अलीगढ़ के रोरावर थाने में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। तालसपुर गांव के लोग इकट्ठे होकर थाने पहुंच गए और उन्होंने प्रधान पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का विरोध किया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा और लोग पुलिस के ऊपर आरोप लगाते रहे। मामले की जानकारी मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से बात की। जिस पर ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने पूर्व प्रधान से मिलकर गलत तरीके से वर्तमान प्रधान के पति और अन्य लोगों पर जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है, जो कि गलत है। जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच की बात कही है। दोनों पक्षों के बीच 2 अगस्त को चली थी गोली रोरावर के गांव तालसपुर में 2 अगस्त को वर्तमान प्रधान के पति गुरफान और पूर्व प्रधान के बीच विवाद हो गया था। देर रात जमकर हंगामा हुआ था और दोनों पक्षों ने एक दूसरे के ऊपर गोली चलाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान ने पुलिस को सूचना दी थी। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में गांव के लोग आ गए थे और थाने का घेराव कर लिया था। लेकिन पुलिस ने उस दिन दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया था और कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया था। अब पुलिस ने पूर्व प्रधान की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने फायरिंग से किया था इनकार घटना के दिन पुलिस ने फायरिंग की बात से इनकार कर दिया था और दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद के कारण उन्हें धारा 151 के तहत शांति भंग में पाबंद कर दिया था। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच समझौता वार्ता कराकर उन्हें वापस भेज दिया था। घटना के दिन भी ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए थे और उन्होंने वर्तमान प्रधान का पक्ष लिया था। पुलिस ने ग्रामीणों को जैसे तैसे समझाकर वापस भेजा था और मामले की जांच करके कार्रवाई की बात कही थी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए थे और वापस लौट गए थे। 10 दिन बात पूर्व प्रधान ने कराया मुकदमा तालसपुर के पूर्व प्रधान मो. मुजाहिद शाह ने रोरावर थाने में तहरीर देकर वर्तमान प्रधान के देवर समेत 3 लोगों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है। पूर्व प्रधान ने तहरीर में बताया है कि घटना के दिन वह घर लौट रहा था, तो प्रधान के परिवार के लोगों ने घात लगाकर उसे घेर लिया था। इसके बाद आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से उसके ऊपर कई राउंड फायरिंग की थी। पूर्व प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने वर्तमान प्रधान के देवर रिहान और उनके पक्ष के मुकीम व जीशान उर्फ बिल्लू के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने उस दिन मुकदमा दर्ज नहीं किया और अब मिली भगत से मुकदमा किया है। वहीं सीओ अभय कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अलीगढ़ के रोरावर थाने में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। तालसपुर गांव के लोग इकट्ठे होकर थाने पहुंच गए और उन्होंने प्रधान पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का विरोध किया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा और लोग पुलिस के ऊपर आरोप लगाते रहे। मामले की जानकारी मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से बात की। जिस पर ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने पूर्व प्रधान से मिलकर गलत तरीके से वर्तमान प्रधान के पति और अन्य लोगों पर जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है, जो