हमीरपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा का नाम फाइनल कर दिया है। अब हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और आशीष शर्मा ही एक बार फिर आमने-सामने होंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में भी तिकोना मुकाबला हुआ था। तब 12000 से ज्यादा मतों से आशीष जीते थे। इस बार मुकाबला सीधा होगा। इसीलिए मुकाबला दिलचस्प होगा। कुछ दिनों से कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा को लेकर जो माहौल बना था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने तमाम नेताओं से जो फीडबैक लिया, उसी को फिर से आधार बनाया और अब पुष्पेंद्र वर्मा को ही फिर से चुनावी जंग में उतारा गया है। डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने टिकट फाइनल होने की खुद पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से इस बाबत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने फोन करके उन्हें इसकी सूचना दी है कि उन्हें फाइनल कर दिया गया है। पिता रणजीत सिंह भी रह चुके विधायक पुष्पेंद्र के पिता रणजीत सिंह वर्मा भी विधायक रह चुके हैं। लंबे समय के बाद फिर से हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा भाजपा उम्मीदवार से चुनावी जंग में उतरेंगे। पिछले विधानसभा चुनावों में आशीष शर्मा से हार जाने के बावजूद पुष्पेंद्र ने जमीनी हकीकत को समझते हुए लोगों से जुड़े रहे। उनके कार्यक्रमों का सिलसिला लगातार जारी रहा। हालांकि पिछली बार नामांकन दाखिल करने के आखिरी रोज 2 घंटे पहले उनका टिकट फाइनल हुआ था। तब कांग्रेस का सारा कुनबा इसी लेट लतीफी पर बेहद नाराज था। उसके बावजूद तिकोने मुकाबले में डॉक्टर पुष्पेंद्र ने भाजपा के उम्मीदवार को तीसरे नंबर पर धकेला था। इधर, भाजपा के उम्मीदवार और पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले आशीष शर्मा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। डिनर डिप्लोमेसी का दौर जारी है।कारण यह है कि उसे समय उनकी और नाराज भाजपा की टीम में अलग-अलग थी और उन्हीं के समन्वय के करण जीत सुनिश्चित हुई थी इस बार परिस्थितियों अलग हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का यह गृह जिला है। सुनील शर्मा पीछ रह गए इसीलिए टिकट बदलने का जोखिम जमीनी हकीकत को समझ कर नहीं लिया गया है। ग्राउंड रिपोर्ट पुष्पेंद्र के हक में गई है। इसमें सुनील शर्मा बिट्टू पीछे रह गए। हालांकि चार दिन पहले शिमला में हमीरपुर शहर के ही कई प्रमुख लोगों के प्रतिनिधि मंडल भी मुख्यमंत्री से मिले थे। इसमें भी चाहे बिट्टू पर्दे के पीछे ही रहे हों, मगर पुष्पेंद्र की जमीनी हकीकत बिट्टू पर भारी पड़ी। अब हमीरपुर में विधानसभा चुनाव की जंग बेहद रोचक मरहले में दिखेगी। क्योंकि भाजपा के कुनबे के भीतर समन्वय बनाना भी भाजपा उम्मीदवार के लिए बेहद चुनौती पूर्ण होगा। हमीरपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा का नाम फाइनल कर दिया है। अब हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और आशीष शर्मा ही एक बार फिर आमने-सामने होंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में भी तिकोना मुकाबला हुआ था। तब 12000 से ज्यादा मतों से आशीष जीते थे। इस बार मुकाबला सीधा होगा। इसीलिए मुकाबला दिलचस्प होगा। कुछ दिनों से कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा को लेकर जो माहौल बना था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने तमाम नेताओं से जो फीडबैक लिया, उसी को फिर से आधार बनाया और अब पुष्पेंद्र वर्मा को ही फिर से चुनावी जंग में उतारा गया है। डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने टिकट फाइनल होने की खुद पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से इस बाबत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने फोन करके उन्हें इसकी सूचना दी है कि उन्हें फाइनल कर दिया गया है। पिता रणजीत सिंह भी रह चुके विधायक पुष्पेंद्र के पिता रणजीत सिंह वर्मा भी विधायक रह चुके हैं। लंबे समय के बाद फिर से हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा भाजपा उम्मीदवार से चुनावी जंग में उतरेंगे। पिछले विधानसभा चुनावों में आशीष शर्मा से हार जाने के बावजूद पुष्पेंद्र ने जमीनी हकीकत को समझते हुए लोगों से जुड़े रहे। उनके कार्यक्रमों का सिलसिला लगातार जारी रहा। हालांकि पिछली बार नामांकन दाखिल करने के आखिरी रोज 2 घंटे पहले उनका टिकट फाइनल हुआ था। तब कांग्रेस का सारा कुनबा इसी लेट लतीफी पर बेहद नाराज था। उसके बावजूद तिकोने मुकाबले में डॉक्टर पुष्पेंद्र ने भाजपा के उम्मीदवार को तीसरे नंबर पर धकेला था। इधर, भाजपा के उम्मीदवार और पिछले चुनाव में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले आशीष शर्मा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। डिनर डिप्लोमेसी का दौर जारी है।