देश में तेलंगाना, झारखंड सहित 9 राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की गई है। उत्तर प्रदेश के बरेली से 8 बार के सांसद रहे संतोष कुमार गंगवार को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है। अब सबकी नजर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल पर है कि कौन होगा? बता दें की उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है। यूपी में अब तक किसी भी गवर्नर को दोबारा मौका नहीं मिला है। माना जा रहा है कि अगले 3 महीने के लिए आनंदीबेन पटेल को सेवा विस्तार दिया जा सकता है। देश में तेलंगाना, झारखंड सहित 9 राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की गई है। उत्तर प्रदेश के बरेली से 8 बार के सांसद रहे संतोष कुमार गंगवार को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया है। अब सबकी नजर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल पर है कि कौन होगा? बता दें की उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है। यूपी में अब तक किसी भी गवर्नर को दोबारा मौका नहीं मिला है। माना जा रहा है कि अगले 3 महीने के लिए आनंदीबेन पटेल को सेवा विस्तार दिया जा सकता है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
Gomti Pustak Mahotsav में बोले सीएम योगी- टेक्नोलॉजी के दास न बनें, पुस्तकों की ओर लौटें
Gomti Pustak Mahotsav में बोले सीएम योगी- टेक्नोलॉजी के दास न बनें, पुस्तकों की ओर लौटें <p>उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोमती रिवर फ्रंट पार्क में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन किया. यह महोत्सव नेशनल बुक ट्रस्ट और लखनऊ विकास प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया जा रहा है, जो 9 से 17 नवंबर तक चलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर बच्चों से पाठ्यक्रम के साथ-साथ रचनात्मक और ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने की अपील की.</p>
<p>मुख्‍यमंत्री ने कहा कि सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि अच्छी किताबें पढ़ें और उनसे अच्छी बातें सीखें. उन्‍होंने सभी बच्चों से मेले में एक-एक पुस्तक खरीदने का अनुरोध किया, ताकि उनमें पुस्तक पढ़ने की आदत विकसित हो सके. मुख्यमंत्री ने डिजिटल युग के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा 24 घंटों में से लगभग 6 घंटे स्मार्टफोन या अन्य डिजिटल डिवाइस पर व्यतीत कर रहे हैं. अगर इस समय का उपयोग किसी सार्थक कार्य में किया जाए, तो यह समाज और युवा दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमें तकनीक का उपयोग करना चाहिए, न कि उसका गुलाम बनना चाहिए.</p>
<p><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/11/09/c37a1f0eccef8bb92a6f63559dfbc6fd1731175297471369_original.jpg” /></p>
<p>मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारत की श्रुति परंपरा का महत्व बहुत गहरा है. नैमिषारण्य जैसे पवित्र स्थानों पर ऋषियों ने ज्ञान को लिपिबद्ध किया, जिससे वह एक तीर्थ स्थल बन गया. उन्होंने कहा कि हमारे देश में सुनना, मनन करना और उसे आचरण में उतारना एक परंपरा रही है. आज हमें फिर से इस परंपरा को जीवंत करना होगा.</p>
<p><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/modi-government-gave-more-than-one-billion-six-crore-gifts-to-farmers-for-pradhan-mantri-fasal-bima-yojana-2819952″><strong>यूपी उपचुनाव के बीच किसानों को एक अरब छह करोड़ से अधिक का तोहफा, जानें किसे होगा फायदा</strong></a></p>
<p><strong>उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है- सीएम योगी<br /></strong><a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>सीएम योगी आदित्यनाथ</a> ने कहा कि उत्तर प्रदेश सौभाग्यशाली है कि यहां महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास जैसे महान कवि हुए. उन्होंने महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इसे घर-घर में गाया जाता है. उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्ध भूमि में भी ज्ञान की सर्वश्रेष्ठ कृति रची गई थी. हमें अपनी इस महान परंपरा पर गर्व करना चाहिए और इसे संजोए रखना चाहिए. मुख्यमंत्री ने नेशनल बुक ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों में ऐसे पुस्तक मेलों का आयोजन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के मेलों से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचेगा और लोगों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ेगी.</p>
<p>मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें डिजिटल डिवाइस पर बिताए जाने वाले समय को कम करके पुस्तकों के अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी सोच को विस्तार देती हैं और हमें समाज के प्रति जागरूक बनाती हैं. हमें अपनी नई पीढ़ी को इस दिशा में प्रेरित करना होगा.</p>
<p>गोमती पुस्तक महोत्सव के इस तृतीय संस्करण में लेखक, समाज के सुधिजन और पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे. मेले में बुक स्टॉलों पर मुख्यमंत्री ने स्वयं जाकर पुस्तकों का अवलोकन किया और आयोजकों को इस अभिनव प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं.</p>
<p>— आईएएनएस</p>
<p>विकेटी/सीबीटी</p>
आज कानपुर को मिलेगी चौथी वंदे भारत:अब आगरा जाने में लगेंगे सवा 3 घंटे; प्रधानमंत्री वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे
आज कानपुर को मिलेगी चौथी वंदे भारत:अब आगरा जाने में लगेंगे सवा 3 घंटे; प्रधानमंत्री वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे कानपुर को आज चौथी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने आगरा-वाराणसी-आगरा के मध्य वन्दे भारत एक्सप्रेस के संचालन को हरी झंडी दी है। इस ट्रेन को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भी ठहराव दिया गया है। ट्रेन को 16 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। 3 घंटे समय की होगी बचत
आगरा वाराणसी वन्दे भारत एक्सप्रेस 573 किलोमीटर की दूरी सात घंटे में तय करेगी। अभी इस इस सफर को तय करने में दस घंटे से भी अधिक का समय लगता है। रेलवे जल्द ही इस ट्रेन का किराया व नियमित संचालन की तिथि घोषित करेगा। आगरा-वाराणसी वन्दे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 160 किलोमीटर व औसत गतित 81.66 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। उद्घाटन वाले दिन सोमवार को यह ट्रेन आगरा से चलकर शामकरीब 7.50 बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचकर पांच मिनट बाद 7.55 बजे रवाना होगी। ट्रेन कब भरेगी रफ्तार, तय नहीं
वाराणसी-आगरा वन्दे भारत एक्सप्रेस में कुल 8 कोच होंगे। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नियमित तौर पर यह ट्रेन कब से रफ्तार भरना शुरू करेगी। पहले दिन इसका संचालन बिना शेड्यूल के किया जाएगा। इस बाबत उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशिकान्त त्रिपाठी ने बताया कि आगरा वन्दे भारत के नियमित संचालन संबंधी अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है। यह होगा वन्दे भारत एक्सप्रेस का समय
-आगरा से वन्दे भारत एक्सप्रेस सुबह 6 बजे रवाना होकर 6.48 बजे टूण्डला पहुंचेगी, यहां से दो मिनट बाद 6.50 बजे रवाना होगी। इसके बाद सुबह 7.40 बजे इटावा पहुंचकर दो मिनट बाद 7.42 बजे रवाना होगी।
-वन्दे भारत का कानपुर पहुंचने का समय होगा सुबह 9.15 बजे का, जबकि रवाना होने का समय होगा सुबह 9.20 बजे का। यह ट्रेन सुबह 11.25 बजे प्रयागराज पहुंचकर पांच मिनट बाद 11.30 बजे रवाना होगी व दोपहर 1 बजे वारणसी जंक्शन पहुंचेगी।
-आगरा के लिए वन्दे भारत एक्सप्रेस वाराणसी जंक्शन से दोपहर 3.20 बजे रवाना होगी। शाम 4.50 बजे प्रयागराज पहुंचकर 4.55 बजे रवाना होगी। शाम 6.57 बजे कानपुर सेंट्रल आकर 7.02 बजे चलेगी।
-ट्रेन रात 8.17 बजे इटावा पहुंचके दो मिनट बाद 8.19 बजे चलेगी। रात 9.32 बजे टूण्डला पहुंचकर 9.34 बजे चलेगी। रात 10.20 बजे आगरा पहुंचेगी।
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की योजना रद्द, दान लेना बंद, किसने ने किया था इसका विरोध?
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की योजना रद्द, दान लेना बंद, किसने ने किया था इसका विरोध? <p style=”text-align: justify;”><strong>Kedarnath Temple Delhi:</strong> दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण की योजना रदद कर दी गई है. केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की अध्यक्ष सुमन मित्तल ने बताया कि केदारनाथ की प्रतिकृति निर्माण को लेकर खासा विवाद हुआ था. इस बात को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. दिल्ली के बुराड़ी में मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण से जुड़े केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की अध्यक्ष सुमन मित्तल ने के मुताबिक, “उत्तराखंड के कुछ लोगों द्वारा मंदिर निर्माण को लेकर सख्त आपत्ति जताए जाने के कारण हमने मंदिर को न बनाने का निर्णय लिया है. हमने सोचा है कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, “हम अब उस नाम से कोई मंदिर नहीं बना रहे हैं.” सुमन मित्तल ने बताया कि ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण के लिए क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन दान लेना भी बंद कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरोध में कांग्रेस ने निकाली थी पदयात्रा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिमालयी धाम के पुजारियों ने राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी में मंदिर बनाए जाने का यह कहते हुए विरोध किया था कि केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इसकी कहीं और प्रतिकृति बनाना सदियों पुराने मंदिर का अपमान होगा. इस मंदिर के निर्माण के विरोध में कांग्रेस ने हरिद्वार में हर की पौड़ी से पदयात्रा भी निकाली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बुराड़ी में मंदिर बनाने की थी योजना </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि दिल्ली के हिरनकी (बुराड़ी) में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट, बुराड़ी द्वारा तीन एकड़ भूमि पर केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने का काम शुरू किया गया था. प्रतिकृत बनाने का निर्णय इसलिए लिया गया था कि उत्तराखंड में मूल केदारनाथ धाम हर साल खराब मौसम के कारण छह महीने के लिए बंद रहता है. यही वजह है कि प्रतिकृति को मूल केदारनाथ मंदिर के समान ही वास्तुकला और सामग्री का उपयोग करके बनाने की योजना थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रस्ट के संस्थापक-अध्यक्ष सुरिंदर रौतेला जमीन के मालिक हैं. उन्होंने लगभग 12 करोड़ रुपये की निर्माण लागत वहन करने का भरोसा दिया था. केदारनाथ मंदिन की प्रतिकृति 2026 के अंत तक बनकर तैयार होना था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”Delhi Weather: दिल्ली में IMD ने जारी किया येलो अलर्ट, चलेंगी तेज हवाएं, जानें- अगले तीन दिनों तक कैसा रहेगा मौसम?” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/delhi-ncr-delhi-weather-update-today-imd-alert-strong-wing-and-rain-2769745″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: दिल्ली में IMD ने जारी किया येलो अलर्ट, चलेंगी तेज हवाएं, जानें- अगले तीन दिनों तक कैसा रहेगा मौसम?</a></p>