कि गलत है। जिसके बाद अधिकारियों ने मामले की जांच की बात कही है। दोनों पक्षों के बीच 2 अगस्त को चली थी गोली रोरावर के गांव तालसपुर में 2 अगस्त को वर्तमान प्रधान के पति गुरफान और पूर्व प्रधान के बीच विवाद हो गया था। देर रात जमकर हंगामा हुआ था और दोनों पक्षों ने एक दूसरे के ऊपर गोली चलाने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान ने पुलिस को सूचना दी थी। घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में गांव के लोग आ गए थे और थाने का घेराव कर लिया था। लेकिन पुलिस ने उस दिन दोनों पक्षों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया था और कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया था। अब पुलिस ने पूर्व प्रधान की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने फायरिंग से किया था इनकार घटना के दिन पुलिस ने फायरिंग की बात से इनकार कर दिया था और दोनों पक्षों के बीच हुए विवाद के कारण उन्हें धारा 151 के तहत शांति भंग में पाबंद कर दिया था। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच समझौता वार्ता कराकर उन्हें वापस भेज दिया था। घटना के दिन भी ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए थे और उन्होंने वर्तमान प्रधान का पक्ष लिया था। पुलिस ने ग्रामीणों को जैसे तैसे समझाकर वापस भेजा था और मामले की जांच करके कार्रवाई की बात कही थी। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए थे और वापस लौट गए थे। 10 दिन बात पूर्व प्रधान ने कराया मुकदमा तालसपुर के पूर्व प्रधान मो. मुजाहिद शाह ने रोरावर थाने में तहरीर देकर वर्तमान प्रधान के देवर समेत 3 लोगों के खिलाफ जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है। पूर्व प्रधान ने तहरीर में बताया है कि घटना के दिन वह घर लौट रहा था, तो प्रधान के परिवार के लोगों ने घात लगाकर उसे घेर लिया था। इसके बाद आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से उसके ऊपर कई राउंड फायरिंग की थी। पूर्व प्रधान की तहरीर पर पुलिस ने वर्तमान प्रधान के देवर रिहान और उनके पक्ष के मुकीम व जीशान उर्फ बिल्लू के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस ने उस दिन मुकदमा दर्ज नहीं किया और अब मिली भगत से मुकदमा किया है। वहीं सीओ अभय कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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लखनऊ की वो गली…जहां मिलती हैं कई किस्म की रोटियां:194 साल पहले ममदू साहब ने बनाई शीरमाल, 700 रुपए तक होती है कीमत घर में दावत हो या मेहमान आएं, रोटी तो सभी खाते हैं। लेकिन, जब बात लखनऊ की हो तो यहां रोटी के साथ शीरमाल भी खाई जाती है। शहर के अकबरी गेट में चावल वाली गली है। इस गली में 25 से ज्यादा ऐसी दुकानें हैं, जहां पर सिर्फ रोटियां बनाई जाती हैं। यहां कई वैराइटी की रोटियां बनाई जाती हैं। एक तरफ रुमाली रोटी तो कई तरह की तंदूरी रोटी और ड्राइ फ्रूट रोटियां भी बनाई जाती हैं। इन रोटियों की 8 रुपए से लेकर 700 रुपए तक की कीमत होती है। आज ‘जायका’ में जानते हैं यहां की रोटियों की वैराइटी के बारे में…. 1830 में पहली बार बनी शीरमाल
ममदू जानशीन अली हुसैनी शीरमाल शॉप हैं। इसके ऑनर और ममदू साहब के वंशज मोहम्मद उमर ने शीरमाल की शुरुआती कहानी बताई। उन्होंने कहा- 1830 के समय बादशाह नसीरुद्दीन हैदर का शासनकाल था। ममदू साहब की निहारी पाटा नाला लखनऊ में बिकती थी। एक बार बादशाह ने बुलाया और कहा कि इस निहारी के साथ कोई चीज ऐसी निकालें, जिससे यह खाई जा सके। उस वक्त उन्होंने ईरान से तंदूर मंगवाया था। इससे जो पहली रोटी बनी, वह बाकरखानी कहलाई। इसके बाद कई अन्य रोटियां बनीं। एक रोटी का शेप कुछ ठीक नहीं था, जिसे पहले चीरमाल नाम दिया गया। इस तरह से यह बाद में शीरमाल हो गई। इसमें किसी भी तरह का कोई कलर नहीं डाला जाता था। 2011 में बनाई जैनबियान जाफरानी शीरमाल
