सुकमा में राशन माफिया पर चला प्रशासन का चाबुक, 600 बोरा चावल और 200 बोरे चना बरामद

सुकमा में राशन माफिया पर चला प्रशासन का चाबुक, 600 बोरा चावल और 200 बोरे चना बरामद

<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में राशन माफियाओ के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चिंतलनार गांव में प्रशासन द्वारा लगातार की गई दो दिन की कार्रवाई में 600 बोरा से अधिक पीडीएस का चावल लगभग 200 बोरा चना और बड़ी मात्रा में शक्कर अलग-अलग गोदाम से बरामद किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुकमा कलेक्टर ने शिकायत पर लिया संज्ञान</strong><br />दरअसल प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी कि चिंतलनार इलाके के ग्रामीणों को सरकार के द्वारा दी जाने वाली फ्री राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. राशन माफिया गरीबों के हक का चावल डकार रहे हैं. शिकायत मिलने के बाद सुकमा कलेक्टर एस.हरीश ने एसडीएम,तहसीलदार और खाद्य अधिकारियों की एक टीम बनाकर चिंतलनार गांव में रवाना की. जहां प्रशासन की टीम ने अपनी जांच में बड़ी मात्रा में पीडीएस का चावल, शक्कर और चना अलग-अलग गोदाम से बरामद किया, फिलहाल खाद विभाग ने गोदाम से चावल जप्त कर लिए और मामले की जांच में जुटा है. वहीं राशन माफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चिंतलनार में 2 दिनों तक चली छापेमारी</strong><br />दरअसल, चिंतलनार इलाका लंबे समय से राशन के कालाबाजारी को लेकर चर्चा में रहा है.चिंतलनार गांव के अंदरूनी इलाकों में रह रहे अशिक्षित ग्रामीणों के राशन पर डाका डालने का मामला कई बार विधानसभा में भी गूंज चुका है. एक बार फिर से चिंतलनार चर्चा में आया है. बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने बताया कि गरीबों में बांटे जाने वाले राशन के अवैध रूप से लगाए गए स्टॉक की जानकारी जिला प्रशासन को लगी थी. जिसके बाद उनके द्वारा एसडीएम के नेतृत्व में तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारियों के एक टीम बनाई गई और इस टीम को चिंतलनार गांव रवाना किया गया, इसके बाद खाद्य विभाग के द्वारा दो दिनों तक यहां कार्रवाई की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>600 से ज्यादा बोरा चावल और 200 बोरा चना मिला</strong><br />पहले दिन एक निजी मकान से 40 बोरा चावल और 18 बोरा शक्कर और एक बोरा बोरा बरामद किया गया था. जिसके बाद टीम वापस मुख्यालय लौट आई थी, इस कार्रवाई के बाद एक और विशेष सूचना मिली जिसके बाद फिर टीम वापस चिंतलनार में छापामार कार्रवाई करने के लिए पहुंची. जहां कार्रवाई के दौरान अलग-अलग गोदाम से 500 से ज्यादा बोरा चावल लगभग 200 बोरा चना और बड़ी मात्रा में शक्कर बरामद की गई. कलेक्टर ने बताया कि पीडीएस की कालाबाजारी पर लगातार कार्रवाई जारी है और गोदाम और निजी मकान से जप्त राशन सामानों की पूरी जानकारी ली जा रही है, कलेक्टर ने कहा कि फिलहाल टीम जांच कर रही है, जांच के बाद दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पोटाकेबिन से बरामद हुए थे 300 बोरे चावल</strong><br />बता दें कि चिंतलनार वह इलाका है जहां पीडीएस चावल की कालाबाजारी आम बात हो गई है.क्योंकि &nbsp;यहां के ग्रामीण अशिक्षित होने की वजह से अंदरूनी इलाकों में भवन न होने की वजह से आधा दर्जन से ज्यादा राशन की दुकान चिंतलनार में ही संचालित है. दूर-दराज के इलाकों से राशन लेने आने वाले ग्रामीणों की शिकायत जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाती है. इसी का फायदा राशन दुकान के संचालक उठाते हैं, खास बात यह है कि इससे पहले भी पोटाकेबिन में राशन के हेराफेरी का मामला सामने आया था. जहां 300 से ज्यादा बोरा चावल की कालाबाजारी मामले में एक सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा में भी गूंज चुका है राशन की कालाबाजारी का मामला</strong><br />वहीं कई बार चिंतलनार में राशन की कालाबाजारी के मामले विधानसभा में भी गूंजे हैं. गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नए कानून आने के बावजूद बस्तर जैसे पिछड़े इलाके में राशन के कालाबाजारी पर लगाम नहीं लग पाई है, बताया जाता है कि राशन की हेराफेरी के सिस्टम को एक बड़ी चैन के जरिए चलाया जाता है. हालांकि इस चैन को तोड़ने में अब तक प्रशासन को सफलता नहीं मिली है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले 5 साल तक पीडीएस प्रणाली के तहत गरीब परिवारों को फ्री में चावल देने का वादा किया है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के बस्तर के अंदरूनी इलाकों में और खासकर सुकमा जिले के चिंतलनार और अन्य इलाक़ो में धड़ल्ले से इसकी कालाबाजारी की जा रही है और गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”इंदौर में तस्करों के निशाने पर बच्चे, श्रम विभाग को मिली सफलता, एक साल में 60 बच्चों को किया रेस्क्यू” href=”https://www.abplive.com/city/indore/indore-department-of-labour-rescued-60-children-from-traffickers-in-one-year-ann-2752129″ target=”_blank” rel=”noopener”>इंदौर में तस्करों के निशाने पर बच्चे, श्रम विभाग को मिली सफलता, एक साल में 60 बच्चों को किया