सहारनपुर में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक युवक को रेप के मामले में दोषी माना है। उसे 10 साल की सजा सुनाई है। उसने शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाया। दुष्कर्म के बाद वह जब गर्भवती हुई तो शादी से इंकार कर दिया। कोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए आरोपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 3 फरवरी 2022 को दर्ज हुई थी एफआईआर एडीजीसी मैनीपाल सिंह ने बताया कि थाना मंडी में 3 फरवरी 2022 को एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि सिराज कॉलोनी के रहने वाले नवेद ने एक युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया। जब युवती गर्भवती हो गई। तो अभियुक्त ने शादी से इनकार कर दिया। पीड़िता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच एसआई श्वेता शर्मा को सौंपी गई। पुलिस ने विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर फैसला एडीजीसी के अनुसार, मामले की सुनवाई एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के बाद अभियुक्त को दोषी करा दिया है। कोर्ट ने अभियुक्त को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। जबकि 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। सहारनपुर में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक युवक को रेप के मामले में दोषी माना है। उसे 10 साल की सजा सुनाई है। उसने शादी का झांसा देकर पहले तो एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाया। दुष्कर्म के बाद वह जब गर्भवती हुई तो शादी से इंकार कर दिया। कोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए आरोपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। 3 फरवरी 2022 को दर्ज हुई थी एफआईआर एडीजीसी मैनीपाल सिंह ने बताया कि थाना मंडी में 3 फरवरी 2022 को एक मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि सिराज कॉलोनी के रहने वाले नवेद ने एक युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया। जब युवती गर्भवती हो गई। तो अभियुक्त ने शादी से इनकार कर दिया। पीड़िता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच एसआई श्वेता शर्मा को सौंपी गई। पुलिस ने विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा कर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर फैसला एडीजीसी के अनुसार, मामले की सुनवाई एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के बाद अभियुक्त को दोषी करा दिया है। कोर्ट ने अभियुक्त को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। जबकि 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए
हरियाणा में आचार संहिता लागू:क्या नई स्कीमें शुरू हो सकेंगी, सरकारी भर्तियों का क्या होगा, ऐसे 11 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब पढ़िए हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इसी के साथ इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। इस दौरान ज्यादातर सरकारी कामों पर अस्थाई रोक लगी रहेगी। ये वो काम होते हैं, जिनसे सरकार को फायदा होने का अंदेशा होता है। हरियाणा में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस चुनाव में 17 अगस्त से 29 सितंबर तक कुल 44 दिन मिलेंगे। 2019 में 21 सितंबर को आचार संहिता लागू हुई थी। पिछली बार 2019 में 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2019 में उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक महीना मिला था, लेकिन इस बार अगस्त में आचार संहिता लगी है और अक्टूबर में वोटिंग होने के कारण डेढ़ महीने का समय मिल रहा है। ऐसे में आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। मसलन- हरियाणा में सरकारी भर्तियां क्या होती रहेंगी, अगर कोई सड़क आधी बनी है तो क्या काम रुक जाएगा, क्या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट बनने भी बंद हो जाएंगे?। सबसे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जानिए… आचार संहिता से जुड़े 11 सवाल और उनके जवाब… सवाल 1 : आज से राज्य में लागू हुई आदर्श आचार संहिता होती क्या है?
जवाब : स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसे आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के समय राजनीतिक दलों और सभी प्रत्याशियों को इसका पालन करना होता है। आचार संहिता के तहत बताया जाता है कि राजनीतिक दलों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आदर्श आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और सत्ताधारी दलों के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। सवाल 2: विधानसभा चुनाव में आचार संहिता कब से कब तक लागू रहेगी?
जवाब : चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। ये आचार संहिता इलेक्शन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने तक जारी रहती है। विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान 16 अगस्त को किया गया। इस दिन से आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही आचार संहिता खत्म हो जाती है। सवाल 3: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं?
जवाब : आदर्श आचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है… सवाल 4: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा सरकारी पदों पर जारी भर्तियों और अन्य स्कीम और कामों का क्या होगा, जिसकी घोषणा सरकार कर चुकी है?