उमर कहते हैं- साल 2011 में मैंने एक नई शीरमाल बनाई, नाम दिया जैनबिया जाफरानी शीरमाल। यह मैदे के साथ जाफरान मिलाकर बनाई जाती है। इसकी कीमत करीब 100 रुपए से अधिक होती है। इसे बनाने के लिए मैदे में घी को मिलाकर गूंथा जाता है। फिर उसमें जाफरान डाला जाता है। इसके बाद इसमें जाफरानी कलर भी डालते हैं। इसे गर्म सर्व किया जाता है। इसे ज्यादातर लोग कबाब निहारी और कई अन्य डिशेज के साथ खाते हैं। सीजन फ्रूट की शीरमाल भी
उमर कहते हैं कि हमारे यहां फ्रूट शीरमाल भी बनाई जाती है। 1 शीरमाल की कीमत 700 रुपए तक होती है। कीमत इसलिए अधिक होती है, क्योंकि इसे बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसे मैदा, घी और कई अन्य ड्राई-फ्रूट डालकर तैयार किया जाता है। फिर इसे तंदूर में रोका जाता है, जिससे कि अच्छे से सेंकी जा सके। तंदूर में अगर यह नहीं रुकेगी, तो नीचे गिर जाती है। यह इतनी सॉफ्ट होती है कि पकड़ते ही टूट जाती है। अलग-अलग तरह की रोटियां एक ही गली में
यहां मौजूद एक अन्य दुकानदार उमर कहते हैं- लंबे समय से यहां पर रोटियों की दुकानें हैं। यहां से रोटी घरों में दावतों के लिए मजलिसों के लिए जाती हैं। यहां से रोटियां हजारों की तादाद में जाती हैं। इनमें रुमाली रोटी, शीरमाल, धनिया रोटी, तंदूरी रोटी, कई तरह के कुलचे और ड्राई-फ्रूट रोटी शहर के अलग-अलग इलाकों में जाती है। क्या बोले कस्टमर
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हरियाणा CM को मारने की धमकी:लिखा- जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, गोली मार दूंगा; विनेश के पति के नाम से बना था वॉट्सऐप ग्रुप हरियाणा के जींद जिले में एक व्यक्ति ने हलका जुलाना के नाम से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में मुख्यमंत्री को मारने की धमकी दी है। यह वही विधानसभा है, जहां से ओलिंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने चुनाव जीता है। जिस ग्रुप में उसने धमकी दी, वह विनेश फोगाट के पति सोमबीर राठी के नाम से बनाया गया था। धमकी देने वाले ने वॉट्सऐप ग्रुप में लिखा कि जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसे मैं गोली मार दूंगा, जिस तरह से महात्मा गांधी को गोडसे ने मारी थी। प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिला है। जिसके बाद नायब सैनी अगले सीएम बनने जा रहे हैं। वह मौजूदा वक्त में भी कार्यवाहक सीएम हैं। जुलाना थाना पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। चुनाव परिणाम आते ही डाली धमकी
पुलिस को दी शिकायत में रामकली गांव निवासी महताब सैनी ने बताया कि 8 अक्टूबर काे विधानसभा के चुनाव के परिणाम आए थे। शाम 4 बजे के करीब किसी ने ”सोमबीर राठी हलका जुलाना” के नाम से वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया था। उसमें एक अजमेर नामक व्यक्ति ने धमकी भरी पोस्ट डाली। उसने लिखा- ”अगर हरियाणा में भाजपा तीसरी बार आ गई, तो जो भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसको गोली मैं मारूंगा। वही बात होगी, जिस तरह से महात्मा गांधी को गोडसे ने मारी थी।” बाद में बोला- नशे में लिखा, डिलीट कर दिया था
जब उसके मैसेज से बवाल मचा तो आरोपी ने सफाई देते हुए कहा कि उसने शराब के नशे में धुत होकर ऐसा ग्रुप पर लिख दिया था। होश में आने के बाद उसे अपनी गलती महसूस हुई। जिसके बाद उसने मैसेज को डिलीट कर दिया। सोमबीर राठी-विनेश फोगाट से नहीं कोई संपर्क
