यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन अनोखा नजारा देखने को मिला। विधान परिषद में सीएम योगी जैसे ही पहुंचे। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ दी। इसके बाद दोनों नेता अलग-बगल बैठे। इतना ही नहीं, नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादवों के सवालों पर जवाब देने से पहले ब्रजेश पाठक ने सीएम योगी से गुफ्तगु की। इस दौरान केशव मौर्य मुस्कराते हुए मुख्यमंत्री की ओर देखते रहे। इधर, विधानसभा में सपा विधायक अनिल प्रधान ने कहा-अगर ऊर्जा मंत्री किसी गांव में चले जाएं। ये बात वहां के लोगों पता चल जाए कि ये ऊर्जा मंत्री हैं, तो उन्हें बैठा लेंगे, जाने नहीं देंगे। शिवपाल यादव ने कहा- भाजपा सरकार जन-विरोधी सरकार है। अनुपूरक बजट में कुछ नहीं है। यह जनता के साथ धोखा है। जो बजट सत्र आया था, उसे खर्च नहीं पाए। अनुपूरक बजट से सरकार ने जनता को गच्चा दिया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल यादव के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- शिवपाल मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं। 2027 में भाजपा सरकार आएगी। यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन अनोखा नजारा देखने को मिला। विधान परिषद में सीएम योगी जैसे ही पहुंचे। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने उनके लिए अपनी सीट छोड़ दी। इसके बाद दोनों नेता अलग-बगल बैठे। इतना ही नहीं, नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादवों के सवालों पर जवाब देने से पहले ब्रजेश पाठक ने सीएम योगी से गुफ्तगु की। इस दौरान केशव मौर्य मुस्कराते हुए मुख्यमंत्री की ओर देखते रहे। इधर, विधानसभा में सपा विधायक अनिल प्रधान ने कहा-अगर ऊर्जा मंत्री किसी गांव में चले जाएं। ये बात वहां के लोगों पता चल जाए कि ये ऊर्जा मंत्री हैं, तो उन्हें बैठा लेंगे, जाने नहीं देंगे। शिवपाल यादव ने कहा- भाजपा सरकार जन-विरोधी सरकार है। अनुपूरक बजट में कुछ नहीं है। यह जनता के साथ धोखा है। जो बजट सत्र आया था, उसे खर्च नहीं पाए। अनुपूरक बजट से सरकार ने जनता को गच्चा दिया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शिवपाल यादव के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- शिवपाल मुंगेरी लाल के सपने देख रहे हैं। 2027 में भाजपा सरकार आएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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नूह में 2 दोषियों को उम्रकैद की सजा:जिला अदालत ने हत्या के मामले में दोषी पाया, 1 लाख से अधिक का जुर्माना नूंह जिले के थाना नगीना के गांव खान मोहम्मद उर्फ स्टोरबास में 16 अगस्त 2019 को दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में इकबाल की मौत के दो आरोपियों को नूंह सेशन जज की अदालत ने आजीवन कारावास और एक लाख से अधिक के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। सरकारी वकील मोहित तंवर ने बताया कि 16 अगस्त 2019 को नगीना थाने के गांव खान मोहम्मद में हुए झगड़े में इकबाल पुत्र नवाब की मौत हो गई थी। जबकि इकबाल की पत्नी गफूदी, रसीद पुत्र इकबाल और जुल्फान पुत्र घायल हो गए थे। जमीन को लेकर हुआ था विवाद घायल जुल्फान निवासी खान मोहम्मदपुर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पिछले कई दिनों से मेरे परिवार के लोगों और हारून पुत्र रुजदार निवासी खान मोहम्मदपुर (स्टोरबास) के परिवार के लोगों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते 16 अगस्त 2019 को सुबह करीब 8 बजे हारून पुत्र रुजदार के परिवार के हारून, इकलास, इसराक, सौकिन, सिराजुद्दीन, नजीर, तोहिद, साबिर निवासी खान मोहम्मदपुर ने उसे गांव के जोहड़ की मेड़ पर घेर लिया। उम्रकैद व 51 हजार जुर्माना आरोपी पहले से