KGMU दीक्षांत में देवांशी को मिलेंगे चांसलर सहित 15 मेडल:ICMR के डीजी डॉॅ. राजीव बहल होंगे चीफ गेस्ट, 2 को मिलेगी मानद उपाधि

KGMU दीक्षांत में देवांशी को मिलेंगे चांसलर सहित 15 मेडल:ICMR के डीजी डॉॅ. राजीव बहल होंगे चीफ गेस्ट, 2 को मिलेगी मानद उपाधि

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) का 17वां दीक्षांत समारोह 17 अगस्त को होगा। इसमें MBBS की छात्रा देवांशी कटियार को सबसे अधिक गोल्ड मेडल मिलेंगे। उन्हें 15 गोल्ड मेडल और 2 बुक प्राइज से नवाजा जाएगा। इस समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। यह जानकारी KGMU की कुलपति डॉॅ. सोनिया नित्यानंद ने बुधवार को दी है। इन्हें मिलेगी मानद उपाधि कुलपति डॉ..सोनिया नित्यानंद ने बताया कि दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहेंंगे। उन्होंने बताया कि समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल और USA से आए प्रोस्टेट कैंसर विशेषज्ञ डॉॅ.आशुतोष तिवारी को मानद उपाधि से नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 47 मेडल और तीन प्राइस से 15 मेधावी सम्मानित किए जाएंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा का बना रहे रोड मैप कुलपति डॉॅ.सोनिया ने रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़़ताल को लेकर कहा कि हम सभी के लिए मरीजों का इलाज पहली प्राथमिकता है। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए रोड मैप बना रहे है। जल्द ही इस पर अमल किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी से जल्द ही ऑडिट कराई जाएगी। डॉ. दिव्यांशी बोलीं- सिविल सर्विस में जाना लक्ष्य डॉ. दिव्यांशी कटियार का जन्म कानपुर में हुआ। देहरादून से बारहवीं तक पढ़ाई हुई। पिता शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटियार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। वहीं भाई शांतनु कटियार अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनना था। मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल 9 डॉक्टर हैं। उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि मैं डॉक्टर बनूं। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से दूसरों की मदद करना काफी पसंद था और मेरे पूरे परिवार में ऐसा माहौल रहा है। मेरे ताऊ भी डॉक्टर हैं और परिवार में अन्य सदस्य भी डॉक्टर है तो उन्हें देखकर हमेशा मोटिवेट होती थी और बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे मरीजों की सेवा करनी है। डॉ. दिव्यांशी ने कहा कि उनका अगला टारगेट सिविल सेवा में जाने का है। घर की पहली डॉक्टर बनीं आकांक्षा आकांक्षा KGMU के फाइनल ईयर की स्टूडेंट है। आकांक्षा के पिता संतोष कुमार, यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक में मैनेजर हैं। मां निर्मला देवी गृहणी हैं। तीन भाई बहन हैं। आंकाक्षा सबसे बड़ी हैं। छोटी बहन रिचा आईआईटी रुढ़की से बीटेक पूरा कर चुकी है। वहीं भाई शिवम यूजी की तैयारी कर रहा है। आकांक्षा ने बातचीत के दौरान कहा कि शुरुआत से ही सिविल सर्विसेज में रुझान था लेकिन अचानक से जिंदगी में बदलाव आया और फिर डॉक्टरी की पढ़ाई में आ गई। पूरे परिवार की पहली डॉक्टर में बनने वाली हूं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) का 17वां दीक्षांत समारोह 17 अगस्त को होगा। इसमें MBBS की छात्रा देवांशी कटियार को सबसे अधिक गोल्ड मेडल मिलेंगे। उन्हें 15 गोल्ड मेडल और 2 बुक प्राइज से नवाजा जाएगा। इस समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। यह जानकारी KGMU की कुलपति डॉॅ. सोनिया नित्यानंद ने बुधवार को दी है। इन्हें मिलेगी मानद उपाधि कुलपति डॉ..सोनिया नित्यानंद ने बताया कि दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहेंंगे। उन्होंने बताया कि समारोह में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉॅ. राजीव बहल और USA से आए प्रोस्टेट कैंसर विशेषज्ञ डॉॅ.आशुतोष तिवारी को मानद उपाधि से नवाजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 47 मेडल और तीन प्राइस से 15 मेधावी सम्मानित किए जाएंगे। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा का बना रहे रोड मैप कुलपति डॉॅ.सोनिया ने रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़़ताल को लेकर कहा कि हम सभी के लिए मरीजों का इलाज पहली प्राथमिकता है। रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए रोड मैप बना रहे है। जल्द ही इस पर अमल किया जाएगा। इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी से जल्द ही ऑडिट कराई जाएगी। डॉ. दिव्यांशी बोलीं- सिविल सर्विस में जाना लक्ष्य डॉ. दिव्यांशी कटियार का जन्म कानपुर में हुआ। देहरादून से बारहवीं तक पढ़ाई हुई। पिता शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटियार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। वहीं भाई शांतनु कटियार अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनना था। मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल 9 डॉक्टर हैं। उन्हें देखकर मेरा मन करता था कि मैं डॉक्टर बनूं। उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा से दूसरों की मदद करना काफी पसंद था और मेरे पूरे परिवार में ऐसा माहौल रहा है। मेरे ताऊ भी डॉक्टर हैं और परिवार में अन्य सदस्य भी डॉक्टर है तो उन्हें देखकर हमेशा मोटिवेट होती थी और बचपन में ही सोच लिया था कि मुझे मरीजों की सेवा करनी है। डॉ. दिव्यांशी ने कहा कि उनका अगला टारगेट सिविल सेवा में जाने का है। घर की पहली डॉक्टर बनीं आकांक्षा आकांक्षा KGMU के फाइनल ईयर की स्टूडेंट है। आकांक्षा के पिता संतोष कुमार, यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक में मैनेजर हैं। मां निर्मला देवी गृहणी हैं। तीन भाई बहन हैं। आंकाक्षा सबसे बड़ी हैं। छोटी बहन रिचा आईआईटी रुढ़की से बीटेक पूरा कर चुकी है। वहीं भाई शिवम यूजी की तैयारी कर रहा है। आकांक्षा ने बातचीत के दौरान कहा कि शुरुआत से ही सिविल सर्विसेज में रुझान था लेकिन अचानक से जिंदगी में बदलाव आया और फिर डॉक्टरी की पढ़ाई में आ गई। पूरे परिवार की पहली डॉक्टर में बनने वाली हूं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर