हरियाणा के फरीदाबाद के बादशाह खान नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ की फिर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में आई एक एक गर्भवती महिला को प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। महिला को एम्बुलेंस भी नहीं मिली। परिजनों ने महिला को दिल्ली ले जाने के लिए ऑटो में बैठाया तो कुछ देर बाद ही ऑटो में ही महिला की डिलीवरी हो गई। महिला की ऑटो में डिलीवरी की खबर से डॉक्टरों व स्टाफ में हड़कंप मच गया। महिला को आनन फानन में जच्चा बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया। महिला व नवजात दोनों ही सुरक्षित हैं। हालांकि अस्पताल के डॉक्टर अब भी नहीं मान रहे कि उन्होंने महिला की हालत देखे बिना दिल्ली रेफर कर गलती की थी। महिला डॉक्टर प्रोनिता अहलावत ने बताया कि महिला में खून और प्लेटलेट्स की काफी कमी थी। इसके चलते उसे दिल्ली रेफर किया गया था। जानकारी अनुसार फरीदाबाद में भरत कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार की पत्नी चांदनी (33) को पहले 4 बच्चे हैं। अब उसे पांचवां बच्चा होना था। प्रसव पीड़ा के बाद चांदनी को बीके अस्पताल में प्रसूति के लिए लाया गया। गुरुवार को चांदनी को खून की कमी और प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। एनएचएम के ड्राइवर की हड़ताल के चलते उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। राजकुमार ने बताया कि चांदनी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। एंबुलेंस ने मिलने पर उन्होंने दिल्ली जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा बुक किया। उन्होंने चांदनी को ऑटो बैठाया तो उसकी ऑटो में ही डिलीवरी हो गई। चांदनी की डिलीवरी की सूचना मिलने के बाद गायनी वार्ड में तैनात डॉक्टर प्रोनिता अहलावत और स्टाफ के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में स्टाफ को नीचे भेज कर चांदनी और उसके बच्चे को सही सलामत जच्चा बच्चा वार्ड में लाया गया। हरियाणा के फरीदाबाद के बादशाह खान नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ की फिर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में आई एक एक गर्भवती महिला को प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। महिला को एम्बुलेंस भी नहीं मिली। परिजनों ने महिला को दिल्ली ले जाने के लिए ऑटो में बैठाया तो कुछ देर बाद ही ऑटो में ही महिला की डिलीवरी हो गई। महिला की ऑटो में डिलीवरी की खबर से डॉक्टरों व स्टाफ में हड़कंप मच गया। महिला को आनन फानन में जच्चा बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया। महिला व नवजात दोनों ही सुरक्षित हैं। हालांकि अस्पताल के डॉक्टर अब भी नहीं मान रहे कि उन्होंने महिला की हालत देखे बिना दिल्ली रेफर कर गलती की थी। महिला डॉक्टर प्रोनिता अहलावत ने बताया कि महिला में खून और प्लेटलेट्स की काफी कमी थी। इसके चलते उसे दिल्ली रेफर किया गया था। जानकारी अनुसार फरीदाबाद में भरत कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार की पत्नी चांदनी (33) को पहले 4 बच्चे हैं। अब उसे पांचवां बच्चा होना था। प्रसव पीड़ा के बाद चांदनी को बीके अस्पताल में प्रसूति के लिए लाया गया। गुरुवार को चांदनी को खून की कमी और प्लेटलेट्स कम होने की बात कह कर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। एनएचएम के ड्राइवर की हड़ताल के चलते उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। राजकुमार ने बताया कि चांदनी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। एंबुलेंस ने मिलने पर उन्होंने दिल्ली जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा बुक किया। उन्होंने चांदनी को ऑटो बैठाया तो उसकी ऑटो में ही डिलीवरी हो गई। चांदनी की डिलीवरी की सूचना मिलने के बाद गायनी वार्ड में तैनात डॉक्टर प्रोनिता अहलावत और स्टाफ के हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में स्टाफ को नीचे भेज कर चांदनी और उसके बच्चे को सही सलामत जच्चा बच्चा वार्ड में लाया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर BJP सीरियस:कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, खराब होने पर टिकट कटेगा; माइक्रो मैनेजमेंट के तहत रूठों को मनाएंगे
