हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल में एक तेज रफ्तार बाइक चालक ने दूसरी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार व्यक्ति नीचे गिरकर बेहोश हो गया। हालांकि, हादसे में आरोपी चालक भी नीचे गिर गया। जो बाद में फरार हो गया। बेहोश युवक को तुरंत नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसा मृतक के भाई की आंखों के सामने हुआ। इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में जगबीर ने बताया कि वह गांव करड़ का रहने वाला है। उसका भाई बिजेंद्र जो ठेकेदार था, 28 जुलाई को अपनी बाइक पर इसराना से गांव लौट रहा था। शाम के करीब 7 बजे थे, वह खुद अपने भाई के पीछे दूसरी बाइक पर था। इंटरनेशनल स्कूल के पास हादसा जब वे इंटरनेशनल स्कूल के पास पहुंचे तो पीछे से तेज रफ्तार बाइक आई और आगे चल रही बिजेंद्र की बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बिजेंद्र गिरकर बेहोश हो गया। आरोपी बाइक चालक भी गिर गया। जगबीर अपने भाई को संभालने लगा। इसी बीच आरोपी बाइक चालक मौके से फरार हो गया। हालांकि तब तक आरोपी की बाइक का नंबर नोट हो चुका था। वह अपने बेहोश भाई को तुरंत सिविल अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल में एक तेज रफ्तार बाइक चालक ने दूसरी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार व्यक्ति नीचे गिरकर बेहोश हो गया। हालांकि, हादसे में आरोपी चालक भी नीचे गिर गया। जो बाद में फरार हो गया। बेहोश युवक को तुरंत नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसा मृतक के भाई की आंखों के सामने हुआ। इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में जगबीर ने बताया कि वह गांव करड़ का रहने वाला है। उसका भाई बिजेंद्र जो ठेकेदार था, 28 जुलाई को अपनी बाइक पर इसराना से गांव लौट रहा था। शाम के करीब 7 बजे थे, वह खुद अपने भाई के पीछे दूसरी बाइक पर था। इंटरनेशनल स्कूल के पास हादसा जब वे इंटरनेशनल स्कूल के पास पहुंचे तो पीछे से तेज रफ्तार बाइक आई और आगे चल रही बिजेंद्र की बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बिजेंद्र गिरकर बेहोश हो गया। आरोपी बाइक चालक भी गिर गया। जगबीर अपने भाई को संभालने लगा। इसी बीच आरोपी बाइक चालक मौके से फरार हो गया। हालांकि तब तक आरोपी की बाइक का नंबर नोट हो चुका था। वह अपने बेहोश भाई को तुरंत सिविल अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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डीपी वत्स ने बढ़ाई हांसी विधायक भ्याणा की चिंता:हांसी से ठोकी दावेदारी, अयोध्या में जिंदल का प्लेन लेकर पूरी कैबिनेट ले गए थे राज्यसभा के पूर्व सांसद रह चुके रिटायर्ड जरनल डीपी वत्स ने हांसी के विधायक विनोद भ्याणा की चिंता बढ़ा दी है। डीपी वत्स ने कहा कि अगर पार्टी ने आदेश दिया तो वह हांसी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उनकी हमेशा से तैयारी रहती है। हांसी विधानसभा उनका अपना इलाका है। वह हांसी के रहने वाले हैं। वत्स ने कहा कि भाजपा में टिकट मांगनी नहीं पड़ती पार्टी का केंद्रीय बोर्ड तय करता है किसे उतारा जाए किसे नहीं। पार्टी जिसकी निष्ठा और जितने वाले पर दांव लगाती है। वत्स ने कहा कि राज्यसभा में जाने से पहले उन्होंने हांसी से विधानसभा का टिकट मांगा था मगर टिकट तो नहीं मिला मगर राज्यसभा में मुझे भेज दिया गया। भाजपा में कई बार मांग से भी ज्यादा मिल जाता है। मगर आपकी पार्टी में निष्ठा, वफादारी और योग्यता दिखनी चाहिए। बता दें कि डीसी वत्स हांसी के थुराना गांव के रहने वाले हैं। उनकी खापों व ग्रामीण इलाकों पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। अयोध्या में जिंदल के प्लेन से गई थी कैबिनेट वत्स ने बताया कि हाल ही में अयोध्या में हरियाणा सरकार गई थी। इसमें तमाम मंत्री गण थे। वत्स ने बताया कि इस दर्शन के लिए नवीन जिंदल ने पर्सनल जहाज भेजा था। वह खुद दिल्ली