हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे वाहनों के लिए बंद हो गया है। मंडी के 9 मील के पास बीती रात 3 बजे हाईवे पर पहाड़ी से लैंडस्लाइड हो गया। इसके बाद सड़क मलबे में तब्दील हो गई। लैंडस्लाइड के वक्त यहां से गुजर रहा एक ट्रक और पिकअप भी मलबे में फंस गया। दोनों गाड़ियों के ड्राइवर ने भागकर अपनी जान बचाई। इसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। नेशनल हाईवे आथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) सड़क बहाली में जुट गई है। प्रशासन सुबह 10 बजे तक सड़क बहाल करने के दावे कर रहा है। मगर मौके पर पहाड़ी से बार बार मलबा आ रहा है। इससे सड़क बहाली के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है और मौके पर खतरा बना हुआ है। हाईवे पर लगी वाहनों की लंबी लंबी लाइनें सड़क बंद होने के बाद 9 मील के पास हाईवे पर दोनों और वाहनों की लंबी लंबी कतारे लग गई है। मंडी से छोटे वाहन अल्टरनेटिव रोड़ वाया कटोला-पंड़ोह होते हुए भेजे जा रहे है। मगर बड़े वाहनों की आवाजाही इस सड़क से संभव नहीं है। इससे बस, पिकअप और बड़े ट्रक हाईवे की बहाली का इंतजार कर रहे हैं। दलदल बनने से सड़क को किया बंद: ASP एएसपी सागर चन्द्र ने बताया कि चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड के कारण सड़क दलदल बन गई है। इससे सड़क वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दी है। हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे वाहनों के लिए बंद हो गया है। मंडी के 9 मील के पास बीती रात 3 बजे हाईवे पर पहाड़ी से लैंडस्लाइड हो गया। इसके बाद सड़क मलबे में तब्दील हो गई। लैंडस्लाइड के वक्त यहां से गुजर रहा एक ट्रक और पिकअप भी मलबे में फंस गया। दोनों गाड़ियों के ड्राइवर ने भागकर अपनी जान बचाई। इसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया है। नेशनल हाईवे आथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) सड़क बहाली में जुट गई है। प्रशासन सुबह 10 बजे तक सड़क बहाल करने के दावे कर रहा है। मगर मौके पर पहाड़ी से बार बार मलबा आ रहा है। इससे सड़क बहाली के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है और मौके पर खतरा बना हुआ है। हाईवे पर लगी वाहनों की लंबी लंबी लाइनें सड़क बंद होने के बाद 9 मील के पास हाईवे पर दोनों और वाहनों की लंबी लंबी कतारे लग गई है। मंडी से छोटे वाहन अल्टरनेटिव रोड़ वाया कटोला-पंड़ोह होते हुए भेजे जा रहे है। मगर बड़े वाहनों की आवाजाही इस सड़क से संभव नहीं है। इससे बस, पिकअप और बड़े ट्रक हाईवे की बहाली का इंतजार कर रहे हैं। दलदल बनने से सड़क को किया बंद: ASP एएसपी सागर चन्द्र ने बताया कि चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड के कारण सड़क दलदल बन गई है। इससे सड़क वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में पटवारी-कानूनगो ने बंद किए ऑनलाइन काम:सैकड़ों लोगों को झेलनी पड़ी परेशानी; ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से किया एग्जिट, स्टेट कॉडर बनाने पर भड़के हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों लोगों को आज पटवारी और कानूनगो के ऑनलाइन काम नहीं करने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। प्रदेशभर में हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने ऑनलाइन सेवाएं ठप कर दी है। इस वजह से लोग परेशान है। सरकार और महासंघ के बीच यह विवाद जल्द नहीं सुलझाया गया तो इससे आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों की परेशानी और बढ़ेगी। दरअसल, बीते सप्ताह कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले के बाद महासघ भड़क गया है। इन्होंने आज सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर दिया है। इसके विरोध में आज इन्होंने ऑनलाइन काम बंद कर दिए है और अधिकांश जगह पर डिवीजन स्तर पर SDM के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। अगले कल जिलों में डीसी के माध्यम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर स्टेट कॉडर बनाए जाने का फैसला वापस लेने की महासंघ मांग करेगा। आज ये काम प्रभावित हुए बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए। 17 जुलाई को अगली रणनीति तैयार करेगा महासंघ सतीश चौधरी ने कहा कि 17 जुलाई को महासंघ ने कुल्लू में मीटिंग बुलाई है। यदि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो महासंघ आंदोलन की अगली रणनीति कुल्लू में तय करेगा।
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