धर्मशाला के तपोवन में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत चौकीदारों ने सरकार से उनके लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश पंचायत चौकीदार यूनियन के सदस्य आज इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से धर्मशाला के तपोवन में मिले। इस दौरान पंचायत चौकीदारों ने अपना मांग पत्र सीएम को सौंपा। इसमें मांग की गई कि अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह पंचायत चौकीदार के लिए भी नीति बनाई। पंचायत चौकीदारों का कहना था कि अन्य विभागों में भी इस तरह के कर्मचारियों के लिए नीति बनाई गई है। पंचायत चौकीदारों ने रखी ये मांगें शिक्षा विभाग में वाटर गार्डों के लिए भी नीति बनाकर उनको नियमित किया गया है। इसी तरह पंचायत चौकीदारों को भी नियमित किया जाए। इसके अलावा 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके पंचायत चौकीदार को दिहाड़ीदार बनाया जाए और सरकार द्वारा उनको सभी वित्तीय लाभ दिया जाए। 2003 से पहले नियुक्त पंचायत चौकीदारों को ओल्ड पेंशन के दायरे में लाया जाए। अन्य कर्मचारियों की तरह पंचायत चौकीदारों का मानदेय समय पर जारी किया जाए और हर महीने की 5 तारीख से पहले इसको जारी करने के आदेश संबंधित विभाग को दिए जाएं। दस साल से कम की सेवाओं वाले पंचायत चौकीदारों को अन्य कर्मचारियों की तरह वेतन बढ़ोतरी दी जाए और अन्य कर्मचारियों की तरह अंशकालीन पंचायत चौकीदार घोषित किया जाए। धर्मशाला के तपोवन में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत चौकीदारों ने सरकार से उनके लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश पंचायत चौकीदार यूनियन के सदस्य आज इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से धर्मशाला के तपोवन में मिले। इस दौरान पंचायत चौकीदारों ने अपना मांग पत्र सीएम को सौंपा। इसमें मांग की गई कि अन्य विभागों के कर्मचारियों की तरह पंचायत चौकीदार के लिए भी नीति बनाई। पंचायत चौकीदारों का कहना था कि अन्य विभागों में भी इस तरह के कर्मचारियों के लिए नीति बनाई गई है। पंचायत चौकीदारों ने रखी ये मांगें शिक्षा विभाग में वाटर गार्डों के लिए भी नीति बनाकर उनको नियमित किया गया है। इसी तरह पंचायत चौकीदारों को भी नियमित किया जाए। इसके अलावा 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके पंचायत चौकीदार को दिहाड़ीदार बनाया जाए और सरकार द्वारा उनको सभी वित्तीय लाभ दिया जाए। 2003 से पहले नियुक्त पंचायत चौकीदारों को ओल्ड पेंशन के दायरे में लाया जाए। अन्य कर्मचारियों की तरह पंचायत चौकीदारों का मानदेय समय पर जारी किया जाए और हर महीने की 5 तारीख से पहले इसको जारी करने के आदेश संबंधित विभाग को दिए जाएं। दस साल से कम की सेवाओं वाले पंचायत चौकीदारों को अन्य कर्मचारियों की तरह वेतन बढ़ोतरी दी जाए और अन्य कर्मचारियों की तरह अंशकालीन पंचायत चौकीदार घोषित किया जाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे बेरोजगार:20 सितंबर को करेंगे सचिवालय मार्च; सीएम को देंगे ज्ञापन, प्रियंका का वादा याद दिलाया हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के नारे वाली सुक्खू सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कर्मचारी , पेंशनरों के बाद अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं ने भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। बुधवार को राजधानी शिमला में हिमाचल प्रदेश बेरोजगार युवा संघ ने आगामी 20 सितंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 20 सितम्बर को प्रदेश का बेरोजगार युवा शांतिपूर्ण तरीके से सचिवालय मार्च करेगा और सीएम सुक्खू को अपना मांग पत्र सौंपेगा। बेरोजगार युवा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ऑउटसोर्स का विरोध करती थी। आउटसोर्स के आधार पर भर्तियां ना करने की बात करती थी। लेकिन अब सत्ता में होने के बाद प्रदेश सरकार स्थायी नौकरियों को भी आउटसोर्स करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते लगभग दो वर्षों में सरकार 28 से 30 हजार रोजगार देने के दावा कर रही है। लेकिन सरकार ने किसको और कैसे रोजगार दिया है। इसके बारे में सरकार को आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिये । उन्होंने कहा कि उन्हें RTI व अन्य सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने दो सालों में कमीशन के माध्यम से मात्र 1400 के करीब पद व 10 हजार के करीब आउटसोर्स आधार पर भरे हैं। इसके अलावा वन मित्र एमटीएस वोटर कार्ड गेस्ट टीचर एंटी जैसे पदों को सरकार द्वारा आउटसोर्स या अन्य अस्थाई तरीकों से भरने का प्रयास कर रही है। जो प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। बेरोजगार युवाओं ने सुक्खू सरकार याद दिलाया प्रियंका गांधी का वादा युवाओं ने हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान सोलन में किया वादा भी सरकार को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गया गया गांधी ने सोलन में एक साल में एक लाख रोजगार देने का वादा किया था और कांग्रेस ने 5 साल में 5 लाख रोजगार मुहैया करवाने की गारंटी युवाओं को दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने वादों को पूरा करना चाहिये । दो सालों में लम्बित पड़ी भर्ती प्रक्रियाओं को शुरू करना चाइये। उन्होंने कहा कि युवाओं को कई परीक्षाओं के फॉर्म भरे डेढ़ डेढ़ साल हो गए है लेकिन अभी तक परीक्षा नही हुई है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत सभी पदों को जल्द भरे सरकार युवाओं ने कहा कि दो वर्ष में भरे तथा परीक्षा दो वर्षों में हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगभग 6500 पदों को स्वीकृत किया गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसकी भर्ती प्रक्रिया अभी शुरू नही हो पाई है। कैबिनेट ने नायब तहसीलदार 19 पद ,टीजीटी 1200 , जेबीटी 1150 , पटवारी 874 , पुलिस कांस्टेबल 1226, सचिवालय क्लर्क 50 , वन रक्षक 100 , जेओए लाइब्रेरियन 767 , कार्य निरीक्षक पीडब्ल्यूडी तथा कार्य निरीक्षक जल शक्ति विभाग 135 पद, कनिष्ठ अभियंता पीडब्ल्यूडी 40 पद, कनिष्ठ अभियंता आईपीएच 50 पद, शारीरिक शिक्षा शिक्षक 700 पद, तहसील कल्याण अधिकारी आदि के पदों को मंजूरी दी है लेकिन प्रक्रिया शुरू नही कर पाई है। युवाओं ने कहा कि स्वीकृत पदों की भर्ती प्रक्रिया सरकार को जल्द शुरू करनी चाइये। उन्होंने कहा कि यूपीएससी और एसएससी की तरह परीक्षा का एक वर्षीय कैलेंडर जारी किया जाए, ताकि अभ्यर्थी इन कैलेंडर के अनुसार तैयारी कर सकें। परीक्षा में देरी के लिए दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका युवाओं ने कहा कि प्रदेश में परीक्षाओं में हो रही देरी में दीपक सानन कमेटी की बड़ी भूमिका है उन्होंने कहा कि सानन कमेटी द्वारा की गई प्रतियोगी परीक्षाओं को ऑनलाइन करने जैसी सिफारिशों की वजह से परीक्षाओं में देरी हो रही है। जिसकी वजह से राज्य चयन आयोग अभी भी सुचारु रूप से नही चल पा रहा है क्योंकि आयोग के पास सानन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए बुनियादी ढांचा नही है। RTI में मिली जानकारी प्रदेश में 60 हजार पद खाली युवाओं ने कहा कि प्रदेश उन्हें RTI व अन्य सोर्स से जानकारी मिली कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों में लगभग 60000 पद रिक्त हैं जिसमें सचिवालय क्लर्क 50 पद बिजली बोर्ड 9000 पंचायत सचिव 500 और जेओए-आईटी 5000 ,शिक्षक जेबीटी , 4457 पद , टीजीटी 2500, पीजीटी 500 , भाषा शिक्षक 238 पद, एपीआर ओ 300 पद , रेंज वन अधिकारी 76 पद कई पद खाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाली चल रहे पदों को तुंरत भरें । 20 सितंबर को सीएम से करेंगे मुलाकात संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ने बताया कि आगामी 20 सितंबर को बेरोजगार युवा केबिनेट से स्वीकृत पदों को भरने की मांग , नई भर्तियां निकलाने व ऑउट सौर्स को बंद करने इत्यादि मांगों को लेकर सचिवालय कूच करेंगे और सीएम सुक्खू को एक ज्ञापन देंगे। दरअसल आपको बता दें हमीरपुर चयन आयोग में परीक्षाओं में धांधलियों के मामले आने पर प्रदेश सरकार ने चयन आयोग को भंग कर करके भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवा निवृत्त आई एस अधिकारी दीपक सानन कि अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जिसने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करने जैसी कई सिफारिशें की थी। सरकार ने हमीरपुर चयन आयोग का नाम बदल कर राज्य चयन आयोग कर दिया लेकिन भर्ती प्रक्रिया नही शुरू कर पाई है। जिसके कारण युवाओं में आक्रोश है।
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