विनेश फोगाट की तरह ही रोहतक के टोक्यो पैरालिंपियन मनोज मलिक को भी कांस्य पदक जीतने के एक दिन बाद ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस पर पैरालिंपियन मनोज मलिक ने कहा कि ऐसे मामलों में मनमानी साफ दिखती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का कोई दबदबा नहीं है। प्रबंधन की ओर से भी कोई आवाज नहीं उठाई जाती। मनोज मलिक ने बताया कि वह डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी हैं और एक हाथ और एक पैर से दिव्यांग हैं। उन्होंने टोक्यो 2021 में हिस्सा लिया था। उनकी कैटेगरी एफ-52 थी। इवेंट से एक हफ्ते पहले भी डॉक्टरों ने उनकी जांच की थी और उन्हें यह कैटेगरी दी थी। उन्होंने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कांस्य पदक जीता। पदक जीतने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने कारण भी बताया कि आप इस कैटेगरी में नहीं आते। उस समय उन्होंने खुद पर भरोसा किया और अपनी लड़ाई लड़ी। लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला। मनोज मलिक ने कहा कि उनके ओलंपिक और पैरालिंपिक में मनमानी की जाती है। जिसका एक उदाहरण विनेश के साथ देखने को मिला। वहीं, वह खुद भी मनमानी का शिकार हुए हैं। ऐसी घटना को देखकर साफ पता चलता है कि देश का दबदबा नहीं है। प्रबंधन भी ठीक से आवाज नहीं उठाता। उन्होंने कहा कि विनेश का वजन बढ़ने से पहले उसने सिल्वर मेडल जीता था। इसलिए विनेश को सिल्वर मेडल मिलना चाहिए। सीएम के चक्कर काटे, लेकिन नहीं मिली कोई मदद मनोज मलिक ने कहा कि मेडल जीतने के बाद सभी ने बधाई दी। लेकिन मेडल जीतने के एक दिन बाद ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद वह मानदेय और नौकरी जैसी मदद के लिए मुख्यमंत्री के चक्कर काटे, लेकिन न तो कोई मदद मिली और न ही कोई नौकरी। जिसके चलते आज उसे घर का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है। वह दो बेटियों (बड़ी 8 साल की बेटी और छोटी 4 साल की बेटी) का पिता है। मकान पर भी कर्ज उन्होंने बताया कि वह दोनों पैरों और एक हाथ से दिव्यांग हैं और व्हील चेयर पर रहते हैं। रियो पैरालिंपिक में दीपा मलिक को देखकर उन्होंने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया था। पैरालिंपिक में जाने और खेलना शुरू करने से पहले वह किराने की दुकान चलाते थे। लेकिन अब वह घर का खर्च भी नहीं चला पा रहे हैं। उनके पास 72 गज का मकान है, जिस पर 15 लाख का कर्ज है। फिलहाल उन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है, ताकि उन्हें नौकरी मिल सके। विनेश फोगाट की तरह ही रोहतक के टोक्यो पैरालिंपियन मनोज मलिक को भी कांस्य पदक जीतने के एक दिन बाद ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस पर पैरालिंपियन मनोज मलिक ने कहा कि ऐसे मामलों में मनमानी साफ दिखती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का कोई दबदबा नहीं है। प्रबंधन की ओर से भी कोई आवाज नहीं उठाई जाती। मनोज मलिक ने बताया कि वह डिस्कस थ्रो के खिलाड़ी हैं और एक हाथ और एक पैर से दिव्यांग हैं। उन्होंने टोक्यो 2021 में हिस्सा लिया था। उनकी कैटेगरी एफ-52 थी। इवेंट से एक हफ्ते पहले भी डॉक्टरों ने उनकी जांच की थी और उन्हें यह कैटेगरी दी थी। उन्होंने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कांस्य पदक जीता। पदक जीतने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने कारण भी बताया कि आप इस कैटेगरी में नहीं आते। उस समय उन्होंने खुद पर भरोसा किया और अपनी लड़ाई लड़ी। लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला। मनोज मलिक ने कहा कि उनके ओलंपिक और पैरालिंपिक में मनमानी की जाती है। जिसका एक उदाहरण विनेश के साथ देखने को मिला। वहीं, वह खुद भी मनमानी का शिकार हुए हैं। ऐसी घटना को देखकर साफ पता चलता है कि देश का दबदबा नहीं है। प्रबंधन भी ठीक से आवाज नहीं उठाता। उन्होंने कहा कि विनेश का वजन बढ़ने से पहले उसने सिल्वर मेडल जीता था। इसलिए विनेश को सिल्वर मेडल मिलना चाहिए। सीएम के चक्कर काटे, लेकिन नहीं मिली कोई मदद मनोज मलिक ने कहा कि मेडल जीतने के बाद सभी ने बधाई दी। लेकिन मेडल जीतने के एक दिन बाद ही उसे अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद वह मानदेय और नौकरी जैसी मदद के लिए मुख्यमंत्री के चक्कर काटे, लेकिन न तो कोई मदद मिली और न ही कोई नौकरी। जिसके चलते आज उसे घर का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है। वह दो बेटियों (बड़ी 8 साल की बेटी और छोटी 4 साल की बेटी) का पिता है। मकान पर भी कर्ज उन्होंने बताया कि वह दोनों पैरों और एक हाथ से दिव्यांग हैं और व्हील चेयर पर रहते हैं। रियो पैरालिंपिक में दीपा मलिक को देखकर उन्होंने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया था। पैरालिंपिक में जाने और खेलना शुरू करने से पहले वह किराने की दुकान चलाते थे। लेकिन अब वह घर का खर्च भी नहीं चला पा रहे हैं। उनके पास 72 गज का मकान है, जिस पर 15 लाख का कर्ज है। फिलहाल उन्हें सरकार से मदद की उम्मीद है, ताकि उन्हें नौकरी मिल सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
डॉ. हुकुम सिंह सहित कई शिक्षक व कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त
डॉ. हुकुम सिंह सहित कई शिक्षक व कर्मचारी हुए सेवानिवृत्त भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों से शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह सहित कई शिक्षक व कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्त होने वालों में परीक्षा शाखा के नियंत्रक डॉ. हुकुम सिंह, ललित कला विभाग के सीनियर प्रोफेसर राम विरंजन सिंह, टूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट विभाग के प्रोफेसर रमेश एच तक्षक, परीक्षा शाखा से सहायक कुलसचिव राजकुमार ढींगरा, यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल से टीजीटी गणित अध्यापिका चेतना अरोड़ा, बिल सेक्शन से सहायक अनिल कुमार, हार्टिकल्चर विभाग से माली मोती राम व आईआईएचएस से लैब क्लीनर राम रशपाल हैं। केयू कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी लिए। मौके पर प्रो. उषा लोहान, लोक संपर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पुनिया, उप-निदेशक डॉ. जिम्मी शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, डॉ. गुरचरण सिंह, कुटा प्रधान प्रो. दलीप कुमार, डॉ. सुखविंद्र सिंह, उप-कुलसचिव डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. जितेंद्र जांगड़ा, रविंद्र तोमर, अधीक्षक मनीष खुराना मौजूद रहे। कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा।
जींद में पानीपत रोड पर पेड़ से टकराई कार:कार सवार महिला की मौत, तीन घायल, खानपुर पीजीआई रेफर
जींद में पानीपत रोड पर पेड़ से टकराई कार:कार सवार महिला की मौत, तीन घायल, खानपुर पीजीआई रेफर हरियाणा के जींद जिला में जींद-पानीपत रोड पर गांव बुढ़ाखेड़ा के पास रविवार काे गाड़ी अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। इसमें एक महिला की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। मृतक महिला की पहचान हिसार की 59 वर्षीय कुसुम के रूप में हुई है। घायलों की पहचान डा. सुरेश कुमार, उनके बेटे अभिनव और तुषार के रूप में हुई है, जिन्हें खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। बारिश में बिगड़ा कार का संतुलन जानकारी के अनुसार पानीपत निवासी डाक्टर सुरेश कुमार अपनी गाड़ी में सवार होकर अपनी बहन कुसुम को हिसार छोड़ने के लिए जा रहा था। साथ में डा. सुरेश का बेटा अभिनव व तुषार भी था। बारिश हो रही थी, इसी दौरान गांव बुढ़ाखेड़ा के पास पहुंचे, तो उनकी कार का संतुलन एकदम से बिगड़ गया और कार सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई। कार में सवार डा. सुरेश, कुसुम, तुषार व अभिनव गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉक्टरों ने महिला को किया मृत घोषित घटना होते ही आस पास काफी तादाद में लोग एकत्रित हो गए और घायलों को गाड़ी से निकालकर सफीदों के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। यहां पर डॉक्टरों ने कुसुम को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य तीनों को प्राथमिक उपचार देकर खानपुर पीजीआई रेफर कर दिया। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।
हरियाणा में ट्रैक्टर से टकराकर पिकअप पलटी:3 लोगों की मौत, 8 गंभीर घायल, 21 लोग सवार थे, सरिए से लदी थी ट्राली
हरियाणा में ट्रैक्टर से टकराकर पिकअप पलटी:3 लोगों की मौत, 8 गंभीर घायल, 21 लोग सवार थे, सरिए से लदी थी ट्राली हरियाणा के झज्जर में सांपला रोड पर ट्रैक्टर और पिकअप गाड़ी में टक्कर हो गई। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए। इन्हें रोहतक पीजीआई रेफर किया गया है। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह उत्तर प्रदेश (यूपी) की तरफ से आ रही पिकअप गाड़ी की ट्रैक्टर से टक्कर हो गई। ट्रैक्टर ट्रॉली में लोहे के सरियों से भरी हुई थी। टक्कर के बाद पिकअप पलट गई। पिकअप में 21 लोग सवार थे। जो यूपी से जहाजगढ़ माजरा जा रहे थे। सभी घायलों को जब अस्पताल में पहुंचाया गया तो डॉक्टों ने संभल के कनुधामपुर निवासी क्रांति(50), शाहपुर गांव निवासी मुख्यत्यारी(50) और उसकी 13 साल की बेटी कनक को मृत घोषित कर दिया, जबकि नरेश, कुसुम, हरपाल, रवि, संजीव, नरेश की पत्नी, नरेश का लड़का और एक अन्य को गंभीर बनी हुई थी। जिसके बाद उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया गया। हादसे से जुड़े PHOTOS… नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया
सड़क हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। वही एम्बुलेंस की मदद से घायलों को इलाज के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है l पुलिस ने मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल के शव गृह में भिजवाया गया है l फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है l श्रमिकों को लेकर आ रही थी पिकअप
झज्जर शहर से सटे सांपला बाईपास के नजदीक श्रमिकों को लेकर आ रही पिकअप ट्रैक्टर में टकराने से पलट गई। गाड़ी में बच्चों सहित करीब 21 लोग सवार थे। जिनमें से एक किशोरी सहित 3 लोगों की मौत हुई है। 8 लोग रोहतक पीजीआई रेफर किए गए हैं। पिकअप में सवार लोग यूपी के मुरादाबाद जिले के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले थे