ही हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए थे और उसे पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर परिवार के इकबाल, गफूदी, रसीद मौके पर आ गए और इन लोगों को भी पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने करीब 8 लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच व गिरफ्तारी की थी और जांच में कई आरोपी निर्दोष भी पाए गए थे। उन्होंने बताया कि नूंह सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए आरोपी इसराक को आजीवन कारावास व 51500 रुपये जुर्माना तथा दूसरे आरोपी इखलास को आजीवन कारावास व 51000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा जुर्माना अदा न करने पर आरोपी इसराक को 3 माह 20 दिन तथा आरोपी इखलास को 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं।
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चार मिनट में कार चोरी का LIVE डेमो:नोएडा में चोर ने पुलिस के सामने बिना चाबी स्टार्ट की, 100 कारें चुरा चुका है नोएडा पुलिस ने गुरुवार को वाहन चोर गैंग के 5 लोगों को पकड़ा। दिल्ली, यूपी में इन पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। ये लोग ऑन डिमांड 100 से ज्यादा लग्जरी कारें चोरी कर चुके हैं। चोरों ने पुलिस के सामने कैमरे पर 4 मिनट का डेमो दिखाया कि कैसे लग्जरी कारों का गेट खोलकर 4 मिनट में स्टार्ट कर लेते थे। महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में 50 और 40% कम दामों में बेचते थे। कस्टमर को फर्जी आरसी बनाकर देते थे। इनके पास से 17 लग्जरी कारें बरामद की गई, जिसे ये एक से दो सप्ताह में बेचने वाले थे। DCP राम बदन सिंह ने बताया- सीआरटी और थाना सेक्टर-24 पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को पकड़ा है। इनकी पहचान अब्बास उर्फ इकराम, कप्तान उर्फ भूरा, आरिफ उर्फ डोरामोन, आसिफ उर्फ पाटू, अब्दुल रज्जाक के रूप में हुई है। ये पहले भी जेल चुके है। बाहर आने के बाद फिर से कार चोरी करने लगे। 4 मिनट का लाइव डेमो दिखाया
पकड़े गए एक बदमाश ने महज 4 मिनट में DCP क्राइम के सामने एक लग्जरी कार को स्टार्ट कर दिखाया। चोर ने पहले कार का शीशा खोला। उससे गेट खोला। इसके बाद की-प्रोग्रामिंग पैड के जरिए कार के ECM (इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट) को रि-प्रोग्राम किया। वाईफाई से कनेक्ट करके पेयर बनाया और नया की-कोड जनरेट करके कार स्टार्ट की। DCP शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया- अगर प्रोग्रामिंग फेल हो जाए तो ये नकली चाबी और अन्य तरीकों से लॉक तोड़ते थे। पार्किंग में खड़ी करते थे कार
गिरोह के सदस्य चोरी के वाहनों की नंबर प्लेट तुरंत बदल देते थे। बेचने से पहले ये कार को दो से तीन दिन के लिए पार्किंग में खड़ा करते थे। नंबर प्लेट होने से किसी को शक नहीं होता था। इसके बाद चोरी की गाड़ियों की फर्जी आरसी और नंबर प्लेट तैयार करने के बाद बॉर्डर पार कराते थे। इस दौरान यदि कहीं पुलिस चेकिंग हो जाए तो ये अपने आप को मैकेनिक बताकर वहां से निकल जाते थे। इनके पास कार से संबंधित सभी उपकरण होते थे। इसलिए इन पर ज्यादा शक नहीं होता था। टोल पर कैश में देते थे भुगतान
हाईवे पर टोल बूथ पर भी ये चकमा देने में माहिर थे। इनके सर्विलांस के लिए एक कार आगे चलती थी। टोल आने पर ये काउंटर पर कैश देकर आगे बढ़ते थे। अचानक पुलिस के आने पर आरोपी कार के खराब होने का बहाना बनाकर गाड़ी के नीचे लेटकर ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते थे। आरोपी चोरी के वाहनों को पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान में बेचते हैं। पुलिस गिरोह के बाकी के सदस्यों की तलाश कर रही है। 10 से 15 लाख में बेचते थे वाहन
