पंजाब के लुधियाना से हार के बावजूद केंद्रीय राज्य मंत्री बने रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा से एकमात्र राज्यसभा सीट से रवनीत बिट्टू को मैदान में उतारा जा सकता है। हरियाणा से उनकी एंट्री गेमचेंजर साबित हो सकती है। ऐसा करके बीजेपी हरियाणा विधानसभा के साथ-साथ पंजाब की 4 उपचुनाव वाली सीटों पर भी नजर रख रही है। हरियाणा की बात करें तो इस साल कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। पंजाब की सीमा से सटे हरियाणा के जिलों में सिख वोटों का खासा प्रभाव है। पहले विधायक संदीप सिंह हरियाणा में सिखों की कमान संभालते थे। लेकिन सत्ता परिवर्तन के समय उन्हें कोई मंत्री पद नहीं दिया गया। हरियाणा की खाली हुई राज्यसभा सीट पर रवनीत बिट्टू को उतारकर बीजेपी सिख वोटों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। इसके अलावा पंजाब में गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, बरनाला और चब्बेवाल में उपचुनाव होने हैं। बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाने के बाद भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजकर इन चारों सीटों पर अपने वोट बढ़ाने की उम्मीद कर रही है। हरियाणा से भी कई चेहरे दौड़ में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। रवनीत बिट्टू के अलावा रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी दौड़ में हैं। जानें कौन हैं रवनीत बिट्टू रवनीत सिंह बिट्टू इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। बीजेपी ने उन्हें लुधियाना सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी 1995 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। पंजाब के लुधियाना से हार के बावजूद केंद्रीय राज्य मंत्री बने रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा से एकमात्र राज्यसभा सीट से रवनीत बिट्टू को मैदान में उतारा जा सकता है। हरियाणा से उनकी एंट्री गेमचेंजर साबित हो सकती है। ऐसा करके बीजेपी हरियाणा विधानसभा के साथ-साथ पंजाब की 4 उपचुनाव वाली सीटों पर भी नजर रख रही है। हरियाणा की बात करें तो इस साल कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। पंजाब की सीमा से सटे हरियाणा के जिलों में सिख वोटों का खासा प्रभाव है। पहले विधायक संदीप सिंह हरियाणा में सिखों की कमान संभालते थे। लेकिन सत्ता परिवर्तन के समय उन्हें कोई मंत्री पद नहीं दिया गया। हरियाणा की खाली हुई राज्यसभा सीट पर रवनीत बिट्टू को उतारकर बीजेपी सिख वोटों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। इसके अलावा पंजाब में गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, बरनाला और चब्बेवाल में उपचुनाव होने हैं। बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाने के बाद भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजकर इन चारों सीटों पर अपने वोट बढ़ाने की उम्मीद कर रही है। हरियाणा से भी कई चेहरे दौड़ में रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। रवनीत बिट्टू के अलावा रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओपी धनखड़, संजय भाटिया, मनीष ग्रोवर, कुलदीप बिश्नोई और सुनीता दुग्गल समेत कई वरिष्ठ नेता भी दावेदार हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी भी दौड़ में हैं। जानें कौन हैं रवनीत बिट्टू रवनीत सिंह बिट्टू इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। बीजेपी ने उन्हें लुधियाना सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया। रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं, जिनकी 1995 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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