हरियाणा विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 3 महीने बचे हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने की मंशा रखने वालों में आम जनता के बीच अपनी जगह और पहचान बनाने की प्रतिस्पर्धा तेज हो चुकी है। गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) नेता बीर सिंह उर्फ बीरू सरपंच ने इलाके के वोटरों को धार्मिक यात्राएं कराने का अभियान छेड़ रखा है। रविवार को ही बीरू सरपंच ने 60 गाड़ियों का जत्था खाटू श्याम के लिए रवाना किया। बीरू सरपंच इससे पहले बादशाहपुर इलाके के लोगों को हरिद्वार, सालासर और वैष्णोदेवी की यात्रा करवा चुके हैं। उनका कहना है कि वह चुनाव किसी राजनीतिक दल से लड़ेंगे या फिर निर्दलीय, इसका फैसला लोगों के सुझाव पर किया जाएगा। हां, चुनाव में उतरेंगे जरूर, ये तय है। गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा इलाके में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की फौज नजर आती है। इलाके में तमाम दावेदारों के होर्डिंग्स, बैनर और विज्ञापन सामग्री लगी है। आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े बीर सिंह उर्फ बीरू सरपंच तकरीबन 20 साल से इस एरिया में एक्टिव हैं। इलाके में पैठ बनाने के लिए उन्होंने यहां के वोटरों को धार्मिक यात्राएं कराने का अभियान छेड़ रखा है। रविवार को जो 60 गाड़ियों का काफिला खाटू श्याम के लिए रवाना किया गया, उनमें तकरीबन 3 हजार से अधिक लोग गए। यह सभी गंगा विहार गांव, शंकर विहार, न्यू पालम विहार और यहां की तकरीबन एक दर्जन कॉलोनियों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें बुजुर्गों के अलावा बड़ी संख्या में युवा और बच्चे भी शामिल रहे। बीरू ने सभी लोगों के लिए रहने और खाने पीने का भी खाटू श्याम में इंतजाम किया है। इलाके के लोग भी फ्री में धार्मिक यात्राओं का आनंद उठा रहे हैं। इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले बंटी सिंह ने बताया कि उसके माता-पिता लंबे समय से खाटू श्यामजी जाना चाह रहे थे, लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के चलते वह ये इच्छा पूरी नहीं कर पा रहा था। अब बीरू सरपंच ने उसकी और उसके माता-पिता की इच्छा पूरी कर दी। खाटू श्याम के लिए रवाना हुई शांति, गंगा, मनीषा और लाडू बाई ने कहा कि उन्हें बीर सिंह की पहल का फायदा मिल रहा है। बीरू सरपंच बोले- लोगों के सुझाव से लेंगे फैसला बीरू सरपंच ने बातचीत में कहा कि वह पहले भी नगर निगम और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। यूं तो वह AAP के प्रदेशस्तरीय नेता हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव पार्टी टिकट पर ही लड़ेंगे या फिर निर्दलीय? इसका फैसला इलाके की जनता करेगी। उन्होंने कहा- मैंने लोगों से सुझाव मांगे हैं। लोगों की सलाह से ही आगे की रणनीति बनाएंगे। पानी की समस्या का हल 3 दिन में करने का ऐलान बीरू सरपंच रविवार को सेक्टर-38 में आने वाली इस्लामपुर हसलापुर हरिजन कॉलोनी भी पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि यहां के लोग बरसों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं और किसी मंत्री, विधायक या दूसरे नेता ने कुछ नहीं किया। अब वह खुद 3 दिन में इस समस्या का निदान कर देंगे। संस्था के लिए सोशल वर्क बीर सिंह गुरुग्राम जिले की बाजघेडा पंचायत के सरपंच रह चुके हैं। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने के बाद वह बसपा में रहे और पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी (AAP) की हरियाणा इकाई की प्रदेश कार्यकारणी के मेंबर हैं। इलाके में सोशल सर्विस के लिए वह सामाजिक न्याय संगठन नामक संस्था चलाते हैं। उनकी संस्था इलाके में स्कूल-धर्मशाला बनवाने के अलावा उन बच्चों की मदद करती है जो संसाधनों के अभाव में पढ़ाई जारी नहीं रख पाते। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 3 महीने बचे हैं। ऐसे में चुनाव लड़ने की मंशा रखने वालों में आम जनता के बीच अपनी जगह और पहचान बनाने की प्रतिस्पर्धा तेज हो चुकी है। गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) नेता बीर सिंह उर्फ बीरू सरपंच ने इलाके के वोटरों को धार्मिक यात्राएं कराने का अभियान छेड़ रखा है। रविवार को ही बीरू सरपंच ने 60 गाड़ियों का जत्था खाटू श्याम के लिए रवाना किया। बीरू सरपंच इससे पहले बादशाहपुर इलाके के लोगों को हरिद्वार, सालासर और वैष्णोदेवी की यात्रा करवा चुके हैं। उनका कहना है कि वह चुनाव किसी राजनीतिक दल से लड़ेंगे या फिर निर्दलीय, इसका फैसला लोगों के सुझाव पर किया जाएगा। हां, चुनाव में उतरेंगे जरूर, ये तय है। गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा इलाके में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की फौज नजर आती है। इलाके में तमाम दावेदारों के होर्डिंग्स, बैनर और विज्ञापन सामग्री लगी है। आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े बीर सिंह उर्फ बीरू सरपंच तकरीबन 20 साल से इस एरिया में एक्टिव हैं। इलाके में पैठ बनाने के लिए उन्होंने यहां के वोटरों को धार्मिक यात्राएं कराने का अभियान छेड़ रखा है। रविवार को जो 60 गाड़ियों का काफिला खाटू श्याम के लिए रवाना किया गया, उनमें तकरीबन 3 हजार से अधिक लोग गए। यह सभी गंगा विहार गांव, शंकर विहार, न्यू पालम विहार और यहां की तकरीबन एक दर्जन कॉलोनियों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें बुजुर्गों के अलावा बड़ी संख्या में युवा और बच्चे भी शामिल रहे। बीरू ने सभी लोगों के लिए रहने और खाने पीने का भी खाटू श्याम में इंतजाम किया है। इलाके के लोग भी फ्री में धार्मिक यात्राओं का आनंद उठा रहे हैं। इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले बंटी सिंह ने बताया कि उसके माता-पिता लंबे समय से खाटू श्यामजी जाना चाह रहे थे, लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के चलते वह ये इच्छा पूरी नहीं कर पा रहा था। अब बीरू सरपंच ने उसकी और उसके माता-पिता की इच्छा पूरी कर दी। खाटू श्याम के लिए रवाना हुई शांति, गंगा, मनीषा और लाडू बाई ने कहा कि उन्हें बीर सिंह की पहल का फायदा मिल रहा है। बीरू सरपंच बोले- लोगों के सुझाव से लेंगे फैसला बीरू सरपंच ने बातचीत में कहा कि वह पहले भी नगर निगम और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। यूं तो वह AAP के प्रदेशस्तरीय नेता हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव पार्टी टिकट पर ही लड़ेंगे या फिर निर्दलीय? इसका फैसला इलाके की जनता करेगी। उन्होंने कहा- मैंने लोगों से सुझाव मांगे हैं। लोगों की सलाह से ही आगे की रणनीति बनाएंगे। पानी की समस्या का हल 3 दिन में करने का ऐलान बीरू सरपंच रविवार को सेक्टर-38 में आने वाली इस्लामपुर हसलापुर हरिजन कॉलोनी भी पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि यहां के लोग बरसों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं और किसी मंत्री, विधायक या दूसरे नेता ने कुछ नहीं किया। अब वह खुद 3 दिन में इस समस्या का निदान कर देंगे। संस्था के लिए सोशल वर्क बीर सिंह गुरुग्राम जिले की बाजघेडा पंचायत के सरपंच रह चुके हैं। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने के बाद वह बसपा में रहे और पिछले कुछ समय से आम आदमी पार्टी (AAP) की हरियाणा इकाई की प्रदेश कार्यकारणी के मेंबर हैं। इलाके में सोशल सर्विस के लिए वह सामाजिक न्याय संगठन नामक संस्था चलाते हैं। उनकी संस्था इलाके में स्कूल-धर्मशाला बनवाने के अलावा उन बच्चों की मदद करती है जो संसाधनों के अभाव में पढ़ाई जारी नहीं रख पाते। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पूर्व CM की सभा में हंगामा:युवक बोले- भाजपा सरकार बनाएगी लेकिन हिसार का प्रत्याशी हारेगा, खट्टर बोले- इसे बाहर निकालो
हरियाणा में पूर्व CM की सभा में हंगामा:युवक बोले- भाजपा सरकार बनाएगी लेकिन हिसार का प्रत्याशी हारेगा, खट्टर बोले- इसे बाहर निकालो हरियाणा के हिसार में पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के जन संवाद कार्यक्रम में युवक ने हंगामा कर दिया। इस दौरान पूर्व सीएम भड़क गए और अपने सुरक्षाकर्मियों को युवक को बाहर निकालने का आदेश दिया। दरअसल, पूर्व सीएम हिसार से भाजपा प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के लिए प्रचार करने हिसार आए थे। यहां रात को पटेल नगर की पंजाबी धर्मशाला में जन संवाद कार्यक्रम था। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. कमल गुप्ता ने अपनी बात रखी। इसके बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को बोलने का मौका मिला। पूर्व सीएम ने कहा कि इस बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी, इस बात से सभी सहमत हैं ना? इसके बाद उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि हिसार से विधायक भाजपा का हो और डॉ. कमल गुप्ता जनहितैषी हैं, इसलिए उनका समर्थन भी उतना ही जरूरी है। तभी जनसभा में एक युवक खड़ा हुआ और बोला कि प्रदेश में सरकार तो भाजपा की बनेगी, लेकिन हिसार से भाजपा प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता हार जाएंगे। इसके बाद मनोहर लाल खट्टर को गुस्सा आ गया और उन्होंने युवक को अपने पास बुलाया। जब युवक मंच के पास आने लगा तो खट्टर ने सुरक्षाकर्मियों को उसे पकड़ने का आदेश दिया। फिर उन्होंने कहा कि इसकी हिम्मत कैसे हुई। तब युवक ने कहा कि हिम्मत की क्या बात है। मनोहर लाल ने कहा कि इसे बाहर ले जाओ। मनोहर बोले-हिसार में भाजपा का एक ही प्रत्याशी
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि हिसार में भाजपा के 2 प्रत्याशी है मगर ऐसा नहीं है। हिसार में भाजपा का एक ही प्रत्याशी है वो है डॉ. कमल गुप्ता। जो भाजपा के कमल के फूल के निशान पर खड़े हैं। कमल के निशान पर डॉ. कमल गुप्ता ये भाजपा के कैंडिडेट हैं। मनोहर लाल ने देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल का नाम न लेते हुए कहा कि कोई कैंडिडेट किसी और का लबादा ओढ़कर चुनाव लड़े तो यह शोभा नहीं देगा। यह राजनीतिक अनैतिकता है। चुनाव कोई लड़े सबको अधिकार है मगर किसी और के लबादे में नहीं। अगर कोई भाजपा का पदाधिकारी है और उसका कोई सगा संबंधी निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है तो वह भाजपा का कैंडिडेट नहीं माना जाएगा। खट्टर ने बताया ऐसे बनेगी भाजपा की सरकार
पूर्व सीएम ने कहा कि हरियाणा को बने 58 साल हो गए। दो साल छोड़ दें तो 56 साल से केंद्र में जिसकी सरकार होती है उसी की हरियाणा में सरकार होती है। पिछले 20 साल का इतिहास उठाकर देख सकते हो। हरियाणा में भाजपा की सरकार बनना तय है। इसमें हिसार की खासतौर पर कमल के फूल की हिस्सेदारी होनी जरूरी है। भाजपा की सरकार में हिसार की हिस्सेदारी करनी है तो एक बात से सावधान हो जाओ। किसी के भ्रम में नहीं फंसना। इन नेताओं का हो चुका है विरोध
इससे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, विधायक विनोद भयाना, नारायणगढ़ में भाजपा प्रत्याशी पवन सैनी, जेजेपी नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और बरवाला से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास घोड़ेला को विरोध का सामना करना पड़ चुका है। सरकार के रहते किसानों और मजदूरों को दिल्ली जाने से रोकने पर भाजपा और जेजेपी प्रत्याशियों को घेरा जा रहा है।
हिसार में बेटा BJP प्रचारक, मां खिलाफ लड़ रही चुनाव:जिंदल परिवार में उभरे राजनीतिक मतभेद, मां बोली- बेटा खुद लेगा अपना फैसला
हिसार में बेटा BJP प्रचारक, मां खिलाफ लड़ रही चुनाव:जिंदल परिवार में उभरे राजनीतिक मतभेद, मां बोली- बेटा खुद लेगा अपना फैसला हरियाणा की राजनीति के जाने-माने जिंदल परिवार में राजनीतिक मतभेद सामने आ रहे हैं। भाजपा सांसद नवीन जिंदल हरियाणा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं वहीं उनकी मां सावित्री जिंदल भाजपा के खिलाफ हिसार में चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री जिंदल हिसार से टिकट की दौड़ में थी मगर भाजपा ने पूर्व विधायक कमल गुप्ता को फिर से टिकट थमा दिया। सावित्री जिंदल इस बात से नाराज हो गईं। उनका कहना था कि पार्टी हाईकमान ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप टिकट दिया। चूंकि हिसार उनका परिवार है इसलिए वह लोगों की भावनाओं के साथ हैं और यहां से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगी। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं दिल्ली से वापस आपको चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए आई थी। मगर, आप लोगों का प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। बता दें कि सावित्री जिंदल 2 बार हिसार से विधायक रह चुकी हैं। 2014 में भाजपा की टिकट पर डॉ. कमल गुप्ता ने सावित्री जिंदल को हराया था। मां ने हिसार से नामांकन भरा, बेटे ने भाजपाइयों का भरवाया
