सुप्रीम कोर्ट ने आज किसान नेता शुभकरण सिंह की मौत की जांच के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की हरियाणा राज्य की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने हरियाणा सरकार की तरफ से दी गई दलील को गलत करार दिया। इसके साथ ही जांच, कमेटी द्वारा ही करवाने की बात कही। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए बल के संबंध में कमेटी अपनी राय देगी। इसके आधार पर ही उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लिया जाएगा। आज की कार्यवाही के दौरान हरियाणा राज्य की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायिक जांच कमेटी को सौंपे गए विषयों में से एक यह है कि क्या कम बल का इस्तेमाल किया जा सकता था। इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि इससे पुलिस का मनोबल गिरता है। इस पर, जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि, कभी-कभी यह कभी-कभी उनके हाथों को भी मजबूत करता है। 21 फरवरी को गई थी शुभकरण की जान 13 फरवरी से किसान एमएसपी की गारंटी कानून लाने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर टिके हुए हैं। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करते समय शुभकरण सिंह की जान चली गई थी। किसानों का आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से शुभकरण की जान गई और परिवार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई हरियाणा सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पंजाब- हरियाणा सरकार व परिवार को सुनने के बाद न्यायिक कमेटी बनाने का निर्णय लिया था। इस आदेश में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी ने कहा कि जांच स्पष्ट कारणों से पंजाब या हरियाणा को नहीं सौंपी जा सकती है। उच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। जिसमें सहायता के लिए पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बान और हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों को भी चुना गया। लेकिन हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने आज किसान नेता शुभकरण सिंह की मौत की जांच के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की हरियाणा राज्य की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने हरियाणा सरकार की तरफ से दी गई दलील को गलत करार दिया। इसके साथ ही जांच, कमेटी द्वारा ही करवाने की बात कही। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए बल के संबंध में कमेटी अपनी राय देगी। इसके आधार पर ही उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लिया जाएगा। आज की कार्यवाही के दौरान हरियाणा राज्य की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायिक जांच कमेटी को सौंपे गए विषयों में से एक यह है कि क्या कम बल का इस्तेमाल किया जा सकता था। इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि इससे पुलिस का मनोबल गिरता है। इस पर, जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि, कभी-कभी यह कभी-कभी उनके हाथों को भी मजबूत करता है। 21 फरवरी को गई थी शुभकरण की जान 13 फरवरी से किसान एमएसपी की गारंटी कानून लाने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर टिके हुए हैं। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करते समय शुभकरण सिंह की जान चली गई थी। किसानों का आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से शुभकरण की जान गई और परिवार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई हरियाणा सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पंजाब- हरियाणा सरकार व परिवार को सुनने के बाद न्यायिक कमेटी बनाने का निर्णय लिया था। इस आदेश में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी ने कहा कि जांच स्पष्ट कारणों से पंजाब या हरियाणा को नहीं सौंपी जा सकती है। उच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। जिसमें सहायता के लिए पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बान और हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों को भी चुना गया। लेकिन हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में आज चुनाव प्रचार पर ब्रेक:शाम 6 बजे के बाद ढोल धमाका बंद,सिर्फ डोर टू डोर की अनुमति,380 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील
लुधियाना में आज चुनाव प्रचार पर ब्रेक:शाम 6 बजे के बाद ढोल धमाका बंद,सिर्फ डोर टू डोर की अनुमति,380 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील लोक सभा चुनाव को लेकर पंजाब में 1 जून को वोटिंग होगी। इस दिन को प्रशासन ने गजेटेड हॉलीडे/पब्लिक हॉलीडे/पेड हॉलीडे घोषित किया है। सेक्शन-113 एसबी के तहत बिजनेस, ट्रेड, इंडस्ट्रियल अंडरटेकिंग और अन्य इस्टेबलिशमेंट में काम करने वाले हर व्यक्ति को मतदान का अधिकार है, ऐसे में 1 जून को अवकाश के तहत सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। साथ ही सभी इंडस्ट्रीज वाले, शॉप आदि में शिफ्ट वेजेस, डेली वेजेस, कैशुअल वर्कर आदि का पेड हॉलीडे रहेगा। 7वें चरण के मतदान से पहले चुनावी शोर (ढोल धम्मका) आज शाम 6 बजे से लुधियाना में थम जाएगा। रोड शो,जनसभा,जुलूस सभी कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक लग गई है। चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद शहर में शांत माहौल आज बन जाएगा। 48 घंटे पहले बंद हो जाती रैलियां और रोड शो वोटिंग से 48 घंटे पहले तक के समय को साइलेंस पीरियड में गिना जाता है। इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होती। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत यह समय सीमा वोटिंग के बाद स्वतः: समाप्त हो जाती है। शहर में सुरक्षा प्रबंध पूरा किए जा रहे है। डोर टू डोर वोट मांग सकेंगे प्रत्याशी
राज नेताओं से लेकर हर प्लेटफॉर्म से यह अपेक्षा की जाती है कि वे साइलेंस पीरियड लागू होने पर मतदाताओं को प्रभावित करने से बचें। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय सीमा के लिए जिला मजिस्ट्रेट गैरकानूनी सभाओं, सार्वजनिक बैठक, लाउड स्पिकर के उपयोग पर प्रतिबंध और सभाओं को 5 से कम लोगों तक सीमित रखने को लेकर निर्देश जारी करता है। शहर में इन चीजों पर रह सकता प्रतिबंध
लुधियाना में आज शाम से साइलेंस पीरियड शुरू होने के बाद टेलीविजन या अन्य प्लेटफॉर्म पर चुनाव से संबंधित किसी भी तरह के सर्वे चलाने पर प्रतिबंध हो सकता है। धारा-126 के तहत ऐसे किसी भी काम की इजाजत नहीं होगी, जिससे चुनाव का रिजल्ट प्रभावित हो। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक विज्ञापन भी नहीं चलेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार साइलेंस पीरियड के समय घर-घर जाकर (डोर-टू-डोर) चुनाव प्रचार करने की अनुमित होती है। इन नियमों पर होगी सख्ती
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-प्रिट मीडिया में सियासी विज्ञापन भी जांच के बाद छापा जा सकता लोकसभा लुधियाना में है 2921 मतदान केंन्द्र
कुल मतदान केंद्रों की संख्या 2919 थी जिसमें दो मतदान केंद्रों की संख्या को बढ़ाया गया है। अब इनकी संख्या 2921 हो गई है। वहीं, संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 363 है। मतदान केंद्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे है। संवेदनशील मतदान केंद्रों में पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती रहेगी। अन्य मतदान केंद्रों में भी सुरक्षाकर्मी हर गतिविधियों पर नजर रखेंगे। माइक्रो आब्जर्वर मतदान केंद्रों में तैनात किए जाएंगे। पंजाब की 13 लोकसभा सीट पर मतदान केंद्रों की लिस्ट तैयार की जा रही है। इनमें संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या पांच हजार तक पहुंच गई है। पंजाब में करीब 24000 मतदान केंद्र हैं। पंजाब में सुरक्षा बलों की 35 से अधिक कंपनियां आमद कर चुकी हैं। लुधियाना में 380 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील
बीते दिनों महानगर में पोलिंग बूथों का भी अधिकारियों ने निरीक्षण किया। जिला प्रशासन के रिकार्ड मुताबिक खन्ना के इलाके में 28 संवेदनशील पोलिंग स्टेशन है। समराला में 21 प्रतिशत पोलिंग स्टेशन संवेदनशील है। देहाती इलाके में कुल 50 प्रतिशत ऐसे पोलिंग स्टेशनों की पहचान की गई है, जहां अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी। लुधियाना में कुल 380 पोलिंग स्टेशन संवेदनशील और अति संवेदनशील है। शहर का करीब 26 प्रतिशत इलाका संवेदशील श्रेणी में है। चुनाव कंट्रोल सेंटर पर होगी वैबकास्टिंग
बीते दिन डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने कहा कि चुनाव कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण बारीकी से किया जा रहा है। 2921 पोलिंग सेंटरों पर वैबकास्टिंग करवाई जाएगी। प्रत्येक पोलिंग स्टेशन से लाइव स्ट्रीमिंग होगी। सी-विजील पर शिकायतें, ऑनलाइन और टैलीफोनिक शिकायतें,EVM/ पोलिंग पार्टियों को लेकर जाने वाले वाहनों की जीपीएस निगरानी, हेल्पलाइन 1950,पुलिस और सीपीएफ द्वारा नाके,एस.टी.एफ द्वारा विशेष नाके,एफ.एस.टी और एस.एस.टी द्वारा निरंतर चैकिंग की जा रही है। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर क्विक रिस्पॉन्स टीम को तुरंत भेजा जा रहा है। वोट डालने आए वोटरों की संख्या पर आयोग रखेगा नजर
चुनाव अधिकार ने बताया कि पोलिंग स्टेशनों की लाइव स्ट्रीमिंग होगी जिस के जरिए प्रशासन लाइनों में खड़े वोटरों की संख्या, रियल टाइम में पोलिंग प्रक्रिया पर नजर रखेगा और कंट्रोल रूम के जरिए पूरी पोलिंग प्रक्रिया की निगरानी करेगा। सभी पोलिंग स्टेशनों के विजुअल का लगातार प्रसारण बनाए रखने के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ हाई-रेजोलीउशन वेबकेम जुड़े होगे। शहर में 4 हजार से अधिक जवान तैनात रहेंगे। चुनाव से 48 घंटे पहले ड्रोन से भी निगरानी रखी जाएगी।
पंजाब में IAS के बेटे के अपहरण-हत्या का मामला:पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ चलेगा ट्रायल, कोर्ट को सौंपी चार्जशीट की कॉपी
पंजाब में IAS के बेटे के अपहरण-हत्या का मामला:पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ चलेगा ट्रायल, कोर्ट को सौंपी चार्जशीट की कॉपी 33 साल पुराने IAS के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी हत्याकांड में पंजाब पुलिस के पूर्व DGP सुमेध सैनी पर केस दर्ज होने के 4 साल बाद ट्रायल शुरू हो गया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने दिसंबर 2020 में सैनी के खिलाफ हत्या समेत सात धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। उस चार्जशीट की कॉपी सैनी के वकीलों और पूर्व डीएसपी केआईपी को मोहाली अदालत में सोमवार को सौंप दी गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर तय की गई है। हालांकि सैनी इस दौरान पेश नहीं हुए। 500 पेज की चार्जशीट में 47 गवाह एसआईटी की तरफ से सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 364, 201, 344, 330, 219 और 120 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट 500 पेज की हैं। इसमें 47 के करीब गवाह बनाए गए हैं। वहीं, पुलिस ने मामले में पूर्व सब इंस्पेक्टर जागीर सिंह व थानेदार कुलदीप सिंह को वायदा माफ गवाह बनाया है। जबकि पूर्व सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह और सब इंस्पेक्टर हरसहाय शर्मा को जांच के बाद बेगुनाह पाया गया है। दो आरोपियों की हो चुकी है मौत इस मामले में नामजद पूर्व डीएसपी बलदेव सिंह सैनी और इंस्पेक्टर सतवीर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। हालांकि जांच टीम की तरफ से मामले में केआईपी सिंह को पहले ही नामजद कर लिया गया था। इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट में स्टे लगी थी। दूसरी तरफ सुमेध सैनी अदालत से मिली छूट के कारण अदालत में पेश नहीं हुए। 1991 में घर से उठाया था भाई को एसआईटी के मुताबिक IAS अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे पलविंदर सिंह मुल्तानी निवासी जालंधर ने एसएसपी को शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके भाई को 11 दिसंबर 1991 में मोहाली फेज-सात घर से उठाया गया था। उसके बाद से उसके भाई का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इस दौरान पहले उसके भाई को फेज-10 हाउसफैड के फ्लैटों में ले गए थे। वहां से जसप्रीत, इंदरजीत सिंह और मनजीत सिंह को उठाया गया था। फिर प्रो.