मंडी की चौहार घाटी में बरसात का कहर:दो रिहायशी मकान, तीन फुटब्रिज, दो कार बही, आलू की फसल तबाह, सड़क क्षतिग्रस्त

मंडी की चौहार घाटी में बरसात का कहर:दो रिहायशी मकान, तीन फुटब्रिज, दो कार बही, आलू की फसल तबाह, सड़क क्षतिग्रस्त

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहार घाटी में मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। चौहार घाटी में राजबन के साथ साथ ग्राम पंचायत तरसवाण में भी बादल फटने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। बादल फटने बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट और दो गौशालाएं और दो कार पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि करीब दो किलोमीटर तक सड़क का नामोनिशान मिट गया है। करीब दो बीघा आलू की फसल भी तबाह हुई है। राजबन में हुए जानमाल के नुकसान के चलते उप मंडल प्रशासन अभी तक तरसवाण पंचायत नहीं पहुंच पाया है। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने पंचायत समिति की अध्यक्ष शीला ठाकुर, पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर और उप प्रधान पारेश्वर ठाकुर के साथ प्रभावित समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव तीनों गांव का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।यहां गनीमत रही कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। हल्कू राम ने भागो भागो की आवाज लगा सुरक्षित बचाए 2 परिवार देर रात को पहाड़ी से गड़गड़ाहट की आवाज सुनते ही गढ़गांव निवासी 35 वर्षीय युवक हल्कू राम घर से बाहर निकला। समय की नजाकत को भांपते हुए युवक ने शोर मचा दिया। उसने शोर मचाते हुए गांव के 2 परिवारों को घर से बाहर निकाला। पांच मिनट में ही रिहायशी मकान नाले के तेज पानी के बहाव में बह गया। हल्कू राम समय रहते यह कदम नहीं उठाता तो यहां भारी जान माल का नुकसान हो सकता था। राजबन में शुरू हुआ रेस्क्यू, 3 शवों का किया संस्कार राजबन में मलबे में दबे लोगों की तलाश को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों ने रेस्क्यू फिर से शुरू कर दिया है। लापता दस लोगों में से अभी तक 3 शव ही बरामद हुए हैं। तीनों शवों का मौके पर पोस्टमार्टम करने उपरांत ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार किया। पंचायत प्रधान जय सिंह ने बताया कि घटना में द्रगड़ गांव निवासी लाल चंद पुत्र टुलकू राम, रमेश और राकेश पुत्र मंगलू राम के रिहायशी मकानों को नुकसान पहुंचा। वहीं मंघरु राम का घराट और सोहन सिंह की ऑल्टो कार भी तेज पानी के बहाव में बह गई। जबकि लोक निर्माण विभाग की तरसवाण-गढ़गांव-द्रगड़ सड़क का दो किलोमीटर हिस्सा नाले का पानी आने से तबाह हो गया है। 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट उधर, चौहारघाटी की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बीते 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट है। जगह जगह पर बिजली के पोल और तारें टूटने से पूरी तरह अंधेरा पसरा हुआ है। जिस कारण ग्रामीणों के मोबाइल और अन्य विद्युत उपकरण ठप होकर रह गए हैं। मोबाइल बंद होने से घटना की सूचना का का आदान प्रदान भी नहीं हो पा रहा है। वहीं, गढ़गांव में सिरशु राम पुत्र भांड्डू राम का दो मंजिला रिहायशी मकान, सुनील पुत्र गुरुदेव की गौशाला, रामलाल पुत्र बीरबल का घराट, और रेवत राम पुत्र जेठू राम की आरा मशीन बह गई। समालंग गांव में ग्रामीणों की दो बीघा से ज्यादा आलू की खड़ी फसल से भरी उपजाऊ जमीन नाले की भेंट चढ़ गई। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि घटना के बारे में उप मंडल प्रशासन को सूचना दे दी गई है। वहीं नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रेषित की है। पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर ने प्रभावित ग्रामीणों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग प्रदेश सरकार और प्रशासन से की है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की चौहार घाटी में मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। चौहार घाटी में राजबन के साथ साथ ग्राम पंचायत तरसवाण में भी बादल फटने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। बादल फटने बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट और दो गौशालाएं और दो कार पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि करीब दो किलोमीटर तक सड़क का नामोनिशान मिट गया है। करीब दो बीघा आलू की फसल भी तबाह हुई है। राजबन में हुए जानमाल के नुकसान के चलते उप मंडल प्रशासन अभी तक तरसवाण पंचायत नहीं पहुंच पाया है। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने पंचायत समिति की अध्यक्ष शीला ठाकुर, पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर और उप प्रधान पारेश्वर ठाकुर के साथ प्रभावित समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव तीनों गांव का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया।यहां गनीमत रही कि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। हल्कू राम ने भागो भागो की आवाज लगा सुरक्षित बचाए 2 परिवार देर रात को पहाड़ी से गड़गड़ाहट की आवाज सुनते ही गढ़गांव निवासी 35 वर्षीय युवक हल्कू राम घर से बाहर निकला। समय की नजाकत को भांपते हुए युवक ने शोर मचा दिया। उसने शोर मचाते हुए गांव के 2 परिवारों को घर से बाहर निकाला। पांच मिनट में ही रिहायशी मकान नाले के तेज पानी के बहाव में बह गया। हल्कू राम समय रहते यह कदम नहीं उठाता तो यहां भारी जान माल का नुकसान हो सकता था। राजबन में शुरू हुआ रेस्क्यू, 3 शवों का किया संस्कार राजबन में मलबे में दबे लोगों की तलाश को लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों ने रेस्क्यू फिर से शुरू कर दिया है। लापता दस लोगों में से अभी तक 3 शव ही बरामद हुए हैं। तीनों शवों का मौके पर पोस्टमार्टम करने उपरांत ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार किया। पंचायत प्रधान जय सिंह ने बताया कि घटना में द्रगड़ गांव निवासी लाल चंद पुत्र टुलकू राम, रमेश और राकेश पुत्र मंगलू राम के रिहायशी मकानों को नुकसान पहुंचा। वहीं मंघरु राम का घराट और सोहन सिंह की ऑल्टो कार भी तेज पानी के बहाव में बह गई। जबकि लोक निर्माण विभाग की तरसवाण-गढ़गांव-द्रगड़ सड़क का दो किलोमीटर हिस्सा नाले का पानी आने से तबाह हो गया है। 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट उधर, चौहारघाटी की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में बीते 40 घंटों से पूरी तरह ब्लैक आउट है। जगह जगह पर बिजली के पोल और तारें टूटने से पूरी तरह अंधेरा पसरा हुआ है। जिस कारण ग्रामीणों के मोबाइल और अन्य विद्युत उपकरण ठप होकर रह गए हैं। मोबाइल बंद होने से घटना की सूचना का का आदान प्रदान भी नहीं हो पा रहा है। वहीं, गढ़गांव में सिरशु राम पुत्र भांड्डू राम का दो मंजिला रिहायशी मकान, सुनील पुत्र गुरुदेव की गौशाला, रामलाल पुत्र बीरबल का घराट, और रेवत राम पुत्र जेठू राम की आरा मशीन बह गई। समालंग गांव में ग्रामीणों की दो बीघा से ज्यादा आलू की खड़ी फसल से भरी उपजाऊ जमीन नाले की भेंट चढ़ गई। ग्रामीण राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि घटना के बारे में उप मंडल प्रशासन को सूचना दे दी गई है। वहीं नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रेषित की है। पंचायत प्रधान जय सिंह ठाकुर ने प्रभावित ग्रामीणों को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग प्रदेश सरकार और प्रशासन से की है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर