हरियाणा के पलवल में कुख्यात गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया के नाम पर व्यक्ति से 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। पैसे न देने पर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। शनिवार रात चांदहट थाना पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया। नीरज फरीदपुरिया के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास व रंगदारी मांगने के पलवल में 12, फरीदाबाद में 12, करनाल में एक व गुरुग्राम में एक मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने उस पर 30 हजार रुपए का इनाम भी रखा हुआ है। 29 जुलाई तक पैसे देने को कहा मोहना गांव के योगेश कुमार ने चांदहट पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 26 जुलाई को वह किसी निजी काम से मोहना से पलवल की तरफ जा रहा था। जब वह कटेसरा गांव के निकट पहुंचा तो उसके पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपना नाम नीरज फरीदपुरिया बताया। कॉल करने वाले ने कहा कि 29 जुलाई तक 1 करोड़ रुपए चाहिए, अगर रुपए नहीं दिए तो तुझे व तेरे परिवार को खत्म कर दूंगा। इसके बाद फोन कट गया। कॉल के बाद घबराया योगेश ने बताया कि यह सुनने के बाद वह घबरा गया, क्योंकि नीरज फरीदपुरिया के नाम से पलवल में मोबाइल की दुकान पर रंगदारी न देने के बाद फायरिंग की गई थी। इसके अलावा भी पलवल में नीरज फरीदपुरिया के नाम पर लोगों से रंगदारी मांगने के मामले सामने आ चुके हैं। जानिए, कौन है नीरज फरीदपुरिया नीरज फरीदपुरिया हरियाणा के फरिदाबाद जिले का रहने वाला है। दिसंबर 2023 में उसे दविंदर बंबीहा कि बंबीहा गैंग का मुखिया बनाया गया था। वह कनाडा में बैठकर बंबीहा ग्रुप को ऑपरेट कर रहा है। दिल्ली-NCR और हरियाणा में हुई बड़ी वारदातों में इसका नाम सामने आया था। कुछ समय पहले उसके ठिकानों पर NIA की टीम ने भी रेड की थी। नीरज फरीदपुरिया की बंबीहा सिंडिकेट के मेंबर कौशल चौधरी और उसके गुर्गे अमित डागर से जेल में मुलाकात हुई थी। यहीं से वह बंबीहा ग्रुप के नजदीक आ गया। 25 से ज्यादा मामले दर्ज, जमानत मिली तो कनाडा भागा पुलिस के अनुसार, गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया पिछले 9 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। इसके खिलाफ करीब 25 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें 4 मुकदमे हत्या व अन्य 17 मुकदमे हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, एक्सटॉर्शन, अवैध हथियार, लड़ाई झगड़ा आदि के हैं। नीरज अवैध कब्जा तथा अवैध वसूली का काम करता है। उसने जमानत पर जेल से बाहर आते ही हरियाणा पलवल में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह 25 हजार का इनामी है। जमानत पर आने के बाद वह दुबई के रास्ते कनाडा भाग गया था। पलवल में फरीदपुरिया पर ये केस दर्ज पलवल के सदर थाना में 2022 में नीरज फरीदपुरिया के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है। लेकिन उसके बाद 2023 तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद वर्ष 2024 में अब तक गैंगस्टर नीरज के खिलाफ सदर, शहर, होडल व हसनपुर में एक के बाद एक 12 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक केस हत्या प्रयास व 10 मुकदमे रंगदारी मांगने के दर्ज हैं। हरियाणा के पलवल में कुख्यात गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया के नाम पर व्यक्ति से 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। पैसे न देने पर उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। शनिवार रात चांदहट थाना पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया। नीरज फरीदपुरिया के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास व रंगदारी मांगने के पलवल में 12, फरीदाबाद में 12, करनाल में एक व गुरुग्राम में एक मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने उस पर 30 हजार रुपए का इनाम भी रखा हुआ है। 