चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तीन प्रमुख संस्थान पीजीआई, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 (GMCH), गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल 16 (GMSH) में आज रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है। जिसके कारण चंडीगढ़ पीजीआई में आज ओपीडी के लिए नए कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। अगर कोई पुराना मरीज फॉलोअप में दिखाने के लिए आता है, तो उसे सीनियर डॉक्टर और कंसल्टेंट की तरफ से देखा जाएगा। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 के डॉक्टर दोपहर बाद 1:00 बजे से हड़ताल पर जाएंगे। तब तक ओपीडी का समय समाप्त हो चुका होगा। कोलकाता की घटना का विरोध हड़ताल करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता की घटना का विरोध कर रहे हैं। जहां मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई है। डॉक्टरों की मांग है कि उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून की व्यवस्था की जानी चाहिए। डॉक्टरों की तरफ से देशभर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में CPA या इसी तरह के कानून के तत्काल कार्यान्वयन की मांग की जा रही है। कोलकाता मामले की उचित और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। अभी तक की जांच संदेश पैदा कर रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा भी होना चाहिए। मरीजों को न आने की अपील चंडीगढ़ पीजीआई के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपिन कौशल ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाया है कि मरीजों की सेवाओं पर कोई प्रभाव न पड़े। इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर सेवाओं, आईसीयू सेवाओं सहित दूसरी इमरजेंसी सेवाएं हमेशा की तरह चलती रहेंगी। गंभीर मामलों को संभालने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे। लेकिन ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर न होने के कारण आज ज्यादा मरीज नहीं देखे जाएंगे। इसलिए जिनको जरूरत न हो, वह आज न आए। आज सिर्फ पुराने मरीजों का फॉलोअप ही किया जाएगा। चंडीगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तीन प्रमुख संस्थान पीजीआई, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 (GMCH), गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल 16 (GMSH) में आज रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है। जिसके कारण चंडीगढ़ पीजीआई में आज ओपीडी के लिए नए कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। अगर कोई पुराना मरीज फॉलोअप में दिखाने के लिए आता है, तो उसे सीनियर डॉक्टर और कंसल्टेंट की तरफ से देखा जाएगा। वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल 32 के डॉक्टर दोपहर बाद 1:00 बजे से हड़ताल पर जाएंगे। तब तक ओपीडी का समय समाप्त हो चुका होगा। कोलकाता की घटना का विरोध हड़ताल करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता की घटना का विरोध कर रहे हैं। जहां मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई है। डॉक्टरों की मांग है कि उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और इस मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए। देश में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून की व्यवस्था की जानी चाहिए। डॉक्टरों की तरफ से देशभर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश में CPA या इसी तरह के कानून के तत्काल कार्यान्वयन की मांग की जा रही है। कोलकाता मामले की उचित और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। अभी तक की जांच संदेश पैदा कर रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों का इस्तीफा भी होना चाहिए। मरीजों को न आने की अपील चंडीगढ़ पीजीआई के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपिन कौशल ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाया है कि मरीजों की सेवाओं पर कोई प्रभाव न पड़े। इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर सेवाओं, आईसीयू सेवाओं सहित दूसरी इमरजेंसी सेवाएं हमेशा की तरह चलती रहेंगी। गंभीर मामलों को संभालने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे। लेकिन ओपीडी में रेजिडेंट डॉक्टर न होने के कारण आज ज्यादा मरीज नहीं देखे जाएंगे। इसलिए जिनको जरूरत न हो, वह आज न आए। आज सिर्फ पुराने मरीजों का फॉलोअप ही किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बच्चों को सिखाएं, आत्मविश्वास का मतलब हर चीज में सफलता नहीं है
बच्चों को सिखाएं, आत्मविश्वास का मतलब हर चीज में सफलता नहीं है ^पहली निराशा में हार न मानना या एक असफलता के बाद हार न मानना एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है। आत्मविश्वास का मतलब हर समय हर चीज में सफल होना नहीं है, बल्कि कोशिश करते रहने के लिए पर्याप्त लचीला होना और अगर आप सर्वश्रेष्ठ नहीं हैं तो परेशान न होना है। खुद की रुचियों की खोज करने से बच्चों को पहचान की भावना विकसित करने में मदद मिल सकती है, जो आत्मविश्वास बनाने के लिए आवश्यक है। बेशक, उनकी प्रतिभाओं को बढ़ते देखना उनके आत्मसम्मान को भी बहुत बढ़ावा देगा। बड़े और छोटे लक्ष्यों को स्पष्ट करना और उन्हें हासिल करना बच्चों को मजबूत महसूस कराता है। बच्चे को उन चीजों की सूची बनाने के लिए प्रोत्साहित करके इच्छाओं और सपनों को क्रियाशील लक्ष्यों में बदलने में मदद करें जिन्हें वे हासिल करना चाहते हैं। बच्चों की उपलब्धियों के लिए उनकी प्रशंसा करना बहुत अच्छा है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें बताएं कि परिणाम की परवाह किए बिना उनके प्रयासों पर गर्व है। सोनम शर्मा, लाइफ कोच भास्कर न्यूज| लुधियाना जन्म से ही बच्चे बहुत तेजी से नए कौशल सीखते हैं और उन नई क्षमताओं के साथ, वे उनका उपयोग करने का आत्मविश्वास भी हासिल करते हैं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, उनका आत्मविश्वास कौशल जितना ही महत्वपूर्ण हो सकता है। सफल होने के लिए बच्चों को अपनी क्षमताओं पर भरोसा करने की जरूरत होती है। उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि अगर वे किसी चीज में सफल नहीं होते हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं होती है। महारत हासिल करने और असफलता से उबरने से ही उनमें स्वस्थ आत्मविश्वास विकसित होता है। बच्चों के लिए आत्मविश्वासी होना बहुत जरूरी होता है। ऐसे बच्चे ही आगे चलकर जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं। एक आत्मविश्वासी बच्चा हर परिस्थिति में खुलकर अपनी बात रख पाता है। ऐसा बच्चा अपने आप पर भरोसा रखता है और असफल होने पर भी हिम्मत नहीं हारता, लेकिन कुछ माता पिता अपने बच्चों के शर्मीले व्यवहार को लेकर चिंता में रहते हैं। ऐसे माता पिता के लिए एक्सपर्ट बता रहे हैं कुछ खास बातें, जिसके माध्यम से बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने को मदद मिलेगी। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि माता-पिता खुद को उनका आदर्श बनाएं। बच्चे अपने माता-पिता से ही सीखते हैं कि जीवन में कैसे आगे बढ़ना है, इसलिए, माता-पिता को हर स्थिति में आत्मविश्वास से भरपूर रहना चाहिए। बच्चों को गलतियां करने का अधिकार है और उनकी गलतियों से सीखने का भी अवसर देना जरूरी है। माता-पिता को बच्चों पर चिल्लाने या डांटने की बजाय आगे के लिए उनका हौंसला बढ़ाना चाहिए। बच्चों को यह समझने में मदद करें कि हर कोई गलतियां करता है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि उनसे सीखें। बच्चों के लिए विविधता लाना अच्छा है। नए कौशल हासिल करने से बच्चे सक्षम और आश्वस्त महसूस करते हैं कि वे जो भी उनके रास्ते में आता है उससे निपट सकते हैं। बच्चे को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, तो उसको अपना काम खुद करने दीजिए। दूसरों पर निर्भर ना होने दें। बच्चों को ऐसी गतिविधियों में शामिल होने में मदद करें जो उन्हें सहज महसूस कराएं और बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास दें।- पायल सचदेवा, लाइफ कोच
PM की मीटिंग से पहले पंजाब में पुलिस-किसानों की झड़प:जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन एक्वायर करने का विरोध; माहौल तनावपूर्ण
PM की मीटिंग से पहले पंजाब में पुलिस-किसानों की झड़प:जम्मू-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन एक्वायर करने का विरोध; माहौल तनावपूर्ण पंजाब के मलेरकोटला में जम्मू-कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण करने को लेकर किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। इसके बाद यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यहां प्रशासन ने कल मंगलवार को जमीन एक्वायर की थी। इसके बाद आज बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के मेंबर विरोध करने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस के लगाए टिप्पर भी धक्के मारकर वहां से हटा दिए। इसी मामले को लेकर आज बुधवार शाम को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में एक हाई लेवल मीटिंग होने जा रही है। मीटिंग में NHAI के अधिकारियों के अलावा पंजाब सरकार के अधिकारी भी बुलाए गए हैं। इसी मीटिंग में दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे की जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही दिक्कतों पर रिपोर्ट रखी जाएगी। प्रोटेस्ट के PHOTOS… हाईकोर्ट भी सख्त
