आरक्षण के फैसले पर NDA में अलग-अलग सुर, अब जीतन राम मांझी के बयान ने सबको चौंकाया

आरक्षण के फैसले पर NDA में अलग-अलग सुर, अब जीतन राम मांझी के बयान ने सबको चौंकाया

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> एससी-एसटी में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को लेकर एनडीए में अलग-अलग सुर देखने को मिल रहे हैं. बीते रविवार (04 अगस्त) को रांची के एक होटल में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इसमें पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) मौजूद रहे. बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई और सात प्रस्ताव पर मुहर लगी. इस दौरान आरक्षण पर एक अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले पर बयान देकर जीतन राम मांझी ने सबको चौंका दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मांझी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसका हम स्वागत करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011-2012 में ही व्यवस्था कर दी थी, अनुसूचित जाति में एक पिछड़ा और दूसरा अति पिछड़ा वर्ग होता है. ओबीसी में भी पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग है. अनुसूचित जाति में दलित और महादलित भी है. उसको कुछ लोगों ने कोर्ट में चैलेंज भी किया था, जिसे कोर्ट ने अमान्य कर दिया था. अब उसी चीज को सुप्रीम कोर्ट ने फिर कह दिया है तो समझने वाली बात है कि नीतीश जी के नेतृत्व में जो सरकार ने आरक्षण का फैसला किया था वह स्वागत करने योग्य है. रही बात अभी जेनरल फैसला नहीं है, कोई एक जज का मानना है. आगे जो फैसला आएगा उस पर आगे चर्चा होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जताई है असहमति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें राज्यों को 15 फीसद आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-समूह बनाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने घोषणा की है कि उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इसके खिलाफ अपील करेगी. चिराग पासवान ने कहा है कि एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर को अनुमति नहीं दी जा सकती. एससी कोटे में उप-समूहों को अनुमति देने से सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग के उत्थान का उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जो छुआछूत की प्रथा का शिकार रहा हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार (1 अगस्त 2024) को 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था. इसमें उन्होंने कहा था कि राज्य इन समूहों में सबसे वंचित जातियों के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एससी और एसटी को और उप-वर्गीकृत कर सकते हैं. इस फैसले का समर्थन करने वाले 6 में से 4 जजों ने अलग-अलग फैसले लिखे, जिसमें क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-hajipur-dj-system-contact-with-11-thousand-volt-wire-8-kanwar-yatri-died-due-to-current-2753578″>Hajipur News: हाजीपुर में 11 हजार वोल्ट के तार से सटा DJ सिस्टम, नाबालिग समेत 9 कांवड़ियों की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Politics:</strong> एससी-एसटी में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को लेकर एनडीए में अलग-अलग सुर देखने को मिल रहे हैं. बीते रविवार (04 अगस्त) को रांची के एक होटल में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. इसमें पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) मौजूद रहे. बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई और सात प्रस्ताव पर मुहर लगी. इस दौरान आरक्षण पर एक अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले पर बयान देकर जीतन राम मांझी ने सबको चौंका दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मांझी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसका हम स्वागत करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011-2012 में ही व्यवस्था कर दी थी, अनुसूचित जाति में एक पिछड़ा और दूसरा अति पिछड़ा वर्ग होता है. ओबीसी में भी पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग है. अनुसूचित जाति में दलित और महादलित भी है. उसको कुछ लोगों ने कोर्ट में चैलेंज भी किया था, जिसे कोर्ट ने अमान्य कर दिया था. अब उसी चीज को सुप्रीम कोर्ट ने फिर कह दिया है तो समझने वाली बात है कि नीतीश जी के नेतृत्व में जो सरकार ने आरक्षण का फैसला किया था वह स्वागत करने योग्य है. रही बात अभी जेनरल फैसला नहीं है, कोई एक जज का मानना है. आगे जो फैसला आएगा उस पर आगे चर्चा होगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जताई है असहमति</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध किया, जिसमें राज्यों को 15 फीसद आरक्षण के एक हिस्से के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-समूह बनाने की अनुमति दी गई है. उन्होंने घोषणा की है कि उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इसके खिलाफ अपील करेगी. चिराग पासवान ने कहा है कि एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर को अनुमति नहीं दी जा सकती. एससी कोटे में उप-समूहों को अनुमति देने से सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्ग के उत्थान का उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जो छुआछूत की प्रथा का शिकार रहा हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार (1 अगस्त 2024) को 6:1 बहुमत से फैसला सुनाया था. इसमें उन्होंने कहा था कि राज्य इन समूहों में सबसे वंचित जातियों के लिए कोटा सुनिश्चित करने के लिए एससी और एसटी को और उप-वर्गीकृत कर सकते हैं. इस फैसले का समर्थन करने वाले 6 में से 4 जजों ने अलग-अलग फैसले लिखे, जिसमें क्रीमी लेयर को आरक्षण लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया गया.</p>
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