केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से संसद में की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा स्पीकर को शिकायत भरा खत लिखा गया है। बिट्टू के अलावा इस लेटर में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन संह और निशिकांत दुबे की भी शिकायत की गई है। यह शिकायत असम के जोरहाट से सांसद गौरव गोगोई की तरफ से की गई है। सांसद गोगाई ने शिकायत में लिखा है कि लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि मौजूदा मानसून सत्र के कई उदाहरणों से पता चलता है। अक्सर सरकार के मंत्री ही विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ असंसदीय, आपत्तिजनक और धमकीभरी टिप्पणी करते हैं। मैं तीन उदाहरणों पर प्रकाश डालना चाहूंगा- 26 जुलाई: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं, के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सोनिया का जिक्र करते हुए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: सदन में उनके हस्तक्षेप के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने घोर सांप्रदायिक भाषा का प्रयोग किया। संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं, मर्यादाओं की अनदेखी हुई गोगोई ने कहा कि, संसदीय कार्य मंत्री सदन में मौजूद होने के बावजूद इन घटनाओं के दौरान अपने सहयोगियों पर लगाम नहीं लगा सके, जिसे देख निराशा हुई। सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार सक्रिय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस सरकार ने संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं और मर्यादाओं की लगातार अनदेखी की है। जिससे विपक्ष की आवाज के लिए कोई जगह नहीं बची है। आचार संहिता का पालन करना आवश्यक सदन का प्रत्येक सदस्य अपने मतदाताओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की समान जिम्मेदारी रखता है। मतभेद के कारण अनादर नहीं होना चाहिए। सदन के संरक्षक के रूप में, हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप आचार संहिता का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, को संसद के मानदंडों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्रवाई की रखी मांग गोगोई ने अपनी शिकायत में उक्त मंत्रियों व सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। आशा करते हैं कि आप संसद सदस्यों के खिलाफ ऐसे निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से संसद में की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा स्पीकर को शिकायत भरा खत लिखा गया है। बिट्टू के अलावा इस लेटर में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन संह और निशिकांत दुबे की भी शिकायत की गई है। यह शिकायत असम के जोरहाट से सांसद गौरव गोगोई की तरफ से की गई है। सांसद गोगाई ने शिकायत में लिखा है कि लोकसभा में संसदीय आचरण के गिरते मानकों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं। जैसा कि मौजूदा मानसून सत्र के कई उदाहरणों से पता चलता है। अक्सर सरकार के मंत्री ही विपक्षी दलों के सदस्यों के खिलाफ असंसदीय, आपत्तिजनक और धमकीभरी टिप्पणी करते हैं। मैं तीन उदाहरणों पर प्रकाश डालना चाहूंगा- 26 जुलाई: केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो सदन के सदस्य नहीं हैं, के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य सोनिया का जिक्र करते हुए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। 25 जुलाई: सदन में उनके हस्तक्षेप के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने घोर सांप्रदायिक भाषा का प्रयोग किया। संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं, मर्यादाओं की अनदेखी हुई गोगोई ने कहा कि, संसदीय कार्य मंत्री सदन में मौजूद होने के बावजूद इन घटनाओं के दौरान अपने सहयोगियों पर लगाम नहीं लगा सके, जिसे देख निराशा हुई। सदन का सुचारू संचालन सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि सरकार सक्रिय और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस सरकार ने संसद की प्रक्रियाओं, परंपराओं और मर्यादाओं की लगातार अनदेखी की है। जिससे विपक्ष की आवाज के लिए कोई जगह नहीं बची है। आचार संहिता का पालन करना आवश्यक सदन का प्रत्येक सदस्य अपने मतदाताओं की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की समान जिम्मेदारी रखता है। मतभेद के कारण अनादर नहीं होना चाहिए। सदन के संरक्षक के रूप में, हम आपसे अपेक्षा करते हैं कि आप आचार संहिता का पालन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी सदस्य, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, को संसद के मानदंडों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्रवाई की रखी मांग गोगोई ने अपनी शिकायत में उक्त मंत्रियों व सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं। आशा करते हैं कि आप संसद सदस्यों के खिलाफ ऐसे निंदनीय बयान देने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
लुधियाना में एक्टिवा सवार युवती की चेन झपटी,VIDEO:श्रीगुरुद्वारा साहिब में माथा टेका, लेने जा रही थी वीजा, विदेश जाने की कर रही तैयारी
लुधियाना में एक्टिवा सवार युवती की चेन झपटी,VIDEO:श्रीगुरुद्वारा साहिब में माथा टेका, लेने जा रही थी वीजा, विदेश जाने की कर रही तैयारी लुधियाना में आज दोपहर ट्यूशन मार्केट में एक्टिवा सवार युवती की बाइक सवार झपटमार ने चेन झपट ली। बदमाश वारदात को अंजाम देकर फरार हो गया। घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में वारदात कैद हो गई। पीड़ित युवती का नाम ज्योति है। वह गुरुद्वारा साहिब से माथा टेक कर ट्यूशन सेंटर मार्केट में जा रही थी। वीजा लेने जा रही थी ट्यूशन मार्केट जानकारी देते हुए पीड़ित युवती ज्योति की मां आशा ने बताया कि उसकी बेटी का विदेश जाने के लिए वीजा लगा हुआ था। आज वह वीजा लेने के लिए गुरुद्वारा साहिब से माथा टेक कर जा रही थी। कुछ दूरी से एक बाइक सवार काली टोपी पहने युवक उसका पीछा कर रहा था। ट्यूशन मार्केट पहुंचने से पहले ही उक्त युवक ने उसकी चेन झपट ली। 1 तोले की थी चेन आशा ने बताया कि उसकी बेटी के चैन करीब 1 तोला की थी। झपटमार ने जब चेन छीनी तो इस दौरान उसकी बेटी की एक्टिवा का संतुलन भी खो गया। उनकी बेटी ने बदमाश का पीछा भी करने की कोशिश की, लेकिन वह फरार हो गया। घटना स्थल पर थाना माडल टाउन की पहुंच पहुंची। ASI जसपाल सिंह ने कहा कि आरोपी को सीसीटीवी के आधार पर पकड़ लिया जाएगा। बदमाश ने सिर पर काले रंग की टोपी पहनी है। पुलिस कंट्रोल रुम भी सूचित कर दिया है।
30 सेकेंड में सर्वाधिक दूध पीने वाले को इनाम
30 सेकेंड में सर्वाधिक दूध पीने वाले को इनाम लुधियाना|प्रशासन की ओर से शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर पीएयू परिसर में 28 सितंबर को प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 30 सेकेंड में सर्वाधिक दूध की बोतल पीने वाले को प्रथम पुरस्कार मिलेगा। सर्वोत्तम पगड़ी, चित्रकला प्रतियोगिता के भी विजेता को पुरस्कार मिलेगा। 29 सितंबर को मॉल रोड से फोर्टिस अस्पताल, चंडीगढ़ रोड तक साइकिल रैली निकाली जाएगी। सर्वश्रेष्ठ पगड़ी प्रतियोगिता(केवल भगवा रंग की पगड़ी) भी होगी।