पंजाब के फिल्लौर स्थित गांव लसाड़ा के प्राइमरी स्कूल में एक अध्यापक द्वारा बच्चों को होमवर्क न करने पर बेरहमी से पीटने के मामले पर पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने खुद संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में एसएसपी जालंधर (ग्रामीण) को पत्र लिखकर नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है। पुलिस से इस संबंधी 30 जुलाई तक एक्शन रिपोर्ट मांगी है। 8 से 10 साल के बच्चे मारे थे पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने बताया कि मीडिया में इस बारे में खबरें आई हैं। गांव लसाड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिवारिक सदस्यों ने आरोप लगाया है कि होमवर्क पूरा न करने पर वहां के अध्यापक ने बच्चों को थप्पड़ मारे और डंडों से पीटा। इस घटना में 8 साल और 10 साल के बच्चे शामिल है। जिसके बाद रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के फिल्लौर स्थित गांव लसाड़ा के प्राइमरी स्कूल में एक अध्यापक द्वारा बच्चों को होमवर्क न करने पर बेरहमी से पीटने के मामले पर पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने खुद संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में एसएसपी जालंधर (ग्रामीण) को पत्र लिखकर नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है। पुलिस से इस संबंधी 30 जुलाई तक एक्शन रिपोर्ट मांगी है। 8 से 10 साल के बच्चे मारे थे पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने बताया कि मीडिया में इस बारे में खबरें आई हैं। गांव लसाड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के परिवारिक सदस्यों ने आरोप लगाया है कि होमवर्क पूरा न करने पर वहां के अध्यापक ने बच्चों को थप्पड़ मारे और डंडों से पीटा। इस घटना में 8 साल और 10 साल के बच्चे शामिल है। जिसके बाद रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त साहिब पहुंचे:जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का था आदेश; कहा- जो सजा देंगे, सिर निवा कर मानूंगा
बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त साहिब पहुंचे:जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का था आदेश; कहा- जो सजा देंगे, सिर निवा कर मानूंगा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों के बाद गुरुवार को बिक्रम सिंह मजीठिया श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर बिक्रम मजीठिया ने माफी मांगी। बिक्रम मजीठिया भी उन 17 पूर्व मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें श्री अकाल तख्त साहिब ने 15 दिनों में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। मजीठिया ने कहा कि उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। बिक्रम मजीठिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने के लिए मना कर दिया। उनसे अकाली दल में चल रही अंतर-कलह के बारे में बात की गई थी। इस दौरान उनसे अन्य 16 पूर्व मंत्रियों के बारे में भी पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपनी बात कर सकते हैं। वे आज निमाने सिख की तरह श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे हैं और उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने बागी गुट व अन्य को सलाह भी दी कि श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरु साहिब खुद मौजूद हैं। ऐसे में उनके सामने कोई चालाकी ना करें और निमाने सिख की तरह आकर पेश हों। लेटर में बिक्रम मजीठिया सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल व बिक्रम मजीठिया सहित डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत सिंह बादल, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। बेअदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को काफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”
कपूरथला के MLA राणा की RSL पर सेबी का नोटिस:63 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया; 45 दिन का टाइम दिया