लग्जरी कारों की चोरी के बाद गिरोह 10 से 15 लाख में और सामान्य कारों को तीन से पांच लाख रुपए में बेच देता है। जिन गाड़ियों को बॉर्डर पार नहीं करा पाते थे, उनके पुरजे निकालकर बेच देते थे। बेचने के बाद मिली रकम का प्रयोग मौज मस्ती करने के लिए करते थे। ये कारें बरामद की गईं
सफेद और काले रंग की 4 क्रेटा कार, दो किया सिल्टोस, 3 बलेनो, एक अर्टिगा, दो मारुति शिफ्ट, एक टोयटा इनोवा, एक फोर्ड इंदीवर टाइटेनियम, एक आई-20, जेस्ट रंग सफेद, एक टैब, हाई फ्रीक्वेंसी डिवाइस कोड, गाड़ी लॉक (इग्नेशन स्विच), 7 रिमोट चाबी, 26 साधारण चाबियां, 21 पैकेट कई गाडियों की सेंसर चिप आदि सामान बरामद किया गया। ये भी पढ़ें:- ट्रेनों को पलटाने की REEL बनाने वाला यूट्यूबर छात्र प्रयागराज में अरेस्ट प्रयागराज में गोरखपुर वंदे भारत आने से पहले रेल पटरी पर एक युवक ने सिलेंडर, गिट्टी समेत तमाम चीजें रखकर पलटाने की कोशिश की। युवक के एक साथी ने इसकी रील भी बनाई। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ तो रेल महकमा अलर्ट मोड पर आ गया। युवक के खिलाफ नवाबगंज थाने में FIR दर्ज की गई। गुरुवार को ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी खबर…
पंजाब में रोकी जाएगी घर-घर राशन वितरण योजना:आटा की डिस्ट्रीब्यूशन होगी बंद, 3 की जगह 4 महीने का मिलेगा अनाज
पंजाब में रोकी जाएगी घर-घर राशन वितरण योजना:आटा की डिस्ट्रीब्यूशन होगी बंद, 3 की जगह 4 महीने का मिलेगा अनाज पंजाब सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के लाभार्थियों को ‘आटा’ वितरण के लिए अपनी प्रमुख योजना घर-घर राशन को रोकने का फैसला किया है। लाभार्थियों को अब केवल गेहूँ ही दिया जाएगा। इसे लेकर मार्कफेड के सभी जिला प्रबंधकों की बैठक हुई, जिसे मार्कफेड के प्रबंध निदेशक गिरीश दयालन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 1 जुलाई से गेहूं का वितरण पनग्रेन द्वारा किया जाएगा और राशन डिपो धारक भी गेहूं का वितरण करेंगे जैसा कि शुरू में किया गया था। यह भी निर्णय लिया गया है कि इस बार तीन महीने (प्रति लाभार्थी 5 किलो प्रति माह) का अनाज बांटने के बजाय चार महीने यानी जुलाई से अक्टूबर तक का गेहूँ वितरित किया जाएगा। दरअसल, अधिकारियों को तीन ‘आटा’ डिस्ट्रीब्यूटर्स पार्टनरों द्वारा चलाई जा रहे मॉडल, उचित मूल्य की दुकानों, का प्रभार लेने के लिए कहा गया है। जिसमें केंद्रीय भंडार, आरके एसोशिएट और बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स शामिल हैं। जबकि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) द्वारा संचालित दुकानें उनके पास बनी रहेंगी। योजना के तहत राज्य में कुल 628 दुकानें स्थापित की गयी हैं। आदेश के बाद मार्कफेड के अधिकारियों ने दुकानों का कार्यभार संभालना शुरू कर दिया है। आटा डिस्ट्रीब्यूशन में देरी बना प्रमुख कारण गेहूँ वितरण को वापस शुरू करने का निर्णय AAP सरकार की घर-घर राशन वितरण योजना के तहत आटा या गेहूं के वितरण के मद्देनजर लिया गया। जिसे इस साल की शुरुआत में बहुत धूमधाम से शुरू किया गया था। गेहूँ को आटा बनाने में देरी और वितरण चैनलों में रुकावट इन लोकसभा चुनावों में एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया। जिसके बाद AAP के लोकसभा उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ चुनाव समीक्षा बैठक में इसे उठाया था। सीनियर अधिकारियों ने साधी चुप्पी मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के बाद सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान राज्य के उपायुक्तों से इस योजना पर फीडबैक भी लिया था। वहीं, सीनियर अधिकारी अभी इस योजना के बंद करने के निर्णय पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि इस संबंध में लिए गए निर्णय के बारे में जल्द ही आधिकारिक तौर पर जानकारी सांझा की जाएगी।