राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्रों को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिए हैं। उन्होंने संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान संत सीचेवाल ने किसानों की मांगें मानने की अपील की है। संत सीचेवाल ने कहा कि किसान और मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्र में उनकी मांगें जायज हैं और पंजाब तथा देश के हित में हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि डेढ़ साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी केंद्र सरकार ने किसानों की जो मांगें मानी थीं, उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते किसान और मजदूर फिर से संघर्ष की राह पर हैं। खेतों में काम करने का माहौल बनाया जाए उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की कि किसानों और मजदूरों को सड़कों पर रोका न जाए, बल्कि उनके लिए खेतों में ही काम करने का माहौल बनाया जाए, ताकि वह खाद्यान्न उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर सकें। किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों के आपसी रिश्ते इस देश की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसकी जनसंख्या का बड़ा भाग कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पंजाब और देश के किसान और मजदूर बहुत मेहनती हैं। वह अपने खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके श्रम का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। क्योंकि उन्हें फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और इन मांगों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ेगी। मांग पत्र सौंपने वाले संगठनों में किसान यूनियन पंजाब, संयुक्त किसान मोर्चा सुल्तानपुर लोधी कपूरथला और अन्य संगठन शामिल थे। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्रों को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंप दिए हैं। उन्होंने संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान संत सीचेवाल ने किसानों की मांगें मानने की अपील की है। संत सीचेवाल ने कहा कि किसान और मजदूर संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। विभिन्न किसान संगठनों द्वारा दिए गए मांग पत्र में उनकी मांगें जायज हैं और पंजाब तथा देश के हित में हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि डेढ़ साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान भी केंद्र सरकार ने किसानों की जो मांगें मानी थीं, उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। जिसके चलते किसान और मजदूर फिर से संघर्ष की राह पर हैं। खेतों में काम करने का माहौल बनाया जाए उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की कि किसानों और मजदूरों को सड़कों पर रोका न जाए, बल्कि उनके लिए खेतों में ही काम करने का माहौल बनाया जाए, ताकि वह खाद्यान्न उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर सकें। किसानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों के आपसी रिश्ते इस देश की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसकी जनसंख्या का बड़ा भाग कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पंजाब और देश के किसान और मजदूर बहुत मेहनती हैं। वह अपने खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन फिर भी उनके श्रम का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। क्योंकि उन्हें फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और इन मांगों के समाधान की दिशा में आगे बढ़ेगी। मांग पत्र सौंपने वाले संगठनों में किसान यूनियन पंजाब, संयुक्त किसान मोर्चा सुल्तानपुर लोधी कपूरथला और अन्य संगठन शामिल थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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