हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री हर्ष वर्धन चौहान पर मुख्य संसदीय सचिव (CPS) राम कुमार ने फिर से जुबानी हमला बोला है। राम कुमार चौधरी ने कहा, वरिष्ठ मंत्री अपना वो वक्तव्य करेक्ट करें, जिसमें उन्होंने कहा था कि HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद होगी। राम कुमार चौधरी ने कहा, मंत्री का यह कहना गलत है, क्योंकि प्रत्येक पुलिस कर्मी की सैलरी से प्रतिमाह 130 रुपए कटते है और लगभग 23.50 लाख पुलिस कर्मियों की सैलरी से HRTC को जाता था। इसलिए मुफ्त यात्रा कहना गलत है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के चंद दिनों के बाद भी दोनों में खटपट देखने को मिली थी। अब पुलिस कर्मियों की फ्री यात्रा को लेकर CPS ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर निशाना साधा है। इस पर मंत्री के रिएक्शन का इंतजार है। कैबिनेट के निर्णय की ब्रीफिंग में बोले थे मंत्री हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में बीते वीरवार को हुई। इसमें HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की नॉन ऑफिशियल टूअर के दौरान मुफ्त यात्रा बंद करने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट के निर्णय की मीटिंग के बाद उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने मीडिया से ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद करने की बात कही थी। इस पर दून से विधायक एवं सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कैमरे के सामने आकर बयान जारी किया कि प्रदेश में 18 हजार पुलिस कर्मी है। सभी का सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की एवज में पैसा कटता है। इसे देखते हुए पूर्व में सरकार ने यह फैसला लिया होगा। पहले भी दोनों में हुई थी खटपट हो चुकी प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार बनी थी, तो उस दौरान भी सीपीएस का कार्यभार संभालने के हफ्तेभर के भीतर राम कुमार चौधरी और हर्ष वर्धन चौहान में विवाद शुरू हो गया था। उस दौरान भी उद्योग विभाग के सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नालागढ़ में मीडिया से बातचीत में कहा था कि सरकार इंडस्ट्री क्षेत्र में एक पॉलिसी लाने जा रही है। इस पॉलिसी के तहत सभी उद्योगों में भर्ती रोजगार कार्यालय के तहत होगी। इसमें हिमाचल के लोगों के लिए 80 फीसदी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा था कि सरकार इस तरह की किसी भी योजना पर विचार नहीं कर रही। निजी फैक्ट्रियों में रोजगार देना सीधे तौर पर कंपनी के हाथ में है। इसमें हिमाचल सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार कोई विचार भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वो नहीं जानते कि मुख्य संसदीय सचिव ने किस परिप्रेक्ष्य में यह बयान दिया, लेकिन उन्हें ये विभाग चलाना है और सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री हर्ष वर्धन चौहान पर मुख्य संसदीय सचिव (CPS) राम कुमार ने फिर से जुबानी हमला बोला है। राम कुमार चौधरी ने कहा, वरिष्ठ मंत्री अपना वो वक्तव्य करेक्ट करें, जिसमें उन्होंने कहा था कि HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद होगी। राम कुमार चौधरी ने कहा, मंत्री का यह कहना गलत है, क्योंकि प्रत्येक पुलिस कर्मी की सैलरी से प्रतिमाह 130 रुपए कटते है और लगभग 23.50 लाख पुलिस कर्मियों की सैलरी से HRTC को जाता था। इसलिए मुफ्त यात्रा कहना गलत है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के चंद दिनों के बाद भी दोनों में खटपट देखने को मिली थी। अब पुलिस कर्मियों की फ्री यात्रा को लेकर CPS ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर निशाना साधा है। इस पर मंत्री के रिएक्शन का इंतजार है। कैबिनेट के निर्णय की ब्रीफिंग में बोले थे मंत्री हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में बीते वीरवार को हुई। इसमें HRTC बसों में पुलिस कर्मियों की नॉन ऑफिशियल टूअर के दौरान मुफ्त यात्रा बंद करने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट के निर्णय की मीटिंग के बाद उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने मीडिया से ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों की मुफ्त यात्रा बंद करने की बात कही थी। इस पर दून से विधायक एवं सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कैमरे के सामने आकर बयान जारी किया कि प्रदेश में 18 हजार पुलिस कर्मी है। सभी का सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की एवज में पैसा कटता है। इसे देखते हुए पूर्व में सरकार ने यह फैसला लिया होगा। पहले भी दोनों में हुई थी खटपट हो चुकी प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार बनी थी, तो उस दौरान भी सीपीएस का कार्यभार संभालने के हफ्तेभर के भीतर राम कुमार चौधरी और हर्ष वर्धन चौहान में विवाद शुरू हो गया था। उस दौरान भी उद्योग विभाग के सीपीएस राम कुमार चौधरी ने नालागढ़ में मीडिया से बातचीत में कहा था कि सरकार इंडस्ट्री क्षेत्र में एक पॉलिसी लाने जा रही है। इस पॉलिसी के तहत सभी उद्योगों में भर्ती रोजगार कार्यालय के तहत होगी। इसमें हिमाचल के लोगों के लिए 80 फीसदी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। इस पर उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा था कि सरकार इस तरह की किसी भी योजना पर विचार नहीं कर रही। निजी फैक्ट्रियों में रोजगार देना सीधे तौर पर कंपनी के हाथ में है। इसमें हिमाचल सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार कोई विचार भी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि वो नहीं जानते कि मुख्य संसदीय सचिव ने किस परिप्रेक्ष्य में यह बयान दिया, लेकिन उन्हें ये विभाग चलाना है और सरकार का ऐसा कोई विचार नहीं है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में आज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट:मानसून सीजन में सामान्य से 42% कम बारिश, संकट में सेब की फसल हिमाचल प्रदेश में आज भारी बारिश और अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी के बीच बीती रात कांगड़ा जिले में भारी बारिश हुई। मंडी और ऊना के कुछ इलाकों में भी बारिश हुई है। कांगड़ा में 151.8 मिमी और धर्मशाला में 136.6 मिमी बारिश हुई है। पालमपुर में 112.4 मिमी, नगरोटा सूरियां में 99.6 मिमी, धौलाकुंआ में 82.5 मिमी, जोगिंद्रनगर में 52.0 मिमी, गुलेड़ में 46.4 मिमी और सुंदरनगर में 44.7 मिमी बारिश हुई है। वहीं चेतावनी के बावजूद कुछ अन्य इलाकों में बारिश नहीं हुई है। इस बार मानसून की गति प्रदेश में प्रवेश के बाद से धीमी पड़ गई है। बार-बार अचानक बाढ़ और भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद अच्छी बारिश नहीं हो रही है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 42 फीसदी कम बारिश हुई है। इसका असर सेब के साथ-साथ किसानों की नगदी फसलों पर भी पड़ रहा है। आज इन जिलों में चेतावनी मौसम विभाग ने आज मंडी, कांगड़ा और चंबा में भी अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इस तरह मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था। लेकिन पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ जगहों पर ही हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 28 मई तक राज्य में बारिश की संभावना है। 26 से 28 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। सभी जिलों में नॉर्मल से कम बरसात हिमाचल में एक भी जिला ऐसा नहीं है जहां नॉर्मल से ज्यादा बादल बरसे हों। चंबा, किन्नौर, लाहौल स्पीति, सिरमौर और ऊना जिला में तो 50 प्रतिशत से भी कम बारिश इस मानसून सीजन में हुई है। प्रदेश में एक जून से 23 जुलाई के बीच 275.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 159.5 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। लाहौल स्पीति जिला में तो नॉर्मल से 75 प्रतिशत, सिरमौर जिला में 58 प्रतिशत और चंबा में भी सामान्य से 54 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। 5500 करोड़ के सेब उद्योग पर संकट राज्य में बारिश की कमी के कारण 5500 करोड़ रुपये का सेब उद्योग खतरे में है। सेब के बगीचे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। सूखे के कारण सेब का आकार ठीक नहीं हो पा रहा है। इससे उत्पादन में गिरावट आएगी। मिट्टी में पर्याप्त नमी न होने के कारण सेब के दाने फटने लगे हैं। इसी तरह किसानों की टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च जैसी नगदी फसलें सूखे से प्रभावित हो रही हैं।
