बलिया में पत्नी के इलाज के लिए कॉन्स्टेबल को थाना इंचार्ज ने छुट्टी नहीं दी। उसे डांटकर केबिन से भगा दिया। कॉन्स्टेबल पत्नी का इलाज नहीं करा पाया। दो दिन बाद उसकी पत्नी की मौत हो गई। पत्नी की मौत से आहत कॉन्स्टेबल थाना इंचार्ज की मनमानी की शिकायत एसपी और डीआईजी को पत्र लिखकर की है। ये लेटर उसने सोशल मीडिया X पर भी पोस्ट किया। पत्नी की मौत के बाद कॉन्स्टेबल भी तबीयत खराब हो गई। वो भी अस्पताल में भर्ती है। कॉन्स्टेबल का नाम प्रदीप कुमार सोनकर है। उसकी तैनाती इस समय बलिया के सिकन्दरपुर थाने में है। वो कौशांबी जिले के शहजादपुर का रहने वाला है। 2019 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था। पहले सिपाही का लेटर पढ़िए ‘मेरी पत्नी मनीषा की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी, जिसके इलाज के लिए मैं 27 जुलाई को अवकाश लेने के लिए सिकन्दरपुर थानाध्यक्ष दिनेश पाठक के पास गया। थानाध्यक्ष ने अवकाश न देकर मुझे डांटकर भगा दिया। जिसके पश्चात मैं डाक लेकर 29 जुलाई को रात में घर के लिए निकला। मैं रास्ते में ही था कि पत्नी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई। मेरे घर पहुंचने से पहले पत्नी ने दम तोड़ दिया। यदि धानाध्यक्ष समय से मुझे अवकाश दे देते तो मैं अपनी पत्नी का सही समय से इलाज करा लेता। जिससे मेरी पत्नी की जान बच सकती थी। थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण मेरी पत्नी की जान गई है। मेरा निवेदन है कि थानाध्यक्ष की लापरवाही के लिए उचित कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें। भाई बोला- पहले इंतजार किया फिर भाभी को लेकर अस्पताल भागे
प्रदीप के छोटे भाई और मां ने बताया कि 27 जुलाई को अचानक प्रदीप की पत्नी मनीषा की तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी सूचना प्रदीप को दी गई। सूचना पर प्रदीप ने थानाध्यक्ष से छुट्टी मांगी। लेकिन उन्होंने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार करते हुए डांट कर भगा दिया। इस बीच मनीषा की तबीयत बिगड़ती चली गई। प्रदीप का इंतजार करने के बाद हम लोगों ने मनीषा को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी। फिर हम लोग मनीषा को लेकर स्वरूप रानी अस्पताल प्रयागराज पहुंचे, जहां उसने दम तोड़ दिया। सिकंदरपुर थाने में तैनात कुछ सिपाहियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदीप की कई ईएल (अर्न लीव) बाकी हैं, फिर भी छुट्टी न देना गलत है। एसपी बोले- पुलिस विभाग सिपाही के साथ
एसपी बलिया विक्रांत वीर ने बताया- मामले की जानकारी मिली है। सिपाही ने सोशल मीडिया पर लेटर पोस्ट किया है। उनकी पत्नी के निधन पर पूरा पुलिस महकमा उनके साथ खड़ा है। हम उनके दुख में शामिल हैं। मामले की जांच कराई जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। ये खबर भी पढ़ें हरदोई में मां बोली- बेटी को दरिंदों ने नोच डाला:नाखून चुभोकर आंखें फोड़ीं, तड़पाकर मारा; मेरी दूसरी बेटियां घर से नहीं निकल रहीं बेटी रोज की तरह शाम को जानवरों के लिए चारा लेने जा रही थी। खेत के रास्ते में बैठकर गांव के विपिन और सोनू शराब पी रहे थे। दोनों ने बेटी को पकड़ लिया। घसीटकर खेत में ले गए। उसके साथ दरिंदगी की। बेटी दोनों को पहचान गई थी। इसलिए खुद को बचाने के लिए उसकी हत्या कर दी। एक ने बेटी की आंखें फोड़ दीं, दूसरे ने गला दबाकर मार डाला। ये कहते हुए 15 साल की किशोरी की मां फफक कर रोने लगी। दैनिक भास्कर की टीम हरदोई के सांडी थाना क्षेत्र के उस गांव में पहुंची, जहां किशोरी की दरिंदगी के बाद हत्या की गई थी। हमने पीड़ित परिवार के साथ ही आरोपियों के परिजन से भी बात की। पढ़िए रिपोर्ट… बलिया में पत्नी के इलाज के लिए कॉन्स्टेबल को थाना इंचार्ज ने छुट्टी नहीं दी। उसे डांटकर केबिन से भगा दिया। कॉन्स्टेबल पत्नी का इलाज नहीं करा पाया। दो दिन बाद उसकी पत्नी की मौत हो गई। पत्नी की मौत से आहत कॉन्स्टेबल थाना इंचार्ज की मनमानी की शिकायत एसपी और डीआईजी को पत्र लिखकर की है। ये लेटर उसने सोशल मीडिया X पर भी पोस्ट किया। पत्नी की मौत के बाद कॉन्स्टेबल भी तबीयत खराब हो गई। वो भी अस्पताल में भर्ती है। कॉन्स्टेबल का नाम प्रदीप कुमार सोनकर है। उसकी तैनाती इस समय बलिया के सिकन्दरपुर थाने में है। वो कौशांबी जिले के शहजादपुर का रहने वाला है। 2019 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ था। पहले सिपाही का लेटर पढ़िए ‘मेरी पत्नी मनीषा की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी, जिसके इलाज के लिए मैं 27 जुलाई को अवकाश लेने के लिए सिकन्दरपुर थानाध्यक्ष दिनेश पाठक के पास गया। थानाध्यक्ष ने अवकाश न देकर मुझे डांटकर भगा दिया। जिसके पश्चात मैं डाक लेकर 29 जुलाई को रात में घर के लिए निकला। मैं रास्ते में ही था कि पत्नी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई। मेरे घर पहुंचने से पहले पत्नी ने दम तोड़ दिया। यदि धानाध्यक्ष समय से मुझे अवकाश दे देते तो मैं अपनी पत्नी का सही समय से इलाज करा लेता। जिससे मेरी पत्नी की जान बच सकती थी। थानाध्यक्ष की लापरवाही के कारण मेरी पत्नी की जान गई है। मेरा निवेदन है कि थानाध्यक्ष की लापरवाही के लिए उचित कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें। भाई बोला- पहले इंतजार किया फिर भाभी को लेकर अस्पताल भागे
प्रदीप के छोटे भाई और मां ने बताया कि 27 जुलाई को अचानक प्रदीप की पत्नी मनीषा की तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी सूचना प्रदीप को दी गई। सूचना पर प्रदीप ने थानाध्यक्ष से छुट्टी मांगी। लेकिन उन्होंने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार करते हुए डांट कर भगा दिया। इस बीच मनीषा की तबीयत बिगड़ती चली गई। प्रदीप का इंतजार करने के बाद हम लोगों ने मनीषा को प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी। फिर हम लोग मनीषा को लेकर स्वरूप रानी अस्पताल प्रयागराज पहुंचे, जहां उसने दम तोड़ दिया। सिकंदरपुर थाने में तैनात कुछ सिपाहियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदीप की कई ईएल (अर्न लीव) बाकी हैं, फिर भी छुट्टी न देना गलत है। एसपी बोले- पुलिस विभाग सिपाही के साथ
एसपी बलिया विक्रांत वीर ने बताया- मामले की जानकारी मिली है। सिपाही ने सोशल मीडिया पर लेटर पोस्ट किया है। उनकी पत्नी के निधन पर पूरा पुलिस महकमा उनके साथ खड़ा है। हम उनके दुख में शामिल हैं। मामले की जांच कराई जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। ये खबर भी पढ़ें हरदोई में मां बोली- बेटी को दरिंदों ने नोच डाला:नाखून चुभोकर आंखें फोड़ीं, तड़पाकर मारा; मेरी दूसरी बेटियां घर से नहीं निकल रहीं बेटी रोज की तरह शाम को जानवरों के लिए चारा लेने जा रही थी। खेत के रास्ते में बैठकर गांव के विपिन और सोनू शराब पी रहे थे। दोनों ने बेटी को पकड़ लिया। घसीटकर खेत में ले गए। उसके साथ दरिंदगी की। बेटी दोनों को पहचान गई थी। इसलिए खुद को बचाने के लिए उसकी हत्या कर दी। एक ने बेटी की आंखें फोड़ दीं, दूसरे ने गला दबाकर मार डाला। ये कहते हुए 15 साल की किशोरी की मां फफक कर रोने लगी। दैनिक भास्कर की टीम हरदोई के सांडी थाना क्षेत्र के उस गांव में पहुंची, जहां किशोरी की दरिंदगी के बाद हत्या की गई थी। हमने पीड़ित परिवार के साथ ही आरोपियों के परिजन से भी बात की। पढ़िए रिपोर्ट… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर