हरियाणा के पानीपत में दो फर्म बनाकर 40 दिन में रुपए डबल करवाने का झांसा देकर जींद, सफीदों क्षेत्र के 1500 से ज्यादा लोगों के 12 करोड़ रुपए निवेश करवाकर रुपए नहीं लौटाने पर सफीदों पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। GFX प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बनाई कंपनी पुलिस को दी शिकायत में सफीदों के वार्ड 2 निवासी नवीन पुत्र राममेहर ने बताया कि रिंकू ढांडा व सोनिया ढांडा ने जीएफएक्स एकेडमी ट्रेड लिमिटेड व जीएफएक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो कंपनी बनाई हुई हैं। अप्रैल 2022 में उनकी मुलाकात रिंकू ढांडा से हुई थी। रिंकू व उसकी पत्नी सोनिया कंपनी में रुपए निवेश कर 40 सप्ताह में दो गुणा रुपए करने की स्कीम का झांसा देते हैं। उनकी कंपनी में रुपए इनवेस्ट करने पर हर सप्ताह पांच प्रतिशत वापस आता है। रिश्तेदारों, दोस्तों समेत अन्य लोगों के भी लगवाए पैसे नवीन ने बताया कि आरोपियों की बातों में आकर उसके दोस्त सचिन गांव सिंघाना, रोहित निवासी पानीपत, नवीन निवासी मतलोडा, लविश निवासी सफीदों के साथ बैठकें की। सेमिनार किए और 40 सप्ताह में रुपए डबल करने का झांसा देकर प्रौफिट का लालच दिया। इस पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, शहर के अन्य लोगों के रुपए लगवाने शुरू कर दिए। उन्होंने करीब 1500 लोगों को जोड़ लिया और 12 करोड़ रुपए कंपनी में जमा करवा दिए। कंपनी ने रुपया देने में की आनाकानी दिसंबर 2023 तक कंपनी से लोगों को रुपए मिलते रहे। इसके बाद कंपनी ने रुपया देने में आनाकानी शुरू कर दी। आरोपितों ने कहा कि कंपनी के लोगों का आपस में झगड़ा हो गया है, इसलिए रुपये आने में दिक्क्त आ रही है। वह इंतजार करते रहे लेकिन अब उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया है। जब उन्होंने रुपये मांगे तो उन्हें धमकी दी जा रही है। पुलिस ने जांच की शुरू सफीदों पुलिस ने नवीन की शिकायत पर जीएफएक्स एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी रिंकू ढांडा, सीएमडी सोनिया ढांडा, सीइओ निर्दोष कुमार, मैनेजर निर्दोष की पत्नी अंजली, मनप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के पानीपत में दो फर्म बनाकर 40 दिन में रुपए डबल करवाने का झांसा देकर जींद, सफीदों क्षेत्र के 1500 से ज्यादा लोगों के 12 करोड़ रुपए निवेश करवाकर रुपए नहीं लौटाने पर सफीदों पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। GFX प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बनाई कंपनी पुलिस को दी शिकायत में सफीदों के वार्ड 2 निवासी नवीन पुत्र राममेहर ने बताया कि रिंकू ढांडा व सोनिया ढांडा ने जीएफएक्स एकेडमी ट्रेड लिमिटेड व जीएफएक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो कंपनी बनाई हुई हैं। अप्रैल 2022 में उनकी मुलाकात रिंकू ढांडा से हुई थी। रिंकू व उसकी पत्नी सोनिया कंपनी में रुपए निवेश कर 40 सप्ताह में दो गुणा रुपए करने की स्कीम का झांसा देते हैं। उनकी कंपनी में रुपए इनवेस्ट करने पर हर सप्ताह पांच प्रतिशत वापस आता है। रिश्तेदारों, दोस्तों समेत अन्य लोगों के भी लगवाए पैसे नवीन ने बताया कि आरोपियों की बातों में आकर उसके दोस्त सचिन गांव सिंघाना, रोहित निवासी पानीपत, नवीन निवासी मतलोडा, लविश निवासी सफीदों के साथ बैठकें की। सेमिनार किए और 40 सप्ताह में रुपए डबल करने का झांसा देकर प्रौफिट का लालच दिया। इस पर उन्होंने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, शहर के अन्य लोगों के रुपए लगवाने शुरू कर दिए। उन्होंने करीब 1500 लोगों को जोड़ लिया और 12 करोड़ रुपए कंपनी में जमा करवा दिए। कंपनी ने रुपया देने में की आनाकानी दिसंबर 2023 तक कंपनी से लोगों को रुपए मिलते रहे। इसके बाद कंपनी ने रुपया देने में आनाकानी शुरू कर दी। आरोपितों ने कहा कि कंपनी के लोगों का आपस में झगड़ा हो गया है, इसलिए रुपये आने में दिक्क्त आ रही है। वह इंतजार करते रहे लेकिन अब उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया है। जब उन्होंने रुपये मांगे तो उन्हें धमकी दी जा रही है। पुलिस ने जांच की शुरू सफीदों पुलिस ने नवीन की शिकायत पर जीएफएक्स एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड के एमडी रिंकू ढांडा, सीएमडी सोनिया ढांडा, सीइओ निर्दोष कुमार, मैनेजर निर्दोष की पत्नी अंजली, मनप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नारनौल में अवैध खनन का लोगों ने किया विरोध:हैवी ब्लास्ट से घरों में आई दरारें, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