से जहाज लेकर चंडीगढ़ गए थे। इसके बाद सभी ने दर्शन किए थे। वत्स ने कहा कि भाजपा पार्टी में अंदर सेना की तरह अनुशासन है इसलिए भाजपा उनको सबसे अधिक प्रिय लगती है। कांग्रेस ने संविधान बदलने की अफवाह फैलाकर लिए वोट डीपी वत्स ने कहा कि भाजपा की सीटें घटने का कारण कांग्रेस द्वारा किया गया झूठा प्रचार है। कांग्रेस ने यह प्रचार किया कि भाजपा आई तो संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। इससे जनता में भ्रम फैल गया। इस कारण लोगों ने कम वोट भाजपा को दिए। मगर 10 साल तक शासन में राज करने के बाद भी अगर पार्टी केंद्र में दोबारा सरकार बना रही है तो यह बहुत बड़ी बात है। यह देश में दूसरी बार हुआ है। कुरूक्षेत्र का प्रभारी बनाया हम जीते डीपी वत्स ने कहा कि हिसार लोकसभा की सीट चाहे हम हार गए हों मगर मैंने कुरूक्षेत्र लोकसभा का काम देखा था। मुझे पार्टी ने बतौर कुरुक्षेत्र प्रभारी की जिम्मेदारी थी। इस चुनाव में हमारा कैंडिडेट नवीन जिंदल विजयी होकर निकला है। यह मेरे लिए सुखद अनुभव रहा है। पार्टी अब कहीं भी कोई भी जिम्मेदारी देगी वह पूरी करेंगे। अगर पार्टी हांसी विधानसभा से लड़ने को कहेगी तो वह लड़ने को भी तैयार हैं। कौन है जनरल डीपी वत्स डीपी वत्स यानि देवेंद्र पाल वत्स एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल हैं। वह कांग्रेस सरकार में हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व प्रमुख भी रह चुके हैं। वह एक प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं और महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज, अग्रोहा, हिसार में सलाहकार और सीईओ के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने 1975 में आर्मी मेडिकल कोर में शामिल होने से पहले रोहतक में पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से अपनी शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली से अपनी चिकित्सा प्रशिक्षण पूरा किया था। डीपी वत्स को 1999 में विशिष्ट सेवा पदक , 2003 में सेना पदक और 2011 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है । वह सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में निदेशक और कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे और 30 अप्रैल 2011 को सेवानिवृत्त हुए।
हरियाणा का कुख्यात तस्कर चंडीगढ़ से गिरफ्तार:लॉकडाउन में 1 करोड़ की जब्त शराब बेची; 27 FIR, सोनीपत पुलिस के हवाले किया
हरियाणा का कुख्यात तस्कर चंडीगढ़ से गिरफ्तार:लॉकडाउन में 1 करोड़ की जब्त शराब बेची; 27 FIR, सोनीपत पुलिस के हवाले किया हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान खरखौदा थाने के मालखाने में जब्त शराब को बेचने वाले कुख्यात शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह दहिया को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। मालखाने से शराब बेचने के मामले में जमानत मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया था। एसटीएफ करनाल की टीम ने उसे चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया। आज एसटीएफ ने उसे सोनीपत पुलिस के हवाले कर दिया। अब सोनीपत पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई करेगी।। लॉकडाउन के दौरान चर्चा में आया कुख्यात अपराधी भूपेंद्र पर अकेले शराब तस्करी के 27 मामले चल रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वह करीब एक करोड़ रुपये की सीलबंद शराब बेचकर चर्चा में आया था। भूपेंद्र दहिया पहले भी कई बार अवैध शराब तस्करी में गिरफ्तार हो चुका है। उसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। थाना प्रभारी को बर्खास्त कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के दौरान शराब माफिया और तस्कर भूपेंद्र ने आबकारी विभाग और पुलिस के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब को बेच दिया था। इसमें भूपेंद्र और उसके भाई जितेंद्र उर्फ धोला को भी गिरफ्तार किया गया था और तत्कालीन थाना प्रभारी को बर्खास्त कर दिया गया था। गैर जमानती वारंट जारी अब ये दोनों भाई उन मामलों में कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इनके खिलाफ कई मामलों में गैर जमानती वारंट जारी हो चुके थे। पुलिस की मानें तो भूपेंद्र ने अपने भाई जितेंद्र उर्फ धोला से वर्ष 2023 में पिपली ठेका के पास रामनिवास निवासी पिपली पर हमला करवाया था। इसमें भूपेंद्र मुख्य आरोपी था और इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित किया गया था। इस मामले में सोनीपत पुलिस ने 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस ने चलाया था संपत्ति पर बुलडोजर शराब तस्करी में वह बहुत संपत्ति कमा चुका था। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सोनीपत के सिसाना गांव में साधारण किसान परिवार में जन्मे भूपेंद्र दहिया के पास खरखौदा में एक स्कूल है, जो उसकी मां के नाम पर है। एक ईंट भट्ठा, एक रेस्टोरेंट, खुद की जमीन, 2 लग्जरी गाड़ी हैं। वर्ष 2022 में प्रशासन ने नशे के कारोबार से खड़ी की गई उसकी संपत्ति पर बुलडोजर भी चलाया था। तब उसके 8 मकान और गोदाम तोड़े गए थे। पुलिस के साथ गहरा गठजोड़ अगर भूपेंद्र के पहले केस की बात करे तो वह 2014 में हुआ था। उसके खिलाफ अक्टूबर 2014 में शराब तस्करी का पहला केस दर्ज हुआ था। अब उस पर 27 केस दर्ज हैं। इनमें से एक में वह बरी हो चुका है, साथ ही कई केस बंद हो चुके हैं। पुलिस के साथ उसका जबरदस्त गठजोड़ रहा है। इसी के चलते वह अवैध शराब तस्करी का किंग बन बैठा। उसके गोदामों में 50 से 60 लाख रुपए की शराब बरामदगी अब आम बात है। सोनीपत पुलिस के किया हवाले STF करनाल के इंचार्ज दीपेंद्र राणा ने बताया कि भूपेंद्र दहिया कई साल से फरार था। जिसके बाद से ही पुलिस भूपेंद्र की तलाश में थी। STF करनाल को भूपेंद्र के चंडीगढ़ में होने के इनपुट मिले। जिसके बाद रात को ही पुलिस मौके पर पहुंची और भूपेंद्र दहिया को दबोच लिया। अब आरोपी को सोनीपत पुलिस को सौंपा जाएगा। ये भी पढ़ें…. हरियाणा पुलिस के रडार पर शराब माफिया:लॉकडाउन में 1 करोड़ की जब्त शराब बेची; जीप से रेंज रोवर तक पहुंचा दहिया, 27 FIR हरियाणा का कुख्यात शराब तस्कर भूपेंद्र सिंह दहिया पुलिस के रडार पर है। 2 दिन पहले ही सोनीपत में पुलिस ने उसके 2 गोदामों से करीब 55 लाख रुपए की देसी एव अंग्रेजी शराब पकड़ी है। हत्या के प्रयास के एक मामले में पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी रखा है (पूरी खबर पढ़ें)
किसान आंदोलन के चलते बंद शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कहा- यथास्थिति बनाए रखें, स्वंत्रत कमेटी बनाई जाए; बॉर्डर 5 महीने से बंद
किसान आंदोलन के चलते बंद शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा:SC ने कहा- यथास्थिति बनाए रखें, स्वंत्रत कमेटी बनाई जाए; बॉर्डर 5 महीने से बंद हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास स्थित शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (24 जुलाई) को कहा, ‘शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखी जाए।’ दरअसल, किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा सरकार ने इसे 5 महीने से बैरिकेडिंग कर बंद कर रखा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था। यहां किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक स्वत्रंत कमेटी गठित करने का प्रस्ताव करता है। इसमें प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। ये किसानों और सरकारों से संपर्क कर उनकी मांगों का ऐसा व्यावहारिक समाधान खोज सकेगी जो सभी को स्वीकार होगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उजाल भुइयां की बेंच ने एक हफ्ते में पंजाब और हरियाणा सरकारों से स्वतंत्र समिति के लिए सदस्यों के नाम सुझाने को कहा। कोर्ट रूम लाइव जस्टिस सूर्यकांत- किसानों तक