हरियाणा में संगठन नहीं खड़ा पा रही कांग्रेस:विधानसभा चुनाव से पहले रिस्क लेने से बच रही पार्टी, गुटबाजी और बढ़ने का डर

हरियाणा में संगठन नहीं खड़ा पा रही कांग्रेस:विधानसभा चुनाव से पहले रिस्क लेने से बच रही पार्टी, गुटबाजी और बढ़ने का डर

हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। सभी पार्टियां संगठन विस्तार और नए सिरे से संगठन बनाने में लगी है। मगर कांग्रेस हरियाणा में पिछले 10 साल से ना तो नया संगठन बना पाई है और ना ही इस तरफ गंभीर दिख रही है इसका कारण है आपसी गुटबाजी। हरियाणा में कांग्रेस को छोड़कर BJP, JJP, INLD और AAP ने अपना संगठन बना रखा है विस्तार में लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस को डर है कि विधानसभा चुनाव से पहले किए गए प्रयोग से आपसी खींचतान बढ़ेगी। वहीं कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाल ही में संकेत दिए थे कि कांग्रेस जल्द ही संगठन बना सकती है। इसकी कवायद चल रही है। मगर दूसरी तरफ प्रभारी को डर है कि चुनाव से पहले नया प्रयोग कहीं कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित ना हो जाए। क्योंकि जैसे ही प्रभारी ने संगठन बनाने का बयान दिया वैसे ही कांग्रेस के सभी गुट एक्टिव हो गए थे और नेताओं के पास कार्यकर्ताओं के फोन घनघनाने लग गए थे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस को इस तरह के प्रयोग से बचना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष के पास पड़ी है लिस्ट
बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर लंबे समय से प्रदेश प्रभारी के पास भेज रखी है। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के नेताओं को जगह दी गई है। विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश देने के लिहाज से कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और बीरेंद्र सिंह की पसंद के कुछ नेताओं को भी संगठन में जगह देना जरूरी है। इसलिए कांग्रेस यह लिस्ट हाई कमान को भेजनी से कतरा रही है। वहीं सैलजा और दीपक बाबरिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ऐसे में संगठन की लिस्ट से गुटबाजी और उभर के सामने आ सकती है। राहुल गांधी ने दिए थे निर्देश
हालांकि, पिछले दिनों राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल की हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक में इस बात का पता चला कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई लिस्ट मंजूरी के लिए पहुंची ही नहीं। तब राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को हरियाणा का संगठन जल्दी बनाने के निर्देश दिए थे, मगर इस बात को भी 2 महीने बीतने वाले हैं। हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव बिना संगठन के ही लड़ा था। मगर संगठन के साथ लड़ने वाली BJP को कांग्रेस ने अच्छी टक्कर दी थी। 90 सीटों पर 2300 से अधिक आवेदन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का टिकट प्राप्त करने वालों में काफी उत्साह है। 90 विधानसभा सीटों के लिए 2300 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। आवेदन करने की प्रक्रिया 10 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। एक हजार आवेदन और आने की संभावना है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह उत्साह पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत की ओर अग्रसर करेगा। BJP का वोट शेयर 11.06% घटने से पार्टी उत्साहित
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। सभी पार्टियां संगठन विस्तार और नए सिरे से संगठन बनाने में लगी है। मगर कांग्रेस हरियाणा में पिछले 10 साल से ना तो नया संगठन बना पाई है और ना ही इस तरफ गंभीर दिख रही है इसका कारण है आपसी गुटबाजी। हरियाणा में कांग्रेस को छोड़कर BJP, JJP, INLD और AAP ने अपना संगठन बना रखा है विस्तार में लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस को डर है कि विधानसभा चुनाव से पहले किए गए प्रयोग से आपसी खींचतान बढ़ेगी। वहीं कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाल ही में संकेत दिए थे कि कांग्रेस जल्द ही संगठन बना सकती है। इसकी कवायद चल रही है। मगर दूसरी तरफ प्रभारी को डर है कि चुनाव से पहले नया प्रयोग कहीं कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित ना हो जाए। क्योंकि जैसे ही प्रभारी ने संगठन बनाने का बयान दिया वैसे ही कांग्रेस के सभी गुट एक्टिव हो गए थे और नेताओं के पास कार्यकर्ताओं के फोन घनघनाने लग गए थे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस को इस तरह के प्रयोग से बचना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष के पास पड़ी है लिस्ट
बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर लंबे समय से प्रदेश प्रभारी के पास भेज रखी है। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के नेताओं को जगह दी गई है। विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश देने के लिहाज से कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और बीरेंद्र सिंह की पसंद के कुछ नेताओं को भी संगठन में जगह देना जरूरी है। इसलिए कांग्रेस यह लिस्ट हाई कमान को भेजनी से कतरा रही है। वहीं सैलजा और दीपक बाबरिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ऐसे में संगठन की लिस्ट से गुटबाजी और उभर के सामने आ सकती है। राहुल गांधी ने दिए थे निर्देश
हालांकि, पिछले दिनों राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल की हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक में इस बात का पता चला कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई लिस्ट मंजूरी के लिए पहुंची ही नहीं। तब राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को हरियाणा का संगठन जल्दी बनाने के निर्देश दिए थे, मगर इस बात को भी 2 महीने बीतने वाले हैं। हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव बिना संगठन के ही लड़ा था। मगर संगठन के साथ लड़ने वाली BJP को कांग्रेस ने अच्छी टक्कर दी थी। 90 सीटों पर 2300 से अधिक आवेदन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का टिकट प्राप्त करने वालों में काफी उत्साह है। 90 विधानसभा सीटों के लिए 2300 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। आवेदन करने की प्रक्रिया 10 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। एक हजार आवेदन और आने की संभावना है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह उत्साह पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत की ओर अग्रसर करेगा। BJP का वोट शेयर 11.06% घटने से पार्टी उत्साहित
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर