हरियाणा के जींद जिले के नरवाना क्षेत्र से गुजर रही भाखड़ा ब्रांच नहर में मंगलवार को एक महिला की लाश मिली है। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। छानबीन में उसके पास ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे कि महिला की पहचान हो सके। सदर थाना पुलिस ने नहर से शव को निकलवाकर इसे नरवाना के नागरिक अस्पताल में रखवाया है। महिला की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। मंगलवार दोपहर को लोगों ने डूमरखां के पास नहर के ऊपर बने रेलवे पुल के नीचे महिला की लाश देखी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाश का बाहर निकाला। महिला के पास ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस के अनुसार महिला की उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। पुलिस के अनुसार महिला ने हाथों में नई चुड़ियां पहनी हुई हैं। गले में सोने के रंग का ताबीज है। एक शिवजी की मूर्ति है और कानों में सोने के रंग के झूमके पहने हुए हैं। महिला के बाएं हाथ में काला डोरा पहना है। हरे रंग की कमीज और सलवार पहनी है। सदर थाना पुलिस जांच में जुटी है कि आसपास के क्षेत्र से कोई महिला गायब हुई है या नहीं। आसपास के थानों में संपर्क किया जा रहा है और शव को शिनाख्त के लिए नरवाना नागरिक अस्पताल में रखवाया गया है। हरियाणा के जींद जिले के नरवाना क्षेत्र से गुजर रही भाखड़ा ब्रांच नहर में मंगलवार को एक महिला की लाश मिली है। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। छानबीन में उसके पास ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे कि महिला की पहचान हो सके। सदर थाना पुलिस ने नहर से शव को निकलवाकर इसे नरवाना के नागरिक अस्पताल में रखवाया है। महिला की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। मंगलवार दोपहर को लोगों ने डूमरखां के पास नहर के ऊपर बने रेलवे पुल के नीचे महिला की लाश देखी। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाश का बाहर निकाला। महिला के पास ऐसा कुछ नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस के अनुसार महिला की उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। पुलिस के अनुसार महिला ने हाथों में नई चुड़ियां पहनी हुई हैं। गले में सोने के रंग का ताबीज है। एक शिवजी की मूर्ति है और कानों में सोने के रंग के झूमके पहने हुए हैं। महिला के बाएं हाथ में काला डोरा पहना है। हरे रंग की कमीज और सलवार पहनी है। सदर थाना पुलिस जांच में जुटी है कि आसपास के क्षेत्र से कोई महिला गायब हुई है या नहीं। आसपास के थानों में संपर्क किया जा रहा है और शव को शिनाख्त के लिए नरवाना नागरिक अस्पताल में रखवाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में जन परिवाद समिति की बैठक आज:पंचायत मंत्री करेंगे अध्यक्षता, सुनेंगे 15 शिकायतें, CM का साला कहने का मामला भी उठेगा हरियाणा के हिसार में आज जनपरिवाद समिति की बैठक होगी। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार करेंगे। बैठक में कुल 15 शिकायतें पेश की जाएंगी। बैठक में सभी विभागाध्यक्षों को उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं। बैठक में 6 पुरानी और 9 नई शिकायतों पर सुनवाई होगी। इसमें अधिकारी 6 पुराने मामलों पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेंगे। इनमें से अधिकतर मामलों पर मंत्री ने कमेटी गठित की थी। इस बार बैठक में दिल्ली के कनॉट प्लेस की तर्ज पर विकसित सेक्टर 25 की मार्केट का मुद्दा भी उठाया जाएगा। शहरवासियों ने इसमें करोड़ों रुपये खर्च कर दुकानें खरीदी थीं, लेकिन आज तक उन्हें न तो जमीन मिली और न ही पैसे वापस मिले। लोगों ने अपनी जमा पूंजी इसमें लगा दी और बर्बाद हो गई। इसके अलावा सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां से संबंधित शिकायतें भी पेश की जाएंगी। ये मामले मीटिंग में उठेंगे
1. गांव शिकारपुर का राशन डिपो से जुड़ा मामला उठाया जाएगा। इसमें शिकायकर्ता रण सिंह हैं। उनका कहना है कि जब वे राशन लेने जाते हैं तो डिपो की मशीन खराब मिलती है या फिर कहा जाता है राशन खत्म हो गया। दूसरे गांव के लोगों को यहां राशन दे दिया जाता है।
2. अर्बन एस्टेट टू निवासी केके सैनी की शिकायत है कि कॉपरेटिव समिति में अवैतनिक सचिव के पद पर त्याग पत्र देने के बाद भी किसी की शिकायत पर उनकी संपत्ति अटैच कर दी जाती है।