जिस समय हिसार में सावित्री जिंदल निर्दलीय नामांकन भर रही थीं उस समय बेटा नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा में भाजपाइयों के नामांकन भरवा रहे थे। नामांकन भरने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा कि हिसार मेरा शहर है और लोगों की भावनाओं को देखते हुए नामांकन भरा है। मेरा हिसार शहर मेरा परिवार है। परिवार की भावना थी कि वह चुनाव लड़े यह मेरा लास्ट चुनाव है हिसार परिवार के आदेश पर चुनाव में उतरी हैं। सावित्री जिंदल ने यह भी कहा कि वह कांग्रेस की टिकट नहीं चाहती थी इसलिए पहले ही निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। सावित्री जिंदल से जब नवीन जिंदल के बारे में पूछा गया तो मां ने कहा कि नवीन जिंदल को जो पार्टी आदेश देगी उसी के तहत वह प्रचार करेंगे। अब 4 पार्टियों से होगा मुकाबला सावित्री जिंदल अगर चुनाव लड़ती हैं तो उनका मुकाबला 4 पार्टियों से होगा। जिसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और जजपा शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के साथ ही होगा। बता दें कि डॉ. कमल गुप्ता और सावित्री जिंदल 2014 में भी आमने-सामने हो चुके हैं, हालांकि तब सावित्री जिंदल ने कांग्रेस से और कमल गुप्ता ने भाजपा से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बिजनेसमैन डॉ. सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता की मदद की थी। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए सावित्री जिंदल की बगावत 1. लिस्ट जारी होते ही शुरू हुई बगावत हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 4 सितंबर बुधवार देर शाम को 67 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की थी। हालांकि बुधवार की सुबह ही सावित्री जिंदल दिल्ली पहुंच चुकी थी। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि सूची में उनका नाम नहीं है तो वह हिसार वापस लौट आईं। लिस्ट आते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा दे दिया। वहीं, सावित्री जिंदल की टिकट कटने के बाद हिसार के जिंदल हाउस में भी हलचल बढ़ गई। परिवार के कई करीबियों ने फोन कर इस मामले पर चर्चा की। 2. सुबह होते ही जिंदल हाउस पहुंचे समर्थक वहीं गुरुवार सुबह होते ही जिंदल परिवार के समर्थक जिंदल हाउस पहुंचने लगे। उन्होंने सावित्री जिंदल के निर्दलीय चुनाव लड़ने के नारे लगाए। समर्थक उनके पति स्व. ओपी जिंदल की फोटो भी लेकर आए थे। जहां सभी के साथ चर्चा के बाद देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने भी बगावत का ऐलान कर दिया। भाजपा से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। 3. क्या बोलीं सावित्री जिंदल चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर मैं चुनाव लड़ूंगी। सावित्री मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। हिसार सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा।
हरियाणा में मंत्री बनने के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई
हरियाणा में मंत्री बनने के लिए 15 MLA शॉर्टलिस्ट:केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई हरियाणा में नई सरकार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद तेज कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 15 विधायकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। इन विधायकों में से 7 मंत्री और एक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने नाम को अंतिम रूप देने से पहले इन MLA की प्रोफाइल मंगवाई है। हरियाणा में मिनिस्टर बनने के लिए जो चेहरे शॉर्टलिस्ट किए गए हैं, उनमें नायब सैनी, अनिल विज, राव नरबीर सिंह, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णा गहलावत, कृष्णलाल पंवार, हरविंदर कल्याण, रणबीर गंगवा, महिपाल ढांडा, बिमला चौधरी, लक्ष्मण यादव, घनश्याम सर्राफ, आरती राव और श्रुति चौधरी शामिल हैं। 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आया था। भाजपा ने 48, कांग्रेस ने 37, इनेलो ने 2 और 3 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की। तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे चुके हैं। जिसके बाद भाजपा के पास विधायकों की संख्या 51 हो गई है। कल पंचकूला में विधायक दल की मीटिंग होगी। मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद रहेंगे। सिलसिलेवार ढंग से जानिए, किसकी दावेदारी क्यों मजबूत…. 