<p style=”text-align: justify;”><strong>Firozabad News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार से अनुबंधित बसें सरकार की तरफ से चलाई जा रही हैं, लेकिन इन बसों को चलाने वाले चालक और परिचालक इस बात से परेशान है कि उनकी बसों में सवारियां नहीं है और जब वह सवारियां भरने के लिए चौराहे पर बस को खड़ी करते हैं तो वहां ट्रैफिक पुलिस उनका चालान काट देती है, जिससे उनका काफी नुकसान हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जितनी भी अनुबंधित और उत्तर प्रदेश सरकार की रोडवेज बसें चल रही हैं उनका किराया सरकार ने तय किया है, लेकिन चालक और परिचालक का मानना है कि वह किराया उन प्राइवेट बसों से कहीं ज्यादा है. इसलिए प्राइवेट बस वाले कम रुपये में सवारियों को ले जाते हैं, इसलिए उनकी बसों में सवारियां बैठने नहीं आ रही हैं. इसलिए उनका कहना है कि प्राइवेट बसों पर भी लगाम लगनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अनुबंधित बसों के चालको और परिचालक हर कोशिश में रहते हैं कि बस स्टैंड के अंदर उन्हें सवारियां मिल जाए, लेकिन जब काफी देर खड़े होने के बाद उन्हें सवारियां नहीं मिलती तो वह चौराहे पर जाकर खड़े हो जाते हैं. जब सवारियां आने लगती हैं तो इतनी देर में ही ट्रैफिक पुलिस आ जाती है और उनकी बसों का चालान काट देती है. जो चालान का जुर्माना होता है, उस जुर्माने को बस के चालक और परिचालक को अपनी तनख्वाह से भरते हैं. वह पैसा इनके मालिक की तरफ से इन्हें नहीं दिया जाता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चालक और परिचालक को होती है परेशानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बसों के चालक और परिचालक का कहना है कि फिरोजाबाद में उन्हें इतनी दिक्कत नहीं होती है, लेकिन आगरा और मथुरा में उन्हें पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिस वाले बहुत ज्यादा परेशान करते हैं. वह कहीं भी बस को लगा दे तो वह चालान काटने के लिए आ जाते हैं. ऐसा उनके साथ करीब 6 महीने से हो रहा है. उन्हें खुद अपनी तनख्वाह में से 6 महीने से चालान के रुपए भरने पड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे प्रकरण को लेकर जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (arm) शशी रानी से बात की गई उनका कहना है कि जितनी भी बसें हैं वह अलग-अलग डिपो की हैं. मथुरा की अलग बस है, शिकोहाबाद की अलग और आगरा की बसें अलग हैं. रही चालान कटने वाली बात तो चालान भरने की प्रक्रिया अलग-अलग डिपो के हिसाब से होती है और कई बार देखा जाता है कि चालक और परिचालक की लापरवाही से भी चालान कट जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bharatiya-kisan-union-tikait-took-out-tractor-rally-against-government-in-firozabad-ann-2757267″ target=”_self”>BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Firozabad News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार से अनुबंधित बसें सरकार की तरफ से चलाई जा रही हैं, लेकिन इन बसों को चलाने वाले चालक और परिचालक इस बात से परेशान है कि उनकी बसों में सवारियां नहीं है और जब वह सवारियां भरने के लिए चौराहे पर बस को खड़ी करते हैं तो वहां ट्रैफिक पुलिस उनका चालान काट देती है, जिससे उनका काफी नुकसान हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जितनी भी अनुबंधित और उत्तर प्रदेश सरकार की रोडवेज बसें चल रही हैं उनका किराया सरकार ने तय किया है, लेकिन चालक और परिचालक का मानना है कि वह किराया उन प्राइवेट बसों से कहीं ज्यादा है. इसलिए प्राइवेट बस वाले कम रुपये में सवारियों को ले जाते हैं, इसलिए उनकी बसों में सवारियां बैठने नहीं आ रही हैं. इसलिए उनका कहना है कि प्राइवेट बसों पर भी लगाम लगनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अनुबंधित बसों के चालको और परिचालक हर कोशिश में रहते हैं कि बस स्टैंड के अंदर उन्हें सवारियां मिल जाए, लेकिन जब काफी देर खड़े होने के बाद उन्हें सवारियां नहीं मिलती तो वह चौराहे पर जाकर खड़े हो जाते हैं. जब सवारियां आने लगती हैं तो इतनी देर में ही ट्रैफिक पुलिस आ जाती है और उनकी बसों का चालान काट देती है. जो चालान का जुर्माना होता है, उस जुर्माने को बस के चालक और परिचालक को अपनी तनख्वाह से भरते हैं. वह पैसा इनके मालिक की तरफ से इन्हें नहीं दिया जाता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चालक और परिचालक को होती है परेशानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बसों के चालक और परिचालक का कहना है कि फिरोजाबाद में उन्हें इतनी दिक्कत नहीं होती है, लेकिन आगरा और मथुरा में उन्हें पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिस वाले बहुत ज्यादा परेशान करते हैं. वह कहीं भी बस को लगा दे तो वह चालान काटने के लिए आ जाते हैं. ऐसा उनके साथ करीब 6 महीने से हो रहा है. उन्हें खुद अपनी तनख्वाह में से 6 महीने से चालान के रुपए भरने पड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे प्रकरण को लेकर जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (arm) शशी रानी से बात की गई उनका कहना है कि जितनी भी बसें हैं वह अलग-अलग डिपो की हैं. मथुरा की अलग बस है, शिकोहाबाद की अलग और आगरा की बसें अलग हैं. रही चालान कटने वाली बात तो चालान भरने की प्रक्रिया अलग-अलग डिपो के हिसाब से होती है और कई बार देखा जाता है कि चालक और परिचालक की लापरवाही से भी चालान कट जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bharatiya-kisan-union-tikait-took-out-tractor-rally-against-government-in-firozabad-ann-2757267″ target=”_self”>BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मेरठ में किसानों ने ट्रैक्टर तिरंगा मार्च निकालकर भरी हुंकार, रात में भी जारी है धरना