कारण यह है कि उसे समय उनकी और नाराज भाजपा की टीम में अलग-अलग थी और उन्हीं के समन्वय के करण जीत सुनिश्चित हुई थी इस बार परिस्थितियों अलग हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का यह गृह जिला है। सुनील शर्मा पीछ रह गए इसीलिए टिकट बदलने का जोखिम जमीनी हकीकत को समझ कर नहीं लिया गया है। ग्राउंड रिपोर्ट पुष्पेंद्र के हक में गई है। इसमें सुनील शर्मा बिट्टू पीछे रह गए। हालांकि चार दिन पहले शिमला में हमीरपुर शहर के ही कई प्रमुख लोगों के प्रतिनिधि मंडल भी मुख्यमंत्री से मिले थे। इसमें भी चाहे बिट्टू पर्दे के पीछे ही रहे हों, मगर पुष्पेंद्र की जमीनी हकीकत बिट्टू पर भारी पड़ी। अब हमीरपुर में विधानसभा चुनाव की जंग बेहद रोचक मरहले में दिखेगी। क्योंकि भाजपा के कुनबे के भीतर समन्वय बनाना भी भाजपा उम्मीदवार के लिए बेहद चुनौती पूर्ण होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में हटाया जा रहा मस्जिद का अवैध हिस्सा:मंत्री ने बढ़ाए मदद के हाथ, कमेटी बोली- सदस्यों से बात करके लेंगे फैसला
शिमला में हटाया जा रहा मस्जिद का अवैध हिस्सा:मंत्री ने बढ़ाए मदद के हाथ, कमेटी बोली- सदस्यों से बात करके लेंगे फैसला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम चल रहा है। मस्जिद कमेटी मस्जिद में अवैध हिस्से को हटा रही है। मस्जिद कमेटी ने तीन दिन में मस्जिद की छत पर लगी टीन की चादरों को हटा दिया है। परंतु मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को हटाने के लिए पैसों समस्या का हवाला दिया था। जिस पर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कमेटी को आर्थिक व श्रमदान की मदद की बात कही थी। वहीं इस पर अब मस्जिद कमेटी का पक्ष भी सामने आया है। कमेटी के सदस्यों से बात करके लेंगे फैसला
संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के मदद वाले बयान पर कहा कि उन्होंने मदद की बात कही है इसके लिए वह उनका धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस विषय मे हम कमेटी के सदस्यों व अपने लोगो से बातचीत करेंगे और उसके बाद इस पर अगला फैसला करेंगे। क्या कहा था मंत्री अनिरुद्ध सिंह
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिद कमेटी की ओर से हटाए जा रहे अवैध हिस्से के कदम का स्वागत करार दिया है।उन्होंने कहा कि एक समुदाय ने गैर-कानूनी तरीके से निर्माण किया था। खुशी की बात है कि वह खुद ही अवैध हिस्से हटा रहे है। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अब तक मस्जिद कमेटी के सदस्य उनसे मिलने नहीं आए हैं। लेकिन भविष्य में यदि वह मदद के लिए आते हैं, तो वह आर्थिक व श्रमदान हर तरह से जो संभव होगी वह मदद करेंगे। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से जरूरतमंदों की मदद करती है। “सभी लोगों से भाईचारा कायम रखने की अपील”
अनिरुद्ध सिंह ने सभी लोगों से आपसी भाईचारा कायम रखने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और जिसका परिणाम आपके सामने है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हर जगह कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो अपनी राजनीति चमकाने का काम करते हैं। हालांकि इस पूरे मामले में सरकार और प्रशासन ने बेहतरीन तरीके से अपना काम किया है। 5 अक्टूबर को नगर निगम के कोर्ट ने दिया था फैसला
बता दें कि शिमला के संजौली मस्जिद के निर्माण पर बवाल होने के बाद मस्जिद कमेटी ने बक्फ बोर्ड के साथ मिलकर नगर निगम कोर्ट को अवैध हिस्से को खुद हटाने के लिए लिख कर दिया था। जिसके बाद MC कमिश्नर कोर्ट ने 5 अक्टूबर को उसे हटाने के फैसला सुनाया था। एमसी कोर्ट से फैसला आने के बाद मस्जिद कमेटी ने प्रॉपर्टी के मालिक वक्फ बोर्ड से गिराने की अनुमति मांगी। उनसे अनुमति मिलने के बाद बीते सोमवार से मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्सा हटाने का काम शुरू कर दिया है।
शिमला में कांग्रेस के टिकट पर मंथन:CM की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस विधायक दल मीटिंग; हाईकमान को संभावित प्रत्याशियों का पैनल भेजेगी पार्टी