1. राव नरबीर सिंह : बादशाहपुर सीट से चुनाव जीते राव नरबीर सिंह अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी रहे हैं। पूरे इलाके में राव नरबीर ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने अपने दम पर न केवल हाईकमान से सीधे टिकट हासिल की, बल्कि इस इलाके में सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है। नरबीर सिंह 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके सीधे हाईकमान से अच्छे संबंध है। उनकी कैबिनेट मंत्री के पद पर दावेदारी काफी मजबूत है। इसकी दूसरी वजह उनका राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी होना भी है। 10 विधायकों में राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी में इकलौते राव नरबीर ही है। भाजपा नरबीर को मंत्री बनाकर इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के बराबर नेता खड़ा कर सकती है। 2. बिमला चौधरी : बिमला चौधरी ने पटौदी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। वह 2014 में भी इसी सीट से विधायक बनी थीं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। वह राव इंद्रजीत सिंह की करीबी हैं। बिमला चौधरी की दावेदारी इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि वह जातीय संतुलन के हिसाब से राव इंद्रजीत सिंह के कोटे में वह फिट बैठती हैं। इसके अलावा उन्हें विधायक रहते हुए प्रशासनिक अनुभव भी है। 3. लक्ष्मण यादव : वह रेवाड़ी सीट से चुनाव जीते है। वह 2019 में कोसली से विधायक चुने गए थे। राव इंद्रजीत सिंह और संगठन दोनों की पसंद की वजह से उन्हें टिकट मिला। अहीरवाल इलाके में यादवों की वोट एक तरह से एक तरफा भाजपा के पक्ष में पड़ा। 2019 में भले ही रेवाड़ी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन 2014 में यहां पहली बार कमल खिला था।अहीरवाल बेल्ट की राजधानी कहे जाने वाले रेवाड़ी को पिछले 10 सालों में मंत्रीपद नहीं मिल पाया। ऐसे में लक्ष्मण सिंह यादव के नाम पर राव इंद्रजीत सिंह भी सहमति जता सकते हैं। 4. आरती राव : राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली से चुनाव जीता है। पिछले 3 चुनाव में अटेली में भाजपा उम्मीदवार ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। इलाके में खुद के प्रभाव के चलते ही राव इंद्रजीत सिंह ने बेटी को टिकट दिलाया। ऐसे में आरती राव को मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले को मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 5. विपुल गोयल : यह वैश्य समुदाय से आते हैं। 2014 में चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद सांसद कृष्ण पाल गुर्जर के मतभेदों के कारण टिकट काट दिया गया था। इस बार सीधी हाईकमान में पकड़ होने के कारण इनको टिकट मिला, इसके साथ ही नए मंत्रिमंडल में इसी कारण से कैबिनेट मंत्री के रूप में मजबूत दावेदार बने हुए हैं। 6 मूलचंद शर्मा: भाजपा में ब्राह्मणों के सबसे बड़े चेहरे के रूप में पंडित रामबिलास शर्मा का नाम आता था, लेकिन 2019 में उनके चुनाव हारने के बाद उनके ही रिश्तेदार बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा को मनोहर लाल के दूसरे टर्म में परिवहन मंत्री बनाया गया। मूलचंद शर्मा लगातार तीसरी बार इस सीट से विधायक चुने गए हैं। 5 साल मंत्री रहने के दौरान उनकी परफॉर्मेंस ठीक रही, जिसकी वजह से वह इस बार भी कैबिनेट मंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी दावेदारी की दूसरी बड़ी वजह इस बार के चुनाव में ब्राह्मण वोटर्स का एकतरफा झुकाव भाजपा की तरफ रहना भी है। 7. महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से विधायक बने हैं। पार्टी का बड़ा जाट चेहरा बनकर उभरे हैं। नायब सैनी के सीएम बनाए जाने के बाद ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया था। अपने छोटे से कार्यकाल में काफी एक्टिव दिखाई दिए थे। जिसके बाद भाजपा ने इन्हें तीसरी बार फिर टिकट दिया। ढांडा की सबसे बड़ी बात यह भी है कि उनके ऊपर अभी तक कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं। 8. कृष्णा गहलावत: राई विधानसभा सीट पर कृष्णा गहलावत ने जीत दर्ज की है। ये सीट पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है। जाट समुदाय से आने वाली कृष्णा गहलावत 1996 में बंसीलाल सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। भाजपा सोनीपत, रोहतक और झज्जर की जाट बेल्ट में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है। 