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर BJP सीरियस:कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे, खराब होने पर टिकट कटेगा; माइक्रो मैनेजमेंट के तहत रूठों को मनाएंगे लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 5 सीट हारने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का रुख सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री सहित मंत्री, विधायकों को पार्टी नेतृत्व के मंसूबों को साफ कर दिया। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए लोकसभा चुनाव में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें विधानसभा में दूर कर लिया जाए। जिन विधानसभाओं में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, वहां बड़े बदलाव किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा 44 विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर पाई थी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि सूबे के कुछ शहरी क्षेत्र ऐसे भी रहे, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इनमें अंबाला सिटी, जगाधरी, रोहतक, आदमपुर, सिरसा शहर जैसी सीटें शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में पुराने फॉर्मूले पर लौटेगी BJP… माइक्रो मैनेजमेंट पर करेगी फोकस विधानसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा ‘माइक्रो मैनेजमेंट’ के फॉर्मूले पर चलेगी और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता के घर तक पहुंचेगी। यानी इस बार भाजपा हरियाणा जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। विपक्ष के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया जाएगा, जिसे भेदना आसान नहीं होगा। भाजपा ने अपने पहले कार्यक्रम में ही संकेत दिए हैं कि इस बार किसी भी दूसरे दल के लिए भाजपा को टक्कर देना इतना आसान नहीं होगा। जिस तरह केंद्रीय नेताओं ने हर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री कहा है, उससे साफ है कि इस बार विधानसभा चुनाव में हर कार्यकर्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कार्यकर्ताओं को मिलेगी तवज्जो रविवार को हरियाणा दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि नेता में जो भी कमी हो, वह कमी कार्यकर्ता बताएंगे। कार्यकर्ता के कहने पर फीडबैक लेने के बाद उस कमी को ठीक किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर बड़ा बदलाव करने से भी भाजपा पीछे नही हटेगी। इसका सीधा-सीधा मतलब ये है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा लंगर-लंगोट कसकर मैदान में उतर चुकी है। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मिले फीडबैक के बाद हरियाणा भाजपा में बड़े बदलाव होने तय माने जा रहे हैं। रूठों को मनाएंगे धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद रिव्यू मीटिगों में यह भी बात सामने आई है कि सूबे में पार्टी की हार में रूठे नेताओं की भी अहम भूमिका रही। जिसके बाद अब केंद्रीय नेतृत्व ने रोहतक में हुई मीटिंग में यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी के हर नाराज नेता को मनाया जाएगा। धर्मेंद्र प्रधान ने मंच से ही नाराज अनिल विज की आवाज लगा दी, जिसके बाद उन्होंने विज को मंच पर बुलाकर उन्हें अपने साथ बिठाया। इस संकेत के बाद कार्यकर्ताओं में यह मैसेज जरूर गया है कि पार्टी में किसी भी नेता की अनदेखी नहीं की जाएगी। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
शमशेर गोगी बोले-हुड्डा ने पार्टी को घटाने का काम किया:इनके नेतृत्व में हरियाणा में एक चुनाव नहीं जीते; कांग्रेस ही कांग्रेस से लड़ रही
शमशेर गोगी बोले-हुड्डा ने पार्टी को घटाने का काम किया:इनके नेतृत्व में हरियाणा में एक चुनाव नहीं जीते; कांग्रेस ही कांग्रेस से लड़ रही ‘भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 20 साल तक आजमा लिया है। साल 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 विधायक बने थे। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए। उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया। पार्टी कभी उनके नेतृत्व में नहीं जीती। कांग्रेस को किसी दूसरे नेता को आजमाकर देखना चाहिए।’ यह बात कांग्रेस नेता और असंध से पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कही। उनका कहना है कि राज्य में कांग्रेस, कांग्रेस से लड़ रही है। उसकी भाजपा से लड़ाई ही नहीं है। भाजपा के लोग समाज को बांट रहे हैं। संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। मुझे नायब सैनी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। दैनिक भास्कर ने EVM में गड़बड़ी, कांग्रेस की हार, पार्टी में गुटबाजी, प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहे विवाद को लेकर शमशेर सिंह गोगी से बातचीत की। पढ़िए गोगी से बातचीत के प्रमुख अंश… सवाल : वकालत की डिग्री हासिल कर चुके शमशेर सिंह गोगी राजनीतिक अखाड़े में कहां खता खा गए?