नारनौल में अवैध खनन का लोगों ने किया विरोध:हैवी ब्लास्ट से घरों में आई दरारें, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में दोस्तपुर गांव की पंचायत भूमि पर हो रहे अवैध खनन और हैवी ब्लास्टिंग को लेकर आज गांव के लोगों ने लघु सचिवालय में पहुंचकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने हैवी ब्लास्टिंग को रोकने तथा गांव की पंचायत भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे छुड़वाने की मांग की है। जिसको लेकर लोगों ने डीसी से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। खनन अधिकारियों पर लगाए आरोप लघु सचिवालय पहुंचे नितिन, अजय, विकास, सोमवीर और राकेश आदि ने बताया कि उनके गांव दोस्तपुर की पंचायत जमीन के खसरा नंबर 47 पर एक खनन संचालक ने कब्जा कर लिया है। वहां खनन के लिए हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है। लोगों ने आरोप लगाया कि खसरा नंबर 47 पर कई वर्षों से माइनिंग विभाग के खनन अधिकारी व माइनिंग इंस्पेक्टर द्वारा अवैध खनन करवाया जा रहा है। लोगों ने की खनन रोकने की मांग लोगों का कहना है कि इस जमीन की 3 बार पैमाइश भी हो चुकी है। लेकिन खनन अधिकारी और इंस्पेक्टर सीमा विवाद का बहाना बनाकर मामले को टाल देते हैं। यहां हो रही ब्लास्टिंग के कारण आसपास के मकान में दरारें पड़ गई हैं। जिससे लोगों का जीना मुहाल हो रखा है। ज्ञापन में बताया गया है कि गत दिवस भी खनन संचालक द्वारा हैवी ब्लास्टिंग की गई थी। इसके बाद कई मकानों में दरार आ गई। वहीं कई के खिड़की दरवाजे तक टूट गए। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि यहां हो रहे अवैध खनन को रोका जाए। ताकि लोगों को राहत की सांस मिल सके।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2016 के बीच 4 लाख फर्जी दाखिले करने के मामले में चंडीगढ़ CBI ने अब 3 FIR दर्ज की हैं। छात्रवृति, वर्दी और मिड-डे मील के लिए सरकार से मिलने वाले फंड में गबन के लिए कागजी दाखिले किए गए थे। मामले में सरकारी कर्मी द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने समेत भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं लगाई गई हैं। इससे पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कई साल तक इसी मामले की जांच कर 7 FIR दर्ज की थीं। इस मामले में 2 बार विजिलेंस की विशेष जांच टीम (SIT) भी बनी। 3 स्तर पर जांच कर रिपोर्ट पेश की, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जांच से संतुष्ट नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने एक अपील केस में 30 मार्च, 2018 को दर्ज मामले में नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने CBI को 3 महीने में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब करीब 4 साल बाद CBI ने केस दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इन मामलों की जांच CBI की ASP सीमा पाहुजा और DSP राजीव गुलाटी को सौंपी गई है। कितने का घोटाला? एक दशक बाद भी आंकड़ा स्पष्ट नहीं
सालों की जांच के बाद भी अभी तक किसी भी FIR में यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने का वित्तीय घोटाला हुआ है। इतना जरूर कहा गया कि छात्रवृति, वर्दी, मिड-डे मील के लिए मिलने वाले फंड में गबन किया गया। CBI में दर्ज FIR के मुताबिक हरियाणा के विभिन्न जिलों में 4 लाख से अधिक स्टूडेंट का दाखिला दिखाकर वित्तीय गबन किया गया। गबन करने वालों ने इन 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए अध्यापकों की आवश्यकता दिखाई गई थी। इस मामले में शक के दायरे में प्राथमिक शिक्षा विभाग है। पहले विजिलेंस और अब CBI ने भी किसी को नामजद नहीं किया है। अब फिर से संबंधित जिम्मेदारों से पूछताछ हो सकती है। कब खुलासा? गेस्ट टीचर केस में आंकड़ों से खुली परतें
जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया। गेस्ट टीचर हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने 6 जुलाई, 2015 को याचिका खारिज कर दी। रिव्यू पिटीशन भी नहीं मानी। सितंबर, 2015 में डबल बेंच में पहुंचे। सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के ACS को बुलाया। ब्लॉक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो विजिलेंस को सौंपी। कैसे बढ़ती गई जांच? दो बार SIT गठित, जिलों में टीमें बनीं
गुरुग्राम विजिलेंस के SP हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर SIT बनी। रोहतक, हिसार, गुरुग्राम रेंज के स्कूलों में जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR दर्ज हुईं। गुरुग्राम के 10 स्कूलों में सामने आया कि 5,298 बच्चों का दाखिला था, लेकिन वार्षिक परीक्षा में 4232 ही बैठे। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई। फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12,924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50,687 बच्चे नहीं मिले। अम्बाला में फर्जी दाखिले मिले। हिसार, भिवानी, सिरसा व फतेहाबाद जिलों में 5,735 बच्चे अनुपस्थित मिले। रोहतक, सोनीपत व झज्जर में सब कुछ ठीक मिला। क्यों जांच मुश्किल? छात्रों के पते अधूरे थे, दस्तावेजों में एंट्री नहीं
