हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 7 में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। पुलिस ने महिला के पति और ससुर को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है की ससुर ने पहले तो अपनी बहू की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की और फिर उसका गला दबा कर हत्या कर दी। मृतका की पहचान सेक्टर- 7 मकान नंबर 78 की रहने वाली अमिता के रूप में हुई है। वह मूल रूप से सोनीपत की रहने वाली है। तकरीबन 8 साल पहले अमिता की शादी गुरुग्राम के रहने वाले मुकुल माथुर के साथ हुई थी। फिलहाल वह 2 बच्चों की मां थी। न्यू कॉलोनी थाना प्रभारी राजेश बागड़ी ने बताया कि आज करीब साढ़े 12 बजे पुलिस को महिला की हत्या की सूचना प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। वहां पर अमिता नाम की महिला मृत अवस्था में पाई गई। पुलिस ने मौके से मृतका के पति और ससुर को हिरासत में लिया है। तफ्तीश के बाद हत्या के असली कारणों का पता चल पाएगा। वही पुलिस ने मृतका के परिजनों को सूचना दे दी है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 7 में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। पुलिस ने महिला के पति और ससुर को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है की ससुर ने पहले तो अपनी बहू की लाठी डंडों से जमकर पिटाई की और फिर उसका गला दबा कर हत्या कर दी। मृतका की पहचान सेक्टर- 7 मकान नंबर 78 की रहने वाली अमिता के रूप में हुई है। वह मूल रूप से सोनीपत की रहने वाली है। तकरीबन 8 साल पहले अमिता की शादी गुरुग्राम के रहने वाले मुकुल माथुर के साथ हुई थी। फिलहाल वह 2 बच्चों की मां थी। न्यू कॉलोनी थाना प्रभारी राजेश बागड़ी ने बताया कि आज करीब साढ़े 12 बजे पुलिस को महिला की हत्या की सूचना प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। वहां पर अमिता नाम की महिला मृत अवस्था में पाई गई। पुलिस ने मौके से मृतका के पति और ससुर को हिरासत में लिया है। तफ्तीश के बाद हत्या के असली कारणों का पता चल पाएगा। वही पुलिस ने मृतका के परिजनों को सूचना दे दी है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा राज्यसभा सीट के चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर:कांग्रेस-भाजपा में हलचल; JJP में टूट वजह, क्रॉस मतदान पर नहीं जाएगी विधायकों की सदस्यता
हरियाणा राज्यसभा सीट के चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर:कांग्रेस-भाजपा में हलचल; JJP में टूट वजह, क्रॉस मतदान पर नहीं जाएगी विधायकों की सदस्यता हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं में क्रॉस वोटिंग का डर बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह जननायक जनता पार्टी (JJP) में टूट को माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा में भी सदस्यों के गुणा-गणित में बदलाव आया है। इसको लेकर चाहे सूबे की 10 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों खेमों में हलचल मची हुई है। सियासी जानकारों की माने तो जेजेपी के कई विधायक पार्टी छोड़कर जा सकते हैं और क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। क्योंकि वे आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी या कांग्रेस से टिकट मांग सकते हैं। उनका कहना है कि हरियाणा का ये चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि अभी तक इस चुनाव को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। जेजेपी के बागी विधायक… कांग्रेस-भाजपा के लिए इसलिए आसान नहीं है रास्ता… कांग्रेस के लिए क्या हैं मुश्किल
दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई है। भले ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए सीट जीतना आसान नहीं होगा। जेजेपी के विधायक और निर्दलीय किसी भी तरफ जा सकते हैं। वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद सदन में अभी कांग्रेस के पास 29 विधायक ही बचे हैं। भाजपा के लिए ये हाेगी मुश्किल
मौजूदा स्थिति में भाजपा के पास ज्यादा विधायकों का समर्थन है। सीएम नायब सैनी के करनाल से उपचुनाव जीतने के बाद सदन में बीजेपी विधायकों की संख्या 41 हो चुकी है, लेकिन अगर जेजेपी, निर्दलीय और एकल सदस्य वाली पार्टियों के विधायक क्रॉस वोटिंग करते हैं तो नतीजा किसी भी तरफ जा सकता है। इसको लेकर भाजपा खेमे में हलचल है। अब पढ़िए क्रॉस वोटिंग से क्यों नहीं जाएगी विधायकों की सदस्यता…
राज्यसभा चुनाव में ओपन बैलेट सिस्टम है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के कारण किसी विधायक को विधानसभा से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। इसकी वजह सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2006 को कुलदीप नैयर बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में अपने फैसले में कहा कि, यह तर्क कि राज्यसभा के लिए चुनाव में मतदाता के अभिव्यक्ति के अधिकार पर खुले मतदान से असर पड़ता है, मान्य नहीं है, क्योंकि एक निर्वाचित विधायक को किसी विशेष तरीके से मतदान करने के लिए सदन की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा। वह अधिक से अधिक जिस दल से संबंधित है, उस राजनीतिक दल की ओर से की जाने वाली कार्रवाई का सामना कर सकता है। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बने। 3 निर्दलियों के छोड़ने से बदली तस्वीर
लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर कांग्रेस के साथ चले गए। इससे भी सदन में तस्वीर बदल गई। इसके बाद भाजपा सरकार के पास पार्टी के 41, हलोपा का एक और 1 निर्दलीय विधायक का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदल चुकी स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। अब भाजपा, कांग्रेस के पास विधायकों की क्या है संख्या
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है।
जींद में 1500 लोगों से 12 करोड़ करवाए निवेश:40 दिन में रुपए डबल करवाने का दिया झांसा, 2023 तक मिलते रहे पैसे
जींद में 1500 लोगों से 12 करोड़ करवाए निवेश:40 दिन में रुपए डबल करवाने का दिया झांसा, 2023 तक मिलते रहे पैसे हरियाणा के पानीपत में दो फर्म बनाकर 40 दिन में रुपए डबल करवाने का झांसा देकर जींद, सफीदों क्षेत्र के 1500 से ज्यादा लोगों के 12 करोड़ रुपए निवेश करवाकर रुपए नहीं लौटाने पर सफीदों पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। GFX प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बनाई कंपनी पुलिस को दी शिकायत में सफीदों के वार्ड 2 निवासी नवीन पुत्र राममेहर ने बताया कि रिंकू ढांडा व सोनिया ढांडा ने जीएफएक्स एकेडमी ट्रेड लिमिटेड व जीएफएक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो कंपनी बनाई हुई हैं। अप्रैल 2022 में उनकी मुलाकात रिंकू ढांडा से हुई थी। रिंकू व उसकी पत्नी सोनिया कंपनी में रुपए निवेश कर 40 सप्ताह में दो गुणा रुपए करने की स्कीम का झांसा देते हैं। उनकी कंपनी में रुपए इनवेस्ट करने पर हर सप्ताह पांच प्रतिशत वापस आता है। रिश्तेदारों, दोस्तों समेत अन्य लोगों के भी लगवाए पैसे नवीन ने बताया कि आरोपियों की बातों में आकर उसके दोस्त सचिन गांव सिंघाना, रोहित निवासी पानीपत, नवीन निवासी मतलोडा, लविश निवासी सफीदों के साथ बैठकें की। सेमिनार किए और 40 सप्ताह में रुपए डबल करने का झांसा देकर प्रौफिट का लालच दिया। इस पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, शहर के अन्य लोगों के रुपए लगवाने शुरू कर दिए। उन्होंने करीब 1500 लोगों को जोड़ लिया और 12 करोड़ रुपए कंपनी में जमा करवा दिए। कंपनी ने रुपया देने में की आनाकानी दिसंबर 2023 तक कंपनी से लोगों को रुपए मिलते रहे। इसके बाद कंपनी ने रुपया देने में आनाकानी शुरू कर दी। आरोपितों ने कहा कि कंपनी के लोगों का आपस में झगड़ा हो गया है, इसलिए रुपये आने में दिक्क्त आ रही है। वह इंतजार करते रहे लेकिन अब उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया है। जब उन्होंने रुपये मांगे तो उन्हें धमकी दी जा रही है। पुलिस ने जांच की शुरू सफीदों पुलिस ने नवीन की शिकायत पर जीएफएक्स एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी रिंकू ढांडा, सीएमडी सोनिया ढांडा, सीइओ निर्दोष कुमार, मैनेजर निर्दोष की पत्नी अंजली, मनप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का सरकार पर हमला:बोलीं- जॉब गारंटी का वादा तोड़ा, SC-BC वर्ग के 78 हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में
सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का सरकार पर हमला:बोलीं- जॉब गारंटी का वादा तोड़ा, SC-BC वर्ग के 78 हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में हरियाणा में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएन) कर्मचारियों की नौकरी को लेकर सिरसा सांसद और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहले कर्मचारियों को नौकरी से न हटाने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार नए कर्मचारियों की भर्ती के लिए पुराने कर्मचारियों को निकाल रही है। सैलजा ने बताया कि 19 नवंबर 2024 को नायब सिंह सैनी सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के लिए विधानसभा में जॉब गारंटी विधेयक पास किया था। इसे भाजपा नेताओं ने ऐतिहासिक कदम बताया था और मुख्यमंत्री ने 1.20 लाख युवाओं से किए वादे को पूरा करने का दावा किया था। महत्वपूर्ण तथ्यों के अनुसार, एचकेआरएन में कुल कर्मचारियों में से 37,404 यानी 28 प्रतिशत, अनुसूचित जाति और 41,376 (32 प्रतिशत) पिछड़ा वर्ग के कर्मचारी हैं। सैलजा का कहना है कि सरकार की वादाखिलाफी से इन सभी कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। पहले ठेकेदारों के बदलने से कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडराता था, लेकिन अब सरकार की नीतियों से उनकी नौकरी दांव पर लग गई है। कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार ने कर्मचारियों को सड़कों पर खड़ा किया: सैलजा कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की ओर से नए भर्ती किए गए कर्मचारियों को नियुक्ति देने के लिए पहले से एचकेआरएन के तहत रखे गए कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। सरकार ने एक ही झटके में वायदा खिलाफी करते हुए हजारों युवाओं को नौकरी से हटाकर सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है, न जाने कितने परिवारों के समक्ष रोटी का संकट पैदा होगा, न जाने कितने कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। एचकेआरएन के तहत कार्यरत सभी को जॉब सिक्योरिटी एक्ट में शामिल करने का दावा किया गया पर अब सरकार नए-नए नियम बनाकर कर्मचारियों को हटाने का काम कर रही है। सरकार की इस वायदा खिलाफी को लेकर कर्मचारी संगठनों में रोष है। न्याय की उम्मीद लेकर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं कर्मचारी कुमारी सैलजा ने कहा कि नरवाना, चरखी दादरी, रोहतक सहित कई जिलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, चौकीदार और अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को बिना नोटिस के नौकरी से निकल दिया। ये कर्मचारी न्याय की उम्मीद में दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं परंतु अधिकारी तो अधिकारी भाजपा के विधायक, मंत्री तक कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं और न ही इन कर्मचारियों की सरकार के समक्ष पैरवी कर रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि अधिकतर कर्मचारी एचकेआरएन के तहत नौकरी पाने पर उनके नाम बीपीएल सूची से कट गए थे, आज वे कहीं दूसरी जगह नौकरी मांगने जाएंगे तो वहां भी नहीं मिलेगी। सैलजा ने कहा कि सरकार को अपना वायदा निभाते हुए किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटाना चाहिए, जो पद आज भी रिक्त पड़े है उन पर नए भर्ती किए गए युवाओं को नियुक्ति दी जाए।