हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने नए आदेश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का ध्यान रखें। गृह जिले में तैनात और लंबे समय से एक ही स्थान पर ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को बदला जाए। चुनाव आयोग के पत्र के बाद मुख्य सचिव जल्द ही बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले कर सकते हैं। इसमें एचसीएस, आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के तबादले शामिल हो सकते हैं। चुनाव आयोग के पत्र के मुताबिक हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में 3 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव से पहले आयोग जारी करता है आदेश विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादलों के संबंध में निर्देश जारी करना चुनाव आयोग के लिए सामान्य बात है। आयोग की नीति है कि चुनाव वाले राज्य में चुनाव संचालन में सीधे तौर पर शामिल अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाता, जहां वे लंबे समय से तैनात हैं। इसलिए चुनाव में सीधे तौर पर शामिल किसी भी अधिकारी को वर्तमान जिले (राजस्व जिले) में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह अपने गृह जिले में तैनात है या पिछले 4 वर्षों के दौरान उक्त जिले में 3 साल पूरे कर चुका है, तो उसका तबादला कर दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किए गए थे तबादले लोकसभा चुनाव से पहले भी चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को इसी तरह के आदेश जारी किए थे। इसके बाद पंचकूला के डीसी और सुनीता दुग्गल के आईपीएस पति का तबादला कर दिया गया। हरियाणा में अब भी कई ऐसे अधिकारी हैं, जो मंत्रियों या विधायकों के चहेते हैं और लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने नए आदेश जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह चुनाव के मद्देनजर अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का ध्यान रखें। गृह जिले में तैनात और लंबे समय से एक ही स्थान पर ड्यूटी कर रहे अधिकारियों को बदला जाए। चुनाव आयोग के पत्र के बाद मुख्य सचिव जल्द ही बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले कर सकते हैं। इसमें एचसीएस, आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के तबादले शामिल हो सकते हैं। चुनाव आयोग के पत्र के मुताबिक हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में 3 नवंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चुनाव से पहले आयोग जारी करता है आदेश विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के तबादलों के संबंध में निर्देश जारी करना चुनाव आयोग के लिए सामान्य बात है। आयोग की नीति है कि चुनाव वाले राज्य में चुनाव संचालन में सीधे तौर पर शामिल अधिकारियों को उनके गृह जिलों या उन स्थानों पर तैनात नहीं किया जाता, जहां वे लंबे समय से तैनात हैं। इसलिए चुनाव में सीधे तौर पर शामिल किसी भी अधिकारी को वर्तमान जिले (राजस्व जिले) में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह अपने गृह जिले में तैनात है या पिछले 4 वर्षों के दौरान उक्त जिले में 3 साल पूरे कर चुका है, तो उसका तबादला कर दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किए गए थे तबादले लोकसभा चुनाव से पहले भी चुनाव आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव को इसी तरह के आदेश जारी किए थे। इसके बाद पंचकूला के डीसी और सुनीता दुग्गल के आईपीएस पति का तबादला कर दिया गया। हरियाणा में अब भी कई ऐसे अधिकारी हैं, जो मंत्रियों या विधायकों के चहेते हैं और लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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ऐलनाबाद में इनेलो का उम्मीदवार घोषित:कांग्रेस के16 दावेदारों ने टिकट के लिए किया आवेदन; बीजेपी से दो नेताओं के नाम हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में भी चुनावी सरगर्मियां पूरी तरह से तेज हो गई है। विभिन्न पार्टियों की टिकट के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश करने वाले नेताओं ने भी अपने समर्थकों के साथ संपर्क साधने तेज कर दिए हैं। अभी तक इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की तरफ से मौजूदा विधायक अभय सिंह चौटाला ने ऐलनाबाद सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। हरियाणा की सभी विधानसभा सीटों पर इस बार अलग-अलग पार्टियों में अपनी दावेदारी पेश करने वाले उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा होने के कारण जहां पार्टियों को अपने उम्मीदवार का चुनाव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही प्रत्येक विधानसभा सीट पर दावेदारी पेश करने वाले नेताओं को अपने विरोधी उम्मीदवार के साथ चुनाव लड़ने से पहले अपनी ही पार्टी के नेताओं पर जीत दर्ज करते हुए टिकट हासिल करनी भी एक बड़ी चुनौती है। ऐलनाबाद में कांग्रेस के 16 दावेदार ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां कांग्रेस पार्टी से 16 लोगों ने टिकट के लिए नामांकन किया है। लेकिन पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल, पवन बैनीवाल व हरियाणा महिला कांग्रेस की महासचिव संतोष बैनीवाल, युवा नेता संदीप बैनीवाल कुम्हारिया, हरपाल कासनियाँ, मनोज जांदू मुख्य दावेदारों में शामिल है। कांग्रेस के यह सभी नेता पिछले लोकसभा चुनाव में कुमारी सैलजा के चुनाव अभियान में विशेष भूमिका निभाते हुए सभी मैचों पर इकट्ठे नजर आए थे। लेकिन अब विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस हाईकमान के पास अपनी अलग-अलग दावेदारी पेश कर रहे हैं। नेताओं ने गांवों में जनसंपर्क अभियान किया शुरू पार्टी हाईकमान द्वारा टिकट किसको दी जाती है यह अभी कहना मुश्किल है। भरत सिंह बैनीवाल व संतोष बैनीवाल द्वारा गांवों में अपना जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। इन्होंने अपने कार्यालय भी खोल दिए है। वहीं पवन बैनीवाल अभी तक विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आए हैं। भाजपा की तरफ से इस बार मीनू बैनीवाल व अमीर चंद मेहता प्रमुख दावेदारों की लिस्ट में शामिल है। मीनू बैनीवाल पिछले लंबे समय से ऐलनाबाद क्षेत्र में सामाजिक गतिविधियों में अपनी भूमिका निभाते हुए नज़र आ रहे हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमीर चंद मेहता की भी पार्टी हाईकमान पर पकड़ पूरी तरह से मजबूत है।