शिमला में कांग्रेस के टिकट पर मंथन:CM की अध्यक्षता में चल रही कांग्रेस विधायक दल मीटिंग; हाईकमान को संभावित प्रत्याशियों का पैनल भेजेगी पार्टी हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस तीनों सीटों पर उप चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा में ही कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग ले रहे हैं। इसमें नालागढ़, हमीरपुर और देहरा विधानसभा सीट से संभावित प्रत्याशियों के नाम का पैनल तैयार कर कांग्रेस हाईकमान को भेजा जाएगा। विधायक दल की मीटिंग में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी पहुंची हैं। सूत्र बताते हैं कि आज की मीटिंग में तीन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम, लोकसभा व छह सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव पर मंथन के साथ साथ तीन सीटें जीतने को लेकर चर्चा होगी। प्रदेश में आगामी 10 जुलाई को तीन सीटों पर विधानसभा उप चुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा को अगले चार-पांच दिन के भीतर प्रत्याशी तय करने हैं क्योंकि 14 से 21 जून तक नामांकन प्रक्रिया चलने वाली है। इसे लेकर कांग्रेस आज शिमला में मंथन कर रही है। हमीरपुर से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी हमीरपुर विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री सुक्खू के पॉलिटिकल एडवाइजर सुनील शर्मा (बिट्टू) और डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने सुनील बिट्टू को चुनाव के लिए जुटने को कह दिया है। आज की मीटिंग में इसे लेकर सहमति बनाकर पार्टी हाईकमान को नाम भेजा जाएगा। देहरा से इन्हें टिकट दे सकती है कांग्रेस कांगड़ा जिला की देहरा विधानसभा सीट से कांग्रेस डॉ. राजेश शर्मा को फिर से टिकट दे सकती हैं। टिकट के तलबगारों में यहां से केसीसी बैंक के डायरेक्टर सुनील शर्मा और मतस्य कल्याण बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर का नाम भी बताया जा रहा है। इन नामों पर भी आज चर्चा होगी। नालागढ़ से हरदीप और राणा दौड़ में नालागढ़ से कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे बाबा हरदीप को टिकट दे सकती है। सूत्र बताते हैं कि यदि कांग्रेस पूर्व विधायक लखविंदर राणा को टिकट ऑफर करती हैं तो राणा बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आ सकते हैं और उन्हें कांग्रेस का टिकट मिल सकता है। बाबा हरदीप होली लॉज गुट के है। इस वजह से नालागढ़ के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भिड़े SFI-ABVP कार्यकर्ता:लड़कियों पर कमेंट करने के आरोप; पुलिस ने एक छात्र हथियार के साथ दबोचा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भिड़े SFI-ABVP कार्यकर्ता:लड़कियों पर कमेंट करने के आरोप; पुलिस ने एक छात्र हथियार के साथ दबोचा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शनिवार को छात्र संगठन SFI और ABVP के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दोनों छात्र संगठनों ने एक दूसरे पर लड़कियों को कमेंट करने के आरोप लगाए। सूचना के अनुसार, यूनिवर्सिटी कैंपस में SFI और ABVP के कार्यकर्ताओं में किसी बात को लेकर पहले गेट पर कहासुनी हुई। यह कहासुनी देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई। इस दौरान दोनों पक्षों में खूब लात घुसे चले। वीडियों में एक छात्र औजार के साथ नजर आ रहा है, जिसे पुलिस ने दबोच लिया और खूब पिटाई की। यूनिवर्सिटी गेट के बाद पिंक पेटल पर दोनों छात्र संगठन के बीच दोबारा कहासुनी और मारपीट हुई। इससे यूनिवर्सिटी में कुछ देर को माहौल तनावपूर्ण हो गया। गुंडागर्दी पर उतरी ABVP: सेकटा
SFI की यूनिवर्सिटी इकाई के सचिव सन्नी सेकटा ने बताया, ABVP कार्यकर्ता SFI की लड़कियों पर कमेंट करते हैं। शनिवार को भी ABVP वर्कर ने लड़कियों से छेड़छाड़ व कमेंट किए। SFI कार्यकर्ताओं ने जब इसका विरोध किया तो ABVP वर्कर हाथापाई पर उतर आए और उनके कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि SFI इन दिनों यूनिवर्सिटी में छात्रों की मांगो को लेकर संघर्ष कर रही है। इससे छात्र SFI के साथ जुड़ रहे हैं, जिसके कारण ABVP बौखला गई है और गुंडागर्दी पर उतर आई है। SFI का खूनी इतिहास रहा: अविनाश
ABVP इकाई मंत्री अविनाश ने कहा कि काफी समय से गेट पर खड़े होकर SFI कार्यकर्ता ABVP की छात्राओं पर कमेंट कर रहे थे। विरोध करने पर एसएफआई ने मारपीट की। उन्होंने कहा, SFI का इतिहास खूनी संघर्ष का रहा है। वहीं NSUI ने एसएफआई और एबीवीपी पर यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करने का आरोप लगाया और केंद्रीय छात्र संघ चुनाव नहीं होने की वजह बताया।