अमृतसर के जवान की जम्मू में मौत:राजकीय सम्मान के साथ संस्कार, सांभा सेक्टर में था तैनात, छुट्‌टी से लौटा था वापस

अमृतसर के जवान की जम्मू में मौत:राजकीय सम्मान के साथ संस्कार, सांभा सेक्टर में था तैनात, छुट्‌टी से लौटा था वापस

अमृतसर के अजनाला के गांव के जवान हरवंत सिंह की जम्मू एंड कश्मीर में ड्यूटी दौरान मौत हो गई। जवान ड्यूटी के दौरान ही गिर पड़ा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषत कर दिया। आज सुबह उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जहां सबने नम आंखों से उसे विदाई दी। जम्मू कश्मीर के सांभा सेक्टर में तैनात अजनाला के गांव हरकलां निवासी सैन्य जवान हरवंत सिंह की ड्यूटी के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हरवंत सिंह 8 ट्रेनिंग फतेहपुर बटालियन में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। शहीद नायक हरवंत सिंह का शव जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरे गांव की आंखें नम थीं। हरवंत सिंह के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। एक वर्ष का बेटा और पत्नी का साथ छोड़ गए शहीदहरवंत सिंह की शादी के चार साल बाद एक बेटा पैदा हुआ था जो कि अभी केवल 1 वर्ष का है। हरवंत सिंह को फौज ज्वाइन किए हुए 11 साल हुए थे। उनकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था। वहीं बेटा झंडे में लिपटे पिता को देखकर उससे खेलने लग गया। रेसलर और बाक्सर था हरवंत सिंहहरवंत सिंह रेसलिंग और बाक्सिंग का शौकीन था। उसके पिता और भाई भी फौज में ही सेवा निभा रहे हैं। मौत से दो दिन पहले ही उसने भाई को फोन करके सावधान रहने के लिए कहा था। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा हरवंत सिंह उसे समझाते थे कि उसे अपना कर्तव्य बहुत सावधानी से करना है, क्योंकि कहीं से भी गोली आ सकती है। लेकिन क्या उसे पता था कि हरवंत सिंह को पहले जाना होगा। उसने कहा कि उसे बहुत गर्व है कि उसका भाई कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया। मां बोली- बेटे पर बहुत गर्व इस मौके पर शहीद नायक हरवंत सिंह की मां ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है और उनका बेटा इस पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आखिरी बार जब हमारी बात हुई थी तो वह बिल्कुल ठीक थे। पूरी यूनिट को उस पर गर्व, ईमानदार था हरवंत सिंह इस मौके पर जवान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उनके साथी जवान की ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे सहकर्मी पर गर्व है और कहा कि उनकी यूनिट को अपूरणीय क्षति हुई है। हरवंत सिंह बेहद ईमानदार अफसर था और हमेशा तनदेही से ड्यूटी निभाता था। वह हर किसी की मदद के लिए आगे रहता था। अमृतसर के अजनाला के गांव के जवान हरवंत सिंह की जम्मू एंड कश्मीर में ड्यूटी दौरान मौत हो गई। जवान ड्यूटी के दौरान ही गिर पड़ा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषत कर दिया। आज सुबह उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जहां सबने नम आंखों से उसे विदाई दी। जम्मू कश्मीर के सांभा सेक्टर में तैनात अजनाला के गांव हरकलां निवासी सैन्य जवान हरवंत सिंह की ड्यूटी के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। हरवंत सिंह 8 ट्रेनिंग फतेहपुर बटालियन में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। शहीद नायक हरवंत सिंह का शव जब उनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरे गांव की आंखें नम थीं। हरवंत सिंह के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। एक वर्ष का बेटा और पत्नी का साथ छोड़ गए शहीदहरवंत सिंह की शादी के चार साल बाद एक बेटा पैदा हुआ था जो कि अभी केवल 1 वर्ष का है। हरवंत सिंह को फौज ज्वाइन किए हुए 11 साल हुए थे। उनकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था। वहीं बेटा झंडे में लिपटे पिता को देखकर उससे खेलने लग गया। रेसलर और बाक्सर था हरवंत सिंहहरवंत सिंह रेसलिंग और बाक्सिंग का शौकीन था। उसके पिता और भाई भी फौज में ही सेवा निभा रहे हैं। मौत से दो दिन पहले ही उसने भाई को फोन करके सावधान रहने के लिए कहा था। वे एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमेशा हरवंत सिंह उसे समझाते थे कि उसे अपना कर्तव्य बहुत सावधानी से करना है, क्योंकि कहीं से भी गोली आ सकती है। लेकिन क्या उसे पता था कि हरवंत सिंह को पहले जाना होगा। उसने कहा कि उसे बहुत गर्व है कि उसका भाई कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया। मां बोली- बेटे पर बहुत गर्व इस मौके पर शहीद नायक हरवंत सिंह की मां ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है और उनका बेटा इस पर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आखिरी बार जब हमारी बात हुई थी तो वह बिल्कुल ठीक थे। पूरी यूनिट को उस पर गर्व, ईमानदार था हरवंत सिंह इस मौके पर जवान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उनके साथी जवान की ड्यूटी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे सहकर्मी पर गर्व है और कहा कि उनकी यूनिट को अपूरणीय क्षति हुई है। हरवंत सिंह बेहद ईमानदार अफसर था और हमेशा तनदेही से ड्यूटी निभाता था। वह हर किसी की मदद के लिए आगे रहता था।   पंजाब | दैनिक भास्कर