गोगी : नहीं, खता नहीं खाई है। मेरा उद्देश्य फेयर तरीके से इलेक्शन लड़ने का रहा है। मैंने जब पहला इलेक्शन जीता, तब भी मैंने एक भी शराब की बोतल किसी को नहीं दी थी। मैं इस तरीके में विश्वास नहीं रखता। आज लोकतंत्र में तंत्र जीत गया और लोकतंत्र हार गया। मैं लोकतंत्र में विश्वास रखता हूं और उसकी मर्यादा के हिसाब से मैंने इलेक्शन लड़ा। सवाल : करनाल में सुमिता सिंह और घरौंडा में वीरेंद्र राठौर EVM पर ठीकरा फोड़कर अब गायब हैं?
गोगी : देखो, हम तो रोज जनता के बीच जा रहे हैं। जनता के बिना हमारे पास क्या है? मैंने तो रिजल्ट के अगले दिन ही सभी वर्करों का धन्यवाद किया था और लगातार लोगों के सुख-दुख में शामिल हो रहा हूं। सवाल: CM नायब सैनी आपके बयानों को लेकर काफी ठहाके लगाते हुए तंज कसते हैं। चाहे आप हो, राहुल गांधी, या फिर कांग्रेस हो।
जवाब: नायब सैनी जी चीफ मिनिस्टर बन गए हैं, वह एक अलग बात है। नायब सिंह सैनी मुझे जानते नहीं हैं। मुझे सारी जनता जानती है। इस तरह के आदमियों से मुझे सर्टिफिकेट की भी जरूरत नहीं है। मैं इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहता। एक कहावत है- जो चोर होता है, उसे सारी दुनिया चोर ही नजर आती है। सवाल: आपने 6 महीने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा जताई। आप किस तरह पार्टी को एक प्लेटफॉर्म पर लाएंगे? कौन सा तरीका है, जिसे कांग्रेस अपनाकर आगे सत्ता में वापसी कर सकती है?
गोगी : देखो, मैंने 6 महीने के लिए नहीं कहा। मैंने कहा था कि हाईकमान को इस पर फैसला लेना है। मैंने तो एक उदाहरण के तौर पर कहा था कि अगर मुझे पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाए, तो मैं पार्टी को खड़ा कर दूंगा और उसके बाद जब इलेक्शन आएगा, 2 साल का समय बचा होगा, तब पार्टी जो भी करना चाहे, वह करे। सवाल: खेमेबंदी करने का आरोप हुड्डा पर लगता रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप सैलजा गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं?
गोगी : मैं कांग्रेस का आदमी हूं। मैं किसी गुट की बात ही नहीं करता। पार्टी के अंदर कोई न कोई नेता और कोई न कोई साथी एक-दूसरे की मदद करता है। सैलजा ने हमारी मदद की है। हम भी उसकी मदद करना चाहते हैं, वह एक अलग बात है। मैं पार्टी से ऊपर किसी नेता को नहीं मानता। मैं उन्हीं नेताओं के बारे में कह रहा हूं, जो अपने आप को पार्टी से ऊपर मान रहे हैं। सवाल: क्या कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस नेताओं के बयान हैं? आपने भी पहले अपना घर भरने वाला बयान दिया था?
जवाब: अगर मेरी हार का कारण मेरा बयान होता, तो मैं असंध शहर से कैसे जीतता? कैसे साढ़े 52 हजार वोट लोगों ने मुझे दिए? यह तो भाजपा वालों का बनाया हुआ है। पूरे देश और समाज को जिस बात पर शर्म आनी चाहिए, उस पर इनका चीफ मिनिस्टर आकर कहता है कि बंटोगे तो कटोगे। ये समाज को बांट रहे है। संविधान के खिलाफ बात करने वाले मुख्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। अब महाराष्ट्र में भी इनके होर्डिंग लग गए। वहां भी ऐसा ही है। मतलब इन्हें आजादी मिली हुई। पता नहीं समाज के लोग कैसी विचारधारा में चले गए कि वे इन्हें समझ ही नहीं पा रहे हैं? जिस देश का समाज बंट गया और भाईचारा टूट गया, तो वह देश कैसे बचेगा? सवाल: चुनाव हारने के बाद भी पार्टी में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। क्या लगता है, पार्टी मजबूत हो पाएगी?
गोगी : मेरी पार्टी हाईकमान से रिक्वेस्ट है कि नई लीडरशिप के साथ पार्टी आगे आए। जिस आदमी (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) को पिछले 20 साल से आजमा लिया है। 2005 में कांग्रेस की सरकार आई थी, तो 67 MLA थे। उसके बाद जिनके नेतृत्व में 3 इलेक्शन लड़े गए, उन्होंने पार्टी को घटाने का काम किया है। पार्टी कभी भी उनके नेतृत्व में नहीं जीती। पार्टी किसी नए नेता को आजमाकर देखे। जात-बिरादरी इसमें मायने नहीं रखती। कांग्रेसी होना इसमें मायने रखता है। जो कांग्रेस को या फिर हाईकमान को ब्लैकमेल न करें, आंख न दिखाएं, अपने आप को पार्टी से ऊपर न समझें और जो खुद काे पार्टी का सिपाही समझें, ऐसे लोगों को आगे लेकर आओ। सवाल: अगर सुरजेवाला को अध्यक्ष बना दिया जाए, वह खेमेबंदी को खत्म कर पार्टी को एक मंच पर लेकर आ पाएंगे?
गोगी : मैं इसमें कुछ नहीं कह सकता। यह हाईकमान का फैसला होगा। मैंने तो अपना नाम भी उदाहरण के तौर पर लिया था। लोगों ने उसी को हव्वा बना दिया। मैने उदाहरण दिया था कि 3 साल पार्टी का काम करो और 2 साल इलेक्शन पर काम करो। सवाल: विधानसभा में आपने काफी मुद्दे उठाए। असंध को जिला बनाने का भी बड़ा मुद्दा था। चूंकि, अब आप चुनाव हार चुके हैं तो जनता के बीच में किस तरह से जाएंगे और क्या कार्यप्रणाली रहेगी?
गोगी : अभी मुद्दे हैं। जब मैं विधायक था, उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे। उन्होंने विधानसभा में आश्वासन दिया था कि हम स्मार्ट सिटी के 735 करोड़ के प्रोजेक्ट की जांच कराएंगे, लेकिन आज तक उसकी कोई जांच नहीं हुई। मैं स्पीकर को चिट्ठी लिखूंगा और मांग करूंगा कि यह जो आश्वासन मनोहर लाल द्वारा दिया गया था, उसकी जांच करवाकर रिपोर्ट मुझे दी जाए। सवाल : कांग्रेस की लहर थी, एग्जिट पोल भी कांग्रेस के पक्ष में थे, लेकिन सरकार नहीं आई। अब कांग्रेस कैसे सत्ता में वापसी कर पाएगी?