जुलाना थाना पुलिस ने महताब की शिकायत पर मामला दर्ज कर देवरड़ गांव निवासी अजमेर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपी का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पुलिस का यह भी दावा है कि उसका जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार के पति सोमबीर राठी और विनेश फोगाट के साथ भी उसका किसी तरह का कोई संपर्क नहीं है। वह इन दोनों को जानता भी नहीं है। 6 हजार से ज्यादा वोटों से जीती विनेश, विधानसभा जाने वाली पहली पहलवान
जुलाना सीट से विनेश फोगाट ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा। विनेश ने भाजपा उम्मीदवार कैप्टन योगेश बैरागी को 6,015 वोटों से हराया। विनेश फोगाट को 65,080 वोट मिले हैं। भाजपा के कैप्टन योगेश बैरागी को 59,065 वोट मिले हैं। तीसरे नंबर पर इनेलो उम्मीदवार सुरेंद्र लाठर को 10,158 वोट मिले। जेजेपी उम्मीदवार अमरजीत ढांडा चौथे स्थान पर रहे, जिन्हें 2477 वोट मिले। निर्दलीय बिजेंद्र कुमार को 164 वोट, निर्दलीय प्रेम को 117 वोट, निर्दलीय कोच जसवीर सिंह अहलावत को 90 वोट, निर्दलीय अमित शर्मा को 76, निर्दलीय रामरतन को 69, राष्ट्रीय गरीब दल के जोगी सुनील को 47 वोट, निर्दलीय इंद्रजीत को 46 वोट मिले। नोटा को 202 वोट पड़े।
हिमाचल में लोगों पर भारी पटवारी-कानूनगो की हड़ताल:1.35 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग; आज काम पर नहीं लौटें तो गिरेगी निलंबन की गाज
हिमाचल में लोगों पर भारी पटवारी-कानूनगो की हड़ताल:1.35 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग; आज काम पर नहीं लौटें तो गिरेगी निलंबन की गाज हिमाचल में पटवारी-कानूनगो की हड़ताल से लोग परेशान है। प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन पेंडिंग हो गए है। मगर पटवारी-कानूनगो ने स्टेट कैडर बनाए जाने के विरोध में 15 दिन से ऑनलाइन सेवाएं ठप कर रखी हैं। छह दिन से एडिशनल चार्ज वाले पटवार और कानूनगो सर्कल दफ्तर का काम भी इन्होंने बंद कर दिया है। इससे लोगों के राजस्व से जुड़े जरूरी काम नहीं हो पा रहे। इस बीच राजस्व मंत्री जगत सिंह ने आज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ के साथ मीटिंग बुलाई है। इसमें हड़ताल से समाधान की उम्मीद की जा रही है। महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि वह सरकार की हर मांग मानने को तैयार है। मगर अपने जिले से बाहर ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं है और न ही स्टेट कॉडर की वजह से उनकी प्रमोशन प्रभावित हो। उन्होंने बताया कि उनकी यह मांगे मान ली जाती है तो हड़ताल वापस करने पर फैसला लेंगे। वहीं पटवारी-कानूनगो आज से काम पर नहीं लौटें तो इनके खिलाफ सस्पैंशन की कार्रवाई तय है, क्योंकि अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व डॉ. ओंकार शर्मा ने बीते वीरवार को ही एक ऑर्डर निकालकर इन्हें दो दिन के भीतर काम पर लौटने की चेतावनी दी है। ऐसा नहीं करने पर आज इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसे लेकर राजस्व सचिव ने सभी डीसी को आदेश दे रखे हैं। 12 जुलाई की कैबिनेट में लिया फैसला आपको बता दें कि बीते 12 जुलाई की कैबिनेट में हिमाचल सरकार ने पटवारी-कानूनगो को जिला से स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया है जबकि इनकी नियुक्ति जिला कैडर में हुई है। इनके भर्ती एवं पदोन्नति नियम भी जिला कैडर के है। कैबिनेट के फैसले के बाद महासंघ ने बीते 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं बंद कर दी है। यही नहीं इन्होंने सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप भी लेफ्ट कर दिए हैं। छह दिन पहले इन्होंने एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की चाबियां भी संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप दी है। 15 दिन से ये काम प्रभावित इनकी हड़ताल की वजह से बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम नहीं हो पा रहे हैं।