दूसरी तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी जमीन अधिग्रहण को लेकर सख्त है। गत दिनों हुई सुनवाई में HC ने पंजाब सरकार को दो हफ्तों में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी करने को कहा है। 6 सितंबर को हाईकोर्ट में इस मामले में पंजाब सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जाना है। मीटिंग तय होते ही राज्य सरकार हुई एक्टिव
जैसे ही PM कार्यालय की तरफ से NHAI के प्रोजेक्टों को लेकर मीटिंग रखी गई थी। उसके बाद पंजाब सरकार भी एक्टिव हो गई थी। मुख्य सचिव अनुराग वर्मा की तरफ से DGP गौरव यादव को पत्र लिखा गया था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस संबंध में उपायुक्तों के साथ समीक्षा करने पर पाया गया कि दो बहुत छोटे लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सों मलेरकोटला में (1.34 किलोमीटर की दूरी) और कपूरथला में (लगभग 1.25 किलोमीटर की दूरी) पर कब्जा लिया जाना है। इसे 27 अगस्त, 2024 तक लिया जाना है। ऐसे में इसके लिए दोनों जगह पर पुलिस फोर्स मुहैया करवाई जाए। पंजाब के चीफ सेक्रेटरी का DGP को भेजा लेटर… केंद्र व पंजाब सरकार में चल रहा विवाद
पंजाब में नेशनल हाईवे प्रोजेक्टों की जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। 16 जुलाई को दिल्ली में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें लोक निर्माण और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ शामिल हुए थे। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को पहल के आधार पर हाईवे में आ रही जमीनों के कब्जे दिलाने को कहा था। साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर इस काम में देरी हुई तो प्रोजेक्ट कैंसिल कर देंगे। इसके बाद यह मामला थोड़ा गर्माया था। विरोधियों ने सरकार को घेरा था, लेकिन फिर माहौल शांत हो गया था। ठेकेदारों ने काम बंद करने की चेतावनी दी
फिर 7 अगस्त को NHAI प्रोजेक्टों में काम कर रहे ठेकेदारों ने केंद्र व पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। साथ ही कहा था कि उन्हें भू-माफिया द्वारा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह काम रोक देंगे। इसके बाद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने DGP को पत्र लिखकर कार्रवाई करने को कहा था। साथ ही उस समय 2 FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया था। NHAI ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
साथ ही NHAI के अधिकारियों और ठेकेदारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने धमकी भी दी थी कि उचित सुरक्षा नहीं मुहैया करवाई गई तो 293 किलोमीटर के 14288 करोड़ के प्रोजेक्ट बंद कर देंगे। फिर 12 अगस्त को पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया की तरफ से इसी मुद्दे को लेकर अधिकारियों से मीटिंग की गई थी। दूसरी तरफ से इस मामले को लेकर NHAI हाईकोर्ट पहुंची थी। कहा था कि गत साल अक्तूबर में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर उन्हें सौंपने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बाद गत शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार ने दो हफ्तों में यह कार्रवाई पूरी करने को कहा था। CM मान ने सहयोग का भरोसा दिलाया
इसके बाद 13 अगस्त को पंजाब CM भगवंत मान ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि ठेकेदारों पर हमले के मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, उन्होंने पत्र में कहा था कि पंजाब में जमीनों की कीमत अन्य राज्य से ऊंची है। ऐसे में किसान जमीन देने से पीछे हट रहे हैं। वह किसानों से मीटिंग कर इस मामले को निपटाएंगे।
क्रिकेटर युवराज सिंह की बायोपिक का ऐलान:सिनेमाघरों में दिखेंगे 2011 वर्ल्ड कप हीरो के ‘सिक्स सिक्सेज’; कैंसर से जूझने की कहानी भी होगी
क्रिकेटर युवराज सिंह की बायोपिक का ऐलान:सिनेमाघरों में दिखेंगे 2011 वर्ल्ड कप हीरो के ‘सिक्स सिक्सेज’; कैंसर से जूझने की कहानी भी होगी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के हीरो रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह का संघर्ष जल्द ही बड़े पर्दे पर नजर आने वाला है। उनके जीवन पर, विशेष रूप से उनके क्रिकेट करियर और कैंसर से जूझने की घटनाओं को केंद्र में रखते हुए युवराज की बायोपिक अनाउंस हुई है। इसे प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज बनाएगी और इसके प्रोड्यूसर भूषण कुमार और रवि भागचंदका होंगे। हालांकि, फिल्म का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन फिलहाल के लिए ‘सिक्स सिक्सेज’ इसका नाम माना जा रहा है। साथ ही फिल्म में युवराज सिंह का रोल निभाने वाले एक्टर का नाम भी अभी फाइनल नहीं हुआ है। यह जानकारी प्रोडक्शन कंपनी के अलावा फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श ने X पर पोस्ट कर दी है। युवराज बोले- क्रिकेट मेरा सबसे बड़ा प्यार
अपनी बायोपिक को लेकर युवराज सिंह ने कहा है, ‘मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मेरी कहानी दुनिया भर में लाखों प्रशंसकों को दिखाई जाएगी। क्रिकेट मेरे लिए सबसे बड़ा प्यार और जीवन के उतार-चढ़ावों के दौरान ताकत का जरिया रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म दूसरों को चुनौतियों से उबरने और जुनून के साथ सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी।’ एक ओवर में लगाए 6 छक्के
क्रिकेटर युवराज सिंह कई युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। 2007 में शुरू हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के मारने का कारनामा किया था। ये 6 छक्के युवराज ने इंग्लैंड के बेस्ट बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में मारे थे। युवराज के इस कारनामे की चर्चा पूरे क्रिकेट वर्ल्ड में हुई। इस तरह लगे थे शॉट पहला छ्क्का- स्टुअर्ट ब्रॉड की पहली गेंद को युवराज ने काऊ कॉर्नर के ऊपर से मारा।
दूसरा छ्क्का- फ्लिक शॉट खेला और गेंद बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर से गई।
तीसरा छ्क्का- स्टंप्स की लाइन पर आती इस गेंद को युवराज ने जगह बनाकर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर बाउंड्री पार किया।
चौथा छ्क्का- खड़े-खड़े बैकवर्ड पॉइंट के ऊपर से खेला और छक्का लगाया।
पांचवां छ्क्का- एक घुटना जमीन पर टिकाया और मिड विकेट के ऊपर से छक्का जड़ा।
छठा छ्क्का- युवराज ने आखिरी गेंद को वाइड मिड ऑन के ऊपर से खेला और छह गेंदों पर छह छक्के पूरे किए। 2011 के विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे
इसके अलावा, वर्ष 2011 के ODI क्रिकेट विश्व कप को भारत की झोली में डालने का सबसे बड़ा क्रेडिट युवराज को रही जाता है। विश्व स्तरीय इस टूर्नामेंट में युवराज को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने पूरे विश्व कप में बल्ले के अलावा फील्डिंग और बॉलिंग में कमाल दिखाया था। इसी टूर्नामेंट के दौरान मैदान पर बैटिंग करते हुए युवराज को खून की उल्टियां हुई थीं, लेकिन वह बिना हार माने खेले रहे और देश को वर्ल्ड कप दिलाने के बाद ही कैंसर के इलाज के लिए विदेश गए थे। तब उन्हें ट्रू फाइटर कहा जाने लगा था। चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा नाता
युवराज का चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा रिश्ता है। उन्होंने चंडीगढ़ में अपनी पढ़ाई की है। साथ ही किक्रेट की ABC यहीं सीखी है। वह चंडीगढ़ के दूसरे खिलाड़ी बनने जा रहे है, जिनकी बायोपिक बन रही है। इससे पहले साल 2012 में आई फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ भारतीय धावक मिल्खा सिंह की बायोपिक थी। मिल्खा सिंह का जन्म तो बंटवारे से पहले पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी जीवन की अंतिम सांसें चंडीगढ़ में ही ली थीं। उनकी बायोपिक को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। कौन हैं युवराज सिंह
युवराज सिंह पूर्व भारतीय क्रिकेटर है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था। उनके पिता पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह और मां शबनम कौर हैं। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में युवराज सिंह सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक रहे हैं। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में हाथ आजमाया और नाम कमाया। वह मध्य क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाज और धीमी गति के गेंदबाज रहे। उन्होंने वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट में 7 प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीते हैं। युवराज 2000 से 2017 तक वनडे में भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच अक्टूबर 2003 में खेला था। वह 2007 से 2008 के बीच भारतीय वनडे टीम के उप-कप्तान थे। 2007 में टी-20 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 छक्के लगाए थे। टी-20 में उन्होंने 12 गेंदों में फिफ्टी लगाई, जो कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड है।