गोगी : कांग्रेस को सबसे पहले भाजपा के खिलाफ लड़ना सीखना चाहिए। मैं 5 साल MLA रहा और उससे पहले भी जब मैं MLA बनने की तैयारी कर रहा था। पिछले 10 साल में मैंने एक चीज देखी है कि कांग्रेस, कांग्रेस से ही लड़ रही है। भाजपा से लड़ ही नहीं रही है, तो जीतेगी कैसे? सवाल: EVM में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगा दी।
गोगी : देखो, वह एक अलग बात है। वह किस तरीके से हुआ, कैसे हुआ, वह एक लीगल मैटर है। मैं तो यह कहता हूं कि अगर EVM में गड़बड़ी नहीं है, तो इलेक्शन कमीशन की जिम्मेदारी है कि जो जनता की परसेप्शन है, उसका जवाब दे। लोकतंत्र में जनता ही मालिक है और जनता कह रही है कि EVM में गड़बड़ी है, तो इसका जवाब देना उनका काम है। एक बैटरी 70 प्रतिशत पर है और एक बैटरी 99 प्रतिशत पर है। या तो सारी बैटरी 70 आएं या फिर सारी 99 आएं। अगर यह अंतर है तो क्यों है? हालांकि मैं कोई मशीन का इंजीनियर नहीं हूं। इस मामले में एलन मस्क दुनिया का सबसे बड़ा आदमी है। वह कह रहा है कि मेरे को दो, मैं हैक करके दिखा देता हूं। तो सरकार को इसमें क्या इंटरेस्ट है? सवाल: आपके हिसाब से कौन सा नेता है जो खेमेबंदी को खत्म करके सबको एक मंच पर लेकर आ सकता है?
गोगी : ऐसा नहीं है, यह तो हालात के अनुसार होता है। पता नहीं जनता किसे नेता बना दे। जब जयप्रकाश नारायण की क्रांति आई थी तो पहले से जयप्रकाश नारायण तय थोड़े ही थे। जनता ने नेता बना दिया। यह तो हाईकमान को फैसला करना है। अब जो चले हुए कारतूस हैं, उनसे अलग भी कोई नए कारतूस खरीदने हैं या नहीं? सवाल: जनता के लिए कोई संदेश?
गोगी : आने वाला समय जनता के लिए अच्छा हो। भाजपा ने जो समाज बांटने वाले नारे दिए हैं और उन नारों पर अब भी महाराष्ट्र में इलेक्शन लड़ा जा रहा है। यह देश बांटने का नारा है। अगर इस देश का बंटवारा किसी दिन होगा तो यह RSS और BJP ही करेगी। इनकी मानसिकता ही खराब है। बाकी सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं। शमशेर सिंह गोगी से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस हारी:एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती; सैलजा के अपमान से दलितों ने वोट नहीं दिए पूर्व कांग्रेस MLA बोले-हाईकमान अपनी कार्यप्रणाली पर विचार करे:किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने से नुकसान हुआ, कैप्टन छोड़ रहे; मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाएं हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवार बोले-सरकार बनेगी तो पहले अपना घर भरेंगे:दूसरे कैंडिडेट बोले- 50 वोट पर एक नौकरी मिलेगी; BJP बोली- पर्ची-खर्ची की तैयारी
पुंडरी में शपथ पत्र नहीं पढ़ पाए कांग्रेस प्रत्याशी:रिटर्निग अधिकारी से बोले-बस रहने दो ना जी, खुद बोल कर पढ़ाया
पुंडरी में शपथ पत्र नहीं पढ़ पाए कांग्रेस प्रत्याशी:रिटर्निग अधिकारी से बोले-बस रहने दो ना जी, खुद बोल कर पढ़ाया हरियाणा के कैथल जिला के पुंडरी से कांग्रेस प्रत्याशी सुल्तान जडौला नामांकन करने पहुंचे तो रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनको शपथ पढ़ने के लिए बोला गया, लेकिन उनसे शपथ नही पढ़ी गई। जब रिटर्निग अधिकारी द्वारा बोला गया कि आप मेरे पीछे-पीछे बोलो, तो उन्होंने अधिकारी को बोला “बस रहने दो ना जी, पढ़ी गई शपथ तो, उसके बाद रिटर्निंग अधिकारी ने खुद बोल कर कांग्रेस प्रत्याशी को शपथ दिलवाई। बता दे कि कांग्रेस पार्टी द्वारा देर रात लिस्ट जारी करते हुए पुंडरी से हुड्डा गुट के नेता सुल्तान जडौला को टिकट दिया गया है। इनके मुकाबले में रणदीप सुरजेवाला गुट के सतबीर भाना टिकट की दौड़ में थे, टिकट न मिलने के कारण अब सतबीर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडेंगे।