पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर मिक्स डबल शूटिंग में कांस्य पदक जीतने वाले अंबाला के खिलाड़ी सरबजोत गुरुवार को भारत लौटे। उनका दिल्ली एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। सरबजोत का परिवार धीन गांव में बेटे के लौटने का इंतजार कर रहा है । प्रोटोकॉल के चलते आज सरबजोत दिल्ली में ही रहेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर सरबजोत के भव्य स्वागत के समय मौजूद जूनियर कोच गौरव सैनी ने बताया कि आज सरबजोत का दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत स्वागत किया जाएगा। इसके बाद ही सरबजोत का अंबाला पहुंचेगे। अंबाला में भी उनका जोरदार स्वागत होगा। इसके बारे में अभी आधिकारिक सूचना जारी नही की गई है। सरबजोत के गांव धीन में और अंबाला शूटिंग एकेडमी में स्वागत समारोह होगा। सरबजोत के पिता जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनको बेटे के घर लौटने का इंतजार है। यहां पर उनका स्वागत ढोल नगाड़े के साथ बड़ी धूमधाम से होगा। सबसे पहले सरबजोत अंबाला के पंजोखरा साहिब गुरुद्वारे में पूरे परिवार के साथ माथा टेकेगा। इसके लिए सरबजोत कौर की मां हरजीत कौर ने अपने तौर पर पूरी तैयारी कर रखी है। जितेंद्र ने कहा कि फिलहाल उनको नहीं पता कि बेटा कब अंबाला आएगा। वे अभी घर पर ही हैं। दिल्ली में स्वागत की सूचना की सूचना भी उनको नहीं मिली थी। पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर मिक्स डबल शूटिंग में कांस्य पदक जीतने वाले अंबाला के खिलाड़ी सरबजोत गुरुवार को भारत लौटे। उनका दिल्ली एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। सरबजोत का परिवार धीन गांव में बेटे के लौटने का इंतजार कर रहा है । प्रोटोकॉल के चलते आज सरबजोत दिल्ली में ही रहेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट पर सरबजोत के भव्य स्वागत के समय मौजूद जूनियर कोच गौरव सैनी ने बताया कि आज सरबजोत का दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत स्वागत किया जाएगा। इसके बाद ही सरबजोत का अंबाला पहुंचेगे। अंबाला में भी उनका जोरदार स्वागत होगा। इसके बारे में अभी आधिकारिक सूचना जारी नही की गई है। सरबजोत के गांव धीन में और अंबाला शूटिंग एकेडमी में स्वागत समारोह होगा। सरबजोत के पिता जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनको बेटे के घर लौटने का इंतजार है। यहां पर उनका स्वागत ढोल नगाड़े के साथ बड़ी धूमधाम से होगा। सबसे पहले सरबजोत अंबाला के पंजोखरा साहिब गुरुद्वारे में पूरे परिवार के साथ माथा टेकेगा। इसके लिए सरबजोत कौर की मां हरजीत कौर ने अपने तौर पर पूरी तैयारी कर रखी है। जितेंद्र ने कहा कि फिलहाल उनको नहीं पता कि बेटा कब अंबाला आएगा। वे अभी घर पर ही हैं। दिल्ली में स्वागत की सूचना की सूचना भी उनको नहीं मिली थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके
हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके हरियाणा की अहीरवाल बैल्ट यानी दक्षिणी हरियाणा में दशकों तक सियासी दबदबा रखने वाले रामपुरा हाउस के वजूद पर इस बार संकट नजर आया। यहां से रामपुरा हाउस की सियासत आगे बढ़ा रहे भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत ने भले ही लगातार छठी बार जीत का सिक्सर लगा दिया हो लेकिन हार-जीत का मार्जिन पिछली जीत के मुकाबले काफी कम रहा। मतगणना के दौरान शुरूआत में तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के राज बब्बर से उनकी हार हो सकती है लेकिन अंतिम वक्त में वह 75079 वोटों से जीत गए। हालत यह हो गई कि राव इंद्रजीत सिंह के खुद के पैतृक हल्के रेवाड़ी, बावल और पटौदी ने उन्हें कड़े मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया। इन तीनों ही सीट पर राव की उम्मीद के अनुरूप उन्हें लीड नहीं मिली और कांग्रेस के प्रत्याशी राज बब्बर को तीनों ही विधानसभा में 60 हजार से ज्यादा वोट मिले। जीत के बाद खुद राव ने माना कि अगर उन्हें गुरुग्राम, बादशाहपुर सीट से बढ़त नहीं मिलती तो इस बार जीत मुश्किल थी। खुद लड़खड़ाते जीते, पैतृक सीट से BJP हारी
खुद के इलाके में घिरने के बाद लड़खड़ाते हुए राव इंद्रजीत को आखिर में जीत मिल ही गई, लेकिन उनकी एक और पैतृक सीट कोसली विधानसभा ने भी सभी को चौंका दिया। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. अरविंद शर्मा को 75 हजार वोटों की लीड मिली थी। जिसकी वजह से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार कोसली से भले ही दीपेंद्र 2 वोट से जीते, लेकिन ये परिणाम अपने आप में चौंकाने वाला है। कोसली रामपुरा हाउस का गढ़ रहा है। रोहतक से हारे अरविंद शर्मा की मदद नहीं कर पाए
यहां से बीजेपी को लीड दिलाने की जिम्मेवारी राव इंद्रजीत सिंह के कंधे पर थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद भी आखिरी वक्त पर कोसली में प्रचार करने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां भी बीजेपी प्रत्याशी की हार ने राव इंद्रजीत सिंह की साख पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले में अपनी छाप बरकरार रखने में जरूर कामयाब रहे। भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले का अहम रोल रहा है। गुरुग्राम सीट पर लगातार चौथी जीत
बता दें कि गुरुग्राम सीट 2008 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस की टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने पहला चुनाव 2009 में इस सीट से लड़ा और बीएसपी के जाकिर हुसैन को 84,864 वोटों से हराया था। 2013 में मोदी लहर को देख राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2014 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 2,74,722 वोटों से जीते थे। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 644780 और इनेलो नेता जाकिर हुसैन को 370058 वोट मिले थे। 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार राव इंद्रजीत को गुरुग्राम सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और 6 बार विधायक रहे कैप्टन अजय सिंह यादव से हुआ। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 881546 वोट मिले और कैप्टन अजय सिंह यादव को 495290 वोट मिले थे। इस सीट राव इंद्रजीत ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और 386256 वोटों से जीते थे। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह पहली बार कड़े मुकाबले में फंसते हुए दिखाई दिए। राव इंद्रजीत सिंह को कुल 8 लाख 8 हजार 336 वोट मिले और उन्होंने राज बब्बर को 75079 वोट से हरा दिया। राव इंद्रजीत सिंह की ये सबसे छोटी जीत है। विरोधी रहे एक्टिव, बादशाहपुर ने बचाई लाज
दरअसल, गुरुग्राम सीट पर बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा गुटबाजी भी रही। अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों की फेहरिस्त अपनी ही पार्टी में काफी लंबी हैं। इसी गुटबाजी की वजह से इस बार चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह अलग-थलग भी पड़ते हुए दिखाई दिए। उनके लिए ना कोई बड़ा नेता प्रचार करने आया और ना ही इलाके के दूसरे बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। पूर्व सांसद सुधा यादव, निवर्तमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे सीनियर नेताओं ने दूरी बनाए रखी। जिसकी वजह से राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी के मजबूत कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह कांटे के मुकाबले में फंसे रहे। हालांकि उन्हें गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में करीब 1-1 लाख वोट की लीड मिली, जिसकी वजह वो चुनाव जीत गए। बता दें कि बादशाहपुर वहीं हल्का है, जहां से 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कटवा दी थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा भीतरघात की होने की चर्चा थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ऐसा दिखाई नहीं दिया। कभी 14 विधानसभा सीटों पर रहा दबदबा दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल है। दशकों तक इन सीटों पर रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन सीटों पर रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती चली गई। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इसकी बानगी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह के खुद के गृह जिले रेवाड़ी की विधानसभा सीट पर उनके समर्थक सुनील मुसेपुर को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार खुद राव इंद्रजीत सिंह के सामने खड़ी हुई चुनौती ने इसे और गहरा कर दिया है।
हरियाणा पुलिस भर्ती पर लगी रोक:चुनाव से पहले 5600 पदों का विज्ञापन जारी हुआ था, कांग्रेस ने ECI से की थी शिकायत
हरियाणा पुलिस भर्ती पर लगी रोक:चुनाव से पहले 5600 पदों का विज्ञापन जारी हुआ था, कांग्रेस ने ECI से की थी शिकायत हरियाणा पुलिस भर्ती का सपना देख रहे युवाओं को झटका लगा है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) की ओर से विधानसभा चुनाव की घोषणा से डेढ़ घंटा पहले निकाली 5,600 पुलिस भर्ती फिलहाल थम चुकी है। एचएसससी ने 16 अगस्त को हरियाणा पुलिस सिपाही की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इनमें पुरुष सिपाही के 4000, महिला सिपाही के 600 और आईआरबी पुरुष सिपाही के 1000 पद शामिल हैं। इन पदों के लिए CET पास उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते थे। इन पदों के लिए हरियाणा के बेरोजगार युवा आवेदन कर चुके हैं, लेकिन इन पर अभी तक आयोग ने आगे की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की है। आवेदन करने की आखिरी तारीख 24 सितंबर, 2024 थी। कांग्रेस की शिकायत से फंसा पेंच विधानसभा चुनाव से ठीक पहले निकली पुलिस की सिपाही भर्ती की कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। तब कमीशन ने दावा किया था कि यह विज्ञापन दिन में दोपहर डेढ़ बजे अपलोड कर दिया था। हालांकि हरियाणा में चुनाव आचार संहिता के दौरान हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की सरकारी भर्तियों पर भारत चुनाव आयोग (ECI) ने बड़ा एक्शन लेते हुए रोक लगा दी थी। ECI ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य में विधानसभा चुनाव पूरा होने तक हरियाणा में चल रही भर्ती प्रक्रिया के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी थी।आयोग ने HSSC द्वारा हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल के 5600 पदों, TGT और PTI के 76 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पर यह कार्रवाई की थी। CET संशोधन भी एक वजह हरियाणा में नया CET प्रस्तावित है। संशोधन के बाद नया सीईटी होगा तो नए पास होने वाले उम्मीदवार भी इन पदों के लिए पात्र हो जाएंगे। अभी तक एक ही सीईटी हुआ है, जिसके बाद पुलिस सिपाही की भर्ती हो चुकी है। उसके बाद लाखों युवाओं को सीईटी का इंतजार हैं। इसलिए उनकी मांग है कि नया सीईटी होने के बाद ही पुलिस सिपाही के इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि उन्हें भी मौका मिल सके। यह फैसला आयोग को करना है। अगर सरकार चाहे तो इन पदों को वापस लेकर दोबारा नए सिरे से विज्ञापन के लिए आयोग से आग्रह कर सकती है। 250 क्लकों की जॉइनिंग भी अटकी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में क्लर्क पद के लिए चयनित हुए लगभग 250 उम्मीदवारों की जॉइनिंग भी अटकी हुई है। जबकि उनके साथ के दूसरे विभागों में चयनित क्लर्क उम्मीदवारों की जॉइनिंग हो चुकी है। लेकिन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग उनकी जॉइनिंग नहीं करवा रहा है। जबकि रिजल्ट आने के 22-23 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक न ही तो युवाओं की जॉइनिंग का कोई नोटिस आया है और न हीं डिपार्टमेंट वाले कोई एक्शन ले रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एचएसएससी की तरफ से हमारे पास कोई जॉइनिंग के बारे में आदेश नहीं आया है।
पानीपत में विवाहिता को पति-सास ने किया प्रताड़ित:धीमा जहर देकर मारने की कोशिश; घर बनाने के लिए मायके से 10 लाख लाने को कहा
पानीपत में विवाहिता को पति-सास ने किया प्रताड़ित:धीमा जहर देकर मारने की कोशिश; घर बनाने के लिए मायके से 10 लाख लाने को कहा हरियाणा के पानीपत शहर की एक महिला को पंजाब के लुधियाना स्थित उसके ससुराल में खूब प्रताड़ित किया गया। ससुराल वालों ने 10 लाख रुपए नकद की मांग करते हुए महिला को बुरी तरह पीटा। सास ने उसे धीमा जहर भी दिया। पति ने उसके फर्जी दस्तावेज बनवाकर कई धोखाधड़ी की। ससुर और ननद ने पति और सास का साथ दिया। उन्होंने महिला को गर्भवती न हो इसके लिए डॉक्टर से दवा भी दिलवाई। जब उसने दवा नहीं ली तो उसे फिर से पीटा गया। अब महिला को मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। जिसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई है। मामले में शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 11 माह में बिखर गई शादी पुलिस को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि वह मॉडल टाउन की रहने वाली है। उसकी शादी अगस्त 2023 में साहिल अरोड़ा के साथ पंजाब के लुधियाना में हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद से पति और सास अंजू अरोड़ा दहेज की मांग करने लगे। जिसमें उनका साथ ससुर संजीव और ननद पलक भी देते थे। आरोपियों ने कहा कि वे मकान बना रहे हैं, जिसके लिए वह 10 लाख रुपए अपने मायका से लेकर आए। मना करने पर उसका सिर दीवार में मारा, जिससे उसे चोट लगी। सास ने उसे नशीली दवाइयां (धीमा जहर) दिया। यहां तक कि उसे एक अस्पताल भी ले गए, जहां वे उसे गर्भधारण न करने वाले इंजेक्शन लगवाना चाहते थे। लेकिन डॉक्टरों ने टेस्ट करने के बाद उसे PCOD बताया और इंजेक्शन लगाने से मना कर दिया। डॉक्टर ने उसे एंटी प्रेग्नेंसी मेडिसन और PCOD की दवाईयां दी। जिसे नहीं खाने पर ससुराल वालों ने फिर से उसके साथ मारपीट की। मायका वालों ने कार बेचकर दिए 2 लाख पति ने उसके दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर और जाली दस्तावेज तैयार कर उसके नाम ही स्कूटी फाइनेंस करवाई और अन्य कई काम भी फर्जी तरीके से किए। आरोपियों की बढ़ती मांग को देखकर मायका वालों ने कार बेचकर 2 लाख रुपए दिए। इसके अलावा कई बार पति के खाते में रुपए ट्रांसफर किए। 16 मई की शाम को आरोपियों ने फिर उससे मारपीट की और दवाब बनाया कि वह घर से 10 लाख रुपए लाए। 18 मई को ससुराल वालों ने मारपीट कर उसे बाहर निकाल दिया। कहा कि जब तक वह 10 लाख रुपए नहीं लाएगी, तब तक वे उसे घर में नहीं घुसने देंगे।