते समय उसकी आंखें बार-बार बंद हो रही हैं। साथ ही यदि बेटा उनके साथ रहना चाहता है पुलिस के सामने क्यों नहीं आते। बेटे को लेकर फरार क्यों हैं। वहीं वीडियो भी सीधे न भेजकर रिश्तेदारों को भेज रहा है। शिक्षा मंत्रालय दिल्ली में तैनात है आरोपी पिता
शगुफ्ता बताती हैं कि मूल रूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर ग्वालपारा अदाषी सोसाइटी निवासी पति सज्जाद हसन मसूद दिल्ली में शिक्षा मंत्रायल में सेक्शन ऑफिसर है। वह अपने पद और रसूख का फायदा उठाकर बेटे का अपहरण कर ले गया, जबकि कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उनको दी थी। वह उनको परेशान करने के लिए बच्चे के साथ कुछ भी कर सकता है। उसने इसी के चलते बेटे की किडनैपिंग की लंबे समय रहते प्लानिंग की। उसके घर से स्कूल तक के रास्तों पर नजर रखी। उसके बाद किडनैपिंग से पहले ऑफिस से लंबी छुट्टी लेकर लापता हो गया। मेरी सहेली से अफेयर, उसके लिए परिवार टूटा
शगुफ्ता का कहना है कि उनको शुरू से ही पति ने धोखा दिया। उनकी 2013 में मामा के बेटे सज्जाद हसन मसूद से निकाह हुआ था। सज्जाद की नौकरी दिल्ली में होने के चलते उसके साथ ही रहते थे। निकाह के कुछ ही दिन बाद उनके और लड़कियों से दोस्ती की बात पता चली, लेकिन इसी बीच माहिम के होने से उसकी खुशी के कारण चुप हो गई। बेटे को छोड़कर मायके जाने का दबाव बनाना
कोरोना काल में घर पर मेरी एक सहेली का आना-जाना शुरू हुआ तो पति से नाजायज संबंध बन गए। एक दिन उनके होटल की बुकिंग में उसके नाम से देखकर विरोध किया। जिसके बाद उसने मुझे बेटे को छोड़कर मायके जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। आए दिन घर में मारपीट करने लगा। करीब दो साल तक उसके टॉर्चर से परेशान होकर बेटे को लेकर जून 2023 को मायके आ गई। मायके आते ही भेजा तलाक का नोटिस
शगुफ्ता ने बताया कि पति ने टॉर्चर करने के लिए उसकी सहेली को हर जगह साथ ले जाता और विरोध पर पीटता। मायके आने के कुछ ही दिन बाद (अगस्त 2023) को तलाक का नोटिस भेज दिया। साथ ही बेटे को भेजने को लेकर दबाव बनाने लगा। उसकी इन्हीं हरकतों से तंग आकर महिला थाने में उसके खिलाफ सितंबर 2023 में मुकदमा दर्ज करा दिया। उसके बाद से उसने बेटे को हर हाल में हासिल करने की धमकी दी। आखिरकार वह कामयाब हो गया। यह कह कर शगुफ्ता फूट-फूट कर रोने लगी। उनके पिता ने उन्हें समझा बुझाकर शांत कराया।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर