नूंह जिले के थाना नगीना के गांव खान मोहम्मद उर्फ स्टोरबास में 16 अगस्त 2019 को दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में इकबाल की मौत के दो आरोपियों को नूंह सेशन जज की अदालत ने आजीवन कारावास और एक लाख से अधिक के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। सरकारी वकील मोहित तंवर ने बताया कि 16 अगस्त 2019 को नगीना थाने के गांव खान मोहम्मद में हुए झगड़े में इकबाल पुत्र नवाब की मौत हो गई थी। जबकि इकबाल की पत्नी गफूदी, रसीद पुत्र इकबाल और जुल्फान पुत्र घायल हो गए थे। जमीन को लेकर हुआ था विवाद घायल जुल्फान निवासी खान मोहम्मदपुर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पिछले कई दिनों से मेरे परिवार के लोगों और हारून पुत्र रुजदार निवासी खान मोहम्मदपुर (स्टोरबास) के परिवार के लोगों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते 16 अगस्त 2019 को सुबह करीब 8 बजे हारून पुत्र रुजदार के परिवार के हारून, इकलास, इसराक, सौकिन, सिराजुद्दीन, नजीर, तोहिद, साबिर निवासी खान मोहम्मदपुर ने उसे गांव के जोहड़ की मेड़ पर घेर लिया। उम्रकैद व 51 हजार जुर्माना आरोपी पहले से ही हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए थे और उसे पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर परिवार के इकबाल, गफूदी, रसीद मौके पर आ गए और इन लोगों को भी पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने करीब 8 लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच व गिरफ्तारी की थी और जांच में कई आरोपी निर्दोष भी पाए गए थे। उन्होंने बताया कि नूंह सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए आरोपी इसराक को आजीवन कारावास व 51500 रुपये जुर्माना तथा दूसरे आरोपी इखलास को आजीवन कारावास व 51000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा जुर्माना अदा न करने पर आरोपी इसराक को 3 माह 20 दिन तथा आरोपी इखलास को 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। नूंह जिले के थाना नगीना के गांव खान मोहम्मद उर्फ स्टोरबास में 16 अगस्त 2019 को दो पक्षों के बीच हुए झगड़े में इकबाल की मौत के दो आरोपियों को नूंह सेशन जज की अदालत ने आजीवन कारावास और एक लाख से अधिक के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। सरकारी वकील मोहित तंवर ने बताया कि 16 अगस्त 2019 को नगीना थाने के गांव खान मोहम्मद में हुए झगड़े में इकबाल पुत्र नवाब की मौत हो गई थी। जबकि इकबाल की पत्नी गफूदी, रसीद पुत्र इकबाल और जुल्फान पुत्र घायल हो गए थे। जमीन को लेकर हुआ था विवाद घायल जुल्फान निवासी खान मोहम्मदपुर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पिछले कई दिनों से मेरे परिवार के लोगों और हारून पुत्र रुजदार निवासी खान मोहम्मदपुर (स्टोरबास) के परिवार के लोगों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते 16 अगस्त 2019 को सुबह करीब 8 बजे हारून पुत्र रुजदार के परिवार के हारून, इकलास, इसराक, सौकिन, सिराजुद्दीन, नजीर, तोहिद, साबिर निवासी खान मोहम्मदपुर ने उसे गांव के जोहड़ की मेड़ पर घेर लिया। उम्रकैद व 51 हजार जुर्माना आरोपी पहले से ही हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए थे और उसे पीटना शुरू कर दिया। शोर सुनकर परिवार के इकबाल, गफूदी, रसीद मौके पर आ गए और इन लोगों को भी पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने करीब 8 लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच व गिरफ्तारी की थी और जांच में कई आरोपी निर्दोष भी पाए गए थे। उन्होंने बताया कि नूंह सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए आरोपी इसराक को आजीवन कारावास व 51500 रुपये जुर्माना तथा दूसरे आरोपी इखलास को आजीवन कारावास व 51000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा जुर्माना अदा न करने पर आरोपी इसराक को 3 माह 20 दिन तथा आरोपी इखलास को 3 माह 10 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जबकि दो आरोपी अभी भी फरार हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद पहुंचे कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा:बल्लभगढ़ में हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम को किया संबोधित, बोले- सरकार आने पर होगी 30 घोटालों की जांच फ़रीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में हरियाणा मांगे हिसाब कार्यक्रम में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के मुख्यमंत्री के ऐलान पर तंज कसते हुए कहा कि अब 35 दिन में कौन सी फसल आ रही है, जिसका ये एमएसपी देंगे, क्योंकि उसके बाद चुनाव में भाजपा की सरकार जा रही है और कांग्रेस की आ रही है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर भाजपा की 10 साल की सरकार में हुए करीब 30 घोटाले की जांच कराई जाएगी। मनोहर लाल और ओपी धनखड़ की कितनी बनती थी कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस एकजुट, जबकि यह सवाल भाजपा से पूछना चाहिए कि जब लड़ाई का वक्त(लोकसभा चुनाव) आया, तो उससे एक महीने पहले सेनापति को ही क्यों बदल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि साढ़े 9 साल सरकार चलाने के बाद ऐसा क्या हुआ कि उन्हें बदलना पड़ा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि भाजपा से यह पूछा जाए कि मनोहर लाल और ओपी धनखड़ की आपस में कितनी बनती थी।
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हरियाणा कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा Vs सैलजा:सांसद का ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान; पोस्टर से हुड्डा गुट के चेहरे गायब
हरियाणा कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा Vs सैलजा:सांसद का ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान; पोस्टर से हुड्डा गुट के चेहरे गायब विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया है। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से इसे शुरू करने का पोस्टर भी शेयर किया है। सैलजा के इस पोस्टर से पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया की फोटो गायब है। हालांकि हुड्डा गुट के कैंपेन की घोषणा, लॉन्चिंग और पोस्टर से भी कुमारी सैलजा गायब थी। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला को जगह दी लेकिन सबसे चौंकाने वाली फोटो पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की है। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही हुड्डा गुट के साथ चंडीगढ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखे थे। बता दें कि हरियाणा की 10 में से 5 लोकसभा सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी ने यहां के 38 नेताओं से मीटिंग की। जिसमें राहुल ने कहा था- ” गुटबाजी किसी की भी सहन नहीं की जाएगी। सभी नेता यूनिटी बनाएं। सार्वजनिक स्थानों, खासकर मीडिया के सामने एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करें।” कुमारी सैलजा का सोशल मीडिया पर डाला पोस्टर… पोस्टर के साथ सैलजा ने लिखा- लोकसभा में यात्रा का फायदा मिला
पोस्टर के साथ कुमारी सैलजा लोकसभा चुनाव में 10 में से 5 सीटों पर जीत का क्रेडिट लेने से भी नहीं चूकी। सैलजा ने लिखा- “कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व मल्लिकार्जुन खड़गे जी और राहुल गांधी जी का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस संदेश यात्रा एक बार फिर से शुरू हो रही है। लोकसभा चुनाव से पहले यहां यात्रा हुई थी, जिसके अभूतपूर्व परिणाम लोकसभा चुनाव में देखने को मिले। 27 जुलाई को यह यात्रा अंबाला से फिर से आरंभ होगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह जी एवं कांग्रेस राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला जी के साथ मिलकर, हम लोग इस यात्रा के माध्यम से BJP की झूठी नीतियों से लोगों को जागरूक कर, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के प्रण को पूर्ण करेंगे”। बीरेंद्र सिंह के जरिए किरण चौधरी की भरपाई
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के खिलाफ कांग्रेस में सैलजा, सुरजेवाला और किरण चौधरी का SRK गुट मजबूत था। हालांकि लोकसभा में किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से टिकट काट दी गई। जिसके बाद किरण चौधरी BJP में शामिल हो चुकी हैं। हुड्डा गुट के खिलाफ खुद को मजबूत रखने के लिए सैलजा और सुरजेवाला अब पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह को साथ जोड़ने में जुटे हुए हैं। बीरेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव से पहले BJP छोड़ कांग्रेस में आए। हालांकि कांग्रेस ने हिसार से उनके सिटिंग सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह की टिकट काट दी। वहीं जब हुड्डा गुट ने चंडीगढ़ में हरियाणा मांगे इंसाफ कैंपेन लॉन्च किया तो बीरेंद्र सिंह को मार्गदर्शक कह दिया। हालांकि बीरेंद्र ने खुद को एक्टिव पॉलिटिशियन बताया। लोकसभा नतीजे देख लड़ाई CM कुर्सी की
हरियाणा कांग्रेस की यह लड़ाई संगठन की मजबूती से ज्यादा 3 महीने बाद विधानसभा चुनाव में सरकार बनने की सूरत में CM कुर्सी की है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 में से 5 सीटें जीती लेकिन इस रिजल्ट को विधानसभा वाइज देखें तो 90 में से 46 सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले। हरियाणा में BJP की लगातार 2 बार से सरकार है। कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी के भी फायदे की उम्मीद है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को लग रहा है कि राज्य में उनकी सरकार बननी तय है। इसके बाद सीएम कुर्सी पर दावेदारी मजबूत हो, इसलिए दोनों गुट अलग-अलग जोर लगा रहे हैं। इसके जरिए वह एक तरफ पार्टी हाईकमान के आगे यात्रा और कैंपेन का क्रेडिट ले सकेंगे, वहीं उनके समर्थक ज्यादा MLA जीतकर आए तो सीएम कुर्सी के लिए दावा मजबूती से रख सकेंगे। कांग्रेस में कलह नई नहीं, 2019 में भी टिकट वितरण पर सवाल उठे
हरियाणा कांग्रेस में कलह नई नहीं है। 2019 में भी कांग्रेस में खूब गुटबाजी रही। जिस वजह से भाजपा 40 सीटें लेकर बहुमत से चूकी, लेकिन कांग्रेस को भी सिर्फ 31 सीटें मिली। वहीं पहला चुनाव लड़ने वाली दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP 10 सीटें जीत गई। नतीजा, उन्होंने भाजपा को समर्थन देकर उनकी सरकार बना दी।