9. श्रुति चौधरी: तोशाम विधानसभा सीट पर भाजपा से श्रुति चौधरी ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से था। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से सांसद रही श्रुति चौधरी को लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला था। इसके बाद वे अपनी मां किरण चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गईं। तोशाम पर बंसीलाल परिवार का खासा प्रभाव रहा है। इससे पहले किरण चौधरी इस सीट से लगातार जीत हासिल करती रही हैं। उन्हें अब राज्यसभा भेज दिया गया है। ऐसे में श्रुति चौधरी कैबिनेट में मंत्रीपद के मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। 10. हरविंदर कल्याण: ये रोड़ समाज से आते हैं। प्रदेश की घरौंडा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है। 2019 में भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। मनोहर लाल खट्टर के बाद नायब सैनी के कार्यकाल में भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए थे, इस बार इस समाज को बीजेपी नई सरकार में प्रतिनिधित्व देना चाहती है, इसलिए दावेदारी मजबूत है। ये पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। 11. कृष्ण लाल पंवार: बतौर राज्यसभा सांसद रहते हुए इसराना से विधानसभा चुनाव लड़ा। अब तक 6 बार के विधायक रह चुके हैं। सीनियोरिटी के हिसाब से बीजेपी में दूसरे नंबर पर आते हैं। इनसे पहले अनिल विज सात बार के विधायक बन चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। इस चुनाव में दलितों के समर्थन मिलने के बाद बीजेपी में पंवार की मजबूत दावेदारी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के भी काफी करीबी हैं। 12. रणबीर गंगवा: संसदीय मामलों के अच्छे जानकार हैं। मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। गंगवा इस बार बरवाला सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे। इस नई सरकार में उन्हें स्पीकर या डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। 13. घनश्याम सर्राफ: भिवानी से लगातार चार बार विधायक हैं। 2014 में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वैश्य समाज से आते हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने का वादा किया है, ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व उन्हें राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। 14. अनिल विज: हरियाणा में इस बार विधानसभा में सबसे सीनियर अनिल विज होंगे। इसकी वजह यह है कि यह ऐसे पहले विधायक बने हैं, जिन्होंने सात बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता है। मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सेकेंड पोजीशन पर रहे। हालांकि नायब सैनी के कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इस बार वह फिर से कैबिनेट में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। पार्टी यदि डिप्टी सीएम फॉर्मूला लाती है तो विज को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है। अनिल विज पंजाबी समुदाय से आते हैं। Add Cover Image Header Preview Image avatarNo file chosen Caption (Optional) Graphics Editor Carousel Template (Optional) Video / Audio Summary (Optional) Save Content Upload Video / Audio Summary Category URL haryana-bjp-cabinet-ministers-list-nayab-saini-anil-vij-133809601 Meta Title (English) Haryana BJP Cabinet Ministers List; Nayab Singh Saini Anil Vij | Arti Rao Meta Description Haryana CM Nayab Singh Saini Cabinet Ministers List Update; हरियाणा में नई सरकार के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने कवायद शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल के लिए 16 विधायकों के नाम शॉर्टलिस्ट किए जा चुके हैं। SEO Keyword Haryana Cabinet, BJP MLA, Haryana New Government, BJP, Aarti Rao, Tosham MLA Shruti Chaudhary, Krishna Gehlawat News Type (Multi Selection) Related News (Optional) शाह मौजूद रहेंगे; बड़ौली बोले- 17 को शपथग्रहण में PM समेत 37 CM-डिप्टी CM, केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे × चीफ सेक्रेटरी प्रसाद की 31 को रिटायरमेंट; CM के प्रिंसिपल सेक्रेटरी उमाशंकर दिल्ली जाने के इच्छुक × कई दिन से मिल 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