फरीदाबाद जिले के जाजरू गांव की बेटी कनिष्का डागर ने अमेरिका के पेरू में हो रहे जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड और सिल्वर पदक जीता है। बल्लभगढ़ पहुंचने पर परिवार के लोगों ने कनिष्का डागर को फूल माला और पगड़ी पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। कनिष्का डागर ने बताया की अमेरिका के पेरू में हो रहे जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल और 50 मीटर में एयर पिस्टल में सिल्वर पदक हासिल किया है। उन्होंने इसका श्रेय उनके माता-पिता और कोच दीपक सिंह को दिया है। इनकी मदद से ही वह यह मुकाम हासिल कर पाई हैं। कनिष्का डागर के पिता अनिल कुमार नाना देवी सिंह और कोच दीपक सिंह का कहना है कि बेटी कनिष्का ने देश का नाम रोशन किया है। जिसने दो मेडल हासिल किए हैं, उन्हें गर्व है कनिष्क ने काफी मेहनत और परिश्रम करके यह मुकाम हासिल किया है। फरीदाबाद जिले के जाजरू गांव की बेटी कनिष्का डागर ने अमेरिका के पेरू में हो रहे जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड और सिल्वर पदक जीता है। बल्लभगढ़ पहुंचने पर परिवार के लोगों ने कनिष्का डागर को फूल माला और पगड़ी पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया। कनिष्का डागर ने बताया की अमेरिका के पेरू में हो रहे जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल और 50 मीटर में एयर पिस्टल में सिल्वर पदक हासिल किया है। उन्होंने इसका श्रेय उनके माता-पिता और कोच दीपक सिंह को दिया है। इनकी मदद से ही वह यह मुकाम हासिल कर पाई हैं। कनिष्का डागर के पिता अनिल कुमार नाना देवी सिंह और कोच दीपक सिंह का कहना है कि बेटी कनिष्का ने देश का नाम रोशन किया है। जिसने दो मेडल हासिल किए हैं, उन्हें गर्व है कनिष्क ने काफी मेहनत और परिश्रम करके यह मुकाम हासिल किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में बुजुर्ग व्यक्ति की पिटाई:घर में शराब पीने से रोकने पर किया हमला, जान से मारने की दी धमकी रोहतक में एक 65 वर्षीय व्यक्ति के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मारपीट करने वाले आरोपियों को बुजुर्ग ने शराब पीने से रोका था। जिसके बाद आरोपियों ने बुजुर्ग पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इतना ही नहीं आरोपियों ने बुजुर्ग को जान से मारने की धमकी भी दे डाली। इस मामले की शिकायत पुलिस को दी गई है। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मामला गांव मोखरा का है। 65 वर्षीय ईश्वर ने बहु अकबरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने बताया कि वह अपने घर पर बैठा हुआ था। इसी दौरान गांव के ही कोकी और राजेश नामक व्यक्ति उसके घर पर आए। वे शराब के नशे में थे। वे उसके बेटे विजय को बुलाने लगे। इसके बाद दोनों व्यक्ति वहीं बैठकर शराब पीने लगे। ईश्वर ने जब उन्हें घर पर शराब पीने से रोका तो उन्होंने उसकी एक नहीं सुनी और उनसे तंग आकर वह घर से बाहर निकल आया। लाठी-डंडों से किया हमला इसके बाद ईश्वर ने दोनों को उनके घर से जाने के लिए कहा। जिस कारण दोनों गाली-गलौज करने लगे और झगड़े पर उतारू हो गए। उन्होंने लाठी-डंडों से उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। वहीं जान से मारने की धमकी भी दी। इस झगड़े में घायल को उपचार के लिए महम के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इधर, मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। वहीं दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
पलवल में दो पक्षों में कहासुनी पर खूनी संघर्ष:झगड़े में पांच घायल, कुल्हाड़ी, सरिये और लोहे के पाइप से हमला