3. मिर्जापुर रोड पर अवैध कॉलोनियों के मामले में चंद्रलोक कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति की अन्य शिकायत में सोसाइटी के प्लॉट पर पुत्र का नाम ना चढ़ाने का मामला है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है न तो सोसायटी प्लॉट पर बेटे का नाम चढ़ा रही है, न ही रजिस्ट्रार समिति सहयोग कर रही है। भाजपा नेता राजेश शर्मा को भी न्याय मिलने का इंतजार… भाजपा नेता को CM का साला कहने का मामला भी उठेगा इससे पहले जनपरिवाद समिति की बैठक में 19 शिकायतों पर सुनवाई हुई थी, जिसमें 13 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। इससे पहले आखिरी बैठक 9 जून 2023 को हुई थी। मीटिंग में शिकायत पर सुनवाई करते हुए मंत्री पंवार ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) के खिलाफ जांच के आदेश दिए। BDO पर आरोप था कि उसने भाजपा नेता को कहा कि तू CM का साला होता, तो भी तेरा काम नहीं होता। एक बार मंत्री ने BDO को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। हालांकि बाद में कहा कि इनके खिलाफ जांच की जाए। बालावास गांव के रहने वाले राजेश शर्मा ने मंत्री को शिकायत में बताया कि उसका नाम जमीन के कागजों में गलत चढ़ा हुआ है। जब भी वह BDO के पास जाता है तो वह कहता है कि आप बार-बार आ जाते हो। राजेश शर्मा ने बताया था कि मैं स्याहड़वा गांव का भाजपा मंडल अध्यक्ष हूं। मैंने अधिकारी को बताया कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल का रिश्तेदार हूं। इस पर BDO ने कहा कि तू चाहे CM का साला बन जा, फिर भी तेरा काम नहीं होगा।
हरियाणा में BJP सरकार आई, 2 चेयरमैनों की कुर्सी गई:भाजपा ने कांग्रेस-JJP समर्थित हटाए, इनेलो ने चेयरमैनी बचाई, 2 के खिलाफ वोटिंग अटकी
हरियाणा में BJP सरकार आई, 2 चेयरमैनों की कुर्सी गई:भाजपा ने कांग्रेस-JJP समर्थित हटाए, इनेलो ने चेयरमैनी बचाई, 2 के खिलाफ वोटिंग अटकी हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद जिला परिषद, पंचायत समिति और ब्लॉक समिति चेयरमैन की कुर्सियों पर खींचतान शुरू हो गई है। अभी तक राज्य में 5 चेयरमैन/चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए गए। जिसमें कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (JJP) समर्थित चेयरमैनों की कुर्सी भाजपा छीनने में कामयाब रही। जबकि इनेलो अपने चेयरमैन की कुर्सी बचाने में कामयाब रही। 2 चेयरपर्सन के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अभी वोटिंग होनी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 3 बार वोटिंग टल चुकी है। वहीं, कैथल की चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। अभी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए डेट निर्धारित नहीं हुई है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए लाए गए पांचों अविश्वास प्रस्ताव को लेकर क्या हुआ कैथल में BJP के कौल सर्वसम्मति से चेयरमैन बने कैथल जिला परिषद में JJP समर्थित दीप मलिक चेयरमैन थे। 30 अक्टूबर को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। मीटिंग में 21 में से 19 पार्षद पहुंचे। इसमें भाजपा के कर्मबीर कौल को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन चुन लिया गया। इससे पहले कर्मबीर कौल वाइस चेयरमैन थे। दीप मलिक के खिलाफ खड़े हुए पार्षदों का नेतृत्व कर्मबीर कौल ने ही किया था। अब जल्द ही वाइस चेयरमैन को लेकर भी चुनाव होगा। अभी इसकी डेट फाइनल नहीं हुई है। सीवन में कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन हटाई कैथल में सीवन ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन मनजीत कौर के खिलाफ 12 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। ब्लॉक समिति में कुल 16 सदस्य हैं। कुल 13 वोट डाले गए, जिसमें 12 भाजपा समर्थित सदस्यों ने वोट किया। एक वोट चेयरपर्सन के पक्ष में गया। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग को लेकर कैथल के ADC बाबूलाल ने 28 अक्टूबर को समिति के सभी 16 मेंबरों को नोटिस जारी किया था। वोटिंग के लिए भाजपा समर्थित 12 सदस्यों के साथ गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत ऑफिस (BDPO) पहुंचे। उनके अंदर जाने पर मनजीत के समर्थकों ने विरोध किया। तनावपूर्ण स्थिति देख पुलिस ने मनजीत के समर्थकों को खदेड़ा और अतिरिक्त फोर्स बुलाई। इसके बाद वोटिंग की प्रकिया शुरू हुई। भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल चेयरमैन की कुर्सी बची सिरसा जिले की नाथूसरी चोपटा पंचायत समिति के चेयरमैन सूरजभान बुमरा के खिलाफ 20 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 22 सदस्य शामिल हुए। इनमें से 13 सदस्यों ने सूरजभान के पक्ष में और 9 सदस्य विपक्ष में रहे। जिससे सूरजभान की कुर्सी बच गई। कुर्सी बचने पर वह सबके सामने रो पड़े। वह विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा छोड़कर इनेलो में शामिल हुए थे। सूरजभान ने कहा था कि इनेलो का दामन थामने के बाद से ही उनको अध्यक्ष पद से हटाने का षड्यंत्र रचा जा रहा था। पंचायत समिति सदस्यों का समर्थन उनके साथ है और उनकी कुर्सी कायम है। मंजू हुड्डा के खिलाफ 3 बार वोटिंग टली रोहतक जिला परिषद की चेयरपर्सन एवं गढ़ी सांपला किलोई विधानसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मंजू हुड्डा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान 10 पार्षदों ने DC को लिखित में पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। अब तक 3 बार अविश्वास प्रस्ताव के लिए डेट निर्धारित की गई, लेकिन तीनों बार अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग टल गई। अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में शपथ पत्र देने वाले एक पार्षद ने अपना शपथ पत्र वापस ले लिया है और वह मंजू हुड्डा के पक्ष में आ गया है। कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग कैथल में चीका ब्लॉक समिति की कांग्रेस समर्थित चेयरपर्सन डिंपल रानी के खिलाफ भाजपा समर्थित पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। 18 नवंबर को ब्लॉक समिति चीका के 22 सदस्यों में से 18 सदस्यों ने कैथल जिला सचिवालय पहुंचकर ADC दीपक बाबू लाल करवा को अपने शपथ पत्र सौंपे। अब प्रशासन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव के लिए मीटिंग बुलाई जाएगी। मीटिंग की डेट अभी तय नहीं हुई है। ADC से मिलने पहुंचे सदस्यों ने बताया था कि चेयरपर्सन कांग्रेस समर्थित होने के कारण उनके वार्डों में विकास कार्यों में भेदभाव कर रही है। 2 सालों से एक दो काम को छोड़कर कोई बड़ा काम उनके वार्डों में नहीं हुआ। इसको लेकर सभी सदस्यों में चेयरपर्सन के खिलाफ रोष है।
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नजर आ सकती है। इसी वजह से दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। 10 साल से सत्ता में बैठी BJP हैट्रिक बनाने के लिए सर्वे करवा रही है वहीं कांग्रेस में भी अलग-अलग लेवल पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। सत्ता विरोधी लहर और एंटी इन्कंमबेंसी से निपटने के लिए BJP में इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। अगर गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां के लोगों ने कभी भी मौजूदा विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं जिताया। यानि इस सीट से हर चुनाव में नया चेहरा ही एमएलए बनता है। 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता पटौदी से विधायक चुने गए थे। अगर इतिहास को देखें तो इस बार उनकी जीत मुश्किल है। यही वजह है कि भाजपा यहां सत्यप्रकाश जरावता का टिकट काटकर किसी दूसरे चेहरे को मौका दे सकती है। सर्वे में खुलासा-तीनों विधायकों से लोग नाराज गुरुग्राम लोकसभा हलके में आने वाली गुरुग्राम, सोहना और पटौदी विधानसभा सीटों की बात करें तो BJP की ओर से कराए गए सर्वे में हालात बहुत अच्छे नहीं मिले। तीनों इलाकों के लोग अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं हैं और बदलाव के मूड में नजर आते हैं। सर्वे के नतीजे आने के बाद BJP इन तीनों सीटों पर नए चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो गई है। 2014 में भी BJP ने काटा था सीटिंग MLA का टिकट पटौदी सीट का तो इतिहास रहा है कि यहां के वोटर हर चुनाव में अपना विधायक बदलते हैं। यानि मौजूदा विधायक को अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस लिहाज से 2019 में चुनाव जीतने वाले सत्यप्रकाश जरावता के लिए संकेत बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। भाजपा नेतृत्व भी शायद पटौदी के लोगों का मिजाज समझता है इसलिए उसने 2014 के चुनाव में यहां से विधायक चुनी गई अपनी नेता विमला चौधरी को 2019 में दूसरी बार मौका नहीं दिया। पार्टी ने 2019 में विमला चौधरी का टिकट काटते हुए उनकी जगह सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा। BJP की यह रणनीति सफल रही और जरावता यहां से बाजी मार ले गए। इंद्रजीत से मधु की दूरियां बढ़ीं, सुमेर तंवर करीब आए शुरू से BJP से जुड़े सुमेर सिंह तंवर और पूर्व मेयर मधु आजाद पटौदी में टिकट के दावेदार हैं। सुमेर तंवर तो यहां डेरा डालकर बैठे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी सुमेर तंवर ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह से भी निकटता बना ली है। दरअसल गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने ही श्रीमती मधु आजाद को गुरुग्राम का मेयर बनवाया। हाल के लोकसभा चुनाव में मधु आजाद के बूथ से राव इंद्रजीत को महज 3 वोट की लीड मिली जबकि सुमेर तंवर ने अपने बूथ से राव इंद्रजीत को 350 वोट की बढ़त दिलाई। इसके बाद ही राव इंद्रजीत ने मधु आजाद से दूरी बना ली। इसका फायदा सुमेर तंवर को मिल सकता है। जरावता को टिकट दिलाने वाले खट्टर हरियाणा से बाहर 2019 में पटौदी सीट से भाजपा के विधायक चुने गए सत्यप्रकाश जरावता किसी समय राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होते थे। जरावत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन काम नहीं बना। 2014 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर सीएम बने तो जरावता राव इंद्रजीत का गुट छोड़कर खट्टर के पाले में चले गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत पटौदी सीट से नरेंद्र सिंह पहाड़िया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे लेकिन खट्टर ने उस पर वीटो लगाते हुए जरावता को टिकट दिला दी। चुनाव में जरावत विजयी रहे वहीं राव इंद्रजीत के आशीर्वाद से नरेंद्र पहाड़िया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर रहे। अब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा से बाहर जा चुके हैं इसलिए वह जरावता की मजबूत पैरवी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए। ऐसे में पूरी संभावना है कि राव इंद्रजीत के विरोध और पटौदी के इतिहास को देखते हुए BJP यहां जरावता का टिकट काट दे। पटौदी में कांग्रेस के पास भी बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के अलावा कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के सर्वे में पटौदी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेताओं की स्थिति भी ठीक नहीं निकली। कांग्रेस की ओर से सुधीर चौधरी यहां लगातार दो (2014 व 2019) चुनाव हार चुके हैं। वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन कांग्रेस में लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को तीसरा मौका देने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी में यहां कुमारी सैलजा के खेमे से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप जटोली भी एक्टिव हैं। 3 चुनाव में कभी लगातार दो बार कोई नहीं जीता 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में यहां कभी कोई विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया। यहां के वोटर हर बार अपना विधायक बदल लेते हैं। पटौदी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के बी. सिंह जीते। 1968 में विशाल हरियाणा पार्टी के रामजीवन सिंह, 1972 में कांग्रेस के शीशराम, 1977 में विशाल हरियाणा पार्टी के नारायण सिंह और 1982 में कांग्रेस के हीरालाल यहां से विधायक बने। वर्ष 1987 के चुनाव में लोकदल के शिवलाल, 1991 में जनता दल के हीरालाल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के नारायण सिंह और 2000 में इनेलो के रामबीर सिंह यहां से MLA बने। 2005 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह, 2009 में इनेलो के गंगाराम, 2014 में BJP की विमला चौधरी और 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता जीतकर विधानसभा पहुंचे। हीरालाल 1982 और 1991 में तो नारायण सिंह 1977 और 1996 में यहां से दो बार विधायक बने लेकिन वह भी बैक टू बैक जीत दर्ज नहीं कर पाए। 20% एससी वोटर पटौदी विधानसभा सीट एससी के लिए रिजर्व हैं। यहां तकरीबन 20% वोट एससी बिरादरी के हैं। तकरीबन सवा दो लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 2019 में 71% तो 2014 में 61.67% वोटिंग हुई थी।