लखनऊ में गुरुवार को विधानसभा के पास तीन लोग आत्मदाह करने पहुंच गए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस वालों ने तीनों को आत्मदाह करने से रोका और समझाया। जिलों में संबंधित अधिकारियों से बात की, आश्वासन के बाद घर भेज दिया। विधानसभा के बाहर पहुंचे लोगों ने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों की शिकायत के बाद थाने की पुलिस और राजस्व विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। आखिरकार अधिकारियों की लापरवाही के बाद उन्हें लखनऊ आना पड़ा। इससे पहले उन्नाव की रहने वाली महिला ने सीएम आवास के पास आत्मदाह की कोशिश की थी। जिसके बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। पहला मामला- पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही
जालौन के रहने वाले विवेक कुमार भसेडिया पुत्र राकेश कुमार का कहना है कि 4 महीने पहले उनकी दादी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। आशंका है कि कुछ लोगों ने उन्हें जलाकर मारा था। इसकी शिकायत थाने पर की गई तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। विवेक ने बताया कि थाने के बाद पुलिस कप्तान और डीएम से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। विवेक ने बताया कि कार्रवाई की मांग को लेकर यहां पहुंचे थे। इधर विवेक को विधानसभा के पास तैनात पुलिस कर्मियों ने देखा तो उन्हें शक हुआ। विवेक को पकड़कर दारुलशफा चौकी लाया गया। पूछताछ में विवेक ने बताया कि उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे परेशान होकर वह आत्मदाह करने पहुंचे थे। हजरतगंज चौकी पुलिस ने एसएचओ कोतवाली उरई नगर से बातचीत की और समस्या का निस्तारण करने को कहा। दूसरा मामला- छेड़छाड़ की शिकायत की, पुलिस ने नहीं लिया एक्शन
हरदोई के बालामऊ थाना कछौना की रहने वाली पूजा तिवारी भी गुरुवार को लखनऊ पहुंचीं थीं। विधानसभा के पास तैनात पुलिसकर्मियों ने उनसे बातचीत की। उन्होंने पुलिस को बताया कि 6 महीने पहले उनके साथ छेड़खानी की गई थी। कई बार शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पूजा तिवारी के मामले में हजरतगंज पुलिस ने हरदोई पुलिस से बात की। वहां की पुलिस ने बताया कि इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। पुलिस ने पूजा तिवारी को समझाकर वापस भेजा। तीसरा मामला- सीएम से नहीं हुई मुलाकात, राज्यपाल को दिया पत्र
उन्नाव के रहने वाले अरुण दीक्षित भी आत्मदाह करने गुरुवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने लिखा की उन्नाव पुलिस से उम्मीद नहीं है। हारकर सीएम योगी से मिलने पहुंचा। सीएम से मुलाकात न हो पाने पर राज्यपाल कार्यालय जाकर शिकायती पत्र दिया। लखनऊ में गुरुवार को विधानसभा के पास तीन लोग आत्मदाह करने पहुंच गए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस वालों ने तीनों को आत्मदाह करने से रोका और समझाया। जिलों में संबंधित अधिकारियों से बात की, आश्वासन के बाद घर भेज दिया। विधानसभा के बाहर पहुंचे लोगों ने कहा कि जमीन से जुड़े मामलों की शिकायत के बाद थाने की पुलिस और राजस्व विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। आखिरकार अधिकारियों की लापरवाही के बाद उन्हें लखनऊ आना पड़ा। इससे पहले उन्नाव की रहने वाली महिला ने सीएम आवास के पास आत्मदाह की कोशिश की थी। जिसके बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। पहला मामला- पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही
जालौन के रहने वाले विवेक कुमार भसेडिया पुत्र राकेश कुमार का कहना है कि 4 महीने पहले उनकी दादी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। आशंका है कि कुछ लोगों ने उन्हें जलाकर मारा था। इसकी शिकायत थाने पर की गई तो पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। विवेक ने बताया कि थाने के बाद पुलिस कप्तान और डीएम से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। विवेक ने बताया कि कार्रवाई की मांग को लेकर यहां पहुंचे थे। इधर विवेक को विधानसभा के पास तैनात पुलिस कर्मियों ने देखा तो उन्हें शक हुआ। विवेक को पकड़कर दारुलशफा चौकी लाया गया। पूछताछ में विवेक ने बताया कि उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे परेशान होकर वह आत्मदाह करने पहुंचे थे। हजरतगंज चौकी पुलिस ने एसएचओ कोतवाली उरई नगर से बातचीत की और समस्या का निस्तारण करने को कहा। दूसरा मामला- छेड़छाड़ की शिकायत की, पुलिस ने नहीं लिया एक्शन
हरदोई के बालामऊ थाना कछौना की रहने वाली पूजा तिवारी भी गुरुवार को लखनऊ पहुंचीं थीं। विधानसभा के पास तैनात पुलिसकर्मियों ने उनसे बातचीत की। उन्होंने पुलिस को बताया कि 6 महीने पहले उनके साथ छेड़खानी की गई थी। कई बार शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। पूजा तिवारी के मामले में हजरतगंज पुलिस ने हरदोई पुलिस से बात की। वहां की पुलिस ने बताया कि इस मामले में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। पुलिस ने पूजा तिवारी को समझाकर वापस भेजा। तीसरा मामला- सीएम से नहीं हुई मुलाकात, राज्यपाल को दिया पत्र
उन्नाव के रहने वाले अरुण दीक्षित भी आत्मदाह करने गुरुवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने लिखा की उन्नाव पुलिस से उम्मीद नहीं है। हारकर सीएम योगी से मिलने पहुंचा। सीएम से मुलाकात न हो पाने पर राज्यपाल कार्यालय जाकर शिकायती पत्र दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर