हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर बनाई गई BJP की प्रदेश चुनाव समिति को लेकर घमासान मचा है। 2 दिन पहले जारी लिस्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का नाम नहीं था। इससे नाराज अनिल विज सोमवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए। यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सोमवार देर रात ही पार्टी की ओर से चुनाव समिति की संशोधित लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में 9वें नंबर पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम जोड़ा गया है। दिल्ली दौरे पर अनिल विज ने कहा कि दिल्ली में मेरी पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी की बैठक थी। मैं उस बैठक में गया था। वैसे मैं दिल्ली बहुत कम जाता हूं और पिछले साल में 10 या 12 बार ही दिल्ली गया हूं। मैं ही एक ऐसा व्यक्ति हूं जो सबसे कम दिल्ली जाता हूं। अन्यथा लोग तो दो-दो बार हफ्ते में चक्कर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं जाता हूं तो देखता हूं कि कोई अगर नेता उपलब्ध है तो मैं उससे मिलता हूं। इस बार मेरी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात हुई। जब मुलाकात होती है तो राजनीतिक बातें भी होती हैं और स्वाभाविक है चुनाव नजदीक हैं, इसलिए चुनाव की बात भी हुई है। लिस्ट में नाम नहीं होने से रणजीत चौटाला घर बैठे अनिल विज के अलावा हिसार से लोकसभा प्रत्याशी रह चुके सैनी मंत्रिमंडल के जेल और ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी लिस्ट में नहीं है। चर्चा है कि वह भी इसको लेकर नाराज हैं, जिससे वह घर बैठ गए हैं। लोकसभा चुनाव से हार के बाद रणजीत चौटाला ने सारा ठीकरा कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई पर फोड़ा था। कैप्टन अभिमन्यु को प्रदेश चुनाव समिति में जगह दी गई है। वहीं कुलदीप बिश्नोई प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति दोनों कमेटियों में शामिल हैं। किरण चौधरी को कोई जिम्मेदारी नहीं लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर बेटी श्रुति चौधरी का टिकट कटने पर उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। वहीं किरण चौधरी की राज्यसभा जाने की बात भी सामने आई थी। लेकिन अभी तक भाजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। सांसद नवीन जिंदल भी किसी कमेटी में नहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। उनकी मां सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। इस बाद वह भाजपा के टिकट की दावेदार भी हैं। फिलहाल हिसार सीट से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। सुनीता दुग्गल को साधा भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट पर सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर डॉ. अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया था। टिकट कटने पर सुनीता दुग्गल कहीं न कहीं भाजपा से नाराज हो गई थीं। अब विधानसभा चुनाव से पहले सुनीता दुग्गल को दोनों कमेटियों में शामिल किया गया है। चर्चा यह भी है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। राव इंद्रजीत की विरोधी सुधा यादव शामिल अहीरवाल बेल्ट के सहारे तेवर दिखा रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और उनकी विरोधी भाजपा संसदीय बोर्ड की मेंबर सुधा यादव को भी शामिल किया गया है। दोनों को एक-दूसरे का कट्टर विरोधी माना जाता है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में अपनी ही पार्टी पर गुरुग्राम में इको ग्रीन कंपनी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। प्रदेश चुनाव समिति की नई लिस्ट… प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की लिस्ट… हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर बनाई गई BJP की प्रदेश चुनाव समिति को लेकर घमासान मचा है। 2 दिन पहले जारी लिस्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का नाम नहीं था। इससे नाराज अनिल विज सोमवार को अचानक दिल्ली पहुंच गए। यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद सोमवार देर रात ही पार्टी की ओर से चुनाव समिति की संशोधित लिस्ट जारी की गई। इस लिस्ट में 9वें नंबर पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का नाम जोड़ा गया है। दिल्ली दौरे पर अनिल विज ने कहा कि दिल्ली में मेरी पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी की बैठक थी। मैं उस बैठक में गया था। वैसे मैं दिल्ली बहुत कम जाता हूं और पिछले साल में 10 या 12 बार ही दिल्ली गया हूं। मैं ही एक ऐसा व्यक्ति हूं जो सबसे कम दिल्ली जाता हूं। अन्यथा लोग तो दो-दो बार हफ्ते में चक्कर लगाते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं जाता हूं तो देखता हूं कि कोई अगर नेता उपलब्ध है तो मैं उससे मिलता हूं। इस बार मेरी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात हुई। जब मुलाकात होती है तो राजनीतिक बातें भी होती हैं और स्वाभाविक है चुनाव नजदीक हैं, इसलिए चुनाव की बात भी हुई है। लिस्ट में नाम नहीं होने से रणजीत चौटाला घर बैठे अनिल विज के अलावा हिसार से लोकसभा प्रत्याशी रह चुके सैनी मंत्रिमंडल के जेल और ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी लिस्ट में नहीं है। चर्चा है कि वह भी इसको लेकर नाराज हैं, जिससे वह घर बैठ गए हैं। लोकसभा चुनाव से हार के बाद रणजीत चौटाला ने सारा ठीकरा कैप्टन अभिमन्यु और कुलदीप बिश्नोई पर फोड़ा था। कैप्टन अभिमन्यु को प्रदेश चुनाव समिति में जगह दी गई है। वहीं कुलदीप बिश्नोई प्रदेश चुनाव समिति और प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति दोनों कमेटियों में शामिल हैं। किरण चौधरी को कोई जिम्मेदारी नहीं लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं किरण चौधरी को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर बेटी श्रुति चौधरी का टिकट कटने पर उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। वहीं किरण चौधरी की राज्यसभा जाने की बात भी सामने आई थी। लेकिन अभी तक भाजपा ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। सांसद नवीन जिंदल भी किसी कमेटी में नहीं लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल को भी किसी कमेटी में शामिल नहीं किया गया। उनकी मां सावित्री जिंदल हिसार विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। इस बाद वह भाजपा के टिकट की दावेदार भी हैं। फिलहाल हिसार सीट से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता विधायक हैं। सुनीता दुग्गल को साधा भाजपा ने लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट पर सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर डॉ. अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया था। टिकट कटने पर सुनीता दुग्गल कहीं न कहीं भाजपा से नाराज हो गई थीं। अब विधानसभा चुनाव से पहले सुनीता दुग्गल को दोनों कमेटियों में शामिल किया गया है। चर्चा यह भी है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। राव इंद्रजीत की विरोधी सुधा यादव शामिल अहीरवाल बेल्ट के सहारे तेवर दिखा रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और उनकी विरोधी भाजपा संसदीय बोर्ड की मेंबर सुधा यादव को भी शामिल किया गया है। दोनों को एक-दूसरे का कट्टर विरोधी माना जाता है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में अपनी ही पार्टी पर गुरुग्राम में इको ग्रीन कंपनी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। प्रदेश चुनाव समिति की नई लिस्ट… प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की लिस्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत हनीट्रैप केस में सरपंच समेत 3 पर FIR:महिला बोली- मामा और दोस्त ने भी रेप किया, पुलिस ने मिलकर फंसाया, सारे सबूत हैं
पानीपत हनीट्रैप केस में सरपंच समेत 3 पर FIR:महिला बोली- मामा और दोस्त ने भी रेप किया, पुलिस ने मिलकर फंसाया, सारे सबूत हैं हरियाणा के पानीपत में हनीट्रैप मामले में करनाल के सरपंच से साढ़े तीन लाख रुपए लेते पकड़ी गई महिला के मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। पहले दिन से ही महिला चीख-चीख कर कह रही थी कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है, आखिरकार पुलिस को उसकी बात पर यकीन करना पड़ा। मेडिकल जांच में भी महिला के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। जिसके बाद पानीपत पुलिस ने महिला से शिकायत ले ली। शिकायत के आधार पर पुलिस ने करनाल के घरौंडा के एक गांव के सरपंच समेत उसके मामा और उसके दोस्त के खिलाफ गैंगरेप समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पानीपत पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर गुरुग्राम पुलिस को भेज दी है। गैंगरेप मामले में फंसी सरपंच की अगले महीने जनवरी 2025 में शादी है। वहीं, दो दिन से पानीपत सिविल अस्पताल में इलाज करा रही आरोपी महिला को शनिवार शाम वापस जेल ले जाया गया। दरअसल, जेल में महिला की तबीयत खराब हो गई थी। उसे दौरा पड़ा था, जिससे वह बेहोश हो गई थी। जेल में प्राथमिक उपचार से जब वह ठीक नहीं हुई तो उसे सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसने डॉक्टरों को गैंगरेप होने, पुलिस द्वारा उसकी बात न सुनने और हनीट्रैप मामले में फंसाने की बात बताई। इसके बाद अगली प्रक्रिया शुरू हुई। FIR में तीन मुख्य बिंदु पहला… सरपंच पार्टी के नाम पर ले गया था साथ
जानकारी के मुताबिक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि मेरे साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया है। वह इसकी शिकायत लिखवाने मॉडल टाउन थाने में गई थी, लेकिन वहां उसकी शिकायत लिखने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा था कि जहां रेप हुआ है, वहीं के थाने में जाकर शिकायत दो। महिला ने बताया कि मेरे साथ घरौंडा के एक गांव के सरपंच, उसके मामा व उसके दोस्त ने रेप किया है। 21 दिसंबर को उसके पास सरपंच का फोन आया। जिसने कहा कि उसे गुरुग्राम पार्टी में जाना है। मैंने हामी भरी और उनके साथ चली गई। गुरुग्राम के ए-वन नाम के होटल में उसे ले जाया गया था। जहां उसके साथ तीनों ने रेप किया। दूसरा… पुलिस ने लेन-देन के कागजों पर जबरदस्ती साइन करने को कहा
पानीपत पुलिस को सरपंच ने ही हनीट्रैप केस में फंसाने को कहा था। जिसके बाद पुलिस ने मुझे घर से दरखास्त के नाम से थाने ले जाने के लिए उठाया था। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक मुझे बाहर गाड़ी में बैठाए रखा। पुलिस ने मुझे पैसे के लेन-देन से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा था। मैंने साइन नहीं किए। अगली सुबह पुलिस वाले मेरे कमरे में आए। मेरे सामने पैसे रख कर कहा कि इन पैसों को उठा। मैंने मना कर दिया, तो पुलिस ने मेरे साथ जबरदस्ती की। मुझसे जबरन पैसे उठवाए गए। इसके बाद मुझ पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया और झूठे केस में जेल डलवा दिया। तीसरा… सरपंच और पुलिस ने मिलकर फंसाया, सारे सबूत है
महिला का कहना है कि ये पैसे सरपंच ने ही पुलिस वालों को दिए थे। पैसों के लेन-देन के पेपर पर साइन न करने पर सीआईए स्टॉफ में रिमांड लेने की भी धमकी दी गई थी। मुझे पुलिस वालों ने और सरपंच ने मिलकर झूठे केस में फंसाया है। पुलिस ने ही जबरदस्ती मेरे कमरे में पैसे रख कर उठवाए है। मेरे फोन में सारे सबूत है। मुझे इंसाफ चाहिए। महिला को केस दर्ज करवाने के लिए करनी पड़ी मशक्कत पहले मीडिया से कहा- पुलिस ने मेरे साथ गलत किया है
हनीट्रैप मामले में पुराना औद्योगिक थाना SHO इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस दौरान महिला को भी लाया गया था। यहां महिला ने मीडिया कर्मियों को देखा, तो उसने चीखना शुरू कर दिया। उसने कहा कि उसके साथ गलत हुआ है, पुलिस उसे फंसा रही है। उसके साथ गैंग रेप हुआ है, लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती उसके कमरे में पैसे रखकर उसे फंसा दिया है। महिला ने चीखते हुए ये भी कहा था कि पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न उसका मेडिकल करवा रही है। जिस अजय नाम के युवक को उसका दलाल बता कर गिरफ्तार किया है, वह उसे जानती तक नहीं है। फिर जेल में कहा- पुलिस ने मुझे नाजायज फंसाया
पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश कर सिवाह स्थित जिला जेल में भेज दिया था। यहां भी महिला ने जेल के अधिकारियों को कहा कि उसे पुलिस ने नाजायज फंसाया है। उसने कुछ नहीं किया है। करीब दो दिन बाद महिला की जेल में तबीयत बिगड़ने लगी। 27 दिसंबर को दौरा पड़ने के बाद वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसे डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। अस्पताल में डॉक्टरों को कहा- मेरे साथ गैंगरेप हुआ है
सिविल अस्पताल पहुंचने के बाद महिला ने यहां डॉक्टरों को कहा कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। लेकिन पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न ही उसका मेडिकल करवा रही है। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस से बात की। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी इस बारे में बताया। हालांकि पुलिस ने फिर मेडिकल करवाने से मना कर दिया था। लेकिन महिला रोती रही और आपबीती बताती रही। 28 दिसंबर शनिवार को पुलिस को महिला की माननी ही पड़ी और उसके बयान लेकर केस दर्ज किया गया। इसके बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हुई और उसे जेल वापस ले जाया गया।
अनिल विज के 5 अफसरों पर FIR के आदेश:20 लाख जुर्माना नहीं भरा तो नाराज हुए मंत्री; लोगों को रोकने पर DC को फटकार
अनिल विज के 5 अफसरों पर FIR के आदेश:20 लाख जुर्माना नहीं भरा तो नाराज हुए मंत्री; लोगों को रोकने पर DC को फटकार हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कैथल में नगर परिषद के XEN समेत पांच विभागों के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इन पर आरोप है कि इन अधिकारियों ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया गया 20 लाख रुपए का जुर्माना नहीं भरा था। इससे पहले मंत्री विज ने कैथल की डीसी को भी फटकार लगाई। समस्या लेकर आए लोगों को उन तक पहुंचने से रोकने पर वे प्रशासन पर भड़क गए। मंत्री अनिल विज शुक्रवार को कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। जींद रोड स्थित आईटीआई सभागार में हो रही मीटिंग में कैथल की डीसी प्रीति सहित सभी विभागों के अध्यक्ष मौजूद थे। यहां कुल 15 शिकायतें मंत्री विज के सामने रखी गईं। मंत्री के सामने उठा ये मामला
कैबिनेट मंत्री अनिल विज के सामने ग्योंग ड्रेन में गंदा पानी डालने का मामला उठा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से नवंबर के पहले सप्ताह में इस मामले में पांच सरकारी विभागों पर कार्रवाई की थी। बोर्ड ने सभी विभागों पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जिस विभाग की तरफ से ग्योंग ड्रेन में जितना गंदा पानी डाला जा रहा था, उसके हिसाब से ही जुर्माना तय किया गया था। बोर्ड की ओर से संबंधित विभागों को 15 दिनों तक जुर्माने की राशि भरने के आदेश दिए थे। इसमें कहा गया था कि अगर उनके द्वारा जुर्माना नहीं भरा गया तो बोर्ड की तरफ से संबंधित विभाग के अधिकारी पर केस दर्ज करवाया जाएगा। मंत्री विज को बताया गया कि संबंधित अधिकारियों ने जुर्माना अदा नहीं किया। इन विभागों में नगर परिषद के साथ पंचायती राज विभाग, पब्लिक हेल्थ, नागरिक अस्पताल और HSVP के नाम शामिल हैं। पानी के सैंपल फेल मिले थे, जिसके बाद लगा जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने ग्योंग ड्रेन से अलग-अलग जगहों से पानी के 9 सैंपल लिए थे। इन्हें जांच के लिए पंचकूला स्थित लैब में भेजा गया था। इनकी रिपोर्ट आने पर सभी सैंपल फेल पाए गए थे। इसके बाद विभागों पर जुर्माना लगाया गया था। 15 शिकायतों पर की सुनवाई बैठक में कुल 15 शिकायतें एजेंडे में शामिल की गई हैं। इनमें 4 पुरानी व 9 नई शिकायतें थी। मंत्री विज के आगे सबसे ज्यादा 3 शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित रखी गईं। इससे पहले 5 जुलाई को कष्ट निवारण समिति की मीटिंग हुई थी। जिसमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने लोगों की समस्याएं सुनी थीं। विज बोले- सबसे मिल कर जाउंगा
मंत्री अनिल विज के आने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर आईटीआई परिसर में पहुंच गए थे। पुलिस ने सभी लोगों को अंदर जाने से रोक दिया। मीटिंग में केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया गया, जिसकी शिकायत लगी हुई थी। इस बीच मंत्री अनिल विज मीटिंग लेने पहुंचे तो लोगों ने उनको बताया कि पुलिस अंदर नहीं आने दे रही है। लोगों की बात सुनने के बाद अनिल विज भड़क गए। लोगों को मीटिंग में न आने को लेकर विज ने डीसी को फटकार लगाई और कहा कि सभी से मिलकर जाऊंगा। मीटिंग में मंत्री विज के आगे पुलिस विभाग की तीन, बिजली निगम की एक, जनस्वास्थ्य विभाग की एक, कृषि विभाग की एक, पंचायती राज विभाग की एक, लीड बैंक मैनेजर की एक व पीडब्ल्यूडी विभाग की एक शिकायत कार्रवाई के लिए रखी गई।