हरियाणा के गुरूग्राम जिला में स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचागत तंत्र को मजबूती प्रदान करते हुए सोमवार को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने वर्चुअल माध्यम से उप-मंडल अस्पताल सोहना स्थित नागरिक अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया। 41 लाख की लागत से निर्मित इस इकाई में एक बार में 14 बच्चों का उपचार हो सकेगा। यह यूनिट उन्नत इनक्यूबेटर, व्यापक निगरानी प्रणाली, गंभीर देखभाल के लिए विशेष उपचार क्षेत्र, नवजात स्वास्थ्य पेशेवरों की एक समर्पित टीम सहित अन्य आधुनिक उपकरणों से लैस है। प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव मिले शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि यह इकाई नवजात मृत्यु दर को रोकने के लिए कारगर साबित होगी। यह इकाई समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, संक्रमण और जन्म के समय श्वास में अवरोध जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले नवजात शिशुओं को गहन देखभाल प्रदान करेगी। उन्होंने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल यह सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है कि राज्य में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत मिले। इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव से अस्पताल में मरीजों की संख्या, संस्थान की उपलब्धियों और अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नवजात को समय पर बेहतर इलाज के माध्यम से हर वर्ष बढ़ रही शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन ने बताई इकाई की विशेषता सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने स्वास्थ्य मंत्री को इकाई की अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एसएनसीयू गहन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के लिए विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। यह इकाई उन्नत चिकित्सा तकनीक से सुसज्जित है और इसमें अत्यधिक कुशल नवजात शिशु विशेषज्ञों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम है, जो सबसे कमजोर रोगियों के लिए देखभाल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करती है। देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना उद्देश्य उन्होंने कहा कि एसएनसीयू की स्थापना सोहना क्षेत्र में नवजात स्वास्थ्य सेवा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना और नवजात शिशुओं की देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इन सुविधाओं से लैस है, इकाई सिविल सर्जन ने बताया कि इकाई में 14 रेडिएंट वार्मर, एलईडी फोटोथेरेपी की 4 यूनिट, 6 पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध है। वहीं नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए एक बाल रोग विशेषज्ञ, 9 नर्सिंग अधिकारी 2 चिकित्सा अधिकारी 24-7 अपनो सेवाएं दे रहे हैं। हरियाणा के गुरूग्राम जिला में स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचागत तंत्र को मजबूती प्रदान करते हुए सोमवार को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने वर्चुअल माध्यम से उप-मंडल अस्पताल सोहना स्थित नागरिक अस्पताल में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) का उद्घाटन किया। 41 लाख की लागत से निर्मित इस इकाई में एक बार में 14 बच्चों का उपचार हो सकेगा। यह यूनिट उन्नत इनक्यूबेटर, व्यापक निगरानी प्रणाली, गंभीर देखभाल के लिए विशेष उपचार क्षेत्र, नवजात स्वास्थ्य पेशेवरों की एक समर्पित टीम सहित अन्य आधुनिक उपकरणों से लैस है। प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव मिले शुरुआत स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने कहा कि यह इकाई नवजात मृत्यु दर को रोकने के लिए कारगर साबित होगी। यह इकाई समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, संक्रमण और जन्म के समय श्वास में अवरोध जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों वाले नवजात शिशुओं को गहन देखभाल प्रदान करेगी। उन्होंने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल यह सुनिश्चित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है कि राज्य में जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत मिले। इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव से अस्पताल में मरीजों की संख्या, संस्थान की उपलब्धियों और अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नवजात को समय पर बेहतर इलाज के माध्यम से हर वर्ष बढ़ रही शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन ने बताई इकाई की विशेषता सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने स्वास्थ्य मंत्री को इकाई की अन्य प्रमुख पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एसएनसीयू गहन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात शिशुओं के लिए विशेष देखभाल प्रदान करने के लिए समर्पित है। यह इकाई उन्नत चिकित्सा तकनीक से सुसज्जित है और इसमें अत्यधिक कुशल नवजात शिशु विशेषज्ञों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम है, जो सबसे कमजोर रोगियों के लिए देखभाल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करती है। देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना उद्देश्य उन्होंने कहा कि एसएनसीयू की स्थापना सोहना क्षेत्र में नवजात स्वास्थ्य सेवा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य शिशु मृत्यु दर को कम करना और नवजात शिशुओं की देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इन सुविधाओं से लैस है, इकाई सिविल सर्जन ने बताया कि इकाई में 14 रेडिएंट वार्मर, एलईडी फोटोथेरेपी की 4 यूनिट, 6 पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध है। वहीं नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए एक बाल रोग विशेषज्ञ, 9 नर्सिंग अधिकारी 2 चिकित्सा अधिकारी 24-7 अपनो सेवाएं दे रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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