सहारनपुर में तीन रेपिस्टों को 20 साल की सजा:4 मार्च 2018 को नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया था

सहारनपुर में तीन रेपिस्टों को 20 साल की सजा:4 मार्च 2018 को नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया था

सहारनपुर कोर्ट ने नाबालिग छात्रा से गैंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 20 साल कैद की सजा सुनाई है। 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एडीजे कक्ष-14 विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर फैसला सुनाया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया, थाना फतेहपुर क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग ने 4 मार्च 2018 को गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि कक्षा 10 की छात्रा को गांव का अली अहमद फोन कर अश्लील बात कर रहा था। जब छात्रा उसे डांटने के लिए उसके घर पहुंची। आरोपी युवक छात्रा का मुंह दबाया और घर के नीचे बनी खाली दुकान में ले गया। पीड़िता ने बताया था कि दुकान में पहले से ही अभियुक्त फरीद और सुमित सैनी मौजूद थे। तीनों अभियुक्तों ने छात्रा के साथ रेप किया। आरोप था कि छात्रा को जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद छात्रा डरी और सहमी हुई अपने घर आई। करीब छह माह तक किसी को कुछ नहीं बताया। जिस कारण धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब हो गई। परिजनों को शक हुआ कि बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है। तब परिजनों ने नाबालिक की बुआ को घर बुलाया। उसके बाद बुआ ने प्यार से पूछा। जिसके बाद छात्रा ने अपनी बुआ को सब कुछ बता दिया। परिजन 24 सितंबर 2018 को नाबालिक बेटी को थाने ले गए। जिसके बाद नाबालिक के बताए अनुसार तीनों अभियुक्तों पर पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को अरस्ट कर जेल भेज दिया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया कि इस मामले की सुनवाई एडीजे कक्ष-14 विशेष न्यायधीश पोक्सो अधिनियम की अदालत में हुई। पत्रावाली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के बाद अदालत ने अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। अदालत ने सभी को 20 साल की कैद और 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड़ की सजा सुनाई है। सहारनपुर कोर्ट ने नाबालिग छात्रा से गैंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें 20 साल कैद की सजा सुनाई है। 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एडीजे कक्ष-14 विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम की कोर्ट ने पत्रावली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर फैसला सुनाया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया, थाना फतेहपुर क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग ने 4 मार्च 2018 को गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि कक्षा 10 की छात्रा को गांव का अली अहमद फोन कर अश्लील बात कर रहा था। जब छात्रा उसे डांटने के लिए उसके घर पहुंची। आरोपी युवक छात्रा का मुंह दबाया और घर के नीचे बनी खाली दुकान में ले गया। पीड़िता ने बताया था कि दुकान में पहले से ही अभियुक्त फरीद और सुमित सैनी मौजूद थे। तीनों अभियुक्तों ने छात्रा के साथ रेप किया। आरोप था कि छात्रा को जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद छात्रा डरी और सहमी हुई अपने घर आई। करीब छह माह तक किसी को कुछ नहीं बताया। जिस कारण धीरे-धीरे उसकी तबीयत खराब हो गई। परिजनों को शक हुआ कि बेटी के साथ कुछ गलत हुआ है। तब परिजनों ने नाबालिक की बुआ को घर बुलाया। उसके बाद बुआ ने प्यार से पूछा। जिसके बाद छात्रा ने अपनी बुआ को सब कुछ बता दिया। परिजन 24 सितंबर 2018 को नाबालिक बेटी को थाने ले गए। जिसके बाद नाबालिक के बताए अनुसार तीनों अभियुक्तों पर पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को अरस्ट कर जेल भेज दिया था। सहायक शासकीय अधिवक्ता शहजाद खान ने बताया कि इस मामले की सुनवाई एडीजे कक्ष-14 विशेष न्यायधीश पोक्सो अधिनियम की अदालत में हुई। पत्रावाली पर आए साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के बाद अदालत ने अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। अदालत ने सभी को 20 साल की कैद और 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड़ की सजा सुनाई है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर