अमृतसर में CDPO सस्पेंड:आंगनवाड़ी में निजी फर्म से राशन पहुंचने का उठाया था मुद्दा, विभाग में गलत जानकारी देने का आरोप

अमृतसर में CDPO सस्पेंड:आंगनवाड़ी में निजी फर्म से राशन पहुंचने का उठाया था मुद्दा, विभाग में गलत जानकारी देने का आरोप

पंजाब के अमृतसर में रईया की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को निलंबित कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि सीडीपीओ बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहकर्मियों को प्रेरित कर आंगनबाड़ी केंद्रों की गलत जानकारी की रिपोर्ट तैयार करवाई। जबकि बिक्रमजीत सिंह ने कुछ दिन पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन दिए जाने का मुद्दा उठाया था। क्षेत्र के विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने सीडीपीओ के निलंबन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। सुखपाल खैरा कहते हैं- मुझे दुख है कि रईया अमृतसर के सीडीपीओ पद पर तैनात बिक्रमजीत सिंह जैसे अच्छे अधिकारी को उनके विभाग में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन की आपूर्ति का मुद्दा उठाने पर निलंबित कर दिया गया है। इस निजी फर्म को आउटसोर्स करके आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन की आपूर्ति की जा रही है। कथित निजी फर्म का इतना प्रभाव है कि राशन में फंगस होने की शिकायत के कुछ घंटों के भीतर ही उन्होंने उसे निलंबित कर दिया। बिक्रम का आरोप, फंगस लगा राशन उपलब्ध करवाया गया सुखपाल खेहरा ने अपनी पोस्ट में बिक्रमजीत सिंह की एक वीडियो भी शेयर की है। जिसमें बिक्रमजीत ने बताया कि उनके आंगनवाड़ी केंद्रों पर फंगस लगा राशन दिया जा रहा था। ये एक जहर है। अगर प्रेग्नेंट औरतों व बच्चों को जहर जाएगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। ऐसी फंगस बरसात के दिनों में लकड़ी पर आ जाती है। अगर कोई उसे खा ले तो उसकी मौत हो सकती है। बिक्रमजीत ने बताया कि उन्होंने दो लेटर विभाग को लिखी थी। उनकी शिकायत के बाद ही उन्हें निजी फर्म से फोन आ गया और उन्होंने शिकायत करने पर धमकियां भी दी। उन्होंने कहा कि वे सरकार के नुमाइंदे हैं, अगर कुछ लगता होगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। इसके बाद निजी फर्म ने राशन बदलने की बात भी की। लेकिन दो घंटे बाद ही उनके नाम का सस्पैंशन लैटर जारी कर दिया गया। गलत जानकारियां देने के आरोप पर हुई सस्पेंशन विभाग की तरफ से जो सस्पैंशन लैटर जारी किया गया, उस पर विशेष मुख्य सचिव राजी पी. श्रीवास्तव के हस्ताक्षर थे। जिन्होंने लिखा था कि बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहयोगियों को आंगनवाड़ी केंद्रों की चैकिंग के समय विशेष तौर पर गलत रिपोर्टें देने के लिए प्रोत्साहित किया था। जिसके बाद उसे सिविल सेवा नियमों के तहत सस्पेंड कर दिया जाता है। सस्पेंशन के समय बिक्रमजीत सिंह का हैड-क्वार्टर चंडीगढ़ होगा और वे सस्पेंशन के दौरान अपना हैड-क्वार्टर नहीं छोडेंगे। पंजाब के अमृतसर में रईया की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को निलंबित कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि सीडीपीओ बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहकर्मियों को प्रेरित कर आंगनबाड़ी केंद्रों की गलत जानकारी की रिपोर्ट तैयार करवाई। जबकि बिक्रमजीत सिंह ने कुछ दिन पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन दिए जाने का मुद्दा उठाया था। क्षेत्र के विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने सीडीपीओ के निलंबन का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। सुखपाल खैरा कहते हैं- मुझे दुख है कि रईया अमृतसर के सीडीपीओ पद पर तैनात बिक्रमजीत सिंह जैसे अच्छे अधिकारी को उनके विभाग में निजी फर्म द्वारा घटिया राशन की आपूर्ति का मुद्दा उठाने पर निलंबित कर दिया गया है। इस निजी फर्म को आउटसोर्स करके आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन की आपूर्ति की जा रही है। कथित निजी फर्म का इतना प्रभाव है कि राशन में फंगस होने की शिकायत के कुछ घंटों के भीतर ही उन्होंने उसे निलंबित कर दिया। बिक्रम का आरोप, फंगस लगा राशन उपलब्ध करवाया गया सुखपाल खेहरा ने अपनी पोस्ट में बिक्रमजीत सिंह की एक वीडियो भी शेयर की है। जिसमें बिक्रमजीत ने बताया कि उनके आंगनवाड़ी केंद्रों पर फंगस लगा राशन दिया जा रहा था। ये एक जहर है। अगर प्रेग्नेंट औरतों व बच्चों को जहर जाएगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। ऐसी फंगस बरसात के दिनों में लकड़ी पर आ जाती है। अगर कोई उसे खा ले तो उसकी मौत हो सकती है। बिक्रमजीत ने बताया कि उन्होंने दो लेटर विभाग को लिखी थी। उनकी शिकायत के बाद ही उन्हें निजी फर्म से फोन आ गया और उन्होंने शिकायत करने पर धमकियां भी दी। उन्होंने कहा कि वे सरकार के नुमाइंदे हैं, अगर कुछ लगता होगा तो वे अपने विभाग को बताएंगे ही। इसके बाद निजी फर्म ने राशन बदलने की बात भी की। लेकिन दो घंटे बाद ही उनके नाम का सस्पैंशन लैटर जारी कर दिया गया। गलत जानकारियां देने के आरोप पर हुई सस्पेंशन विभाग की तरफ से जो सस्पैंशन लैटर जारी किया गया, उस पर विशेष मुख्य सचिव राजी पी. श्रीवास्तव के हस्ताक्षर थे। जिन्होंने लिखा था कि बिक्रमजीत सिंह ने अपने सहयोगियों को आंगनवाड़ी केंद्रों की चैकिंग के समय विशेष तौर पर गलत रिपोर्टें देने के लिए प्रोत्साहित किया था। जिसके बाद उसे सिविल सेवा नियमों के तहत सस्पेंड कर दिया जाता है। सस्पेंशन के समय बिक्रमजीत सिंह का हैड-क्वार्टर चंडीगढ़ होगा और वे सस्पेंशन के दौरान अपना हैड-क्वार्टर नहीं छोडेंगे।   पंजाब | दैनिक भास्कर