हैरान करने वाली बात थी कि गैर-हाजिरी के चलते नाम न काटने का नियम था। ऐसे में शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या में इतना बड़ा अंतर आना सहज नहीं था। ट्रांसफर/स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और ड्रॉपआउट केसों को लेकर स्कूल के रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए थी। कई स्कूलों में बच्चों की गैर-मौजूदगी के चलते उनका नाम काट देना बताया गया, जबकि स्कूल से नाम न काटने की पॉलिसी थी। वहीं स्टूडेंट्स के पते भी अधूरे पाए गए थे।
कांग्रेस-भाजपा के बागियों पर इनेलो-JJP की नजर:दोनों दलों के पास जिताऊ कैंडिडेट की कमी, निर्दलीय को भी साथ लाने की कोशिश
कांग्रेस-भाजपा के बागियों पर इनेलो-JJP की नजर:दोनों दलों के पास जिताऊ कैंडिडेट की कमी, निर्दलीय को भी साथ लाने की कोशिश हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी की स्थिति लोकसभा चुनाव में अच्छी नहीं रही। यही वजह है कि इनेलो, जेजेपी और आप 90 विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ चेहरे तलाश रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास जहां हर विधानसभा क्षेत्र में कई दावेदार हैं, वहीं इनेलो, जेजेपी और आप के पास चेहरों का अभाव है। इन तीनों पार्टियों की नजर अब कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर रहेगी। आपको बता दें कि जेजेपी ने पिछले विधानसभा में भी यही चाल चली थी। जेजेपी को हरियाणा से 10 सीटें मिली थीं और उसने हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। जेजेपी ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिए, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा ने नकार दिया था। लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में जीतने का दम रखते थे। इस बार इनेलो और आप जेजेपी के फॉर्मूले पर काम करेंगी। अभय चौटाला ने भी इस ओर इशारा किया है। उन्होंने हिसार में उन नेताओं को ऑफर दिए हैं, जो कांग्रेस और भाजपा से असंतुष्ट हैं। दावेदारों ने बढ़ाई कांग्रेस और भाजपा की चिंता कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं। दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेंगी। लेकिन यह चुनाव लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होगा। इसमें स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी का चेहरा दोनों काम आएंगे। भाजपा और कांग्रेस की चिंता यह है कि उनके पास एक सीट के लिए 15 से 20 दावेदार हैं और टिकट सिर्फ एक को मिलेगा। उन जगहों पर स्थिति और भी खराब है, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा आगे थीं। कांग्रेस ने दावेदारों से आवेदन भी लेना शुरू कर दिया है, जो 31 जुलाई तक जमा किए जाएंगे। कांग्रेस को 100 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं, जबकि अभी 15 दिन बाकी हैं। भाजपा दे रही जिम्मेदारी, कांग्रेस दे रही पेशकश विधानसभा चुनाव में नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए भाजपा चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा ऐसे नेताओं को अलग-अलग विधानसभाओं का प्रभारी बना रही है। उन्हें संगठन में एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हरियाणा संगठन के शीर्ष नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है कि वे नेताओं पर नजर रखें। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी से यह पेशकश शुरू कर दी है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, कांग्रेस की सरकार आने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह बात प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने हिसार में कांग्रेस सम्मेलन में मंच से कही। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों का वोट प्रतिशत हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। इस लोकसभा चुनाव में 53.89 % वोट भाजपा के खिलाफ पड़े। सभी दलों की नजर इसी आंकड़े पर है। वहीं भाजपा अपने 46.11% वोटों को बचाए रखने की जुगत में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मिला वोट विधानसभा में छिटक सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बंटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बिठाय इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है।