पलवल में दो पक्षों में कहासुनी पर खूनी संघर्ष:झगड़े में पांच घायल, कुल्हाड़ी, सरिये और लोहे के पाइप से हमला हरियाणा के पलवल जिले में पुरानी रंजिश के चलते परिवार पर जानलेवा हमला करने का मामला प्रकाश में आया है। दर्जन भर आरोपियों ने कुल्हाड़ी, सरिया व लोहे के पाइप से हमला कर परिवार के पांच लोगों को गंभीर रुप से घायल कर दिया। घायलों को हॉयर सेंटर के लिए रेफर किया गया है। गदपुरी थाना पुलिस ने घायल की शिकायत पर दस नामजद सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चौपाल में की गाली गलौज गदपुरी थाना के पुलिस जांच अधिकारी ईश्वर के अनुसार जनौली गांव निवासी कुलदीप ने दी शिकायत में कहा कि 19 अक्टूबर की रात उसका छोटा भाई अनिल गांव की चौपाल पर बैठा था। उसी दौरान गांव का ही निवासी जितेंद्र चौपाल पर आकर अनिल के साथ गाली-गलौज करने लगा। शोर सुनकर आए लोगों पर भी हमला विरोध करने पर आरोपी ने अपने परिजन आशीष, सयम सिंह, कुणाल उर्फ सागर, विष्णु, अंकुर, लोकेश, सुखी राम, शारदा व अमर सिंह हाथों में कुल्हाड़ी, डंडा व लोहे की सरिया सहित अन्य धारदार हथियार लेकर आए और आते ही अनिल पर हमला कर दिया। झगड़े का शोर सुनकर वह उसके पिता त्रिलोक चंद, छोटे भाई प्रहलाद व रविंद्र के साथ मौके पर पहुंचे, तो उन पर भी हमला कर दिया। पीछा कर तोड़ा गाड़ी का शीशा आरोपियों ने सभी को पीट-पीट कर लहूलुहान कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायलों को वे गाड़ी में अस्पताल जाने लगे, तो आरोपियों ने पीछा कर गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसके पिता त्रिलोक, भाई प्रहलाद व अनिल को हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। गदपुरी थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
हरियाणा में राज्यसभा सांसद को टिकट पर बगावत:शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा
हरियाणा में राज्यसभा सांसद को टिकट पर बगावत:शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, “हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी”। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा
सत्यवान शेरा ने कहा, “प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर पार्टी में कोई नाराज हो जाता है, तो ये लोग उससे बातचीत भी नहीं करते हैं”। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, “मेरे नाराज होने पर कृष्णलाल पंवार ने मुझे फोन किया और कहा कि मनोहर लाल ने फोन करने को कहा है। तब मैंने उनसे पूछा कि अगर वो नहीं कहते तो क्या आप कॉल करते। मेरे इस सवाल का जवाब भी उन्होंने संतोषजनक नहीं दिया”। इसराना में नहीं पंवार का जनाधार: सत्यवान
सत्यवान शेरा ने कहा कि जब पार्टी ने कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा सांसद बना दिया है, तो अब उन्हें विधानसभा से टिकट क्यों दी गई है। क्या इसराना विधानसभा में सिर्फ पंवार का ही जनाधार है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कृष्ण लाल पंवार को क्षेत्र वासी स्थानीय नेता नहीं मानते, क्योंकि वे लोगों के बीच नहीं रहते हैं। 2019 में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे पंवार
भाजपा ने 2024 के चुनाव में कई पुराने चेहरों पर दांव लगाया है, इन चेहरों में कई ऐसे नाम भी हैं जो 2019 में चुनाव हार गए थे। इन्हीं चेहरों में एक नाम राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार का भी है। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए पंवार को पार्टी ने उस समय इसराना से टिकट दिया था। उस चुनाव में भले ही पंवार भाजपा के लिए ये सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन 2019 में वह इस सीट को नहीं बचा पाए। कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि ने उन्हें 20,015 वोटों के अंतर से मात दी थी। हालांकि हार के बाद भी पार्टी में पंवार का रुतबा कम नहीं हुआ और उन्हें राज्यसभा में पहुंचा दिया गया। पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद भाजपा ने उनपर विश्वास जताया है। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसा करके भाजपा दलित वोट बैंक पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।