दविंदर पाल सिंह भुल्लर की तलाश में सभी को बठिंडा ले गए। वहां से आते हुए प्रो. भुल्लर के ससुर काे उठा लाए। फिर सेक्टर-17 थाने में उसके भाई पर केस दर्ज किया गया। उसके पिता आईएएस अधिकारी थे। ऐसे में उनकी तरफ से केस में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी गई । लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कानूनी जंग लड़ी। इसी बीच साल 2015 के अंत में पंजाब पुलिस के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक राष्ट्रीय नामी मैगजीन को अपना इंटरव्यू दिया था। इसमें उस अधिकारी ने खुलासा किया था कि उस समय सुमेध सिंह सैनी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने कैसे लोगों को यातनाएं दी थी। इंटरव्यू उनके भाई का जिक्र भी किया गया था। इन यातनाओं से उसके भाई की मौत हो गई थी। इसके बाद विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में इंटरव्यू को प्रकाशित किया गया था। इसके बाद उन्होंने यह शिकायत दी थी।
मोहिंदर भगत AAP सरकार में मंत्री बनेंगे:पंजाब गवर्नर हाउस से समय मांगा गया; चुनाव प्रचार में CM भगवंत मान ने किया था वादा
मोहिंदर भगत AAP सरकार में मंत्री बनेंगे:पंजाब गवर्नर हाउस से समय मांगा गया; चुनाव प्रचार में CM भगवंत मान ने किया था वादा पंजाब की जालंधर वेस्ट सीट से उपचुनाव जीतने वाले मोहिंदर भगत आने एक-दो दिनों में मंत्रीपद की शपथ ले सकते है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई। सूत्रों से पता चला है कि सरकार ने इसके लिए गवर्नर हाउस से समय मांगा है। समय मिलते ही उन्हें शपथ दिलाई जा सकती है। गुरमीत मीत हेयर ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उनकी जगह पर कोई नया मंत्री नहीं बनाया गया है। ऐसी सूरत में मोहिंदर भगत राज्य के खेल मंत्री बन सकते हैं। चूंकि जालंधर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री का हब है, ऐसे में यह विभाग उनके लिए ज्यादा उपयुक्त भी माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पंजाब सरकार की तरफ से मंत्रिमंडल में ज्यादा फेरबदल नहीं किया जा रहा है। केवल भगत को ही मंत्री बनाया जाएगा। पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके
मोहिंदर भगत के पिता चुन्नी लाल भगत भी मंत्री रह चुके हैं। वह अकाली-भाजपा की गठबंधन सरकार में भाजपा के कोटे से मंत्री बने थे। हालांकि अब वह एक्टिव पॉलिटिशियन नहीं है। मोहिंदर भगत ने लोकसभा चुनाव के वक्त आप जॉइन की थी। इसके बाद उन्हें उपचुनाव में जालंधर वेस्ट से टिकट दी गई। पूर्व मंत्री भगत ने कहा था कि अब उनका भाजपा या किसी दूसरी पार्टी से संबंध नहीं है। वह राजनीति छोड़ चुके हैं। एकतरफा जीत की यही बड़ी वजह भी
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP को एकतरफा जीत मिली। शनिवार को उपचुनाव की मतगणना में AAP के मोहिंदर भगत यहां से 37,325 वोटों से जीते। उन्हें 55,246 वोट मिले। इसके उलट उनके खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा, कांग्रेस, अकाली दल और निर्दलीय समेत 15 उम्मीदवारों के वोट जोड़ दें तो भी उन्हें कुल 39,363 वोट पड़े। CM ने यह किया था वादा
जालंधर उपचुनाव के वक्त CM भगवंत मान ने भी वादा किया था कि जालंधर वेस्ट वाले CM मोहिंदर भगत को एक सीढ़ी चढ़ा दें, दूसरी सीढ़ी वह खुद चढ़ा देंगे। यहां सीएम मान के कहने का मकसद मोहिंदर भगत को मंत्री बनाने से जोड़ा गया। जालंधर अर्बन से आप सरकार में फिलहाल कोई मंत्री नहीं है। हालांकि जालंधर जिले की करतारपुर सीट से विधायक बलकार सिंह जरूर सरकार में मंत्री है। ऐसे बनी थी उप चुनाव की स्थिति
जालंधर वेस्ट सीट पर उप चुनाव की स्थिति उस समय बनी थी, जब AAP के ही विधायक शीतल अंगुराल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि तब उनका इस्तीफा विधानसभा स्पीकर की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। इसके बाद जैसे ही लोकसभा चुनाव संपन्न हुए तो विधानसभा स्पीकर से मिले थे। साथ ही उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि वह नहीं चाहते है कि दोबारा चुनाव की प्रक्रिया हो। हालांकि इसके बाद स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। साथ ही निर्वाचन आयोग की तरफ से इस सीट पर चुनाव की घोषणा कर दी गई थी। जालंधर चुनाव का पूरा रिजल्ट…