पहुंच बनाने के लिए आपको कुछ कदम उठाने होंगे। किसान दिल्ली क्यों आना चाहेंगे? क्या आपने किसानों से बातचीत की कोशिश की है। क्या किसी निष्पक्ष व्यक्ति के माध्यम से बातचीत की कोशिश की गई? नेशनल हाईवे को कब तक बंद रखेंगे? बिना ट्रेक्टर के आने की अनुमति में क्या दिक्कत है? हरियाणा सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता- 2020-21 के किसान आंदोलन में हमने देख लिया है। केवल सोते हुए को ही जगाया जा सकता है,कोई सोने का नाटक कर रहा हो तो उसे नहीं जगा सकते। जस्टिस सूर्यकांत- आप यहां से मंत्री भेज रहे हैं। किसान सोचते हैं कि आप केवल खुद के भले की बात कर रहे हैं। मंत्रियों को स्थानीय मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है। जस्टिस भुइयां- आप हाईवे को ब्लॉक नहीं कर सकते, एक साल से अधिक समय हो गया है। मेहता – किसान दिल्ली आएं इससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन टैंक,क्रेन, जेसीबी के साथ आने से परेशानी होती है। 500-600 से अधिक गाड़ियां, जिन्हें बख्तरबंद टैंक जैसा बना लिया है, बॉर्डर पर हैं। यदि उन्हें दिल्ली की ओर जाने की अनुमति दी गई, तो कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- किसानों और सरकार के बीच भरोसे की कमी है। हम कुछ स्वतंत्र व्यक्तियों के बारे में सोचेंगे, जो विवाद के प्रति तटस्थ हों। मेहता- स्वतंत्र कमेटी का सुझाव हम सरकार के सामने रखेंगे। किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है। जस्टिस भुइयां- क्या जेसीबी, ट्रैक्टरों के सीमा पार करने पर प्रतिबंध है? मेहता- हम संवेदनशील मामलों से निपटते समय अप्रिय चीजें बर्दाश्त नहीं कर सकते। टैंक,क्रेन, जेसीबी केवल नेशनल हाईवे पर बैन हैं। कोई अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता। एमवी (मोटर वाहन) अधिनियम में इन्हें हाईवे पर लाना बैन है। लेकिन जेसीबी को युद्ध टैंक में बदल दिया गया है। मैं ये बात जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। वहां बख्तरबंद गाड़ियां हैं। हमारे पास तस्वीरें हैं। जस्टिस भुइयां- प्रदर्शनकारियों को भी कुछ शेल्टर की जरूरत हो सकती है। जस्टिस सूर्यकांत- ट्रैक्टरों में कुछ बदलाव करना उस इलाके के किसानों की एक आम प्रथा है। आप सरकार हैं। आप किसानों से मिलें, समस्या का हल निकालने की कोशिश करें। पंजाब सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल गुरमिंदर सिंह- बॉर्डर सील करने से पंजाब सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जस्टिस सूर्यकांत- हम पंजाब और हरियाणा के बीच लड़ाई नहीं चाहते। दोनों राज्य चर्चा करेंगे और स्टेप्स में शंभू बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि जनता को असुविधा न हो। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने को कहा था
10 जुलाई को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के भीतर बॉर्डर से बैरिकेड्स हटाने को कहा था, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। हाईकोर्ट ने एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए था, क्योंकि शंभू बॉर्डर बंद होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बॉर्डर बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी बॉर्डर बंद करने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगा चुका है। वासु रंजन ने कहा कि बहस के दौरान वह राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने वालों के खिलाफ सख्त दिशा-निर्देशों की भी मांग करेंगे। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती दिए गए हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगाएगा और शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश देगा। फरवरी से चल रहा संघर्ष
फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से संघर्ष पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।