रेस्क्यू</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News:</strong> छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में राशन माफियाओ के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चिंतलनार गांव में प्रशासन द्वारा लगातार की गई दो दिन की कार्रवाई में 600 बोरा से अधिक पीडीएस का चावल लगभग 200 बोरा चना और बड़ी मात्रा में शक्कर अलग-अलग गोदाम से बरामद किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुकमा कलेक्टर ने शिकायत पर लिया संज्ञान</strong><br />दरअसल प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी कि चिंतलनार इलाके के ग्रामीणों को सरकार के द्वारा दी जाने वाली फ्री राशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. राशन माफिया गरीबों के हक का चावल डकार रहे हैं. शिकायत मिलने के बाद सुकमा कलेक्टर एस.हरीश ने एसडीएम,तहसीलदार और खाद्य अधिकारियों की एक टीम बनाकर चिंतलनार गांव में रवाना की. जहां प्रशासन की टीम ने अपनी जांच में बड़ी मात्रा में पीडीएस का चावल, शक्कर और चना अलग-अलग गोदाम से बरामद किया, फिलहाल खाद विभाग ने गोदाम से चावल जप्त कर लिए और मामले की जांच में जुटा है. वहीं राशन माफियाओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चिंतलनार में 2 दिनों तक चली छापेमारी</strong><br />दरअसल, चिंतलनार इलाका लंबे समय से राशन के कालाबाजारी को लेकर चर्चा में रहा है.चिंतलनार गांव के अंदरूनी इलाकों में रह रहे अशिक्षित ग्रामीणों के राशन पर डाका डालने का मामला कई बार विधानसभा में भी गूंज चुका है. एक बार फिर से चिंतलनार चर्चा में आया है. बताया जा रहा है कि प्रशासन द्वारा की गई यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने बताया कि गरीबों में बांटे जाने वाले राशन के अवैध रूप से लगाए गए स्टॉक की जानकारी जिला प्रशासन को लगी थी. जिसके बाद उनके द्वारा एसडीएम के नेतृत्व में तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारियों के एक टीम बनाई गई और इस टीम को चिंतलनार गांव रवाना किया गया, इसके बाद खाद्य विभाग के द्वारा दो दिनों तक यहां कार्रवाई की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>600 से ज्यादा बोरा चावल और 200 बोरा चना मिला</strong><br />पहले दिन एक निजी मकान से 40 बोरा चावल और 18 बोरा शक्कर और एक बोरा बोरा बरामद किया गया था. जिसके बाद टीम वापस मुख्यालय लौट आई थी, इस कार्रवाई के बाद एक और विशेष सूचना मिली जिसके बाद फिर टीम वापस चिंतलनार में छापामार कार्रवाई करने के लिए पहुंची. जहां कार्रवाई के दौरान अलग-अलग गोदाम से 500 से ज्यादा बोरा चावल लगभग 200 बोरा चना और बड़ी मात्रा में शक्कर बरामद की गई. कलेक्टर ने बताया कि पीडीएस की कालाबाजारी पर लगातार कार्रवाई जारी है और गोदाम और निजी मकान से जप्त राशन सामानों की पूरी जानकारी ली जा रही है, कलेक्टर ने कहा कि फिलहाल टीम जांच कर रही है, जांच के बाद दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पोटाकेबिन से बरामद हुए थे 300 बोरे चावल</strong><br />बता दें कि चिंतलनार वह इलाका है जहां पीडीएस चावल की कालाबाजारी आम बात हो गई है.क्योंकि &nbsp;यहां के ग्रामीण अशिक्षित होने की वजह से अंदरूनी इलाकों में भवन न होने की वजह से आधा दर्जन से ज्यादा राशन की दुकान चिंतलनार में ही संचालित है. दूर-दराज के इलाकों से राशन लेने आने वाले ग्रामीणों की शिकायत जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंच पाती है. इसी का फायदा राशन दुकान के संचालक उठाते हैं, खास बात यह है कि इससे पहले भी पोटाकेबिन में राशन के हेराफेरी का मामला सामने आया था. जहां 300 से ज्यादा बोरा चावल की कालाबाजारी मामले में एक सरपंच के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा में भी गूंज चुका है राशन की कालाबाजारी का मामला</strong><br />वहीं कई बार चिंतलनार में राशन की कालाबाजारी के मामले विधानसभा में भी गूंजे हैं. गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नए कानून आने के बावजूद बस्तर जैसे पिछड़े इलाके में राशन के कालाबाजारी पर लगाम नहीं लग पाई है, बताया जाता है कि राशन की हेराफेरी के सिस्टम को एक बड़ी चैन के जरिए चलाया जाता है. हालांकि इस चैन को तोड़ने में अब तक प्रशासन को सफलता नहीं मिली है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले 5 साल तक पीडीएस प्रणाली के तहत गरीब परिवारों को फ्री में चावल देने का वादा किया है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के बस्तर के अंदरूनी इलाकों में और खासकर सुकमा जिले के चिंतलनार और अन्य इलाक़ो में धड़ल्ले से इसकी कालाबाजारी की जा रही है और गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”इंदौर में तस्करों के निशाने पर बच्चे, श्रम विभाग को मिली सफलता, एक साल में 60 बच्चों को किया रेस्क्यू” href=”https://www.abplive.com/city/indore/indore-department-of-labour-rescued-60-children-from-traffickers-in-one-year-ann-2752129″ target=”_blank” rel=”noopener”>इंदौर में तस्करों के निशाने पर बच्चे, श्रम विभाग को मिली सफलता, एक साल में 60 बच्चों को किया रेस्क्यू</a></strong></p>
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