कपूरथला के MLA राणा की RSL पर सेबी का नोटिस:63 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया; 45 दिन का टाइम दिया कपूरथला के MLA और कांग्रेसी नेता राणा गुरजीत सिंह सहित के परिवार को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने बड़ा झटका दिया है। जिससे राणा परिवार की आधिपत्य वाली राणा शुगर लिमिटेड (RSL) की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। सेबी ने RSL के निदेशक मंडल सहित पांच फर्मों को दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं RSL सहित 6 फर्मों, चेयरमैन, एमडी, डायरेक्टर और प्रमोटर, राणा परिवार के सदस्य पर 63 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया। सेबी के MD की तरफ से जारी फाइनल ऑर्डर में 45 दिन के अंदर राशि का ऑनलाइन भुगतान करने का निर्देश भी दिया गया है। साथ ही RSL को पांच फर्मों से 15 करोड़ रुपए की जुर्माना राशि 60 दिन में रिकवर करने के भी आदेश जारी किए हैं। SEBI के मुख्य महाप्रबंधक जी रामर की ओर से 27 अगस्त को एक फाइनल ऑर्डर जारी किया गया। इसमें RSLके प्रमोटर्स से संबंधित संस्थाओं की ओर से RSL से फंड के डायवर्जन, RSL के वित्तीय विवरणों में गलत बयानी समेत कई कार्रवाई में आरोपी पाया गया। जिससे सेबी एक्ट-1992, सेबी के पीएफयूटीपी रेगुलेशन-2003 और एलओडीआर रेगुलेशन-2015 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है। इसकी जांच अवधि वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2020-21 तक मानी गई है। कंपनी पर कमाई को डायवर्ट की योजना थी
SEBI की जांच में आरोप लगाया गया कि कंपनी ने अपने प्रबंध निदेशक, अध्यक्ष और परिवार के अन्य सदस्यों सहित अपने प्रमोटर निदेशकों के साथ मिलकर आरएसएल के प्रबंध निदेशक और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित कुछ निजी सीमित कंपनियों का उपयोग करके कंपनी की कमाई को डायवर्ट करने की योजना तैयार की थी। इन निजी कंपनियों को संबंधित पक्ष के रूप में नहीं दिखाया गया, भले ही ये अप्रत्यक्ष रूप से आरएसएल के प्रमोटरों ने इसके प्रबंध निदेशक सहित नियंत्रित थीं। परिणामस्वरूप इन निजी कंपनियों के साथ लेनदेन को भी संबंधित पक्ष के लेनदेन के रूप में नहीं दिखाया गया। इस पर सेबी ने आरएसएल के एमडी-कम-प्रमोटर इंद्र प्रताप सिंह राणा, चेयरमैन-कम-प्रमोटर रणजीत सिंह राणा, डायरेक्टर-कम-प्रमोटर वीर प्रताप सिंह राणा, गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर राणा, प्रीत इंद्र सिंह राणा, सुखजिंदर कौर(राणा परिवार सदस्य), मनोज गुप्ता और पांच फर्म फ्लालेस ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड, सेंचुरी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, जेआर बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, आरजे टैक्स फैब प्राइवेट लिमिटेड, आरजीएस ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्टॉक मार्केट में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इन सभी को इस आदेश के लागू होने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज मार्केट से खरीद, बिक्री या अन्यथा लेनदेन करने या किसी भी तरह से बाजार से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। राणा परिवार के 8 लोगों पर प्रतिबंध
SEBI चीफ की तरफ से जारी ऑर्डर में RSL के एमडी-कम-प्रमोट इंद्र प्रताप सिंह राणा, चेयरमैन-कम-प्रमोटर रणजीत सिंह राणा, डायरेक्टर-कम-प्रमोटर वीर प्रताप सिंह राणा, गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर राणा, प्रीत इंद्र सिंह राणा, सुखजिंदर कौर को दो साल के के लिए किसी अन्य सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति के रूप में कोई भी पद धारण करने से भी प्रतिबंधित किया गया है। 45 दिन में 63 करोड़ के भुगतान के भी आदेश
SEBI ने नोटिस के मिलने से 45 दिन के भीतर आरएसएल समेत छह फर्मों और राणा परिवार के आठ सदस्यों व एक अन्य व्यक्ति पर लगे 63 करोड़ रुपए के जुर्माने की राशि के ऑनलाइन भुगतान के आदेश जारी किए हैं। जानकारी अनुसार राणा शुगर लिमिटेड को 7 करोड़, इंद्रप्रताप सिंह राणा को 9 करोड़, रणजीत सिंह राणा को 5 करोड़, वीरप्रताप सिंह राणा को 5 करोड़, गुरजीत सिंह राणा को 4 करोड़, करणप्रताप सिंह राणा को 4 करोड़, राजबंस कौर को 4 करोड़, प्रीत इंद्र सिंह राणा को 3 करोड़, सुखजिंदर कौर को 3 करोड़, मनोज गुप्ता को 4 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