जवाब : हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने 50 हजार भर्तियों का वादा किया है। इनमें से 34 हजार पदों पर भर्ती हो गई है। बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है। जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उस पर कोई रोक नहीं लगेगी, लेकिन मुख्यमंत्री या कोई मंत्री नियुक्ति पत्र अपने हाथों से नहीं दे पाएंगे। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों निकलती है तो यह चुनाव आयोग को देखना पड़ेगा कि भर्ती अभी क्यों निकाली जा रही है। इस भर्ती के देरी से निकलने की क्या वजहें हैं। अगर इसका उचित जवाब नहीं मिलता है तो यह माना जाएगा कि जान बूझकर देरी की गई है। सवाल 5: आचार संहिता लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, आवासीय और कास्ट सर्टिफिकेट बनाना संभव है या नहीं?
जवाब : हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी पंकज अग्रवाल का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। पहले चल रहे विकास कार्यों को भी बंद नहीं किया जा सकता है। राशन कार्ड में संशोधन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनाए जाते रहेंगे। जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं लगती है। सवाल 6: आचार संहिता लागू होने के बाद सड़क बनाने या ठीक करवाने की इजाजत होती है या नहीं?
जवाब : चुनाव आयोग के मुताबिक विधायक, मंत्री या कैंडिडेट आचार संहिता लागू होने के बाद कोई आर्थिक सहायता या उससे संबंधित कोई वादा नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने के बाद किसी परियोजना अथवा योजना का शिलान्यास नहीं किया जा सकता है। सड़क बनवाने, पीने के पानी को लेकर काम शुरू करवाना तो दूर, वादा तक नहीं कर सकते हैं। जो काम पहले से चल रहा है वो आचार संहिता की वजह से बाधित नहीं होगा। सवाल 7: आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होती है?
जवाब : आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी की ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार नहीं कर सकती है। ट्रांसफर कराना बेहद जरूरी हो गया हो तब भी सरकार बिना चुनाव आयोग की सहमति के ये फैसला नहीं ले सकती है। इस दौरान राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त जरूरत के हिसाब से अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कर सकते हैं। सवाल 9: क्या आचार संहिता लागू होने पर कोई मंत्री सरकारी खर्चे पर इलेक्शन रैली कर सकते हैं?
जवाबः आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी खर्च पर मंत्री इलेक्शन रैली नहीं कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री सरकारी वाहनों का इस्तेमाल भी सिर्फ अपने निवास से ऑफिस तक जाने के लिए कर सकते हैं। चुनावी रैलियों और यात्राओं के लिए इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता। सवाल 10: क्या आचार संहिता के दौरान मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार कर सकते हैं?
जवाब : नहीं। आचार संहिता लागू होने के बाद मंत्री अपने आधिकारिक दौरे के समय चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। यहां तक की चुनाव प्रचार के लिए सरकारी गाड़ियों, विमानों या किसी दूसरे सुविधाओं का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सवाल 11 : क्या शराब के ठेकों, तेंदू की पत्तियों के टेंडर की नीलामी की जा सकती है?