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हिमाचल में नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा की तारीख बढ़ाई:7 अक्टूबर तक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन; बिना आधार भी भर सकते हैं फॉर्म हिमाचल प्रदेश में नवोदय विद्यालय में ऑनलाइन एग्जाम की तारीख 7 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। नवोदय विद्यालय समिति की वेबसाइट पर जानकारी सांझा की गई है। नवोदय विद्यालय समिति द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में छठी कक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म आमंत्रित किए गए हैं। पहले समिति द्वारा 16 सितम्बर अंतिम तारीख घोषित की गई थी। मगर ऑनलाइन साइट स्लो होने के कई कारण बच्चे फॉर्म भरने से वंचित रह गए। इसलिए फॉर्म भरने की तिथि 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। छात्र अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से अटेस्टेड फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। 8 व 9 अक्टूबर तक फॉर्म में हुई त्रुटियों को ठीक करवा सकते हैं। दूसरी बार नहीं कर सकते आवेदन कोई भी छात्र दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकता। छात्र जिस जिला का रहने वाला है, वह उसी जिला में आवेदन कर सकता है। अगर छात्र मंडी जिले का रहने वाला है व कुल्लू जिला में पढ़ रहा है, तो वो ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता। 31 जुलाई 2024 के बाद चौथी कक्षा से पांचवी कक्षा में गए छात्र भी आवेदन नहीं कर सकते। समिति के नियम के अनुसार छात्र 31 जुलाई से पहले प्रमोट हुए बच्चे ही आवेदन कर सकते हैं । बिना आधार कार्ड के कर सकते हैं आवेदन छात्र के पास अगर आधार कार्ड नहीं है, तो भी वो ऑनलाइन आवेदन कर सकता हैं। बच्चों के अभिभावक का कोई भी सरकार द्वारा अनुमोदित निवास प्रमाण पत्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
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हिमाचल में विश्व हिंदू परिषद का बाजार बंद का आवाहन:संजौली से भड़की चिंगारी दूसरे शहरों को चपेट में ले रही; सुन्नी में भी प्रदर्शन हिमाचल की राजधानी संजौली से मस्जिद के खिलाफ भड़की चिंगारी धीरे-धीरे सभी शहरों में सुलग रही है। शिमला और मंडी के बाद हिंदू संगठनों ने आज सुन्नी में भी प्रदर्शन की चेतावनी दी है। यहां भी काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। वहीं विश्व हिंदू परिषद ने संजौली में 3 दिन पहले हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदेशभर में 2 घंटे दुकानें बंद रखने का आवाहन किया है। शिमला व्यापार मंडल के उप प्रधान राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि राजधानी के बाजार आज खुले रहेंगे, क्योंकि शिमला के व्यापारी बीते गुरुवार को 3 घंटे तक दुकानें बंद रख चुके हैं। वहीं मंडी व्यापार मंडल ने आज दो घंटे तक दुकानें बंद रखने का ऐलान किया है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी कुछ व्यापार मंडल इस बंद का समर्थन कर सकते हैं। इससे लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। इस दौरान दैनिक उपभोग की वस्तुओं समेत दवाइयों के लिए भी उन्हें दुकानें खुलने का इंतजार करना पड़ सकता है। मंडी बाजार 9 से 11 बजे तक रहेगा बंद मंडी के व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश महेंद्रू और महासचिव प्रशांत बहल ने कहा, आज सुबह 9 से 11 बजे तक बाजार बंद रहेगी। उन्होंने कहा, वह लोग मस्जिद और किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जेल रोड़ में नियमों को दर किनार कर मस्जिद का जिस तरह से अवैध निर्माण किया गया, वह सही नहीं है। इस तरह के संवेदनशील मुद्दों को समय पर सुलझाया जाना चाहिए। शिमला से सुलगी चिंगारी बता दें कि शिमला के संजौली में बीते 1 सितंबर को पहली बार मस्जिद के खिलाफ और अवैध ढांचे को गिराने के लिए प्रदर्शन किया। 5 सितंबर को दोबारा संजौली और चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया गया। इसी दिन शाम के वक्त शिमला के कसुम्पटी में भी स्थानीय लोगों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीते बुधवार को शिमला में हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस को इस दौरान हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हालांकि वीरवार को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद हामी भरी की यदि कोर्ट मस्जिद को तोड़ने के आदेश देता है तो वह खुद इसे तोड़ देंगे और जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक मस्जिद की तीन मंजिल को सील किया जाए। इसके बाद शिमला में विवाद शांत हो गया। शिमला के बाद मंडी में प्रदर्शन मगर शिमला से विरोध से चिंगारी दूसरे शहरों में तेजी से फैल रही है। इसका असर यह हुआ कि बीते कल मंडी में भी हिंदू संगठनों ने उग्र प्रदर्शन किया और मस्जिद को तोड़ने की मांग की। हालांकि नगर निगम आयुक्त ने प्रदर्शन से पहले ही मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के आदेश दे दिए थे। अब मस्जिदों के विरोध में कही बाजार बंद रखे जा रहे हैं तो कहीं लोग सड़कों पर उतर कर मस्जिदों को तोड़ने की मांग कर रहे हैं।