29 जुलाई तक पैसे देने को कहा मोहना गांव के योगेश कुमार ने चांदहट पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 26 जुलाई को वह किसी निजी काम से मोहना से पलवल की तरफ जा रहा था। जब वह कटेसरा गांव के निकट पहुंचा तो उसके पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपना नाम नीरज फरीदपुरिया बताया। कॉल करने वाले ने कहा कि 29 जुलाई तक 1 करोड़ रुपए चाहिए, अगर रुपए नहीं दिए तो तुझे व तेरे परिवार को खत्म कर दूंगा। इसके बाद फोन कट गया। कॉल के बाद घबराया योगेश ने बताया कि यह सुनने के बाद वह घबरा गया, क्योंकि नीरज फरीदपुरिया के नाम से पलवल में मोबाइल की दुकान पर रंगदारी न देने के बाद फायरिंग की गई थी। इसके अलावा भी पलवल में नीरज फरीदपुरिया के नाम पर लोगों से रंगदारी मांगने के मामले सामने आ चुके हैं। जानिए, कौन है नीरज फरीदपुरिया नीरज फरीदपुरिया हरियाणा के फरिदाबाद जिले का रहने वाला है। दिसंबर 2023 में उसे दविंदर बंबीहा कि बंबीहा गैंग का मुखिया बनाया गया था। वह कनाडा में बैठकर बंबीहा ग्रुप को ऑपरेट कर रहा है। दिल्ली-NCR और हरियाणा में हुई बड़ी वारदातों में इसका नाम सामने आया था। कुछ समय पहले उसके ठिकानों पर NIA की टीम ने भी रेड की थी। नीरज फरीदपुरिया की बंबीहा सिंडिकेट के मेंबर कौशल चौधरी और उसके गुर्गे अमित डागर से जेल में मुलाकात हुई थी। यहीं से वह बंबीहा ग्रुप के नजदीक आ गया। 25 से ज्यादा मामले दर्ज, जमानत मिली तो कनाडा भागा पुलिस के अनुसार, गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया पिछले 9 वर्षों से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। इसके खिलाफ करीब 25 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें 4 मुकदमे हत्या व अन्य 17 मुकदमे हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, एक्सटॉर्शन, अवैध हथियार, लड़ाई झगड़ा आदि के हैं। नीरज अवैध कब्जा तथा अवैध वसूली का काम करता है। उसने जमानत पर जेल से बाहर आते ही हरियाणा पलवल में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह 25 हजार का इनामी है। जमानत पर आने के बाद वह दुबई के रास्ते कनाडा भाग गया था। पलवल में फरीदपुरिया पर ये केस दर्ज पलवल के सदर थाना में 2022 में नीरज फरीदपुरिया के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम भी घोषित है। लेकिन उसके बाद 2023 तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद वर्ष 2024 में अब तक गैंगस्टर नीरज के खिलाफ सदर, शहर, होडल व हसनपुर में एक के बाद एक 12 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक केस हत्या प्रयास व 10 मुकदमे रंगदारी मांगने के दर्ज हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
फिरौती के लिए पुलिसकर्मी ने रचा अपहरण का जाल:ऑनलाइन सट्टे ने डुबोया, जल्दी अमीर बनने की चाहत में कानून तोड़ा, तीनों को भेजा जेल
फिरौती के लिए पुलिसकर्मी ने रचा अपहरण का जाल:ऑनलाइन सट्टे ने डुबोया, जल्दी अमीर बनने की चाहत में कानून तोड़ा, तीनों को भेजा जेल हरियाणा में करनाल के नरूखेड़ी गांव में संदीप नरवाल के अपहरण की साजिश रचने वाला उसी का नजदीकी हेड कांस्टेबल नरेंद्र निकला। तीन दिन के रिमांड के बाद पुलिस के सामने तीनों बदमाशों ने अपहरण की वारदात का बड़ा खुलासा किया है। मुख्य आरोपी नरेंद्र ने ऑनलाइन सट्टे में भारी कर्ज होने के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। 15-20 दिन की प्लानिंग के बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ नरूखेड़ी गांव से संदीप को दिनदहाड़े किडनैप किया, लेकिन पुलिस ने आरोपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया और उन्हें 9 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपियों से गहनता से पूछताछ की और सीन रिक्रिएट भी किया। कोर्ट में पेश कर आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। कैसे रची गई साजिश, पूरी घटना समझिये सिलसिलेवार सीआईए-2 के जांच अधिकारी मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि संदीप नरवाल युवकों को विदेश भेजने का काम करता था। आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र अपने भाई को विदेश भेजना चाहता था और एजेंट संदीप नरवाल से मिला था। नरेंद्र के पास पैसे का जुगाड़ नहीं हो सका था, लेकिन वह लगातार संदीप के टच में था। नरेंद्र ने संदीप का घर बार देखा हुआ था। वह संदीप के हालातों से वाकिफ था। बाद में नरेंद्र ने देखा कि संदीप ने कुछ ही समय में अच्छी प्रॉपर्टी बना ली है और करोड़ों रुपया कमा लिया है। ऑनलाइन सट्टा खेलता था मुख्य आरोपी नरेंद्र आरोपी हेड कांस्टेबल नरेंद्र ऑनलाइन सट्टा खेलता था। लोगों से पैसा ले लेकर सट्टा खेलता रहा और हारता चला गया। जिसकी वजह से उसके ऊपर काफी ज्यादा देनदारी हो चुकी थी और तनख्वाह से खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। नरेंद्र ने प्लान बनाया कि क्यों न किसी ऐसे आदमी को उठाया जाए, जो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे दे और हमारी जिंदगी आसानी से कटे। जिसके बाद आरोपी ने अपने दो साथियों को तैयार किया और बताया कि संदीप नरवाल को दिल्ली पुलिस ने उठाया था और वहां से जमानत करवाकर आया है और संदीप ने बहुत मोटा पैसा कमाया हुआ है। संदीप एक सॉफ्ट टारगेट है और इसको उठाते है तो दो-तीन करोड़ रुपए आसानी से दे देगा। एक जनवरी को भी आए थे घर पर पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि एक जनवरी को भी तीनों आरोपी संदीप के घर पर पहुंचे थे, लेकिन संदीप उस दिन घर पर नहीं था, इन लोगों ने संदीप के घर वालों को बताया था कि वे संदीप से मिलने आए है। वास्तव में ये लोग संदीप की रेकी करने के लिए आए थे। इन लोगों की प्लानिंग करीब 15-20 दिन से चल रही थी। लगातार रैकी की गई, जिसमें इन लोगों को पता चल गया कि संदीप किस टाइम कहां पर होता है। 4 जनवरी को मुख्य आरोपी ने अपने दोनों साथियों को गांव नरूखेड़ी में बुला लिया। इन लोगों को पता था कि संदीप दोपहर को अपनी बेटी को बस में बैठाने के लिए अकेला जाता है। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। कार दूर खड़ी कर ली थी पुलिस ने बताया कि कार आरोपी अक्षय कुमार के नाम से रजिस्टर्ड है। जब मधुबन से आरोपी चले थे तो इन्होंने कार की दोनों नंबर प्लेट को उतारकर कार की डिग्गी में डाल दिया था। प्लानिंग के मुताबिक आरोपियों ने अपनी कार को बस स्टैंड नरूखेड़ी के नजदीक ही लगा दिया। जैसे ही संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाकर वापिस घर की तरफ जाने लगा तो इन आरोपियों ने संदीप की बाइक के सामने अपनी कार को अड़ा दिया और ड्राइवर अक्षय और सुरेंद्र असला लेकर कार से नीचे उतरे और उसकी बाइक को धक्का देकर गिरा दिया। फिर संदीप को जान से मारने की धमकी दी और जबरन गाड़ी में धकेल लिया। सुरेंद्र पीछे वाली सीट पर संदीप को लेकर बैठ गया। नरेंद्र कंडक्टर सीट पर बैठा था और अक्षय ने कार ड्राइव की। वहां से किडनेप करके ले गए। एक घंटे बाद आई फिरौती की कॉल पुलिस के मुताबिक, पहले यह नहीं पता चल पा रहा था कि किडनेप किसने किया। करीब एक घंटे बाद संदीप के पिता धर्मबीर के पास फिरौती की कॉल आई और दो करोड़ रुपए की डिमांड की गई। एसपी गंगाराम पुनिया के निर्देश पर कई टीमों का गठन किया गया। साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि जिसका अपहरण हुआ है उसको कुछ भी नहीं होना चाहिए। पुलिस ने हर जगह नाकेबंदी की थी। जींद इलाके में जाकर फिर किया कॉल पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने संदीप के फोन से सिम निकालकर नए फोन में सिम डाली और उसी से आरोपियों ने संदीप के पिता धर्मबीर के पास दो करोड़ की फिरौती के लिए कॉल किया। धर्मबीर ने अपहरणकर्ताओं को कहा कि दो करोड़ हमारे पास नहीं है। इसके बाद किडनेपर्स ने डेढ़ करोड़ मांगे और कॉल काट दिया। बदमाश संदीप को लेकर गोहाना पहुंच गए। वहां ग्रामीण इलाको में घुमाते रहे। फिर कॉल किया तो पैसे के लिए धर्मबीर ने अपनी विवशता बताई। फिर आरोपी 80 लाख रुपए की डिमांड पर आ गए, जिसके लिए धर्मबीर तैयार हो गया। फिरौती की रकम के लिए असंध बुलाया आरोपियों ने फिरौती की रकम लेकर धर्मबीर को असंध बुलाया। गोहाना से आरोपी चले तो सालवन के पास पुलिस चौकी का नाका लगा हुआ था। पुलिसकर्मियों ने गाड़ी को पहचान लिया। पुलिस कर्मचारियों ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा करना शुरू कर दिया। जैसे ही पुलिस की गाड़ी आरोपियों की गाड़ी के नजदीक पहुंची तो आरोपी सुरेंद्र ने अपनी पिस्टल निकालकर पुलिस की गाड़ी पर फायर कर दिया। फायर लगने और धुंध के कारण गाड़ी धीमी हो गई। जिसके बाद आरोपी अपनी गाड़ी को स्पीड में भगाकर ले गए। अलग-अलग जिलों की पुलिस थी अलर्ट पुलिस के मुताबिक, पानीपत पुलिस, सोनीपत पुलिस, करनाल पुलिस और जींद पुलिस की टीम अलर्ट मोड पर थी। आरोपियों ने अपनी गाड़ी को गोहाना की तरफ घुमा लिया। पुलिस को आरोपियों की गाड़ी की लोकेशन मिली हुई थी। सीआईए-2 की टीम इनके पीछे पीछे थी। गोहाना की सीआईए पुलिस भी इनको ट्रेक कर रही थी। हमारे पास प्राइवेट गाड़ी भी थी और सरकारी गाड़ी भी थी। आरोपियों ने भांप लिया कि पुलिस की गाड़ियां पीछे तो इन्होंने बीचपड़ी गांव के पास अपनी गाड़ी को भगा लिया। बीचपड़ी गांव से आगे एक मोड आता है, वह मोड तो इन आरोपियों ने क्रॉस कर लिया। उसे आगे आए मोड को वे क्रॉस नहीं कर पाए और इनकी गाड़ी पलट गई। कार पलटने के बाद फायर नहीं कर पाए आरोपी हम मौके पर पहुंच गए। हमने संदीप को सही सलाम बाहर निकाला। संदीप को भी चोटे लगी हुई थी और किडनेपर्स को भी चोटे लगी हुई थी। यहां पर ये लोग कोई भी फायर नहीं कर पाए, क्योंकि इन्होने सालवन के पास जो फायरिंग की थी उसी दौरान इनकी पिस्टल के चेंबर में खाली खोल फंस गया था, इसलिए पिस्टल दोबारा कॉक नहीं हुई, इसलिए दोबारा फायर नहीं कर सके। सबसे पहले इन सभी को अस्पताल लेकर गए और इलाज करवाया। जब यह तसल्ली हो गई कि किसी भी आरोपी को कोई गंभीर चोट नहीं है, उसके बाद इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन कब्जे से एक अवैध पिस्टल मिली, जिसके अंदर दो-तीन रौंद थे, एक चला हुआ खोल मिला। एक 32 बोर का देसी कट्टा मिला। वह सिम कार्ड भी बरामद हुई है, जिससे इन्होंने कॉल करके फिरौती मांगी थी। कोर्ट में पेश कर भेजा जेल सोनीपत के हलालपुर निवासी सुरेंद्र के उपर पहले भी हत्या के प्रयास व अन्य मामलों में छह-सात मुकद्मे दर्ज है। वर्ष 2007 से ही इसका क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है। कोर्ट से पीओ भी है। हेड कांस्टेबल नरेंद्र के उपर उसी की भाभी ने रेप का मुकद्मा दर्ज करवाया था, लेकिन उसमें बाद में समझौता हो गया था। अक्षय पर सोनीपत में मारपीट का मामला दर्ज है। इन लोगों ने जल्दी अमीर होने के चक्कर में पूरा चक्रव्यूह रचा। संदीप के साथ इनको कोई पैसे का लेन-देन नहीं है, सिर्फ फिरौती लेने के लिए ही अपहरण किया गया था। 5 जनवरी को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया। सीन रिक्रीएट करवाया गया। निशानदेही करवाई गई है और गहनता से पूछताछ की गई। इन सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल में भेजा जाएगा।
सरकारी स्कूल के मिड-डे मील में बड़ी लापरवाही:चार बच्चों की तबीयत बिगड़ी, चार दिन पहले ही शिक्षा मंत्री ने ली थी SMC की बैठक
सरकारी स्कूल के मिड-डे मील में बड़ी लापरवाही:चार बच्चों की तबीयत बिगड़ी, चार दिन पहले ही शिक्षा मंत्री ने ली थी SMC की बैठक हरियाणा में करनाल के पुंडरी गांव के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील अंदर से अब सनसनीखेज तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें चावलों में सुरसरी चलती हुई नजर आ रही है। जिसके बाद राशन की गुणवत्ता और स्कूल प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है। यह हाल तब है जब शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने चार दिन पहले SMC के साथ बैठक कर मिड्डे मिल को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे, उसके बावजूद भी लापरवाही बरती गई। जब इस स्कूल का ऐसा हाल है, तो अन्य स्कूलों में बच्चों को किस तरह का खाना दिया जाता होगा, इस पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। हालांकि सुरसरी मिलने के बाद खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेज दिया है। लैब रिपोर्ट में क्या कुछ सामने आता है वह भी देखने वाली बात है। कल खाने के बाद बिगड़ी तबीयत बतादें कि वीरवार को मिड मिल के खाने के बाद चार बच्चों की तबियत बिगड़ने की घटना ने शिक्षा महकमे में हड़कंप मचा दिया है। यह घटना शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा द्वारा चार दिन पहले ही मिड-डे मील की गुणवत्ता पर जोर देने और सख्त निर्देश जारी करने के बावजूद हुई है। मिड-डे मील की खिचड़ी खाने के बाद चार छात्रों को उल्टी, पेट दर्द और अन्य समस्याएं होने लगीं। आनन-फानन में सभी बच्चों को पानीपत के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस मामले की जानकारी मिलते ही घरौंडा के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रविंद्र कुमार भी बच्चों की सेहत की जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंचे। मिड-डे मील में बड़ी लापरवाही पुंडरी के सरकारी स्कूल में छठी कक्षा के छात्रों ने मिड-डे मील का खाना खाया और खाना खाने के कुछ समय बाद ही बच्चों को उल्टियां, पेट दर्द और चक्कर आने लगे। तुरंत ही बच्चों को स्थानीय मेडिकल स्टोर पर ले जाया गया, जहां उनकी प्रारंभिक चिकित्सा की गई। घटना के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। बच्चों को फूड पॉइजनिंग की आशंका है। बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पानीपत के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। हड़ताल के कारण देरी से पहुंचे डॉक्टर वीरवार को डॉक्टरों की हड़ताल के कारण एनएचएम के डॉक्टर आधे घंटे की देरी से पहुंचे। प्रारंभिक उपचार के बाद बच्चों को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। यहां पर चार बच्चे एडमिट हुए हैं, जिसमें भारती, कृष, धैर्य और नवीन शामिल हैं। वहीं परिजनों का दावा है कि 10 बच्चों की तबियत खराब हुई थी। स्थानीय निवासियों की चिंता पुंडरी गांव की निवासी देबो ने बताया कि उनकी पोती भारती (11) भी उन्हीं बच्चों में शामिल है जिनकी तबीयत बिगड़ी। भारती छठी कक्षा की छात्रा है और उसने भी मिड-डे मील खाया था। देबो ने बताया, “स्कूल से कुछ बच्चे घर आए और बताया कि खिचड़ी खाने से भारती समेत कई बच्चे बीमार हो गए हैं। जब हम मौके पर पहुंचे तो बच्चों को उल्टियां हो रही थीं, पेट दर्द और चक्कर आ रहे थे।” प्रिंसिपल का बचाव पुंडरी स्कूल के प्रिंसिपल रणबीर सिंह ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि मिड-डे मील से बच्चों की तबीयत बिगड़ने का कोई मामला नहीं है। उन्होंने कहा, “मिड-डे मील का खाना बच्चों ने भी खाया था और टीचर ने भी। दो बच्चों को जरूर उल्टियां हुईं, लेकिन वह पानी पीकर ठीक हो गए। कई बार बच्चे चिप्स और कुरकुरे भी खाकर आते हैं। बीईओ का आश्वासन खंड शिक्षा अधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि पुंडरी गांव में बच्चों की तबीयत बिगड़ने का मामला सामने आया है और मैंने पानीपत अस्पताल में जाकर बच्चों की तबियत की जानकारी ली है। चार बच्चों की तबीयत खराब हुई थी। उन्होंने कहा, “किसी भी तरह की लापरवाही की जांच की जाएगी और तथ्य सामने आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। ”शिक्षा मंत्री के आदेशों की अनदेखी गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने हाल ही में चार दिन पहले एसएमसी की बैठक में मिड-डे मील इंचार्जों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मिड-डे मील का ध्यान रखें और किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। इसके बावजूद, चार दिन के भीतर ही एक बड़ी लापरवाही सरकारी स्कूल में सामने आई और इस लापरवाही का खामियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ा। मिड-डे मील की गुणवत्ता पर सवाल सरकारी स्कूल के मिड-डे मील के अंदर से अब सनसनीखेज तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें चावलों में सुरसरी चलती हुई नजर आ रही है। जब इस स्कूल का ऐसा हाल है, तो अन्य स्कूलों में बच्चों को किस तरह का खाना दिया जाता होगा, इस पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। आगे की कार्रवाई इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की साख पर सवाल उठे हैं। बीईओ रविंद्र कुमार ने पूरे मामले की जांच करने की बात कही है। अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले को शिक्षा विभाग कितनी गंभीरता से लेता है और किसके खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि मिड-डे मील की गुणवत्ता और निगरानी में अब भी कई खामियां हैं। बच्चों की सुरक्षा और सेहत को प्राथमिकता देते हुए शिक्षा विभाग को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
नूंह में दो गोवंश और भैंस चोरी:सीसीटीवी कैमरे में कैद; बाड़े में बंधी थी, डाक पार्सल गाड़ी में ले गए चोर
नूंह में दो गोवंश और भैंस चोरी:सीसीटीवी कैमरे में कैद; बाड़े में बंधी थी, डाक पार्सल गाड़ी में ले गए चोर नूंह में दो अलग-अलग जगह से रात के समय दो गोवंश और एक भैंस चोरी हो गई। एक वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें आरोपी डाक पार्सल की गाड़ी में पशुओं को ले जाते दिख रहे है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पशुपालक खेमसिंह ने फिरोजपुर झिरका सिटी थाना में दी शिकायत में बताया कि उसने अपने मकान के पास एक पशुओं का बाड़ा बनाया हुआ है। जिसमें पशु बंधे रहते है। अल सुबह साढ़े पांच बजे वह जागा और बाड़े में पशुओं का दूध निकाल के लिए गया। देखा कि भैंस और क गाय वहां नहीं है। इसके बाद सीसीटीवी चेक किया, तो अज्ञात चोरों द्वारा गोवंश और भैंस डाक पार्सल लिखी एक बंद बॉडी गाड़ी में चोरी करके ले रहे। अंधेरे का फायदा उठाकर भागे चोर वहीं दूसरे मामले में रोजकामेव थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा खलीलपुर का है। हरजीत सिंह ने बताया कि बीती रात्रि करीब 10 बजे अज्ञात चोर उनके गोवंश को चोरी कर ले गए। चोरों का पीछा भी किया, लेकिन वह अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब हो गए।