जवाब : नहीं। इस तरह के किसी टेंडर की नीलामी नहीं की जा सकती है। सरकार जरूरी होने पर आचार संहिता से पहले ही कोई तत्कालिक व्यवस्था कर सकती है। इसके अलावा नगर निगम, नगर पंचायत, नगर क्षेत्र समिति राजस्व संग्रहण का काम जारी रख सकती है।
Bihar News: kk पाठक के छुट्टियों पर जाते ही शिक्षकों की बल्ले-बल्ले, अब Snacks Break के लिए भी मिलेगा समय
Bihar News: kk पाठक के छुट्टियों पर जाते ही शिक्षकों की बल्ले-बल्ले, अब Snacks Break के लिए भी मिलेगा समय <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Government Schools:</strong> बिहार में भीषण गर्मी को लेकर बच्चों के लिए बंद किए गए सरकारी विद्यालय सोमवार (10 जून) से फिर से खुलने जा रहे हैं. सोमवार से राज्यभर के सभी सरकारी विद्यालयों का संचालन नए समय पर किया जाना है. इसको लेकर शिक्षा विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा ने गुरुवार (6 जून) को 10 जून से 30 जून तक के लिए विद्यालय का नया शेड्यूल जारी किया गया है, जिसमें विद्यालय का संचालन सुबह 6:30 बजे से लेकर 11:30 बजे तक करने की बात कही गई. उसके बाद शुक्रवार (7 जून) को एक और पत्र जारी हुआ है, जिसमें विद्यालय के शिक्षकों को अल्पाहार के लिए 20 मिनट का अवकाश दिए जाने की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षा विभाग ने जारी किया ये नया आदेश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार को शिक्षा विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सन्नी सिन्हा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम पर एक नया पत्र जारी किया है, जिसमें सरकारी विद्यालयों में पदस्थापित या प्रतिनियुक्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए अल्पाहार (Snacks Break) के लिए समय निर्धारण के सम्बंध में बात कही गई है. इस पत्र में कहा गया है कि 6 जून दिन गुरुवार को शिक्षा विभाग द्वारा प्रासंगिक पत्र के माध्यम से विद्यालयों में 10 जून से 30 जून तक शैक्षणिक कार्य के संचालन के लिए समय निर्धारित है, विद्यालयों में पदस्थापित या प्रतिनियुक्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए अल्पाहार अवकाश (Snacks Break) के लिए समय निर्धारण की आवश्यकता महसूस की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अतः इस आदेश के आलोक में विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य के लिए निर्धारित अवधि में परिवर्तन किए बगैर आवश्यकतानुसार किसी एक घंटी के पश्चात स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए, यदि आवश्यक हो तो विद्यालयों में पदस्थापित या प्रतिनियुक्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए 20 मिनट का अल्पाहार अवकाश (Snacks Break) के लिए अपने स्तर से निर्णय लिए जाने का निर्देश जारी किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले गुरुवार को शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर 10 से 30 जून तक स्कूलों में कक्षाओं का संचालन सुबह 6:30 से 11:30 बजे तक कर दिया है, जिसमें 6:30 से 6:45 तक प्रार्थना सत्र, 6:45 से 7:20 तक पहली घंटी, 7:20 से 7:55 तक दूसरी घंटी, 7:55 से 8:30 तक तीसरी घंटी, 8:30 से 9:05 तक चौथी घंटी, 9:05 से 9:40 तक पांचवीं घंटी, 9:40 से 10:15 तक छठी घंटी, 10:15 से 10:50 तक सातवीं घंटी, 10:50 से 11:30 तक वर्ग 3-8 तक के विद्यार्थियों के लिए मिशन दक्ष के अंतर्गत कक्षा का संचालन, कक्षा 9-12 तक के विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षा का संचालन का आदेश दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3 से 30 जून तक अवकाश पर केके पाठक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जो बच्चे मिशन दक्ष से आच्छादित नहीं हैं उनके लिए खेलकूद, पेंटिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि, जबकि 11:30 बजे से लेकर 12:10 तक कक्षा 1-8 तक के छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन दिया जाएगा तथा कक्षा 9-12 तक के छात्र-छात्राओं के लिए विशेष कक्षा का संचालन के साथ-साथ जो बच्चे विशेष कक्षा से आच्छादित नहीं हैं उनके लिए खेलकूद, पेंटिंग एवं अन्य सृजनात्मक गतिविधि कराना निर्धारित की गई है. इसके साथ ही इस नए आदेश में विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मी विद्यालय शुरू होने के 10 मिनट पूर्व उपस्थित होने के लिए कहा गया है. मालूम हो कि शिक्षा विभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव केके पाठक के 3 जून से 30 जून तक के लिए अवकाश पर चले जाने के कारण सीएम नीतीश कुमार के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ेंः <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-education-department-acs-s-siddharth-change-kk-pathak-order-now-ddc-will-monitor-government-schools-ann-2709702″>Bihar News: अब सरकारी स्कूलों में नहीं मचेगा हड़कंप! केके पाठक के इस आदेश को प्रभारी ACS एस सिद्धार्थ ने बदला</a></strong></p>