अमृतसर में SGPC अध्यक्ष का आरोप:समिति चुनाव में पंथ विरोधी ताकत कर रही हस्तक्षेप, पैसे देकर खरीदे जा रहे उम्मीदवार
अमृतसर में SGPC अध्यक्ष का आरोप:समिति चुनाव में पंथ विरोधी ताकत कर रही हस्तक्षेप, पैसे देकर खरीदे जा रहे उम्मीदवार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के वार्षिक चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सरकार द्वारा प्रायोजित सिख संगठन के लिए शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और पंथ विरोधी ताकतों के कब्जे की साजिश की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इल्जाम लगाया कि एक सांसद की ओर से उम्मीदवारों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। शिरोमणि कमेटी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए एडवोकेट धामी ने कहा कि कई कुर्बानियों के बाद अस्तित्व में आए सिख संगठन के प्रबंधन पर कब्जा करने के लिए पंथ विरोधी ताकतें तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं, जिससे खालसा पंथ को एकता के साथ सचेत रहने की जरूरत है। सिखों ने इतिहास में कठिन समय देखा : धामी एडवोकेट धामी ने कहा कि सिखों ने इतिहास में बहुत कठिन समय देखा है, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि शिरोमणि कमेटी के पदाधिकारियों के चुनाव को प्रभावित करने के लिए पैसे से सदस्यों को खरीदने की कोशिश की गई हो। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आरएसएस और पंथ विरोधी ताकतें शिरोमणि कमेटी के पदाधिकारियों के चुनाव में सीधा हस्तक्षेप करके शिरोमणि कमेटी के सदस्यों को अकाली दल के उम्मीदवार के खिलाफ करने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से जुड़े लोग भी एक गुट को मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। एडवोकेट धामी ने तख्त श्री पटना साहिब, तख्त श्री हजूर साहिब, दिल्ली और हरियाणा कमेटी जैसे सिख संगठनों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन सिख संगठनों को पहले से ही सरकारी हस्तक्षेप से भाजपा और आरएसएस और अब पंजाब में संप्रदाय विरोधियों द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है। आंतरिक तख्त साहिब और सिखों की प्रतिनिधि संस्था शिरोमणि कमेटी की व्यवस्था के लिए बनाए जा रहे हैं। उन्होंने खालसा पंथ और सभी शिरोमणि समिति के सदस्यों से एकजुट होने और पंथ विरोधी ताकतों की रणनीति से सावधान रहने का आग्रह किया है। पंथ की भावना का प्रतिनिधित्व करने पर दिया धन्यवाद पिछले दिनों खुद को कमजोर अध्यक्ष कहे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एडवोकेट धामी ने कहा कि वह भय और विनम्रता के साथ गुरु साहिब की सेवा करने में विश्वास रखते हैं और अगर किसी को यह कमजोरी महसूस होती है, तो यह उनकी अपनी बुद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि वह अपना स्वभाव छोड़कर सभी का सम्मान नहीं कर सकते। शिरोमणि समिति अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को पंथ विरोधी ताकतों को दृढ़ता से जवाब देने और अटल रहने और पंथ की भावना का प्रतिनिधित्व करने के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, महासचिव भाई राजिंदर सिंह मेहता, पूर्व अध्यक्ष स. अलविंदरपाल सिंह पखोके, सदस्य भाई स. सुरजीत सिंह भिट्टेवाड, गुरबचन सिंह करमुनवाला, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, सीनियर। बलजीत सिंह जलालूसमान, स. अमरजीत सिंह बंडाला, स. बावा सिंह गुमानपुरा, स. अमरीक सिंह विचोआ, स. गुरिंदरपाल सिंह गोरा, स. गुरनाम सिंह जस्सल, स. अमरजीत सिंह बलियापुर, स. हरजाप सिंह सुल्तानविंड, भाई राम सिंह, स. मंगविंदर सिंह खापरखेड़ी, बाबा निर्मल सिंह नौशेरा ढाला, स. सुरजीत सिंह तुगलवाल, बीबी जसबीर कौर जफरवाल, स. सुखवर्ष सिंह पन्नू, ओएसडी सतबीर सिंह धामी, सचिव बलविन्दर सिंह काहलवां, स. गुरिंदर सिंह मथरेवाल, उप सचिव जसविंदर सिंह जस्सी, स. शाहबाज सिंह, अधीक्षक एस. निशान सिंह आदि मौजूद थे।